Social Media aur Bhagwat Prasaad - 2 in Hindi Comedy stories by saif Ansari books and stories PDF | शोसल मीडिया और भगवत प्रसाद - 2

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शोसल मीडिया और भगवत प्रसाद - 2

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अगला एपिसोड: जब 'जलेबी बाबा' पहुंचे रियलिटी शो में

भगवत प्रसाद की अनपेक्षित प्रसिद्धि बढ़ती ही जा रही थी। उनके मुस्कुराते हुए चेहरे के मीम्स हर तरफ छा गए थे और लोग उनकी सादगी और आनंदमय अभिव्यक्ति के दीवाने हो रहे थे। इसी बीच, एक लोकप्रिय रियलिटी शो, "इंडिया का सबसे वायरल कौन?", के निर्माताओं की नज़र भगवत प्रसाद पर पड़ी।

शो के होस्ट, जो अपनी चटपटी बातों और नाटकीय अंदाज़ के लिए जाने जाते थे, ने भगवत प्रसाद से संपर्क किया। उन्होंने उन्हें शो में एक विशेष अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया। भगवत प्रसाद, जिन्हें रियलिटी शो के बारे में भी ज़्यादा जानकारी नहीं थी, पहले तो हिचकिचाए। लेकिन रोहन, जो इस मौके की गंभीरता को समझ रहा था, ने उन्हें मना लिया। उसे लगा कि यह दादाजी के लिए एक मज़ेदार अनुभव हो सकता है और शायद कुछ पैसे भी मिल जाएँ।

भगवत प्रसाद को मुंबई ले जाया गया। यह उनके लिए एक बिल्कुल नई दुनिया थी - चकाचौंध वाली लाइट्स, कैमरों का झुंड और मेकअप आर्टिस्ट उनके चेहरे को चमकाने में लगे थे। वह थोड़ा घबराए हुए थे, लेकिन उनके चेहरे पर वही भोली मुस्कान बरकरार थी जिसने उन्हें मशहूर किया था।

शो के सेट पर, भगवत प्रसाद को देखकर दर्शकों में ज़बरदस्त उत्साह था। होस्ट ने उनका परिचय "इंटरनेट के सबसे आनंदमय चेहरे, जलेबी बाबा!" के तौर पर कराया। भगवत प्रसाद ने मंच पर आकर सभी को हाथ जोड़कर नमस्ते किया।

शो के दौरान, होस्ट ने उनसे उनकी वायरल वीडियो के बारे में पूछा। भगवत प्रसाद ने अपनी ठेठ अंदाज़ में कहा, "अरे बेटा, वो तो बस जलेबी अच्छी थी! क्या करें, स्वाद ही ऐसा था कि मुँह से वाह निकल गया।" उनकी इस सादगी भरी बात पर पूरा स्टूडियो हँसी से गूँज उठा।

फिर, शो में एक मज़ेदार सेगमेंट रखा गया जहाँ प्रतियोगियों को भगवत प्रसाद के मशहूर जलेबी खाने के एक्सप्रेशन की नकल करनी थी। लोगों ने अजीबोगरीब चेहरे बनाए, आँखें बंद कीं और होंठों को फैलाया, लेकिन कोई भी उस सहज और स्वाभाविक आनंद को नहीं पकड़ पाया जो भगवत प्रसाद के चेहरे पर दिखता था।

श्रीमती कामिनी कपूर भी शो में एक जज के तौर पर मौजूद थीं। उन्होंने भगवत प्रसाद की प्रशंसा करते हुए कहा, "भगवत जी, आपका आनंद असली है, अनमोल है! यह दिखाता है कि सच्ची खुशी साधारण चीजों में भी मिल सकती है - जैसे एक स्वादिष्ट जलेबी!"

शो के अंत में, होस्ट ने भगवत प्रसाद को एक ट्रॉफी दी - एक बड़ी सी सुनहरी जलेबी! भगवत प्रसाद ने ट्रॉफी को पकड़ा और मुस्कुराते हुए कहा, "इसे खा सकते हैं क्या?" उनकी इस मासूमियत पर फिर से सब हँस पड़े।

मुंबई से वापस आने के बाद, भगवत प्रसाद की प्रसिद्धि और बढ़ गई। लोग उन्हें और भी ज़्यादा प्यार करने लगे थे। उन्हें कई और टीवी शो और विज्ञापनों के ऑफर आने लगे, लेकिन भगवत प्रसाद अपनी साधारण ज़िंदगी में ही खुश थे। उन्होंने कुछ चुनिंदा ऑफर्स स्वीकार किए, ज़्यादातर इसलिए क्योंकि रोहन उन्हें थोड़ा घुमाना-फिराना चाहता था।

एक विज्ञापन में, उन्हें जलेबी खाते हुए दिखाया गया और उनकी आनंदमय मुस्कान को "असली खुशी का स्वाद" के तौर पर प्रचारित किया गया। भगवत प्रसाद को यह सब थोड़ा अजीब लगता था, लेकिन उन्हें इस बात की खुशी थी कि उनकी वजह से लोगों के चेहरे पर हँसी आ रही है।

और इस तरह, भगवत प्रसाद त्रिपाठी, जो गलती से इंटरनेट सेंसेशन बने थे, अब एक राष्ट्रीय हस्ती बन गए थे, अपनी सादगी और एक जलेबी के स्वाद के प्रति अपने सहज प्रेम के लिए जाने जाते थे।

यह एपिसोड आपको कैसा लगा? क्या हम 'जलेबी बाबा' की और भी मज़ेदार कहानियाँ लिखें?