my first experience in Hindi Short Stories by Arya Tiwari books and stories PDF | तुम और तुम्हारा साथ

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तुम और तुम्हारा साथ



अध्याय 1: पहली सुबह

अमला गाँव की घाटी में सूरज की सुनहरी किरणें गिर रही थीं।
बेंच पर रेशु पहले से ही बैठी थी, हाथ में कॉफी का कप।
आर्या धीरे-धीरे वहाँ पहुँचे, हाथ में ताज़ा कॉफी।

“तुम फिर से सबसे पहले?” रेशु मुस्कुराई।
आर्या ने हँसते हुए कहा, “तुम्हारी मुस्कान देखने के लिए कोई देर नहीं होती।”

बोल्ट शरारती अंदाज़ में दौड़ा और caretaker उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे थे।
“देखो, हमारा छोटा परिवार सुबह से ही मस्ती में है,” रेशु ने कहा।
आर्या ने मुस्कुराते हुए कहा, “और यही जादू है। छोटे-छोटे पल, बड़ी खुशियाँ।”


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अध्याय 2: गाँव की हलचल

नीचे गाँव में हलचल बढ़ रही थी।

अशु बेकरी में नई ब्रेड और पेस्ट्रीज़ बना रही थी।

शिवा स्टोर सजाने में व्यस्त थे।

अर्जुन बेंच के पास लकड़ी की मरम्मत कर रहे थे।


रेशु ने आर्या की ओर देखा, “हर कोई अपनी दिनचर्या में व्यस्त है, और हम इन सबके बीच अपनी दुनिया बना लेते हैं।”
आर्या ने हाथ में हाथ थामते हुए कहा, “और यही वजह है कि मैं हर सुबह तुम्हारे पास आता हूँ।”

बोल्ट ने बीच में कूदकर मस्ती की और केयरटेकर ने उसे पीछा किया।
“हमेशा हँसी, हमेशा प्यार,” रेशु ने कहा।
“हमेशा,” आर्या ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।


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अध्याय 3: जंगल और पहाड़

आर्या ने रेशु को जंगल की ओर ले जाने का प्रस्ताव रखा।
“आज मैं तुम्हें अपनी सबसे पसंदीदा जगह दिखाऊँगा।”

वे दोनों हाथ में हाथ थामकर चले। पत्तियों की सरसराहट और हवा की खुशबू उनके रोमांस को और गहरा बना रही थी।

छोटी clearing में पहुँचकर, आर्या ने रेशु को देखा।
“तुम जानते हो, तुम्हारे बिना मेरी सुबह अधूरी है।”
रेशु ने उसकी आँखों में देखा, “और तुम्हारे साथ बिताया हर पल मेरी जिंदगी का सबसे खूबसूरत हिस्सा है।”

वे धीरे-धीरे करीब आए और हाथ में हाथ लिए खड़े रहे।


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अध्याय 4: मजाक और हल्की मस्ती

वापसी पर, बोल्ट और caretaker बच्चों के साथ दौड़ रहे थे।
“देखो, वह अभी भी हमारी शरारत में शामिल है,” रेशु ने हँसते हुए कहा।
आर्या ने मुस्कुराया, “छोटे-छोटे पल ही सबसे बड़े जादू लाते हैं।”

अर्जुन लकड़ी का काम कर रहे थे और अशु ने उन्हें ताज़ी पेस्ट्री दी।
“अब तो तुम्हारा काम भी मीठा लगने लगा,” अशु ने हँसते हुए कहा।
आर्या और रेशु दोनों हँस पड़े।


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अध्याय 5: बेंच पर रोमांस

सूरज की ढलती किरणों में, बेंच पर बैठकर, वे दोनों अपने प्यार को महसूस कर रहे थे।
“तुम जानते हो, आर्या, तुम्हारे बिना मेरी सुबह अधूरी है।”
आर्या ने मुस्कुराते हुए कहा, “और तुम्हारे साथ बिताया हर पल मेरी जिंदगी का सबसे अनमोल हिस्सा है।”

वे हाथ में हाथ लिए, सूरज की सुनहरी रोशनी में खो गए।
बोल्ट और caretaker थोड़ी दूरी पर खेल रहे थे, लेकिन उनकी मस्ती इस पल का हिस्सा बन गई।


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अध्याय 6: गाँव का उत्सव

गाँव में उत्सव की हलचल थी।

अशु बेकरी में मिठाईयों का आयोजन कर रही थी।

शिवा स्टोर सजाने में व्यस्त थे।

बोल्ट और caretaker ने बच्चों के खेल की व्यवस्था की।


रेशु और आर्या भी उत्सव में शामिल हुए।
“देखो, यह हमारी कहानी का हिस्सा बन रहा है,” रेशु ने कहा।
आर्या ने मुस्कुराते हुए कहा, “और यही वजह है कि मैं हर सुबह तुम्हारे पास आता हूँ।”

गाँव की हलचल, बच्चों की दौड़, पहाड़ों की हवा और सूरज की रोशनी—सब कुछ उस पल को और यादगार बना रहा था।


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अध्याय 7: पहाड़ों की छाया

अगली सुबह, आर्या ने रेशु को पहाड़ की चोटी पर ले जाने का प्रस्ताव रखा।
हवा ठंडी थी, सूरज की हल्की गर्माहट, पेड़ों की सरसराहट और पक्षियों की चहचहाहट—सब कुछ रोमांस के लिए एकदम सही था।

“देखो, ये पल कितने शांत हैं,” रेशु ने कहा।
आर्या ने जवाब दिया, “और यही वजह है कि मैं हर सुबह तुम्हारे पास आता हूँ—शांति, प्यार और जीवन की सच्चाई पाने के लिए।”

वे दोनों हाथ में हाथ लिए खड़े रहे, और घाटी और गाँव को दूर से निहारते रहे।


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अध्याय 8: भावनाओं का खुलासा

कई दिनों बाद, रेशु और आर्या ने महसूस किया कि उनका प्यार और दोस्ती हर दिन मजबूत होती जा रही थी।

“आर्या, तुम्हारे साथ बिताया हर पल मेरी जिंदगी का सबसे अनमोल हिस्सा है।”
आर्या ने उसकी आँखों में देखा और मुस्कराया।
“और तुम्हारे बिना मेरी जिंदगी अधूरी है।”

वे हाथ में हाथ लिए, पहाड़ों की ताजी हवा में खड़े रहे।
हर सुबह, हर दिन, हर पल—वे जानते थे कि अब उनका प्यार हमेशा के लिए गहरा हो गया है।


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अध्याय 9: रोमांटिक climax

एक शांत शाम, बेंच पर सूरज ढल रहा था।
आर्या ने धीरे से रेशु का हाथ पकड़ा।
“हमारी सुबहें अब सिर्फ़ दिन की शुरुआत नहीं, बल्कि हमारी कहानी का हर पल बन चुकी हैं।”
रेशु ने अपनी आँखें बंद कीं, और कहा, “और मैं हर सुबह तुम्हारे पास आना नहीं छोड़ूँगी।”

वे दोनों हाथ में हाथ लिए, सूरज की अंतिम किरणों में खो गए।
गाँव की हलचल, बच्चों की हँसी, बोल्ट की मस्ती और पहाड़ों की हवा—सब कुछ उनके प्यार की कहानी में विलीन हो गया।


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अध्याय 10: नई शुरुआत

अगली सुबह, सूरज की सुनहरी रोशनी में, रेशु और आर्या फिर से बेंच पर बैठे।
“हमारी कहानी केवल यही नहीं है, यह हर सुबह, हर दिन, हर पल में जारी रहेगी।”
आर्या ने धीरे से कहा, “और मैं हर दिन तुम्हारे पास रहना चाहता हूँ।”
रेशु मुस्कुराई और उसके हाथ में हाथ डालते हुए बोली, “और मैं हर सुबह तुम्हारे पास आना नहीं छोड़ूँगी।”

उनका प्यार अब एक स्थायी, मज़ेदार, भावनात्मक और रोमांटिक जीवन बन चुका था।
हर सुबह, हर दिन और हर पल में—वे एक-दूसरे के पास थे, और यह उनका सबसे सुंदर सच था।