Chhatris of Rajasthan in Hindi Mythological Stories by Khushwant Singh books and stories PDF | राजस्थान की छत्तरियाँ

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राजस्थान की छत्तरियाँ

                 राजस्थान- भारत का एक ऐसा प्रदेश हैं जो अपने शौर्य, वीरता, बलिदान व संस्कारों के लिए पूरे विश्वभर में जाना जाता हैं। यहाँ की वीरता और त्याग का गुणगान पूरे विश्वभर में किया जाता हैं। राजस्थान में यहाँ के वीरों की वीरता व शौर्य के कई प्रमाण व अवशेष उपस्थित हैं जो यहाँ के इतिहास की गाथाएँ गाते हैं। इन प्रमाणों व अवशेषों में सबसे प्रचलित हैं- यहाँ की छत्तरियाँ। राजस्थान की छत्तरियाँ जो अपने आप में यहाँ के इतिहास की जीति-जागती प्रमाण हैं। यहाँ की छत्तरियाँ अपने-आप में इतिहास व कई कहानियाँ लिए खडी़ है। यहाँ की छत्तरियाँ महज़ पत्थरों की छाँव नहीं हैं बल्कि ये हर पत्थर पर लिखी गई कई महागाथाएँ है! किसी रानी की, किसी योद्धा की, किसी के बलिदान की। राजस्थान की हवाओं में महक नहीं यहाँ का इतिहास बोलता हैं। इन छत्तरियाँ की दीवारों पर शौर्य की चीखे़ है , हर खम्बे में संस्कार की साँसे हैं। यहाँ कि हर एक छतरी अपने आप में एक महान योद्धा की वीरगाथा सुनाती हैं। यहाँ की छत्तरियाँ सिर्फ छत्तरियाँ नहीं है बल्कि कई राजा- महाराजाओं की वीरता व समर्पण, कई रानियों के त्याग, बलिदान व जौहर की प्रमाण हैं। ये छत्तरियाँ कई वीरों के बलिदान, रानियों के त्याग,प्रेम व राजा-महाराजाओं द्वारा दिए गए वचनों के स्वरूप में निर्मित की गई थीं जो आज भी इतिहास को कायम किए हुई हैं। यहाँ की कई छत्तरियाँ राजपरिवार के सदस्यों की याद में उनके वंशजों द्वारा भी निर्मित करवाई गई थीं। राजस्थान के हर जिलें में कई छत्तरियाँ निर्मित है जो वहाँ के इतिहास को दर्शाती हैं। ये छत्तरियाँ आज भी अपनी मिसाल दुनिया के सामने पेश कर रही हैं। पर दुःख की बात तो यह है कि राजस्थान की ये छत्तरियाँ आज के समय में लोगों के लिए महज़ एक सेल्फी पॉइंट और विजिट प्लेस बन गई हैं। यहाँ कि छत्तरियाँ जो कभी वीरों की गाथाएँ लिए खडी़ थी आज के समय में वो कई सवाल लिए खडी़ हैं। आज ये छत्तरियाँ यहाँ के लोगों से चीख-चीखकर कई सवाल करती हैं कि कहाँ गए वो लोग जो कभी इन छत्तरियों के इतिहास पर गर्व करते थे??? कहाँ गए वो वीर और वीरांगनाएँ जो अपनी धरती माँ के लिए अपना बलिदान दिया करते थे??? कहाँ गए वो वीर जिनका एक समय में इन छत्तरियों को देखकर सीना गर्व से चौडा़ हो जाता था??? कहाँ गई वो वीरांगनाएँ जो अपने सिंदूर की लाज रखने के लिए खुद को जौहर को समर्पित कर देती थीं??? आज के समय का इंसान इतिहास पर कई सवाल करता करता है। उसके सच होने या न होने का प्रमाण मांगता हैं। आज के समय में इंसान अपने फायदे के लिए इतिहास से छेड़छाड़ कर रहा हैं। विकास के नाम पर इतिहास को मिटाने की कोशिश की जा रही हैं। आज हम इतिहास के साथ छेड़खानी कर रहे हैं पर हम ये भूल रहे है कि एक समय के बाद इतिहास खुद को फिर दोहराएगा! लोगों को इतिहास के सच होने का यकिन करा जाएगा। वो समय भी जल्द आएगा जब हमें खुद पर शर्म आएगी यह सोचकर कि कितने महान थे वो वीर जिन्होनें हमारे लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए  पर तब तक बहुत देर हो जाएगी। तब तक सब कुछ तबाह हो जाएगा और हमारे हाथ कुछ भी नहीं आएगा जिससे हम हमारी आगे आनी पीढ़ियों को उन महान वीरों का इतिहास बताएँगे, उसका सच होने न होने का प्रणाम देना चाहेंगे पर तब हमारी बातों पर यकीन किसी को नहीं आएगा। और हजारों सवाल हमारे सामने आ खडे़ हो जाएँगे।।।






अगर मैंने कुछ भी गलत लिखा हो तो मुझे क्षमा करें। मेरे मन में जो आज के समय में इतिहास व इतिहास पर उठ रहे सवालों पर ख्याल मैंने वो आपके सामने पेश किए। एक राजस्थानी के लिए उसके राजस्थान प्रदेश व उसके महान वीर-वीरांगनाओं के इतिहास व त्याग-बलिदान से ज्यादा गर्व की बात कोई और हो ही नहीं सकती। मैं गर्व करती हूँ अपने प्रदेश व उसके विस्तृत व महान इतिहास पर।।।

                  ।।।।।जय राजस्थान।।।।।