🌫️ कहानी का नाम:
"सांवली हवाओं में तेरा नाम था"
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📖 Chapter 1: जब शहर की लड़की धुंध से भरे गांव में पहुंची...
“कुछ जगहें होती हैं, जो तुम्हें खुद नहीं बुलातीं —
फिर भी तुम वहीं चले जाते हो…
जैसे किसी ने तुमसे कहा हो: अब लौट आओ।”
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⛰️ रूद्रगढ़ — वो गांव जहाँ बादल ज़मीन पर चलते थे
रूद्रगढ़, उत्तर भारत के ऊँचे पहाड़ों के बीच बसा एक छोटा-सा गांव।
यहाँ सूरज बहुत कम दिखाई देता था... और धुंध, हर सुबह सड़कों पर उतर आती थी जैसे कोई पुरानी रूह चुपचाप चल रही हो।
पेड़ पुराने थे, उनके तनों पर समय की परतें जम चुकी थीं।
घर मिट्टी और पत्थर के थे, लेकिन उनकी खामोशी में भी कुछ था — जैसे वो सब कुछ देख चुके हों।
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🎒 काव्या शर्मा — दिल्ली की लड़की, जो अकेली आई थी
बस जैसे ही गांव में रुकी, काव्या ने खिड़की से बाहर झाँका।
हल्की बूँदाबांदी हो रही थी। बादल इतने नीचे थे कि वो बस की छत को छूते लग रहे थे।
काव्या ने बूट पहने थे, जो कीचड़ से बुरी तरह भीग चुके थे। उसने ग्रे स्वेटर पहना था और गर्दन में हरे रंग का ऊनी स्कार्फ लपेटा था —
जिसे उसकी माँ ने जबरदस्ती बैग में रखा था, “ठंडी लगेगी,” कह कर।
उसके बाल गीले थे और आँखों में थकावट, लेकिन कुछ था उसकी चाल में — एक बेपरवाही।
वो लड़की थी जो खुद से भागकर नहीं, खुद को ढूँढने निकली थी।
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📦 क्यों आई थी वो यहाँ?
काव्या एक आर्टिस्ट थी — स्केच बनाना, रंगों से खेलना, कहानियाँ लिखना…
लेकिन दिल्ली अब बोझ बन गई थी।
शोर, रिश्ते, अनबोले सवाल — सब कुछ से थक चुकी थी।
रूद्रगढ़ उसका भागना नहीं था —
वो कहती थी, “शायद किसी पुरानी कहानी को पूरा करने आई हूँ।”
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🏚️ राजमहल विला — जो अब भी साँस लेती थी
गांव वालों ने जब सुना कि वो राजमहल विला में रुकेगी, सब चुप हो गए।
एक बूढ़ी औरत ने सिर्फ इतना कहा:
> “बिटिया… उस हवेली में सिर्फ वो जाते हैं जिनका कुछ अधूरा होता है।”
काव्या मुस्कुरा दी —
“तो मैं सही जगह जा रही हूँ।”
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🚶♀️ हवेली की ओर पहला कदम...
जब वो हवेली की ओर बढ़ी, रास्ते में सिर्फ सन्नाटा था।
चारों तरफ चीड़ के पेड़, जो ठंडी हवा में झूम रहे थे।
दूर से हवेली दिख रही थी — जैसे कोई पुराना सपना, जो अब भी अपनी जगह पर ठहरा हो।
बड़ा गेट जंग खाया हुआ था।
और अंदर से... धूल, सूख चुके फूलों की गंध, और लकड़ी की सीढ़ियाँ जो हर कदम पर चर्र-चर्र करती थीं।
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🪞 हवेली के अंदर — पुरानी चीज़ें, अधूरी तस्वीरें
हॉल में एक बहुत बड़ा आइना था — जिसमें किसी ज़माने की रॉयल शान दिखाई देती होगी।
अब वो धुंधला था… जैसे उसमें से किसी की परछाई आज भी झाँक रही हो।
दीवार पर कुछ पुरानी तस्वीरें थीं — राजा, रानी, एक बच्चा।
लेकिन सबके चेहरे धुंधले हो गए थे।
काव्या ने धीमे से स्केचबुक खोली — और हवेली की पहली झलक उतारने लगी।
उसने ध्यान नहीं दिया कि ऊपर की बालकनी में कोई खड़ा था… उसे देखता हुआ।
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❓Ab kya hoga?
क्या काव्या उस परछाई को देखेगी?
कौन है जो उसे हवेली में पहले से देख रहा है?
और आर्यन अब तक सामने क्यों नहीं आया?
Thank you everyone