Hur Subah Station par milti thi wo - 4 in Hindi Love Stories by Rishabh Sharma books and stories PDF | हर सुबह स्टेशन पर मिलती थी वो… पर एक दिन कुछ ऐसा कहा कि सब बदल गया - 4

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हर सुबह स्टेशन पर मिलती थी वो… पर एक दिन कुछ ऐसा कहा कि सब बदल गया - 4

"हर सुबह स्टेशन पर मिलती थी वो… पर एक दिन कुछ ऐसा कहा कि सब बदल गया"

 

🎬 Episode 4 — “एक अनजान नाम… और एक और सच”

 

📱 “अगर नेहा के बारे में सच जानना है… तो कल इसी वक्त, इसी जगह मिलो। अकेले आना।”

आरव का दिल जैसे तेज़-तेज़ धड़कने लगा।
स्टेशन की भीड़, ट्रेन की आवाज़, सब धुंधला लगने लगा था।

"ये कौन है?"
"क्या ये कोई मज़ाक है?"
"या फिर नेहा… और भी कुछ छुपा रही है?"


रात भर मोबाइल को ताकता रहा।
वो नंबर… ना फोटो, ना डीपी… सिर्फ एक ठंडी लाइन।

"कल 9 बजे प्लेटफॉर्म 5। अकेले आना।"

अगली सुबह
आरव वक्त से पहले पहुंच गया।
8:45 AM — उसकी नजर हर आने-जाने वाले पर थी।

9:00 AM

ट्रेनें आईं, गईं…
पर कोई नहीं आया।


9:07

एक आदमी ब्लैक जैकेट में, चेहरा आधा मास्क से ढका हुआ,
आरव के पास आया और धीमे से कहा —

"तुम आरव हो?"

आरव: "हाँ, लेकिन तुम कौन—"

"बस सुनो… ज्यादा सवाल मत करो। जो मैं बताने जा रहा हूँ, उससे तुम्हारा भरोसा टूट जाएगा।"


आरव चौंका:
"मतलब?"

वो आदमी पास बैठ गया, और जेब से एक पुराना मोबाइल निकाला।

"ये नेहा का पुराना फोन है। दो महीने पहले उसने इसे बेच दिया था। गलती से इसमें कुछ डाटा डिलीट नहीं हुआ था।"


आरव: "तुम उसे जानते हो?"

"नहीं, लेकिन उसके बारे में जानता हूँ। नेहा तुम्हें सच का आधा हिस्सा ही बता रही है।"


वो मोबाइल ऑन करता है…
गैलरी में एक वीडियो प्ले करता है।

वीडियो में — नेहा रो रही थी।
और बोल रही थी:

"मुझे इससे बाहर निकलना है… पर कैसे? अगर उसने पता लगा लिया कि मैं स्टेशन जाती हूँ तो वो मुझे… वो मुझे मार डालेगा।"

आरव का शरीर सुन्न पड़ गया।

"ये किसके बारे में कह रही है?"

वो आदमी गहरी सांस लेकर बोला:

"उसके पति के बारे में… जो शायद सिर्फ पति नहीं है।"


आरव: "क्या मतलब?"

"नेहा की शादी एक ऐसे आदमी से हुई है जो एक कुख्यात नेटवर्क से जुड़ा है। बाहर से शरीफ दिखता है, लेकिन अंदर से… बहुत खतरनाक है।"


आरव का सिर घूमने लगा।

"तो क्या नेहा खतरे में है?"

"न सिर्फ नेहा… अब तुम भी।"


आरव: "पर वो स्टेशन क्यों आती थी?"

"शायद तुमसे मिलने ही नहीं… बल्कि किसी से छुपने के लिए। शायद उसे स्टेशन पर सुकून, सुरक्षा या प्लानिंग की जगह मिलती थी।"


वो आदमी उठने लगा।

"अब तुम्हारे पास दो रास्ते हैं आरव…
या तो इस सब से दूर चले जाओ…
या फिर उसके साथ उस आग में कूद पड़ो।"


"और तुम कौन हो?"

वो मुस्काया…
"जिसने भी ये वीडियो देखा, वो ज्यादा दिन ज़िंदा नहीं रहा। ये तुम पर है — अगला कौन होगा।"


वो चल पड़ा। भीड़ में गुम हो गया।


आरव वहीं बैठा रह गया।

नेहा की हँसी, उसकी आँखें, उसकी मासूमियत… और अब ये सब?

क्या ये सच है? या कोई चाल?


उसी पल… आरव को एक कॉल आया।

नेहा का नाम स्क्रीन पर चमक रहा था।

"आरव, मुझे तुमसे मिलना है… आज ही… कुछ बहुत ज़रूरी है।"

🧠 क्या अब नेहा खुद सच बताने वाली है?
या फिर ये एक जाल है…?