"शून्य" — एपिसोड 1: वह लड़की जो मरकर मुस्कुराई थी**
बारिश की ठंडी बूँदें ज़मीन से टकरा रही हैं।
ऊँचाई पर बना अपार्टमेंट, और उसके बालकनी में —
**काव्या मलिक**, एक हाथ में शराब का ग्लास, दूसरे हाथ में सिगरेट।
वो गहरे नीले सैटिन नाईटी में, गीले बालों के साथ खड़ी है। उसके चेहरे पर तृप्ति नहीं, बस बेचैनी।
**काव्या (वॉयस ओवर):**
“Desire… जब रूह तक पहुंचती है, तो शरीर बस एक रास्ता बन जाता है…”
अचानक पड़ोसी फ्लैट 4B से एक जोरदार **सिसकी** और फिर **चीख**।
काव्या का दिल एकदम से धड़क उठता है।
दरवाज़ा तोड़ा जाता है।
**ACP अर्जुन राणा** अंदर घुसता है —
भारी बरसाती जैकेट, गले में बंद पेंडेंट, आँखों में शक।
कमरे में लाल मोमबत्तियाँ जली हैं। गंध है — जैसे कुछ ताज़ा… और फिर भी सड़ा हुआ।
बिस्तर पर एक लड़की की **नग्न लाश**, उसकी टाँगें खुली हुई, आँखें आधी बंद, होंठों पर **एक मंद मुस्कान**।
**काव्या धीरे से कहती है:**
“ये चेहरा… डर से नहीं मरा, ये तृप्त था।”
**अर्जुन:**
“या शायद… किसी अदृश्य orgasm से फटा हुआ दिमाग।”
पोस्टमार्टम रिपोर्ट:
> "No physical harm. No substances. Death by sudden neuro-shock… climax की तरह की लहर, पर घातक।"
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काव्या अपने बाथरूम में आईने के सामने खड़ी है।
नाईटी की स्ट्रैप नीचे खिसक जाती है। वो अपने शरीर को देखती है —
जैसे खुद से सवाल कर रही हो।
**वॉयस ओवर:**
"मैंने दूसरों की इच्छाएँ पढ़ीं…
कई औरतों को orgasm तक पहुँचाया…
पर खुद के अंदर सन्नाटा ही मिला।"
वो खुद को छूती है… धीरे-धीरे।
शरीर हल्का थरथराता है…
लेकिन फिर वही अधूरापन।
उसकी आँखें नम हो जाती हैं।
बारिश अभी भी हल्की जारी है। काव्या एक कोने में बैठी है, सामने किताब —
**"कामयंत्र: Sex, Soul & Silence"**।
किताब पर उँगलियाँ फिरा रही है, जैसे किसी पुराने प्रेमी के खत पर।
**एक आवाज़:**
“उस किताब में कुछ अधूरा है…”
काव्या देखती है — एक लंबा, आकर्षक आदमी, काली शर्ट में, गीले बाल और एक रहस्यमयी मुस्कान।
**काव्या (हैरान):**
"आप…?"
**विवान:**
"मैं ही हूँ… इसका लेखक — विवान शाह।"
बातचीत शुरू होती है — इच्छा, अकेलापन, और वो अनुभव जो शब्दों से परे होता है।
काव्या हँसती है — पहली बार, असली।
विवान उसकी हथेली पर अपनी उँगलियाँ रख देता है।
काव्या की साँस अटक जाती है।
**फ्लैश कट: उसकी रीढ़ में एक सिहरन दौड़ती है। आँखें खुद-ब-खुद बंद होती हैं।**
**विवान (धीरे से):**
"तुम महसूस कर रही हो ना?"
**काव्या (आँखें खुलते हुए, काँपती आवाज़ में):**
"तुमने मेरी… कमर तक कंपन भेज दी…"
**विवान उसके पीछे जाकर धीरे से उसकी कमर पकड़ता है।
दोनों के बीच की दूरी महज़ साँस जितनी।**
वो उसकी गर्दन के पास फुसफुसाता है:
> “Desire एक कहानी है… जो कई बार मौत पर खत्म होती है।”
काव्या भाग खड़ी होती है — दिल तेज़ धड़कता है।
घर पहुँचते ही काव्या बाथरूम में जाती है।
अपने कपड़े उतारती है — और खुद को आईने में देखती है।
**वॉयस ओवर:**
"उसके छूने से मेरा शरीर नहीं, मेरा अंदर जागा…
जैसे किसी और जन्म की भूख लौट आई हो…"
वो खुद को फिर से छूती है।
इस बार — एक अधूरा नहीं, तेज़ **झटका**,
एक orgasmic wave… मगर डर के साथ।
लाइट फड़फड़ाती है।
**आईने में — विवान की परछाई खड़ी है।
पर पीछे कोई नहीं।**
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### 🔚 **Episode 1 Ends with:**
**ACP अर्जुन, प्लेन रिकार्डिंग सुन रहा है:**
> "तीन औरतें… तीन मौतें… और तीनों के शरीर पर एक ही निशान…
> क्या अगली लाश अब मेरे शहर की थेरपिस्ट होगी?"