She Really Unconditionally Love You in Hindi Women Focused by Bhagyashree Budhiwant books and stories PDF | She Really Unconditionally Love You

Featured Books
Categories
Share

She Really Unconditionally Love You

ठंडी सर्दियों की सुबह थी। धुंध से पूरा गांव ढका हुआ था। लोग अलाव जलाकर खुद को गर्म करने की कोशिश कर रहे थे। गांव के एक छोटे से मकान के आंगन में एक बूढ़ी औरत बैठी थी, जिसका नाम था *शारदा*। उसके हाथ कांपते थे, लेकिन फिर भी वो रोटियां सेंक रही थी — दो रोटियां, थोड़ी सी दाल, और एक छोटी सी कटोरी में गुड़।

 

हर दिन की तरह वो वही थाली लेकर गांव की पगडंडी पर चल पड़ती थी। हर किसी को लगता था कि शायद वो किसी को खाना देने जा रही है, पर *जिसे वो खाना देती थी, वो तो सालों से दूर शहर में रहता था — उसका बेटा, विशाल।*

 

विशाल बचपन से ही तेज था, पढ़ाई में होशियार। मां ने पेट काट-काटकर पढ़ाया, खेत गिरवी रख दिए, शादी के गहने तक बेच दिए, लेकिन एक बार भी शिकायत नहीं की। विशाल पढ़-लिखकर शहर गया, और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।

 

पहले-पहले फोन आता था — "मां, बहुत काम है, बाद में बात करूंगा।"

फिर धीरे-धीरे वो फोन भी बंद हो गए।

 

शारदा हर दिन अपने बेटे के नाम की दो रोटियां बनाती, एक पेड़ के नीचे रख देती — और कहती, *"कभी तो आएगा मेरा बेटा... कभी तो भूख लगेगी उसे मां की रोटी की।"*

 

गांव वाले मजाक उड़ाते — "तुम्हारा बेटा तो बड़ा अफसर बन गया है, अब उसे गांव की गंध कहां पसंद आएगी?"

पर शारदा मुस्कराकर कहती, *"जिसने मेरी कोख से जन्म लिया है, वो मेरी रोटी की खुशबू को कभी नहीं भूल सकता है।"*

 

एक दिन, गांव में एक बड़ी गाड़ी आकर रुकी। सूट-बूट में एक आदमी उतरा, आंखों पर काले चश्मे। किसी ने पहचाना नहीं — लेकिन शारदा के दिल ने पहचान लिया।

वो दौड़कर आई, पर रुक गई।

*उसने देखा — वही चेहरा, पर आंखें झुकी हुईं थीं।*

 

विशाल ने धीरे से कहा, *"मां, मुझे माफ कर दो... मैंने बहुत कुछ पाया, पर आपको खो दिया।"*

शारदा कुछ नहीं बोली। बस अंदर गई, वही रोटियों की थाली लाई, और कहा —

*"खा ले बेटा, आज ही नहीं... ये रोटियां तो बरसों से तेरा इंतजार कर रही हैं।"*

 

विशाल फूट-फूटकर रो पड़ा।

उस दिन उसने जाना —

*"बड़ी से बड़ी थाली में परोसा खाना भी उस रोटी की बराबरी नहीं कर सकता, जिसमें मां की उंगलियों का स्पर्श और उसके प्यार की गर्माहट हो।"*

 

अगर ये कहानी पसंद आई हो, तो दिल से दुआ दीजिए उन सब माओं को — *जो बस अपने बच्चों के लौट आने का इंतजार कर रही हैं। और हो सके तो 1 ♥️ लाइक हमारी पर भी कर दो।

 

*love your mom and dad without them your nothing 🥺 

Please follow me and like my story for more parts and enjoy it ,too much emotions and loveable and most interesting stories please follow me guys your one like valuble for me

 Your One like givee me a one motivation for writing one more stories..

Follow me free and valuble , meaning full stories and wait for next story guyss ...

Thank you so much !