Incomplete story in Hindi Love Stories by Ritik Sandilya books and stories PDF | अधूरी कहानी

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अधूरी कहानी

मैं एक दिन खुलकर बात करूंगा 
तुम्हारे सारे जज्बात कहूंगा 
कहानी किस तरह शुरू हुई 
सारे हालात लिखूंगा.... मैं खुलकर बात करूंगा ।

इश्क की कहानी में दो लोगों का होना जरूरी है 
बात कुछ ऐसी है कि .....

हमें एक दूसरे की आदत सी हो गई थी ....दिन रात सुबह शाम एक चाहत सी हो गई थी । 
कुछ खास नहीं था एक दूसरे के साथ बांटने को .... पर बीतते दिन के साथ एक दूसरे की आहट सी हो गई थी । 
घंटों बाते होती ...रही ,
क्या पता ये संयोग मात्र था या प्रकृति का कोई संदेश ।
भारत के एक छोर से दूसरे छोर तक दो इंसानों के बीच एक सुंदर सा बंधन बनते जा रहा था ..दोस्ती से ऊपर ,भरोसे के पार। बातें अनकही सी थी पर अंदेशा मुझे था , कि शायद हो चुका है उन्हें हमसे प्यार। 
तलाश मुझे भी थी मेरे इश्क की पर, 
इस धुंधलाती चकाचौंध में भरोसा करने को डर लगता है 
प्यार है ये एक बात है पर कहने को डर लगता है ।।
ऐसे में मेरे पास बस एक ही रास्ता था ....इंतजार जिसमें की मै मंझा खिलाड़ी हूं । 
मै उस वक्त के इंतजार में रहा , 
वो कहे कि हां मुझे तुम्हे प्यार है इस इंतजार में रहा।।

सारे दावा पेच सीखे मैने इस जहां से ....बस किसी को मोहब्बत के नाम पे धोखा देना नहीं सिखा , 
आज किसी को बिस्तर तक खींच लाने को अपनी जीत समझते है ,
वो जश्न मनाना नहीं सिखा,
वादें कर के मुकर जाऊं ये मन को स्वीकार नहीं 
मोहब्बत अधूरा रह जाए पर किसी के साथ झूठी हमबिस्तर होना नहीं सिखा ।। 

बातें आगे बढ़ी और वो दिन आया जब मैने पूछा उनसे बताओ आखिर बात क्या है .....
फिर वहां से शुरू हुई प्रेम कहानी ...

समाज की रूढ़िवादी विचार से बंधा हूं मैं 
इश्क मुझे भी तुम से उतनी ही है पर, 
प्यार से अधिक परिवार से बंधा हूं मैं 
तुम्हारे इश्क को झूठ के सहारे कैसे स्वीकार कर लूं 
मैं तुम्हे अपने घर बहु बनाकर नहीं ला सकता 
फिर कैसे वादें हजार कर दूं 
तुमने तो लिख दिया हाल अपने दिल का 
मैं कैसे कहूं...हां मार्टिना मुझे भी तुमसे प्यार है । 
मेरे पैरों में समाज का बंधन है ,
मेरे हाथों में परिवार की हथकरियां ,
मैं हमारे बीच के संबंध को प्यार का नाम नहीं दे सकता । 

बंधनों से ऊपर डर के परे हो उसे इश्क कहते है 
तुमने जाहिर कर दिया अपना प्यार पर मैं तो 
बोल भी नहीं पाऊंगा शायद , 
मैं बंधा जो हूं कुरीतियों से तुम्हे समझा नहीं पाऊंगा शायद । 

मैं तुम्हारे हर वाक्य में महसूस कर पता हूं 
खुद के लिए सम्मान ....
तुम्हारे हर फिक्र में मै महसूस करता हूं ....
शायद तुम संसार में वो पहली लड़की हो जो मुझसे इतनी मोब्बत जता रही हो ।
मै तो ये सोचकर सहम जाता हूं कि आखिर बिना मिले भी ये कैसा संयोग है हो इतना मजबूत लग रहा है । 
मुझे तो वो फिल्मों वाली बात याद आ जाती है,शायद तुम्हारे लिए मुझे एक और जन्म न लेना परे। 

मैं तुम्हारे साथ ना रहूं फिर भी ये प्यार रहेगा,
तुमसे बातें न करूं फिर भी ये प्यार रहेगा ,
अक्सर तुम जो पूछती थी मुझसे , मै तुम्हारे लायक नहीं शायद , और मैं बताने में असमर्थ था ,
तो तुम्हे बता दूं सूर्य में बची आखिरी किरण जब तक रहेगी तब तक तुम्हे याद करूंगा।।