हुक्म और हसरत - 1 in Hindi Love Stories by Diksha mis kahani books and stories PDF | हुक्म और हसरत - 1

Featured Books
Categories
Share

हुक्म और हसरत - 1

परिचय और ट्रेलर!✨✨✨

 

"हुक्म था — बचाओ, हसरत थी — छीन लो... और मोहब्बत कभी इजाज़त नहीं मांगती।"

 

आपकी लेखिका की तरफ से:🌷🌷💐💐

Diksha singhaniya"मिस कहानी"

सब से पहले तो आप सभी का दिल से धन्यवाद ,जिन्होंने मेरी कहानी चुनी, अपने कीमती वक्त से समय निकाल कर।मैं इस प्लेटफॉर्म पर नई हूं,भूल चूक हो तो माफ करे।

नोट:1.एक अध्याय को लिखने में दो से तीन दिन का वक्त लगता है,तो अगर आप समीक्षाएं न दे सके तो,कृपया रेटिंग्स जरूर दे!

**🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸

 

जब ताज झुके मोहब्बत के आगे... और रक्षक बन जाए सबसे बड़ा ख़तरा! 

 

 

,🌷🌷समर्पण♥️♥️

यह कहानी उन सभी दिलों के नाम,

 

जो ताज के बोझ तले मोहब्बत की ख्वाहिश संजोते हैं।

 

 

उन लड़कियों के लिए —

 

जो राजकुमारियों जैसी दिखती हैं,

 

पर असल में योद्धा होती हैं।

 

 

और उन पहरेदारों के लिए —

 

जिनकी खामोशी में एक पूरी दास्तान छुपी होती है।

 

 

ये उपन्यास

 

उन अधूरी कहानियों के नाम,

 

जो कभी ज़ुबां तक नहीं आ पाईं… पर दिलों में हमेशा ज़िंदा रहीं।

 

 

💐💐💐💐💐💐💐*ट्रेलर*💐💐💐💐💐💐💐

Scene 1:🌷

महल की सीढ़ियाँ संगमरमर की तरह चमक रही थीं।

शाही माहौल में हर चीज़ सजी थी — बस एक चेहरा था जो अनमना था।

 

वो लड़की, जो सालों बाद विदेश से लौटी थी, खामोशी से झूमर की रौशनी को ताक रही थी।

 

 

 

 

 

कंधों पर गिरे खुले बाल, आँखों में तेज़, होंठों पर तंज की हल्की सी मुस्कान —

जैसे सब कुछ देख चुकी हो… और अब किसी से भी हैरान नहीं होती।

 

तभी…

 

एक जोड़ी भारी कदमों की आवाज़ हुई।

 

उसने पलटकर देखा — दरवाज़े से वो लड़का भीतर आया।

ऊँचा कद, काली शर्ट, आँखों में बर्फ़ जैसी ठंडक…

और चेहरे पर एक अजीब सख़्तियत — जैसे मुस्कान से उसका रिश्ता टूट चुका हो।

 

उनकी नज़रें मिलीं।

 

 

 

 

 

कुछ पल के लिए समय थम गया।

 

“ये कोई नया बॉडीगार्ड है?”

लड़की ने धीमी मुस्कान के साथ खुद से पूछा।

 

लड़का उसकी ओर बढ़ा — ठंडे अंदाज़ में, बिना कोई झुकाव।

 

“आपको अंदर जाने से पहले मुझे सूचित करना चाहिए था।”

उसने गहरी, भारी आवाज़ में कहा।

लड़की हँसी।

 

“और आपको शायद बात करने से पहले थोड़ी नरमी सीखनी चाहिए।”

 

वो टकराव वहीं से शुरू हुआ।

 

वो लड़की जो आज़ादी चाहती थी —

और

वो लड़का जो हर कदम पर बंधन बाँध रहा था।

 

एक पल को लड़की ने उसकी आँखों में देखा…

वहाँ कुछ था — दर्द भी, ग़ुस्सा भी… और शायद कहीं कोई अधूरी कहानी भी।

 

वो मुड़ी, लेकिन उसकी आँखों ने कह दिया —

 

“जो अपने दिल से डरता है, उसे दूसरों के करीब नहीं आना चाहिए।”

लड़का वहीं खड़ा रहा…

उसके पीछे जाती छाया को देखता हुआ, जैसे कोई रहस्य अभी-अभी जागा हो।

 

🌷✨“जब एक आग, दूसरी हवा से टकराती है…

तब तूफ़ान नहीं, तहलका मचता है।

ये कहानी है एक हुक्म चलाने वाले की…

और उस हसरत की, जो उसकी हदें तोड़ देगी।”🌷✨

 

🌷Scene 2🌷

 

शाम ढल चुकी थी।

महल की दीवारों पर सुनहरी रौशनी उतर रही थी, मगर एक साया… कहीं कुछ छुपा रहा था।

 

वो लड़की, अकेली गार्डन के कोने में बैठी थी — गुलमोहर की पंखुड़ियाँ बिखेरती हुई।

 

उसे एहसास भी नहीं था कि कोई उसकी तरफ़ देख रहा है… बुरी नज़र से।

 

तभी झाड़ियों के पीछे से एक परछाई निकली — हाथ में धारदार चीज़, और नीयत में ज़हर।

 

लड़की उठी, मगर देर हो चुकी थी।

 

उसका हाथ झटके से पकड़ लिया गया —

आँखें डर से चौड़ी हो गईं…L

और ठीक उसी पल…

वो लड़का आया —

तूफ़ान की तरह।

काले कपड़े, तेज़ कदम, आँखों में आग।

उसने बिना एक शब्द बोले उस अजनबी का हाथ मरोड़ा, इतना कि चीख़ निकल गई।

 

लड़की काँप रही थी।

 

लड़का उसके सामने आया, और धीरे से उसकी हथेली थाम ली।

उसका हाथ ठंडा था, मगर पकड़ मज़बूत।

जब तक मैं हूँ, कोई तुम्हें छू भी नहीं सकता।”

 

लड़की की आँखों में नमी थी — डर, राहत, और एक नया एहसास।

 

“आप कौन हैं?”

वो धीमे से बोली।

 

लड़का पास आया, उसकी आँखों में देखा।

 

“एक साया… जो अब तुम्हारी रौशनी से जलने लगा है।”

 

उसने उसकी कलाई को अपने पास खींचा — सिर्फ़ कुछ सेंटीमीटर की दूरी… और उन दोनों के बीच धड़कनों का शोर।

 

✨“कभी-कभी सबसे बड़ा दर्द… वो होता है जो कह नहीं सकते।

और सबसे गहरा रिश्ता… वो, जो कभी नाम नहीं पाता।

वो लड़का… जो सिर्फ़ उसकी सुरक्षा के लिए आया था,

अब खुद उसके प्यार में क़ैद होने लगा था।”✨

 

Scene 3:-

महल के हॉल में शाही पार्टी चल रही थी — झूमर जगमगा रहे थे, और मेहमानों की हल्की आवाज़ें संगीत से घुली हुई थीं।

 

वो लड़की, नीले रंग के फ्रॉक सूट में किसी परी जैसी लग रही थी।

 

 

 

 

 

उसके बाल खुले हुए थे, और गर्दन पर झूमता नाज़ुक हार उसकी हर हलचल में चमक रहा था।

और असके बालो में लगा गुलमोहर महक रहा था।

 

वो लड़का, दूर से खड़ा सब देख रहा था।

ब्लैक सूट, पत्थर सी आँखें, और चेहरे पर वही जानी-पहचानी बेरुख़ी।

 

मगर आज उसकी नज़रों में कुछ और भी था…

कुछ असहज, कुछ बेचैन… और शायद थोड़ा सा ईर्ष्या।

"मोह"!!

 

लड़की मुस्कराई, जब एक मेहमान युवक ने उसके आगे हाथ बढ़ाया।

 

“एक डांस?”

“क्यों नहीं।” वो बोली।

 

जैसे ही वो युवक उसके करीब आया, लड़का एक क़दम आगे बढ़ा — और रुक गया।

 

उसके हाथों की मुठ्ठी बंध चुकी थी।

 

डांसफ़्लोर पर लड़की किसी और की बाँहों में घूम रही थी, मगर उसकी नज़रें…

बार-बार सिर्फ़ एक इंसान को तलाश रही थीं।

 

और वो खड़ा था — अकेला, मगर भीतर से धधकता हुआ।

 

डांस के बाद, लड़की बाहर गार्डन में चली गई।

 

वो लड़का पीछा करते हुए आया।

 

“तुम्हें ऐसे कपड़े पहनने की ज़रूरत थी?”

उसने सख़्त लहज़े में कहा।

 

“मुझे नहीं लगा था, मेरी ज़िंदगी अब भी किसी की ‘ज़रूरतों’ पर चलती है।”

लड़की ने आँखों में आग भरकर जवाब दिया।

 

लड़का पास आया, इतना पास कि सांसें टकराने लगीं।

 

“मुझे पसंद नहीं कि कोई और तुम्हें इस तरह देखे।”

 

“और जब तुम देखते हो, तो क्या फर्क पड़ता है?”

“तुम तो देख कर भी… कुछ कहते नहीं।”

 

चुप्पी…

 

हवा जैसे थम गई थी।

 

लड़की पीछे हटने लगी — मगर लड़के ने उसकी कलाई थाम ली।

 

धीरे से उसका चेहरा अपनी उँगलियों से छुआ —

उसके कान के पीछे से एक लट हटाई, फिर उसकी ठोड़ी अपने हाथों में ली।

 

“तुम्हें पता है… तुम्हारे होंठ कुछ कहते हैं।

मगर तुम्हारी आँखें… सबकुछ बयां कर चुकी हैं।”

 

लड़की काँप गई।

 

दोनों के होंठ सिर्फ़ कुछ इंच दूर थे…

 

सांसें उलझ रही थीं… दिल तेज़ धड़क रहे थे…

 

…और तभी अंदर से शोर सुनाई दिया।

 

लड़की पीछे हट गई।

 

“कभी-कभी अधूरी चीज़ें ही सबसे गहरी होती हैं,”

उसने कहा — और चली गई।

 

 

 

 

 

लड़का वहीं खड़ा रह गया।

 

पलकों पर अधूरा चुंबन, और सीने में पूरा तूफ़ान लिए।

 

🌷✨“वो एक नज़दीकी… जो पूरी नहीं हो सकी।

वो एक एहसास… जो कहे बिना भी सब कुछ कह गया।

और वो लड़का — जो अब खुद को रोक नहीं पा रहा था…

मगर मान भी नहीं पा रहा था, कि वो किसी से हार रहा है।”✨🌷

 

*******

 

 

“हुक्म और हसरत” – जहाँ सुरक्षा बनती है पागलपन, और नज़दीकी बनती है आग।

 

जल्द आ रहा है…

एक रिश्ता जो न नियमों को मानेगा,

न नफ़रत को। 

 

 

*********

 

❝ वो रक्षक था… मगर उसका स्पर्श किसी दुश्मन की तरह जलता था।

 

वो राजकुमारी थी… मगर उसकी बग़ावत सिर्फ़ एक आदमी के लिए थी। ❞

 

 

❝ हुक्म और हसरत — जहां ताज झुकता है... और मोहब्बत राज बन जाती है। ❞

 

मेरी सीमा है — जिसे कोई पार नहीं करेगा।"

 

********

 

पात्रों का परिचय:-

 

👑🌷🌷 राजकुमारी सिया राठौड़🌷🌷

23 साल की राजकुमारी।

चमकदार गेंहुआ रंग, लहराते हुए लंबे काले बाल जो अक्सर मोती जड़े हुए झूमरों से सजे रहते थे। उसकी बड़ी, बादामी आँखों में एक अनकही तड़प थी — जैसे ताज के पीछे कोई अधूरी कहानी छुपी हो। चेहरे पर हमेशा एक शाही मुस्कान होती, पर उसके पीछे छुपे दर्द को केवल कोई बहुत करीबी ही पढ़ सकता था।

 

 

सिया जब महलों के गलियारों से गुजरती थी, तो रेशमी साड़ियों की सरसराहट और उसके कदमों की आहट दोनों ही सन्नाटे को तोड़ देती थीं। गहरे रंगों की साड़ियाँ — जैसे शाही नीला, राजसी लाल और पन्ना हरा — उस पर किसी रानी की तरह खिलते थे।

 

 

लेकिन महलों की दीवारों में बंधी यह राजकुमारी, आज़ादी के सपने देखती थी।

 

वो शाही थी, मगर दिल में बग़ावत छुपाए बैठी थी।

 

 

🌷🌷सिया का परिवार:-

*दादी कल्याणी: आदर्शो वाली महिला जिन्हे अपनी पोती पर बहुत प्यार आता है।

 

*राजा वीरेंद्र प्रताप राठौड़ (सिया के पिता):-

 

राजघराने की बेटियाँ इश्क़ नहीं, समझौते करती हैं, सिया।”

 

*

 

*रानी मेहरुनिसा राठौड़ (सिया की माँ):-

 

हम रानियाँ ताज पहनती हैं... लेकिन दिल अक्सर निर्वासित ही रहते हैं।”

 

 

 

*चचेरी बहन रोशनी — 20 साल की लडकी खुले बाल, ढीला कुर्ता, और मुंह पर न टिकी रहने वाली जुबान।

बड़ी ही शरारती राजकुमारी।अपने माता पिता के निधन के बाद यही सिया के परिवार के साथ रहती है।

 

🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷

 

 

 

 

 

🌷🌷पहरेदार अर्जुन सूर्यवंशी🌷🌷

29 साल का युवक।

ऊँचा कद, कड़क व्यक्तित्व और वो गहरी भूरी आँखें — जो ना केवल हर खतरे को पहचान लेती थीं, बल्कि सिया के हर जज़्बात को भी चुपचाप पढ़ लेती थीं।

 

उसका शरीर सेना की सख़्त ट्रेनिंग का प्रमाण था — चौड़ी छाती, मजबूत बाज़ुएँ और ऐसा रौब कि लोग बिना कहे ही रास्ता छोड़ देते।

 

 

हमेशा काली वर्दी में दिखने वाला अर्जुन, जैसे हर पल युद्ध के लिए तैयार रहता हो। चेहरे पर हल्की दाढ़ी और दायीं भौंह पर एक पुराना निशान — जो उसके अतीत की एक अनकही कहानी कहता था।

 

 

कम बोलता था, लेकिन जब बोलता था तो हर लफ्ज़ दिल में उतर जाता था। उसकी नज़रों में जो सख़्ती थी, उसी में कहीं सिया के लिए पिघलती मोहब्बत भी छुपी थी।

 

वो सिया की सुरक्षा में लगा था... पर कब उसका दिल सिया की हिफ़ाज़त करने लगा, उसे खुद भी पता न चला।

 

अर्जुन सूर्यवंशी का परिवार:-

 

*दादी – श्रीमती कल्याणी सूर्यवंशी:-एक समय में रियासत की प्रसिद्ध कथावाचिका, अब अर्जुन की आत्मा की आवाज़।

 

*पिता – हरिशंकर सूर्यवंशी-

 

 

, कठोर अनुशासन में यक़ीन रखने वाले, अर्जुन के जीवन के पहले आदर्श थे ,जो अब दुनिया में नही है।

 

*माँ – मीरा सूर्यवंशी-

 

ममता की मूर्ति।

 

घर की रसोई से निकलती मसालों की खुशबू, उनके प्यार की तरह — धीमी, पर गहराई से भरपूर। वह भी इस दुनिया में नही है।

 

 

*आरव सूर्यवंशी – अर्जुन का छोटा भाई

 

आरव, 25 साल का युवक, अर्जुन का उल्टा — जहाँ अर्जुन खामोश और सख्त है, वहाँ आरव जिंदादिल और बेबाक।

 

🌷🌷🌷🌷🌷🌷

 

3.मीरा वर्मा – सिया की बचपन की सहेली और सलाहकार

25 साल की युवती ।

चटकते सूरज-सी आत्मविश्वासी, मीरा वर्मा का अंदाज़ जितना बेबाक था, उतना ही नुकीला उसका ज़ेहन भी। कानून की पढ़ाई करने के बाद वो रियासत में सिया की कानूनी सलाहकार बनी, पर उससे पहले वो उसकी राज़दार थी — उसकी मुस्कानों के पीछे की खामोशी को समझने वाली इकलौती दोस्त।

 

 

गहरी साँवली त्वचा, कंधों तक कटे सीधे बाल और आँखों में एक ऐसा तेज़ जो किसी राजमहल की दीवारों से भी टकरा जाए। मीरा हमेशा वेस्टर्न ड्रेस में रहती — ब्लेज़र, फॉर्मल पैंट और हील्स — उसकी मौजूदगी किसी कॉरपोरेट मीटिंग से कम नहीं लगती।

 

4.विक्रांत सिंह – राजनीतिक प्रतिद्वंदी 28 साल का युवक।

 

राजसी खानदान से ताल्लुक रखने वाला विक्रांत, ऊपरी तौर पर शिष्ट, सलीकेदार और सभ्य लगता था। पर उसकी मुस्कान के पीछे राजनीति की चालें थीं, और आँखों में लालच की लहर।

 

 

 

5.कव्या – 26 साल की, होशियार, समझदार और सिया की पर्सनल असिस्टेंट।

 

6.विवेक राणा – 36 साल का अर्जुन का सीनियर, इंटेलिजेंस ऑफिसर।

 

कहानी के अन्य पात्र कहानी के साथ बताए जाएंगे! 

 

********

 

 

हुक्म और हसरत

 

लेखिका: Diksha singhaniya "मिस कहानी"

 

कॉपीराइट © 2025 Diksha singhaniya

 

सर्वाधिकार सुरक्षित।

 

 

इस पुस्तक का कोई भी भाग लेखक की लिखित अनुमति के बिना किसी भी रूप में या किसी भी माध्यम से—इलेक्ट्रॉनिक, मैकेनिकल, फोटोकॉपी, रिकॉर्डिंग या अन्य—पुनः प्रस्तुत, संग्रहीत या प्रसारित नहीं किया जा सकता है।

 

 

इस पुस्तक में प्रयुक्त सभी पात्र, घटनाएँ और स्थान काल्पनिक हैं। यदि किसी जीवित या मृत व्यक्ति, स्थान या घटना से कोई समानता पाई जाती है, तो वह केवल संयोग मात्र है।

 

 

Pics credit goes to their respective owners,🌷🌷😌😌

 

© Diksha....................  

 

जारी(.....)

 

Please give ratings and comment 🙏 🙏

,