The value of words in Hindi Moral Stories by DINESH KUMAR KEER books and stories PDF | शब्दों की कीमत

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शब्दों की कीमत

*वाणी पर नियंत्रण की महत्ता*

एक छोटे से गाँव में एक बूढ़ा आदमी रहता था। वह आदमी अपनी बातों के लिए जाना जाता था, लेकिन उसकी बातें अक्सर नकारात्मक और हानिकारक होती थीं। एक दिन, उसने अपने पड़ोस में रहने वाले एक नौजवान के बारे में एक अफवाह फैला दी कि वह चोर है। यह बात दूर-दूर तक फैल गई और लोगों ने उस नौजवान से दूरी बनाना शुरू कर दिया।

नौजवान परेशान हो गया और उसने अपनी बेगुनाही साबित करने की कोशिश की, लेकिन कोई उसकी बात नहीं सुनना चाहता था। तभी गाँव में एक चोरी की वारदात हुई और शक उस नौजवान पर गया। उसे गिरफ्तार कर लिया गया और उसके खिलाफ मुकदमा चलाया गया।

लेकिन कुछ दिनों के बाद, सबूत के अभाव में वह निर्दोष साबित हो गया। निर्दोष साबित होने के बाद, वह नौजवान चुप नहीं बैठा। उसने उस बूढ़े आदमी पर गलत आरोप लगाने के लिए मुकदमा दायर कर दिया।

पंचायत में बूढ़े आदमी ने अपने बचाव में सरपंच से कहा, "मैंने जो कुछ कहा था, वह एक टिप्पणी से अधिक कुछ नहीं था। किसी को नुकसान पहुंचाना मेरा मकसद नहीं था।" सरपंच ने बूढ़े आदमी से कहा, "आप एक कागज के टुकड़े पर वो सब बातें लिखें, जो आपने उस नौजवान के बारे में कहीं थीं और जाते समय उस कागज के टुकड़े-टुकड़े करके घर के रास्ते पर फ़ेंक दें। कल फैसला सुनने के लिए आ जाएँ।"

बूढ़े आदमी ने वैसा ही किया। अगले दिन, सरपंच ने बूढ़े आदमी से कहा, "फैसला सुनने से पहले आप बाहर जाएँ और उन कागज के टुकड़ों को इकट्ठा कर ले आएं, जो आपने कल बाहर फ़ेंक दिए थे।" बूढ़े आदमी ने कहा, "मैं ऐसा नहीं कर सकता। उन टुकड़ों को तो हवा कहीं से कहीं उड़ा कर ले गई होगी। अब वे नहीं मिल सकेंगें। मैं कहाँ-कहाँ उन्हें खोजने के लिए जाऊंगा?"

सरपंच ने कहा, "ठीक इसी तरह, एक सरल-सी टिप्पणी भी किसी का मान-सम्मान उस सीमा तक नष्ट कर सकती है, जिससे वह व्यक्ति किसी भी दशा में दोबारा प्राप्त करने में सक्षम नहीं हो सकता। आपके शब्दों ने उस नौजवान के जीवन को प्रभावित किया है और अब आप उन शब्दों को वापस नहीं ले सकते।"

बूढ़े आदमी को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने अपनी गलती के लिए माफी मांगी। सरपंच ने फैसला सुनाया कि बूढ़े आदमी को अपनी गलती के लिए माफी मांगनी होगी और भविष्य में अपने शब्दों का चयन सावधानी से करना होगा।

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमारे शब्दों का प्रभाव स्थायी हो सकता है और हमें अपने शब्दों का चयन सावधानी से करना चाहिए। हमें बोलने से पहले सोच-समझकर बोलना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे शब्द सकारात्मक और रचनात्मक हों। यदि हम किसी के बारे में कुछ अच्छा नहीं कह सकते, तो हमें चुप रहना चाहिए और किसी के बारे में नकारात्मक बातें नहीं करनी चाहिए।

इस कहानी से हमें यह भी शिक्षा मिलती है कि हमें अपने शब्दों के लिए जिम्मेदार होना चाहिए और उनकी कीमत समझनी चाहिए। हमें अपने शब्दों का उपयोग दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं करना चाहिए, बल्कि हमें अपने शब्दों का उपयोग दूसरों की मदद करने और उन्हें प्रेरित करने के लिए करना चाहिए।