Give Your Room a Biophilic Look in Hindi Anything by S Sinha books and stories PDF | अपने कमरे को बायोफिलिक लुक दें

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अपने कमरे को बायोफिलिक लुक दें

 

                                         अपने कमरे को बायोफिलिक लुक दें 

आजकल घर को बायोफिलिक डिज़ाइन या लुक देने का ट्रेंड बढ़ रहा है  . ग्रीक शब्द ‘ फिलिया ‘ का अर्थ है प्रेम  . बायोफिलिया का मतलब हुआ जीवित वस्तुओं से प्रेम . आदमी स्वभाव से प्रकृति प्रेमी होता है और यह हमारे DNA में है . इसलिए बायोफिलिक का मतलब हुआ हमारा  आर्किटेक्चर और अर्बन प्लानिंग ऐसा हो जिससे हम नेचर के निकट और जुड़े रहें  . 

 
बायोफिलिक डिज़ाइन अब सिर्फ बाहर न रहा है बल्कि घरों के अंदर पहुँच गया है  . संक्षेप में बायोफिलिक डिज़ाइन का अर्थ हुआ आउटडोर को इंडोर डिज़ाइन में लाना  . इस से  हमें न सिर्फ प्रकृति से निकट और जुड़े होना अनुभव होता है बल्कि यह आजकल हमारे वेलनेस का एक अहम हिस्सा है  . इसका अर्थ सिर्फ घर में कुछ प्लांट्स लगाना नहीं है  . 


बायोफिलिक डिज़ाइन - इसमें पर्यावरण के कुछ अन्य  पहलू भी हैं , जैसे नेचुरल संशाधनों का ज्यादा प्रयोग - पत्थर , बम्बू , प्लांट्स और लकड़ी आदि    . फर्नीचर और आर्किटेक्चर के डिज़ाइन प्रकृति में पाए जाने वाले शेप के हों -  धनुषाकार , मधुकोश , पक्षी का घोंसला , पत्ती के आकार का सोलर पैनल आदि  .  लाइट के ऐसे सोर्स हों जिससे डे लाइट जैसा महसूस हो . इसके अतिरिक्त बायोफिलिक डिज़ाइन सिर्फ घर तक सीमित हो जरूरी नहीं बल्कि इसे अपने वर्क प्लेस में भी अपना सकते हैं  . 

 
इस तरह से बायोफिलिक डिज़ाइन अपना सकते हैं - 

 
1 . नेचुरल संसाधनों का ज्यादा उपयोग - घर , फ्लोर , फर्नीचर आदि के  निर्माण के समय और उसके बाद अन्य एक्सेसरीज  ( Accessories) में   प्रकृति में वर्तमान वस्तुओं का अधिकतम प्रयोग हो , जैसे - लकड़ी , बाँस , कॉर्क , पत्थर , बेंत ( rattan ) आदि  .   चादर ,पर्दे या अन्य उपहोल्स्ट्री के लिए जूट ,  सूती  लिनेन आदि का उपयोग   . जहाँ सम्भव हो मिटटी , चूना , स्ट्रॉ , रिसाइकिल्ड पदार्थ जैसे  स्टील , प्लास्टिक आदि   .  


2 . प्लांट्स और ग्रीनरी (  Plants and Greenery:) -  अपने अलग अलग कमरों में कुछ प्लांट्स और ग्रीनरी रखें  . यह देखने में भी नेचुरल और अच्छा लगता है और इससे हवा भी शुद्ध होती है  . प्रकृति में ऐसे पौधे हैं जो बंद कमरे और बहुत कम सनलाइट में भी जिंदा रहते और फलते फूलते हैं , जैसे - मनी प्लांट , स्नेक प्लांट , फिडल लीफ फिग , रबर प्लांट , स्पाइडर प्लांट , पीस लिली ( peace lily ) फ़र्न ( fern )  . घर के बाहर  टेरेस गार्डन , वर्टिकल गार्डन्स ,  दीवारों  स्टेयर केस आदि पर बेल वाले प्लांट्स आदि लगा सकते हैं  .  

 
प्रकृति से मिलती जुलती सजावट जैसे - दीवारों पर वॉलपेपर , रग्स ( rugs ) , आर्ट वर्क में पत्तों या फूलों के प्रिंट या पेंटिंग , नेचुरल बर्फीले पहाड़ों , झरनों आदि के दृश्य  रखें  . 

 
3 . नेचुरल लाइट और वेंटिलेशन का अधिकतम प्रयोग - दरवाजे , खिड़की , बालकनी और अन्य खुली जगहों से नेचुरल लाइट और हवा का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना अच्छा है  .रूम में  खिड़की पर शेयर कर्टेन ( sheer curtain ) के उपयोग से  एक सॉफ्ट डेलिकेट लुक के साथ प्रकाश मिलता है और आपकी प्राइवेसी भी बनी रहती है  . इससे मूड भी अच्छा रहता है और बॉडी का सिरकाडियन रिदम  ( circadian rhythm ) भी बना रहता है जिससे सोने में मदद मिलती है  . 

 
दीवारों पर आईना ( mirror )  और सफ़ेद पेंट लाइट को रिफ्लेक्ट करता है जिससे घर में ज्यादा लाइट होता है  . आईना बड़ा और हेवी होना चाहिए  .  इसे दीवार पर टांगने के बाद भी इसकी सफाई आदि पर सावधानी बरतनी चाहिए  . 

 
यथासंभव खिड़कियां  साइज में बड़ी  हों और  खुली हों ताकि कमरों में फ्रेश हवा का संचालन होता रहे  . यदि घर के आसपास का वातावरण साफ़ हो तब प्रतिदिन कुछ समय के लिए दरवाजे  या / और खिड़कियां खुली रखें  . 

 
4 . आर्गेनिक शेप और बनावट चुनें - फर्नीचर और अन्य सजावट के सामान में नेचुरल लुक देने के लिए आर्गेनिक शेप चुनें , जैसे - कर्व्ड ,  दरवाजे या अन्य एंट्रेंस पर धनुषाकार ( arched ) , वुडेन पैनल , बुनावट वाले बास्केट आदि  . नेचुरल रंगों का चुनाव करें , जैसे - हरा , क्रीम , ब्राउन और ब्लू  . 

 
5  . मधुर वातावरण - अपने म्यूजिक सिस्टम , एलेक्सा , गूगल , यूट्यूब आदि से मधुर एवं धीमा नेचुरल  संगीत ( चिड़ियों का चहचहाना , झरने के पानी , पत्तों की सरसराहट आदि की आवाज आपके वातावरण को मधुर बना देता है ,  दर्द और  तनाव को कम करता है  और  मूड ताजा रहता है  .  

संभव हो तो घर में  या बाहर गार्डन में हाउस फाउंटेन ( झरना )  या  मछलीघर ( एक्वेरियम ) रखें  . 

 
6 . बेडरूम -  आपका बेडरूम बहुत महत्व रखता है  . यहाँ का वातावरण सूदिंग और शांत हो ताकि दिन भर की थकान के बाद आप चैन की नींद ले सकें  . बेडरूम रिलैक्सेशन को केंद्र में रखकर बायोफिलिक बनाना और सजाना चाहिए  . उपरोक्त नेचुरल चीजों , प्लांट्स , लाइट , शेप , रंगों , टेक्स्चर आदि को ध्यान में रखते हुए सजाएं  .  

बायोफिलिक डिज़ाइन से लाभ - 

नेचुरल लाइट , नेचुरल प्रतिवेश ( surroundings ) , स्वच्छ वायु और बेहतर वेंटिलेशन के चलते तनाव कम होता है , मूड बेहतर रहता है और पॉजिटिव वातावरण अनुभव होता है जिसके चलते वर्कप्लेस में कार्यकुशलता बनी रहती है  . 

कृत्रिम या सिंथेटिक चीजों से बने रूम प्रतिवेश और स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक हो सकते हैं  . नेचुरल साधनों से बने और नेचुरल दृश्यों से निकटता  बायोफिलिक रूम से मन में शांति बनी रहती है  . 

यह प्रकृति और पर्यावरण के प्रति प्रबंधन ( stewardship. ) और जागरूकता बढ़ाती है  . 
बायोफिलिक डिज़ाइन हमारी इन्द्रियों को और तीक्ष्ण  बनाता है जिससे लाइट , साउंड , टेस्ट , स्मेल और स्पर्श का अच्छा ज्ञान बोध होता है और  प्रतिवेश से अभ्यस्त बनाता है  . 

 

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