Unfulfilled dream in Hindi Fiction Stories by jakhar books and stories PDF | अधूरा सपना

The Author
Featured Books
Categories
Share

अधूरा सपना




---

🌟 अधूरा सपना 🌟

अरुण बचपन से ही चित्रकारी का शौक़ीन था। जब भी उसे कागज़ और रंग मिलते, वह अपनी छोटी-सी दुनिया बना लेता। गाँव के मेले में लोग उसकी बनाई तस्वीरें देखकर चकित रह जाते। पिता किसान थे और चाहते थे कि बेटा उनकी तरह खेतों में हाथ बँटाए, लेकिन अरुण के सपनों में रंगों का संसार बसता था।

एक दिन स्कूल में पेंटिंग प्रतियोगिता हुई। अरुण ने पूरे मन से एक चित्र बनाया—गाँव की हरियाली, खेलते बच्चे और सूरज की सुनहरी किरणें। उसकी पेंटिंग को पहला स्थान मिला। पुरस्कार में उसे ब्रश और रंगों का बड़ा डिब्बा मिला। उस दिन उसने ठान लिया कि वह एक बड़ा चित्रकार बनेगा।

लेकिन हालात आसान नहीं थे। घर की आर्थिक स्थिति कमज़ोर थी। कई बार उसे पढ़ाई और शौक़ छोड़ने की नौबत आ गई। पिता गुस्सा होकर कहते—
“चित्रकारी से पेट नहीं भरता अरुण! खेतों में काम करना सीखो।”

अरुण चुप रह जाता, पर दिल में आग जलती रहती। माँ हमेशा उसे समझातीं—
“बेटा, सपने देखना मत छोड़ना। शायद एक दिन तुम्हारे रंग ही हमारी किस्मत बदल दें।”

समय बीता। अरुण कॉलेज तक पहुँचा, लेकिन फीस भरना मुश्किल था। उसने शहर में छोटे-मोटे काम करने शुरू किए—कभी होटल में बर्तन धोए, कभी अख़बार बाँटे। लेकिन जो भी कमाता, उसमें से कुछ पैसे रंगों और कैनवास के लिए ज़रूर रखता।

कई सालों की मेहनत के बाद एक दिन उसे मौका मिला। शहर की एक बड़ी आर्ट गैलरी में उसकी पेंटिंग लगाई गई। चित्र में एक गरीब किसान को खेत में काम करते दिखाया गया था, जिसके चेहरे पर मेहनत की लकीरें थीं। लोग देखते ही भावुक हो गए।

गैलरी में आए एक मशहूर आर्टिस्ट ने उसकी पेंटिंग ख़रीद ली और कहा—
“तुम्हारे रंगों में सच्चाई है। यह हुनर दुनिया तक पहुँचना चाहिए।”

उस दिन अरुण की आँखों में आँसू थे। उसे अपनी माँ के शब्द याद आए—
“सपने मत छोड़ना…”

आज अरुण की पेंटिंग्स विदेशों तक जाती हैं। लेकिन जब भी कोई उससे उसकी सबसे बड़ी सफलता पूछता है, वह मुस्कुराकर कहता है—
“सबसे बड़ी सफलता वही दिन था, जब मैंने हालात से हार मानने के बजाय अपने सपनों को पकड़कर 


---

🌟 कहानी की शिक्षा (लगभग 200 शब्द)

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न आएँ, अपने सपनों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए। अरुण का सपना था कि वह बड़ा चित्रकार बने, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति और परिस्थितियाँ उसके रास्ते की सबसे बड़ी रुकावट थीं। पिता चाहते थे कि वह खेती करे, लेकिन अरुण ने अपने मन की आवाज़ सुनी और संघर्ष करते हुए अपने शौक को जीवित रखा।

यह कहानी हमें यह समझाती है कि मेहनत और धैर्य से असंभव भी संभव हो सकता है। अगर अरुण हालात देखकर हार मान लेता तो शायद वह कभी बड़ा कलाकार नहीं बन पाता। लेकिन उसने छोटे-छोटे काम करके भी अपने सपनों के लिए समय और साधन निकाले।

माँ की प्रेरणा और खुद पर विश्वास ने उसे सफलता तक पहुँचाया। इससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि सपने पूरे करने के लिए सबसे जरूरी है – लगन, संघर्ष और अपने लक्ष्य से सच्चा प्यार।

आख़िर में, कहानी यही कहती है कि परिस्थितियाँ चाहे जैसी हों, इंसान अगर हार न माने तो उसके सपने एक दिन ज़रूर पूरे होते हैं।
Writer jakhar