Tera Lal Ishq in Hindi Crime Stories by Kaju books and stories PDF | तेरा लाल इश्क

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तेरा लाल इश्क

      
दिन दहाड़े कॉलेज स्कूल से हो रही लड़किया और बच्चे गायब कैसे,,,? पुलिस गार्ड की सख्त सिक्योरिटी के बाद भी  ये सिलसिला जारी रहना लोगो के अंदर खोफ ले रहा जन्म और पुलिस के नाकामी के वजह से लोग उन्ही पर कर रहे शक क्यों,,,?
वहीइस राज पर से पर्दा उठाने निकली है मुंबई के सबसे खिड़ाडी बाज जासूस की एक टीम,,,जिसमे है आठ काबिल जासूस और धमाचौकड़ी नोक झोंक भरा इश्क,,,,
क्या ये राज से पर्दा उठाकर,,,कर पाएंगे मिशन कंप्लीट या अधूरा रह जाएगा ये "तेरा लाल इश्क" तो जानने के लिए आगे पढ़े।

               
        

"हेलो,,, हेलो,,, हेलो,,,अब बोलो भी कब से हेलो हेलो 
चिल्ला रही हूं,,,कान फुट गया है या भगवान ने दिया ही नहीं" 
एक खूबसूरत लड़की आंखो में काजल , होठों में हल्की पिंक लिबस्टिक , खुले काले लंबे बाल और दिल को मनमोहक करने वाली उसकी जुल्फे बहुत सुंदर 

अपने कमरे में फोन में बात करते हुए या कहे बिजली की तरह भड़कते हुए इधर से उधर चल रही थी ।

ए लड़की कोई और नहीं हमारे कहानी की नायिका हैं।




"काशना महाजन"उम्र 22 उर्फ आशना" इसका निक नेम जो सिर्फ टीम मेंबर्स को ही पता है, जो इन्हे हिटलर लीडर  नाम भी दिए। 
क्योंकि काम के वक्त बहुत स्ट्रिक किसी की नही सुनती,,,गुस्सा हमेशा इसकी छोटी सी नाक पर,,, गुस्से में कब क्या करदे कोई नही समझ सकता क्योंकि lइन्हे समझना किसी के बस की बात नही,,, प्लान बनाने में एक्सपर्ट 

जब काफी देर से फोन की दूसरी तरफ से आवाज नही आई तो काशना फोन को घूरने लगी , और of kar 
दिया।
और बोली "कुछ भी हो जाए मैं इस मिशन को पूरा कर के ही रहूंगी"

तभी उसके घर की डोर बेल बजी ट्रिंग,,,,ट्रिंग,,,, काशना रूम से बाहर निकल कर आई और दरवाजा खोला

सामने एक खूबसूरत लड़की थी ।  काशना ने उसे गले लगाया और बोली "हाई मेरी जान काशी  कैसी है तू"



काशी मल्होत्रा उम्र 21,दिखने में किसी मॉडल से कम नहीं पर इनका काम कुछ और है,,,जो आगे पता चल जाएगा। थोड़ी नौटंकी और मार पीट दंगा फसाद में एक्सपर्ट हमारे दो लीडर के बाद इनका no आता था है मनमानी करने का 
"मैं तो एकदम फास्टक्लास हु" काशी ने जवाब दिया और उसके सर और गाल को छूकर देखने लगी । 

kashna को अटपटा सा 
लगा वो बोली "क्या कर रही है "?

"तबियत तो ठीक है ना तेरी,,,मैं तो रोज आती हु तेरे घर 
हम रोज तो मिलते है तो फिर
(उसकी नकल उतारते हुए)
"हाई मेरी जान काशी कैसी है तू" ऐसा तो कभी नही कहा,,,फिर आज अचानक ऐसे क्यू बिहेव कर रही है जैसे जनम जनम से नही मिली"  ए बोल वो हस पड़ी। 

उसकी बात सुन kashna ने उसके सर पर एक चपत लगाई और बोली "यार मेरा मूड बहुत खराब था।उस,,," उसकी बात पूरी भी नहीं हुई थी की 

काशी बोल पड़ी "हा हा मुझे पता है । फिर से उस ककड़चुड़े ने तुझ पर हुक्म चलाया होगा है ना ? अब क्या रोब झाड़ा उसने ?"

"कुछ नही,,," काशना की बात सुन 
काशी उसे नासमझी से देख कर "जब कुछ बोला ही नही तो,,,क्यों बिचारे को कोस रही" 

काशना उसे घूर कर "बड़ा तरस आ रहा बिचारे पर,,, उस बिचारे ने फोन किया लेकिन कुछ बोला नहीं,,, उल्टा मैं पागल की तरह हेलो,,,,हेलो,,,,बोल रही थी"
          Kashna ने जवाब दिया। 

"व्हाट,,,फोन उसने किया पर बोला कुछ नहीं जब बात ही नही करनी थी तो फोन किया ही क्यू था,,,? दिमाग सटक गया है क्या उसका,,,,?" काशी कंफ्यूजिंग से सर खुजाते हुए बोली।

काशना मन में भुनभुनाई "सटक गया है नही,,,पूरा सटका हुआ ही है ककड़चुडा कही का,,,समझता क्या अपने आप को,,,जब देखो तब दादागिरी का लाइव शो दिखाता रहता हैं,,, अच्छा है की tv पर नही दिखाता वरना टूटे फूटे tv का भंडार लगा होता मेरे घर के बाहर" 

काशी काशना बचपन की दोस्त हैं ए दोनो ही एक साथ अनाथ आश्रम में पले बढे हैं,,, इनके मां और पापा एक दूसरे के दोस्त हुआ करते थे,,,काशना के पापा का नाम करण महाजन है और मां का नाम सुमित्रा महाजन और काशी के पापा का नाम कबीर मल्होत्रा और मां का नाम कंचना मल्होत्रा 
दोनो के पापा आर्मी में थे और मां हाउस वाइफ थी 
जब इन की मौत हुई तब काशी और काशना १० ११ साल की थी,,, न्यूज चैनल वाले ने यही दिखाया की भारत आर्मी के दो एनजट देशद्रोही थे  जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं था,,,काशना और काशी अपने पापा के सम्मान को वापस लाना चाहती थी इसीलिए वो दोनो अपने पापा की तरफ सत्य के रास्ते पर आगे चलने लगे।

"अगर उसे मन में कोसना हो गया हो तो,,, यहां मेरी बात पर ध्यान दे,,, वैसे भी काम के वक्त तो हिटलर लीडर बन जाती है अपने कक्कड़चुड़े की तरह" काशी की आखिरी लाइन सुन
काशना होश में आई और उसे 
आखें छोटी कर घूरते हुए "क्या बोली,,,? फिर से बोल" 

काशी उसी की तरह आखें छोटीकर "अब ऐसे घूर क्या रही है,,,अभी घर पर है हम,,,और सही तो बोल रही किसी की सुनती ही कहा है काम के वक्त"

"हा तो,,,?"काशना तिरछी नजर से देखते हुए सवाल की।

"तो मैंने सोचा कि ऐसे ही फ्री टाइम में अपना हिसाब किताब कर लू" ये बोल काशी अपनी एक आइज विक कर दी।

काशना मुस्कुरा कर "अच्छा मेरी हिसाब किताब करने वाली,,,बोल क्या बोल रही थी,,,?" 

काशी बोली "काशना मुझे लगता है उसने मिलने के लिए फोन किया था" 

"Hmm,,, अगर ऐसा है तो उसे बताना चाहिए ना,,, ऐसे साइलेंट था जैसे उसके एक आवाज पर खून कर दूंगी उसका" काशना ने चिड़चिड़े अंदाज में कहा।

और काशी की तरफ देखा जो कुछ सोचने में लगी थी।
वो अपने ख्याल से बाहर 
आते ही बोली "Hmm ए ठीक है" 

उसकी ये बात सुन काशना हैरानी से "ये पागल,,,क्या बोल रही,,,?" 

"अरे,,,मैं बोल रही की  कम से कम उस ककड़चुड़े को अकेले तो नही झेलना पड़ेगा"  काशी बोली।

"हा सही बोली,,,,खडूस कही का जब देखो तब अपनी दादा गिरी झाड़ता है हु" kashna बिलखते हुए बोली।

"हा हा तो ठीक है ना तू भी दादागिरी झाड़ा कर,,,कोन सा वो तुझे खा जाएगा,,, तू कम है क्या उससे थोड़ी तारीफ अपनी भी कर ले,,,बिचारे को अकेले ही चने के झाड़ में चढ़ा रही हैं" 
काशी उसकी टांग खींचते हुए बोली।

उसकी बात सुनकर काशना उसे मारने के लिए लपकी
बोली "आजकल बहुत चपड चपड़ जबान चलने लगी है तेरी,,,मेरी बेस्ट फ्रैंड होकर उस ककड़चुड़े की तरफदारी कर रही है  धोखेबाज कही की रुक,,, बताती तुझे" 

ऐसे ही पकड़म पकड़ाई में जब थक कर चूर हो गई दोनो तो सोफे पर पैर पसार के बैठ गई। 
काशी बोली 
  "इस जनम में तो तू मुझे नही पकड़ सकती बचपन से लेकर आज तक जित्ती आई हु इस गेम में"
    
"हा नही जीत सकती इस जनम में तुझसे क्युकी इस जनम में हम बेस्ट फ्रैंड है ना मेरी जान"  उसके गाल पर किस करते हुए बोली।

"तो तू चाहती है कि अगले जनम में हम दुश्मन बने ? है ना ?" काशी उसे घूरते हुए बोली। 

"चल हट पागल कही की कुछ भी सोचती हैं,,, मैं भगवान से प्रार्थना करती हु की मुझे हर जनम में मुझे मेरी बेस्ट फ्रैंड के रूप में तुझे ही दे" 
काशना उसके गले लग बोली।  

ए सुन कर काशी के आंखो मे 
आसू आ गए बोली "मैं भी यही कामना करती हु" दोनो प्यार से एक दूसरे से लिपट गई।

फिर शाम को उन्होंने खाना खाया और मीटिंग की कुछ बाते की और फिर काशी उसे मीटिंग मिलने का बोल by कर चली गई । 
काशना अपने कमरे में गई शावर लिया फ्रेश होकर कपड़े पहने उसने एक  ब्लैक नाइटी पहनी हुई थी बाल खुले ही थे।



बिना मेकअप के भी बहुत सुंदर दिख रही थी । 
वो अपने बेड पर लेट गई और किसी को मैसेज करने लगी।

वो मन में बोली " मैने सब को बता तो दिया की कल मीटिंग है,,,क्या मुझे उस ककड़चुडे को भी बताना चाहिए" 
वो मेसेज टाइप करने ही वाली थीं की फिर बोली 
"एक मिनट मैं क्यू करू उससे बात जब उसने दोपहर में ही मिलने के लिए कॉल किया था,,,लेकिन बोला कुछ नहीं बस फोन को कान में लगाए बहरा बन के बैठा था,,,मुझे क्या,,,भाड़ में जाए,,,कल मीटिंग में देखती हूं उसे हुउऊ,,,, बड़ा आया मुझे ऑर्डर देने वाला ककड़चुड़ा कही का" 
ए कह कर काशना सो गई ।

अब अगले दिन क्या भूचाल आने वाला था इससे सब  अनजान थे। 

हेलो दोस्तों एक सीक्रेट बताऊं दअरसल a meri pahali story hai जिसमें bahut माथा पच्ची हुई थी लिखने में 😅😅😅💖😅सच कहूं तो बहुत मेहनत से लिखा है प्लीज पढ़ कर बताइए स्टोरी कैसी है 🙏🙏अभी टीम के बाकी मेंबर्स से भी मिलना है और kaashna के ककड़चुड़े से भी 😂😂😂 तो कमेंट करके बताना मुझे ताकी आगे की ep अपलोड करने का मन करे सकू बाय फ्रेंड्स 🙏🤗🥰🥰🥰 टेक केयर😘💜