कहानी का नाम: "अधूरी सी दोस्ती, अधूरा सा प्यार"
कभी-कभी ज़िंदगी के सबसे हसीन किस्से वही होते हैं, जिनकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की होती।
ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है… एक लड़के की, जो हर सुबह बैग टांगे, सपनों से भरी आंखें लिए स्कूल की ओर निकल पड़ता था।
सब कुछ एक रूटीन जैसा था—वही रास्ते, वही घंटियां, वही क्लासरूम…
पर उसे क्या पता था कि एक दिन यही रूटीन उसकी ज़िंदगी की सबसे ख़ूबसूरत और सबसे अधूरी कहानी बन जाएगा।
8वीं क्लास पास करते ही उसे एक नया स्कूल मिला, और वहीं एक नई शुरुआत भी।
भीड़ में हज़ारों चेहरों के बीच, एक चेहरा ऐसा था जो सबसे अलग था—खामोश, संजीदा, और रहस्यमयी।
वो लड़की, जिसने पहली बार उसे देखा भी नहीं…
और वो लड़का, जो पहली नज़र में उसे देखता ही रह गया।
शुरुआत में दोनों के बीच कोई बात नहीं हुई… बस एक मौन रिश्ता था, जो आंखों से गुजरता और दिल में कहीं बैठ जाता।
पर वक़्त के पास सब बदल देने की ताकत होती है।
धीरे-धीरे कुछ शब्दों ने रास्ता तलाशा… और फिर दोस्ती की शुरुआत हो गई।
पर ये दोस्ती आसान नहीं थी—क्योंकि उस लड़की का भाई भी उसी स्कूल में पढ़ता था।
इसलिए उनके रिश्ते को कोई नाम देना तो दूर, ज़िक्र तक मना था।
फिर भी, छुप-छुपकर की गई वो बातें, वो लंच शेयर करना, वो चुपके से मुस्कुरा देना… यही उनकी दुनिया थी।
और ऐसे ही 9वीं क्लास भी बीत गई।
लेकिन फिर एक मोड़ आया—एक ऐसा मोड़ जो किसी भी कहानी को बदल देता है।
लड़के का स्कूल बदल गया।
रास्ते अलग हो गए। ज़िंदगी नए मोड़ों पर निकल गई।
दो साल गुजर गए।
उस लड़की की ज़िंदगी में कोई और आ गया…
और लड़का…?
वो आज भी वहीं खड़ा था…
उन्हीं यादों में…
उसी एक लड़की में।
वो उसे भुला नहीं पाया।
हर राह, हर सपना बस उसी से जुड़ा हुआ था।
फिर एक दिन…
किस्मत ने दोबारा करवाया उनका सामना।
रास्ते में वही लड़की… वही आंखें… बस वक़्त थोड़ा बदल गया था।
लड़के ने फिर से कोशिश शुरू की…
वो अब भी उससे बात करना चाहता था, पहले जैसा हंसना चाहता था।
और इस बार… वो लड़की भी मुस्कुराई।
धीरे-धीरे, ऑनलाइन बातें शुरू हुईं।
वो फिर से दोस्त बने… और इस बार पहले से भी ज़्यादा करीब।
अब उनके बीच एक अजीब-सी समझ बन चुकी थी, एक ऐसा जुड़ाव जो कहे बिना भी बहुत कुछ कह देता था।
पर इस बार भी, प्यार उनके लबों तक आकर रुक गया।
दोनों के दिलों में अहसास था… पर ज़ुबां पर सन्नाटा।
और जैसे ही सब कुछ ठीक लगने लगा था… कहानी वहीं रुक गई।
क्योंकि कुछ कहानियां पूरा होने के लिए नहीं होतीं,
वो बस दिल में बस जाने के लिए होती हैं।
आज भी वो लड़का उसे याद करता है…
और शायद वो लड़की भी…
पर दोनों जानते हैं,
कि उनकी कहानी में 'अधूरा' हो
ना ही उसकी सबसे बड़ी ख़ूबसूरती है।
Writter By [ karan kumar ]
[ Heartline Hindi ]
यह कहानी रियल लाइफ पर आधारित है