Silent Hearts - 2 in Hindi Love Stories by InkImagination books and stories PDF | Silent Hearts - 2

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Silent Hearts - 2

साइलेंट हार्ट्स (조용한 마음 – Joyonghan Maeum)

लेखक: InkImagination

एपिसोड 2: पास आते क़दम (Steps Closer)

सियोल यूनिवर्सिटी का कैंपस हमेशा की तरह जीवंत था। क्लासेस के बीच स्टूडेंट्स कॉफ़ी शॉप्स में गपशप करते, हँसते और अपने ग्रुप्स में मस्त रहते। लेकिन हान जिवोन (한지원) की दुनिया उस भीड़ से अलग थी। 19 साल का जिवोन अपनी शांत और संकोची स्वभाव के साथ अक्सर अकेला ही नज़र आता। उसका दिल अब भी उस बारिश वाली रात की यादों में उलझा था, जब कांग मिन्हो (강민호) ने अपनी छतरी के नीचे उसे जगह दी थी। मिन्हो की वो गर्मजोशी भरी मुस्कान और उसकी बातें—“शायद किस्मत बार-बार हमें टकरा रही है”—जिवोन के दिमाग में बार-बार गूंज रही थीं।उस दिन यूनिवर्सिटी के कैफेटेरिया में भीड़ थी। जिवोन अपनी ट्रे लिए इधर-उधर देख रहा था, लेकिन कोई खाली सीट नहीं थी। उसे भीड़ में घुलने-मिलने की आदत नहीं थी। वह बस चुपचाप एक कोने में खड़ा होने वाला था, तभी एक परिचित आवाज़ ने उसे रोक लिया—“जिवोन! यहाँ आ जाओ। मेरे पास जगह है।”जिवोन ने मुड़कर देखा—मिन्हो। वह हमेशा की तरह आत्मविश्वास से भरा हुआ था, उसकी मुस्कान में वही गर्माहट थी जो जिवोन को पहली मुलाकात में छू गई थी। मिन्हो की मेज पर कुछ किताबें और एक कॉफ़ी का कप रखा था। जिवोन ने हिचकिचाते हुए उसकी मेज की ओर कदम बढ़ाए और बैठ गया।मिन्हो ने उसे गौर से देखा और हल्के मज़ाकिया लहजे में कहा, “तुम्हें देखकर लगता है तुम भीड़ से भागते हो। क्या बात है, जिवोन? लोग इतने बुरे भी नहीं हैं।”जिवोन ने अपनी नज़रें नीचे रखते हुए धीरे से कहा, “ज़्यादा नहीं… बस, मुझे भीड़ में रहना… थोड़ा अजीब लगता है।”मिन्हो ने एक गहरी साँस ली और फिर अपनी कॉफ़ी का एक अतिरिक्त कप जिवोन की ओर बढ़ाया। “ये लो। और सुनो, आज से मैं तुम्हारी भीड़ का हिस्सा हूँ। अब तुम हर वक्त अकेले नहीं रह सकते।”जिवोन ने कप थाम लिया, उसकी उंगलियों ने गर्म कप को छुआ तो एक हल्की-सी गर्माहट उसके दिल तक पहुंची। मिन्हो की बातों में एक अजीब-सी सादगी थी, जो जिवोन को अच्छी लग रही थी। उसने धीरे से मुस्कुराते हुए कहा, “शायद… ठीक है।”उसके होंठों पर बनी हल्की मुस्कान को देखकर मिन्हो की आँखें चमक उठीं। “वाह, तुम्हारी मुस्कान तो रेयर है। इसे थोड़ा और दिखाया करो।”जिवोन के गाल हल्के लाल हो गए। उसने नज़रें झुका लीं, लेकिन उसके दिल में एक अनजानी हलचल शुरू हो चुकी थी।

🎶 म्यूज़िक रूम का दृश्य

कुछ दिन बाद, यूनिवर्सिटी के म्यूज़िक रूम में जिवोन अपने पियानो के सामने बैठा था। उसकी उंगलियाँ कीज़ पर नाच रही थीं, और कमरे में एक गहरी, आत्मीय धुन गूंज रही थी। यह वही धुन थी जो उसने उस बारिश वाली रात छेड़ी थी—मिन्हो की यादों से प्रेरित, नाज़ुक लेकिन भावनाओं से भरी। जिवोन की आँखें बंद थीं, और वह अपनी दुनिया में खोया हुआ था।मिन्हो चुपके से म्यूज़िक रूम के दरवाज़े पर आकर रुक गया। उसने जिवोन को देखा—उसके चेहरे पर शांति थी, जैसे वह संगीत में पूरी तरह डूब चुका हो। धुन खत्म हुई तो मिन्हो ने धीरे से ताली बजाई।जिवोन चौंक गया। उसने जल्दी से पलटकर देखा, “तुम… यहाँ?”मिन्हो ने दरवाज़े के सहारे खड़े होकर मुस्कुराते हुए कहा, “मैं तो बस पास से गुज़र रहा था, लेकिन तुम्हारी धुन ने मुझे रोक लिया। जिवोन, तुम्हें पता भी है तुम कितना कमाल का बजाते हो? ये संगीत… ये तो सीधे दिल तक जाता है।”जिवोन के गाल फिर से लाल हो गए। उसे तारीफों की आदत नहीं थी, खासकर इतनी सच्ची और दिल से की गई तारीफ। उसने धीरे से कहा, “ये… बस यूं ही।”मिन्हो पास आया और पियानो के बगल में खड़ा हो गया। उसने जिवोन की आँखों में देखते हुए पूछा, “कभी किसी म्यूज़िक कंपटिशन में हिस्सा लेने का सोचा है?”जिवोन ने नज़रें झुका लीं। “नहीं… मुझे स्टेज से डर लगता है। लोग… सबकी नज़रें… मैं ऐसा नहीं कर सकता।”मिन्हो ने एक पल के लिए उसका चेहरा देखा, फिर नरम स्वर में बोला, “तो फिर मैं तुम्हारे साथ रहूँगा। तुम्हें अकेले कुछ भी करने की ज़रूरत नहीं है।”जिवोन का दिल अचानक तेज़ी से धड़कने लगा। मिन्हो की आवाज़ में एक वादा था, एक भरोसा, जो उसे अंदर तक छू गया। उसने सिर्फ़ सिर हिलाया, लेकिन उसकी आँखों में एक नई चमक थी—शायद मिन्हो की बातों ने उसके डर को थोड़ा कम कर दिया था।

🌌 हान नदी का दृश्य

वीकेंड पर मिन्हो ने जिवोन को हान नदी के किनारे बुलाया। रात का समय था, और नदी का पानी शहर की रोशनी से झिलमिला रहा था। चारों तरफ कपल्स और ग्रुप्स थे, लेकिन जिवोन और मिन्हो अपनी ही दुनिया में थे। मिन्हो ने रास्ते में एक आइसक्रीम स्टॉल से दो कोन लिए और एक जिवोन को थमा दिया।“ये लो,” मिन्हो ने हल्के से हँसते हुए कहा। “ज़िंदगी बहुत छोटी है, जिवोन। कभी-कभी हमें खुद को मौका देना चाहिए—छोटी-छोटी खुशियों के लिए।”जिवोन ने आइसक्रीम ली और धीरे से खाना शुरू किया। उसने पहली बार खुलकर मिन्हो की आँखों में देखा। मिन्हो की आँखों में एक गहराई थी, जैसे वह जिवोन को समझने की कोशिश कर रहा हो। जिवोन को लगा जैसे उसकी नज़रें कह रही हों—“मैं तुम्हें देखता हूँ, जिवोन। तुम जो हो, वैसे ही।”दोनों नदी के किनारे टहल रहे थे। हवा में ठंडक थी, लेकिन जिवोन को मिन्हो की मौजूदगी में गर्माहट महसूस हो रही थी। मिन्हो ने अचानक रुककर कहा, “तुम्हें पता है, मुझे तुम्हारा संगीत इसलिए अच्छा लगता है क्योंकि वो… तुम्हारी तरह है। शांत, लेकिन गहरा।”जिवोन रुक गया। उसकी आँखें मिन्हो से मिलीं, और उस पल में कोई शब्द नहीं था। हवा में सिर्फ़ नदी की लहरों की आवाज़ थी, और उनके बीच की चुप्पी एक अनकही कहानी बुन रही थी।

🕊️ एपिसोड 2 का अंत

उस रात अपने डॉर्म रूम में लौटकर जिवोन बिस्तर पर बैठा था। खिड़की के बाहर शहर की रोशनी धीमी पड़ चुकी थी। उसके दिमाग में मिन्हो की बातें गूंज रही थीं—“तुम अकेले नहीं हो।”उसके होंठों पर अनजाने में एक हल्की मुस्कान तैर गई। पहली बार, जिवोन को लगा कि उसका अकेलापन शायद सचमुच कम हो रहा है। मिन्हो की हर बात, उसकी हर मुस्कान, जैसे धीरे-धीरे उसके दिल के तार छेड़ रही थी। उसने अपने कीबोर्ड की ओर देखा और उंगलियाँ कीज़ पर रख दीं। एक नई धुन शुरू हुई—पहले से ज़्यादा गहरी, ज़्यादा भावुक।यह धुन मिन्हो के लिए थी।

लेखक का नोट:

साइलेंट हार्ट्स का दूसरा एपिसोड पढ़ने के लिए शुक्रिया! जिवोन और मिन्हो के बीच बढ़ती नज़दीकियाँ आपको कैसी लगीं? उनकी कहानी अब और गहरी होने वाली है, जिसमें ढेर सारा रोमांस, भावनाएँ और अनकहे पल होंगे। Matrubharti पर मुझे, InkImagination, को फॉलो करें ताकि आप उनकी यात्रा का हर पल मेरे साथ जी सकें। आपका प्यार और कमेंट्स मेरे लिए बहुत खास हैं! बताएँ, इस एपिसोड में आपको क्या सबसे ज़्यादा पसंद आया?

Thankyou 🥰🥰 ...