dreams and struggles in Hindi Moral Stories by DINESH KUMAR KEER books and stories PDF | सपने और संघर्ष

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सपने और संघर्ष

*सपने और हकीकत*

एक छोटे से गाँव में एक व्यक्ति रहता था जो बेहद आलसी और गरीब था। वह कुछ भी मेहनत नहीं करना चाहता था, लेकिन अमीर बनने के सपने देखता रहता था। वह भिक्षा मांगकर अपना गुजारा करता था और अक्सर अपने भाग्य को कोसता रहता था।

एक दिन, उसे भिक्षा के रूप में दूध से भरा एक घड़ा मिला। वह बहुत प्रसन्न हुआ और दूध का घड़ा लेकर घर चला गया। उसने दूध को उबाला, उसमें से कुछ दूध पिया और बचा हुआ दूध एक बर्तन में डाल दिया। दूध को दही में बदलने के लिए उसने बर्तन में थोड़ा सा दही डाला।इसके बाद, वह सोने के लिए लेट गया। वह सोते समय दही के बर्तन के बारे में सोचने लगा। उसने सोचा, "सुबह तक दूध दही बन जायेगा। मैं दही को मथकर उससे मक्खन बना लूंगा। फिर मक्खन को गर्म करके उससे घी बना लूंगा। फिर घी को बाजार में जाकर उसे बेच दूँगा और कुछ पैसे कमा लूंगा।

"उसकी कल्पनाएं और भी बढ़ गईं। उसने सोचा, "उस पैसे से मैं एक मुर्गी खरीदूंगा। मुर्गी अंडे देगी, उन अंडो से बहुत सारे मुर्गे मुर्गी पैदा होंगे। फिर ये मुर्गियां सैकड़ों अंडे देंगी और मेरे पास जल्द ही एक पोल्ट्री फार्म होगा।

"वह कल्पना में डूबा रहा और उसके सपने और भी बड़े होते गए। उसने सोचा, "मैं सारी मुर्गियां बेच दूंगा और फिर कुछ गाय भैंस खरीद लूंगा और दूध की डेयरी खोल दूंगा। शहर के सभी लोग मुझसे दूध खरीदने आएंगे और मैं बहुत जल्दी ही अमीर हो जाऊंगा।

"उसकी कल्पनाएं और भी रंगीन होती गईं। उसने सोचा, "फिर मैं अमीर परिवार की खूबसूरत लड़की से शादी कर लूंगा। फिर मेरा एक सुंदर सा बेटा होगा। अगर वह कोई शरारत करेगा तो मुझे बहुत गुस्सा आएगा और उसे सबक सिखाने के लिए मैं उसे डंडे से ऐसे मारूंगा।

"यह सोचने के दौरान, उसने बिस्तर के बगल में पड़ा डंडा उठाया और मारने का नाटक करने लगा। यही डंडा उसके दूध के बर्तन में लग गया और दूध का बर्तन टूट गया, जिससे सारा दूध जमीन पर फैल गया। बर्तन की आवाज सुनकर उस आदमी की नींद उड़ गई।

फैला हुआ दूध देखकर उसने अपना सिर पकड़ लिया। उसे एहसास हुआ कि उसके सपने अभी भी दूर हैं और उसने अपने एकमात्र संसाधन को भी खो दिया है। उसे समझ में आया कि सपने देखना अच्छी बात है, लेकिन हमें उन सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत भी करनी होगी।

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि सफलता पाने के लिए हमें अपने सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी और व्यावहारिक कदम उठाने होंगे। हमें अपने सपनों को व्यावहारिक बनाने के लिए कदम उठाने होंगे और आलस्य से बचना होगा।


इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है:

1. *कड़ी मेहनत*: हमें अपने सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।

2. *व्यावहारिकता*: हमें अपने सपनों को व्यावहारिक बनाने के लिए कदम उठाने होंगे।

3. *आलस्य से बचना*: आलस्य हमें अपने सपनों से दूर कर सकता है, इसलिए हमें आलस्य से बचना होगा।


यह कहानी हमें याद दिलाती है कि सफलता पाने के लिए हमें अपने सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी और व्यावहारिक कदम उठाने होंगे।