लेखक ने इस अध्याय में कहा है कि हमारे आधुनिक समय के जो शिक्षक हैं वे शिक्षा के प्रति प्रमुख व्यक्ति नहीं हैं और ना ही कोई विशेष है कि वे एक शिक्षक अच्छे वाले व्यक्तित्व वाले हैं। आज के आधुनिक समाज के शिक्षक के अनुसार बच्चों और विद्यार्थियों को ज्ञान देना एक शिक्षक का उद्देश्य सही नहीं है। इसलिए प्रत्येक एवं अच्छे उच्च अर्थात् आदर्श शिक्षक एवं शिक्षक का यही कर्तव्य है कि वह ना तो धन संचय करने के उद्देश्य से बच्चों को ज्ञान दे और ना ही आधा ज्ञान प्राप्त कर स्वयं को गुरु या शिक्षक समझ ले। एक अच्छे व्यक्तित्व और नैतिक एवं आदर्श आधुनिक शिक्षक में ये कुछ विशेष गुण होने चाहिए
(1) एक अच्छा शिक्षक पहले तो वह स्वयं मेहनती और ईमानदार व्यक्ति हो तथा वह एक साहसी व्यक्ति की तरह ही कठिन से कठिन जीवन शैली अपनाता हो।
(2)ताकी वह अपने बच्चों और विद्यार्थियों को परिश्रम साहस साहस साहस और पढ़ाई के महत्वपूर्ण आदि सब के बारे में अच्छे से बताएं और समझाएं।
(3) एक उच्च व्यक्तित्व एवं वैज्ञानिक तथा आदर्श शिक्षक को स्वयं को गुरु या शिक्षक साहिल चाहिए जिससे उनमें कभी-कभी घमंड ना पैदा हो। तथा बच्चों को अपना मित्र समझकर उन्हें ज्ञान प्रदान करना चाहिए।
(4) एक अच्छे एवं आदर्श शिक्षक का उद्देश्य ज्ञान देने के पीछे धन संचय करना नहीं होना चाहिए। तथा उनका उद्देश्य उच्च होना चाहिए शिक्षा समाज और राष्ट्र देश और बच्चों के प्रति।
(5) हमारे आधुनिक समय के शिक्षक को न तो अपने ज्ञान पर न ही अपने व्यक्तित्व पर अहंकार करना चाहिए। क्योंकि इससे एक शिक्षक व गुरु में हीन भावना उत्पन्न हो सकता है। इसलिए शिक्षक व गुरु को अपने कर्तव्य को अपने जीवन का हिस्सा समझना चाहिए। हमारे शिक्षक हमारे समाज राष्ट्र एवं देश व नागरिकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि इन्हीं से हमारे देश के छात्राओं में देश राष्ट्र एवं समाज के प्रति एक कुशल भावना का विकास संभव है। और यही छात्र बडे़ होकर हमारे देश के उच्च तथा शिक्षित नागरिक बनते हैं। और देश राष्ट्र समाज तथा नागरिकों की सेवा में सहायक तथा कुशल होते हैं। और इनसे ही सबका उन्नति संभव है।ये सत्य है कि हर कोई शिक्षक नहीं बन सकता है परंतु आज इस आधुनिक समय में हर कोई शिक्षक ही बन रहा है परंतु शायद ही उन्हें इस पद के बारे में और एक वास्तविक शिक्षक के जीवन के बारे में ज्ञान है। क्योंकि इस वर्तमान समय में सब जगह भ्रष्टाचार फैला हुआ है। पहले समय के शिक्षक एवं आधुनिक समय के शिक्षक में बहुत अंतर है क्योंकि इनमें और उनमें कर्तव्यों का अंतर है। एक शिक्षक को पहले तो जीवन बहुत कठिन है यह समझना चाहिए तभी उनमें कर्तव्यों के प्रति विचार उत्पन्न होगा। और अपने तथा अपने शिष्यों व छात्राओं के जीवन में भी सुधार होगा और महान बनेगा। हम सब सभी शिक्षक को इसीलिए भगवान मानते हैं।