परिचय:-
कविताओं के इस संग्रह 'सफ़र-ए-दिल' में, हम आपको एक गहन और भावनात्मक यात्रा पर आमंत्रित करते हैं। यह संग्रह मानव अनुभव की एक गवाही है, जिसमें भावनाओं, विचारों और अनुभवों के जटिल धागों को एक साथ बुना गया है। कविताओं के माध्यम से, हम आपको प्रेम, हानि, आशा और साहस के भूगोल में ले जाने का प्रयास करते हैं, और आपको मानव भावनाओं की गहराई में डूबने के लिए प्रेरित करते हैं।
इन कविताओं में जीवन की जटिलताओं का प्रतिबिंब है, जिसमें सुख-दुख, विजय और पराजय दोनों का समावेश है। ये कविताएँ सार्वभौमिक मानव अनुभव की बात करती हैं, जो व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से प्रासंगिक हैं। जब आप इन कविताओं को पढ़ेंगे, तो हमें उम्मीद है कि आप अपने अनुभवों और भावनाओं का प्रतिबिंब इनमें पाएंगे।
'सफ़र-ए-दिल' केवल कविताओं का संग्रह नहीं है - यह आत्म-खोज की यात्रा पर निकलने का आमंत्रण है, अपने दिल की गहराई को अन्वेषित करने का निमंत्रण है, और साझा मानव अनुभव में सुकून ढूंढने का अवसर है। हमें उम्मीद है कि ये कविताएँ आपकी आत्मा को छू जाएंगी, आपके विचारों को प्रेरित करेंगी, और आपके दिल पर एक अमिट छाप छोड़ जाएंगी।"
Kavita-1
मन की तिरंगा लहराते रहे
जिसे न रोक पाए कोई
हर रंग में छुपे हैं जीवन का सीख
जिसका समझ है कम लोगों के पास
लहराते तिरंगे की पहले वह रंग दर्शाता है मंजिल का मूल्य
जो बिछाता है मन में ख्वाबों का जाल
बना है यह जाल विश्वास की बुनियाद पर
जुनून की आंच से दृढ़
मन की तिरंगा लहराते रहे
लहराते तिरंगे की दूसरा वह रंग बनाता है हर आंसू को पत्थर सा मजबूत
जो न टूट पाए कभी
मन की तिरंगा लहराते रहे
लहराते तिरंगे के आखिरी वह रंग में
दिखती है हम स्वयं को मंजिल पाते हुए
मन की तिरंगा लहराते रहे
Kavita 2
सुनो सुनो उन पतों की कहानी,
जो आई है बिछड़कर अपनों से।
पवन की उस लहरों में गुंज रही है,
उनकी ध्वनि - सुनो सुनो मेरी कहानी।
पार करते हैं पत्ते एक दूसरे की रास्ते,
बिना कहे एक दूसरे से अपनी कहानी।
हे मानव, उन पतों को सुनो जो बनाता है,
हर आंसू को खुशियों की बरसातें,
सुनो सुनो मेरी कहानी।
हर मनुष्य को हम कहते रहेंगे कि
सुनो सुनो मेरी कहानी, सुनो सुनो मेरी कहानी।
Kavita 3
क्या रंग है उस मोहब्बत का जिसे बनाया है सातरंगी?
ना जानूं मैं न जाने तुम उस रंग की गहराइयों में उत्पन्न हुई अंदाज को।
देखो सनम, बना है इश्क विभिन्न रंगों के मिश्रण से |
लेकिन न मैं जानूं न जाने तुम कौन सा रंग है सर्वश्रेष्ठ?
कहते हैं कुछ तजुर्बे के बुनियाद में,
लाल रंग है प्यार की निशानी |
क्यों न मैं क्यों न तुम पूछते हैं यह सवाल ,
'क्यों न लिए कोई और रंग?'
मानते हैं लोग बरसो से,
यह रंग है वह इश्क रूपी लहू की,
जो दौड़ते हैं यादों से बरी रगों में|
न मानते मैं सनम, यही है प्रीति का रंग।
एक बार और पूछ रहा हूं मैं यह सवाल
उनसे जिनके पास है हर किसी का जवाब
'या खुदा क्या है प्यार का रंग?'
मुस्कुराहट बरी जवाब है
'कुछ रंग भी है क्या प्यार की?'
Kavita 4
देख लो देसी वीरों उन पदचिह्नों को
ये वही है जो अमर हो गया है
हर पदचिह्न याद दिलाता है उन वीरों को
जिसे जन्म दिया है इस धरती माँ ने
देखो देश वीरों उस मिट्टी का लाल रंग
देखती है वो उन वीरों की बलिदान
देखो उन बरसातें को
हर उस बूंद देते हैं उनको प्रणाम
देखो उन फूलों को जो देते हैं उसे चावा
देखो देखो न कहाना अलविदा उन वीर को
क्योंकि मिल गया है वो इस धरती माँ मे