World’s People's
प्राकृतिनम
विषय सूची:-
ज्ञान, जानकारी एंव खोज।
प्रकृति ही भगवान है। अच्छे कार्य करने से, जिंदगी कितनी आनंददायक हो जाती है। बुरें जीवों के साथ बुरा होता है, परंतु भगवान उन्हें तुरंत मौत नहीं देते है। उन्हें भी सुधरने का मौका देते हैं, अच्छे कार्य करने का मौका देते हैं। क्योंकि अच्छे कार्यों से ही बुरें कार्यों को धोया जा सकता है। अच्छे जीव बनों तो अहसास होगा कि जिंदगी कितनी आनंददायक है। उपवास करने और मन्दिर, मस्जिद, चर्च, गिरजाघर आदि में पूजा करने से भगवान आपको आर्शीवाद नहीं देते है, भगवान आपको आर्शीवाद देते हैं, आपके द्वारा किये गये अच्छे कार्यों से। कोई किसी भी धर्म का हो किसी भी जाति का हो, परंतु है तो वह एक मनष्य। दहेज प्रथा की वजह से, हर वर्ष कितनी लड़कियों के पैदा होने से पहले ही उनकी हत्या कर दी जाती है। दुनिया से यदि पेड़-पौधे पुरी तरह समाप्त हो गए तो एक दिन पृथ्वी भी शुक्र ग्रह जैसा रूप ले लेगा। 21 वर्ष से कम उम्र में लड़की की शादी होने से, होने वाले बच्चे को खतरा रहता है। दुनिया में भूत-प्रेत, आत्मा, पूर्व जन्म और जोंबी नहीं होते हैं। इन सब का होना मनुष्य की मात्र कल्पना है। मांस-अंडे का सेवन नहीं करने से आप कई प्रकार की बीमारियों से बच जाते हैं। अच्छा करने से अच्छा होता है और बुरा करने से बुरा होता है, यह आप पर निर्भर है की आप क्या चाहते हैं। अश्लील वीडियोज और तस्वीरें देखने से यह आपके बौद्धिक क्षमता, कार्य करने की क्षमता, ध्यान लगाने की क्षमता में कमी करने, शारीरिक कमजोरी, सफलता में रुकावट और मानसिक रूप से बीमार करने में कारगर है। ज्ञान को छिना नहीं जा सकता है, ज्ञान को प्राप्त किया जा सकता है। अच्छे कार्य करके भाग्य को अच्छा किया जा सकता है। खाना खाने के बाद कुल्ला करने से आपके दाँतों में चिपके खाने के कण निकल जाते है और आपके दाँत साफ एवं स्वस्थ रहते है। लहसुन और दवाई को एक साथ सेवन करने से शरीर पर प्रतिक्रिया (रिएक्शन) हो सकता है। अजवाइन का सेवन करने से आपके पेट में मौजूद सभी छोटे-छोटे कीड़े मल के द्वारा बाहर निकल जाते हैं। प्रोटीन के मुख्य स्रोत वाले खाद्य पदार्थ चना दाल, रोटी मूंग, सोयाबीन आदि। हर दिन 8-9 घंटे की नींद लेने से दिमाग और शरीर अच्छा रहता है। 8-9 घंटे की नींद को पूर्ण नींद कहा जा सकता है। चिन्ता करने या तनाव में रहने से लाभ नहीं। प्राकृति को निहारने से आपका मन प्रसन्नचित हो जाता है। खाने की वस्तुओं और पानी रखे हुए बर्तन को अच्छे से ढकने से आपका पानी और भोजन संदूषित होने से बच जाता है। खुली वातारण में घाव या चोट जल्दी सोखते एंव भरते है। सरसों का तेल चमड़े के फटे हुए भाग को ठीक कर सकता है। केरोटोलिसेस होने पर उस भाग पर सरसों का तेल लगाने से यह ठीक हो सकता है। जो बात आपको तनाव या परेशान कर रहे हैं, उस बात को पन्ने पर लिखकर उतार देने से आपका मन हल्का हो सकता है। अच्छे कार्यों में सबकी सहायता करना, किसी के प्राण बचाना, अच्छे कार्य करना, ज्ञान बाँटना आदि धर्म है। जिन्दगी में कुछ न कुछ लक्ष्य होने से जिन्दगी मज़ेदार हो जाती है। अपने कार्य को पूरी ईमानदारी के साथ करने से आपको अच्छा महसूस होता है। जो बिना लड़ाई-झगड़ा किये किसी भी बात का समाधान कर दें वही बुद्धीमान है। जो शादी करने में समर्थ हो, तभी उसे प्यार करना चाहिए। व्यापार चलता है, अच्छे और टिकाऊ सामानों से। जो हम अपनी आँखों से देखते हैं, वह कई बार गलतफहमी भी हो सकती है। आपके अच्छे कार्यों से, लोग आपको याद रखेगे। आप मेहनत और कोशिश करते रहे, जब तक आप सफल न हो जाएँ। शरीर को मिट्टी में विलिन करने से वायु प्रदूषण बढ़ने की सम्भावना कम हो जाती है। अहिंसा पर विश्वास रखने से कई प्रकार के संकटों से बचा जा सकता है। रात को सोते समय जलते हुए बल्ब को बंद करके या अपने आंखों को कपड़े से ढक्कर सोने से बल्ब के तेज प्रकाश से आँखों और मस्तिष्क को प्रभावित होने से बचाया जा सकता है। पेड़-पौधों को उगाने से मन शांत, सुखी और दिमाग फ्रेश रहता है। अधिक नमक युक्त या चीनी युक्त भोजन का सेवन नहीं करने से कई प्रकार के बीमारियों से बचा जा सकता है। पानी की समस्या को दूर करने के लिए अधिक से अधिक पेड़-पौधें उगाने चाहिए और अधिक से अधिक डोभा, बाँध, तालाब, कुआं और डेम का निर्माण कराना चाहिए। क्योंकि पेड़-पौधें वर्षा को अपनी ओर लाते है। दुनिया में कोई आत्मा नहीं है, आत्मा सिर्फ एक मानवीय कल्पना है। दिमाग का स्टोरेज अनन्त है। जो विषय आपको पसंद है और जो विषय आपको पढ़ने-लिखने में अच्छा लगता है। उस विषय को चुनिए, आप सफल हो सकते है। मोबाईल चार्ज दिये हुए चलाने या उपयोग करने से, मोबाइल का बैटरी खराब होने और फटने की संभावना रहती है। खेल में विपक्षी पक्ष को कमजोर समझना गलती होंगी। अच्छे कार्यों का साथ देने से आपके साथ अच्छा होता है। मांसाहारी या विषैले जीव-जन्तुओं को नहीं पालने से, आप भयंकर परिणाम से बच सकते हैं। भगवान, गाॅड, अल्लाह, ईश्वर नाम अलग-अलग है, परंतु भगवान एक है। गंगा में स्नान करने से पाप नहीं धुलते है, पाप धुलते है अच्छे कार्य करने से। किसी भी जीव-जन्तु की हत्या करने या बलि देने से आपके जीवन में अशांति, उदासी, दुःख और कलेश आता है। किसी भी जीव-जन्तु को छेड़ना खतरनाक साबित हो सकता है। अच्छे कार्यों से कमाया गया धन। आपको सुख, शांति और लाभ पहुँचायेगा। बेइमानी, चोरी, हिंसा, झूठ और जुहा मनुष्य को कई प्रकार के संकट में डाल सकती है। लोभ, लालच की अधिकता इंसान को कई प्रकार के मुसीबतों में डाल सकती है। यदि आप में विश्वास है कि में सफल हो सकता है, तो आप सफल हो सकते है। अपने आपको पीड़ा पहुंचाना या अपने से अपने जीवन को समाप्त कर लेना, पाप की प्राप्ति करना है। गलती करने के बाद पछताने से लाभ नहीं। उस गलती से सीख लेकर, दौबारा गलती करने से बचना चाहिए। जलवायु परिवर्तन होने का मुख्य कारण है- पेड़़-पौधों की घटती जनसंख्या। मनुष्यों को ज्ञान मिलता है:- देखने से, सुनने से, पढ़ने से और लिखने से। भगवान ने हमें जो जीवन दिया है, हमें उसका आनंद लेना चाहिए। कठिन संभव कार्य को बोलना आसान है, करना मुश्किल, पर असभव नहीं। झूठ आपको फॅंसाता जायेगा, सच आपको फॅंसने से बचायेगा। अच्छे कार्य का नतीजा, अच्छा होता है। हर पेड़-पौधें शुभ है, यह आप पर निर्भर है कि उसे आप क्या मानते है। दुनिया में भूत-प्रेत नहीं है, भूत-प्रेत मनुष्य की मात्र कल्पना है। अच्छी बातों पर ध्यान देने से और बुरी बातों पर ध्यान नहीं देने से, आप अच्छा जीवन व्यतीत कर सकते है। कोई संभव कार्य, असंभव नहीं। सजीवों का सर्वोत्तम आहार है- फल, सब्जियाँ एवं बीज और इनसे बनने वाले खाद्य-पदार्थ। अपने दुःख, चिंता को किसी को बताने या बाँटने से आपका मन हल्का हो जाता है और यह भी हो सकता है कि आपके समस्या का समाधान भी मिल जाएँ। हर दिन शुभ है, यह आप पर निर्भर है कि आप उस दिन को क्या मानते है। हिंसा और गुस्सा मनुष्य को मुसीबतों की ओर ले जाती है। पटाखों को इलेक्ट्रॉनिक प्रकार से बनाये जाने से, वायु प्रदूषण को काफी हद तक कम किया जा सकता है। बैटरी से चलने वाली वाहनों का निर्माण करने से, वायु प्रदूषण काफी हद तक कम हो सकता है। भाषण को याद करने से अच्छा है, आप भाषण को खुद से बनाएँ, इससे आपको भाषण को भूलने की समस्या नहीं रहती है। कई पेड़ों की उम्र 1000 वर्ष से भी अधिक हो सकती है। कई बार सफलता पाने के लिए अकेले चलना पड़ता है। माता-पिता अपने बच्चों का अच्छा चाहते है। मेकअप से भी सुंदर मनुष्य तब लगते है, जब मुस्कुराते है। अच्छे कार्यों में सहायता करने से आपको अच्छा महसूस होता है और आपके साथ अच्छा होता है। साहित्यकार को ऐसे साहित्य की रचना करनी चाहिए, जिससे मनुष्यों को सही जानकारियाँ मिल सके। दुनिया में जादू नहीं है, जादू मनुष्य की मात्र कल्पना है। पढ़ने-लिखने से भविष्य बनता है और खेलने-कूदने से भी भविष्य बनता है। कृषि और व्यापार करना, सबके लिए खुले हुए है। साहित्य की रचना करने के लिए साहित्य पढ़ना आवश्यक है। कई बार अच्छी दुआएं कबूल हो जाती है। याद करने से अच्छा है, आप उसे पढ़ें या लिखें, इससे आपको कठिन भी नहीं लगेगा और ज्ञान और जानकारियाँ प्राप्त होंगे। जो हो गया है, उसे बदला नहीं जा सकता है। कोई मनुष्य किसी और मनुष्य की तारीफ उसके सामने करता है तो उस मनुष्य का होशला बढ़ता है और उसे अच्छा महसूस होता है। आपकी कला भी आपका भविष्य बना सकती है। अश्लील वीडियोज देखने से यह आपको अपमान की ओर ले जाएगा। अच्छे कार्यो में आपकी मेहनत और कोशिश आपको सफलता की ओर ले जाएगी। महान व्यक्तियों, वैज्ञानिकों, गणितज्ञों, कलाकारों के सफल होने का राज यह है कि वे मेहनत और कोशिश करते रहे, जब तक वे सफल न हो गए। हमें उतना ही कर्ज लेना चाहिए, जितना हम उसे वापस कर सकें। ऊँच-नीच का भेदभाव करने से आप अन्य लोगों से दूर हो जाते है। विदेशी व्यापार एक देश को दूसरे देश से जोड़े रखती है और अच्छे संबंध बनते हैं। जो मेहनत, कोशिश और अच्छे कार्य करते हैं, किस्मत उनके साथ रहती है। किसी भी जीव जन्तु के प्राण बचाने या सहायता करने से आपके जीवन में सुख-शांति, खुशी और सुख-समृद्धि आती है। भले कार्य में सहायता करना, जीवन बचाना हंसाना, खुशिया बांटना, ज्ञान बाँटना, पेड़-पौधें उगाना आदि को अच्छे कार्य कह सकते है। जीवन को बचाने के लिए यदि आपको हारना पड़े तो आप हार सकते हैं। जीव-जन्तु की बलि देना या हत्या करना पाप की प्राप्ति करना है। आप जो भी सामान अच्छे कार्य करने वाले व्यक्तियों के मूर्तीयों, मस्जिदों, गिरजाघरों, मंदिरों... आदि में चढ़ाने जाते है, उन सामानों को आदि में न चढ़ाकर जरूरतमंद लोगों या गरीबों को दे देने से भगवान खुश होगें। अपने आपको किसी और से तुलना करने से आप उदास हो सकते है। लोग आपको कुछ भी कहें, उन्हें कहने दें, आप अपना कार्य करते रहे, आप एक दिन जरूर कामयाब होंगे। दहेज नहीं लेने से, लाखों लड़कियों की आत्महत्या और भ्रूण हत्या को रोका जा सकता है। मनुष्य नाग या नागिन नहीं बन सकता है, मनुष्य का नाग या नागिन बनना मनुष्य की मात्र कल्पना है। विद्यार्थी परीक्षा में चोरी करके, स्वयं के भविष्य को अंधकार में डाल रहे है। किसी को दुःख, कष्ट, पीड़ा नहीं पहुंचाने से आप जीवन को सूखी पूर्वक जी सकते हैं। झूठ बोलने से, मनुष्य मुसीबत में फॅंसते है। सपने अक्सर उन्हीं के आते है, जो हम अपनी आँखों से देखते है, सोचते हैं, सुनते हैं, पढ़ते हैं। संभव कार्य संभव है और असंभव कार्य असंभव है, हम मात्र संभव कार्य को असंभव मान लेते हैं। सजीव को जन्म एक बार, जीवन एक बार और मृत्यु एक बार मिलती है। स्मार्टफोन चलाने हेतु आंखों के स्वास्थ्य के लिए कुछ जानकारियां:- रोजाना 8-9 घंटे के लगभग नींद लें। हमेशा स्मार्टफोन पर डार्क थीम चालू रखे। इससे स्मार्टफोन से निकलने वाली सफेद प्रकाश को नियंत्रित किया जा सकता है। जो कम दूरी होने के कारण, सीधे आंखों की रेटीना पर पड़ती है। शाम छः बजे के बाद, अपने स्मार्टफोन पर डिस्प्ले लाइट को पूरी तरह से कम कर दें और आई केयर (नाइट सिल्ड) चालू कर लें। (नोट:- वर्चुअल रियलिटी वाले यंत्र को आंखों के एकदम पास से रोजाना देखने से, आप अपनी आंखों की रोशनी खो सकते हैं।) पुस्तक और ई-पुस्तक पढ़ना अच्छा है। पढ़ने से नींद अच्छी आती है। सोचने की क्षमता, समझने की क्षमता, बौध्दिक क्षमता और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में वृद्धि होती है। ज्ञान बढ़ता है। परंतु रोजाना 24 घंटों में पुस्तक या ई-पुस्तक में सात पृष्ठ के लगभग पढ़ना अच्छा है। इससे आपके हृदय और मस्तिष्क के स्वास्थय में बुरा असर नहीं पड़ेगा। विकसित देश के कुछ लक्षण:- मुफ्त शिक्षा सुविधा, मुफ्त इलाज सुविधा, मुफ्त इंटरनेट सुविधा, मुफ्त बिजली सुविधा, मुफ्त दूरसंचार सुविधा, मुफ्त आपातकालीन सुविधा, विकसित सड़के और मार्ग, अच्छी कानून व्यवस्था, विकसित जंगले, साफ-सुथरे नदियां-तालाब-झरने, विकसित उद्योग व्यवस्था…आदि। अपने जिंदगी का बीमा (इंसोरेंस) कराने से, आपके परिवार वाले भी आपके जान के दुश्मन बन सकते हैं। धन की लालच में। साथ ही बीमा कंपनियां आपको डर दिखाकर और लालच देकर, आपकी मेहनत की कमाई को लेते-रहते हैं। इसलिए अपनी जिंदगी और मेहनत की कमाई चुनिए, बीमा (इंसोरेंस) नहीं। अच्छे कार्य करना ही धर्म है। क्योंकि कुरान, भगवत गीता, बाईबल...आदि। जैसी धर्म ग्रंथों का एक मुख्य संदेश यही है कि अच्छे कार्य करो। अच्छे कार्य का पर्यायवाची शब्द, धर्म को कहा जा सकता है। धर्म = अच्छे कार्य। अपनी पहचान दिखाकर - बनावटी धर्म, राजनीति, कंपनी...आदि के बारें में काला सच या इनकी बुरीं बातें न कहें। अन्यथा ये आपके पीछे पड़ जाएंगे। आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे। ऐसे भी लोग हैं, जो बनावटी धर्म के नाम पर इतने पागल है कि वे मार भी सकते हैं और मर भी सकते हैं। इनकी सच्चाई बताएं या बुरें कार्यों के बारे में कहें। परंतु अपनी पहचान छुपाकर। अश्लील विडियोज देखने से, आप दिमागी रूप से कमजोर और बीमार हो सकते हैं। साथ ही इसकी लत भी लग सकती है। जिसके बाद आपकी सोचने, समझने और बोध्दिक क्षमता पर असर पड़ेगा। दिमागी रूप से बीमार होने के बाद। आपके सेक्सुअल लाइफ पर भी असर पड़ेगा। आपकी खुशी गूम हो जाएगी। चिंता और तनाव घर कर लेगी। जो आपकी इच्छाओं को पुरा करने में बाधा बनेगी। दुनिया में 70 प्रतिशत बलात्कार होने के पीछे ये अश्लील विडियोज ही जिम्मेदार है। (नोट:- हस्तमैथुन करना या संभोग करना बुरा नहीं है। अश्लील विडियोज देखना, आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है।) इस गर्मी से बचने के लिए कुछ अच्छे उपाय - अधिक से अधिक पानी पीएं, हल्के और सफेद रंग के कपड़े पहने, घर के बाहरी परत को सफेद रंग से रंग दें। क्योंकि सफेद रंग प्रकाश को अवशोषित नहीं करता है और प्रकाश को गर्मी के रूप में नहीं बदलता। रिफाइंड आटा (मैदा), रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल और इससे बनने वाली खाद्य सामग्रियों का सेवन रोजाना करने से मोटापा, डायबिटीज, ब्रेन स्ट्रोक, हृदयाघात, कैंसर, श्वसन संबंधित, त्वचा संबंधित बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। क्योंकि इनमें कई रसायन होते हैं। (आर्टिफिशियल स्वीटनर, रिफाइंड चीनी से भी अधिक नुकसानदेह है।) सगे दादा-दादी या सगे माता-पिता या सगे भाई-बहन या सगे भाभी-देवर या सगे बेटा-बेटी के साथ संभोग करने से, आपके और उनके जीवन में तनाव, परेशानी, उदासी पनप सकती है। साथ ही लड़ाई, झगड़े होने और जीवन संकट में आने की संभावना रहती है। च्यूइंग गम एक मांसाहारी उत्पाद हैं। च्यूइंग गम बनाने की विधि में सुअर की चर्बी का इस्तेमाल होता है। इसका सेवन करने से बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही अधिक मात्रा में च्यूइंग गम को निगल लेने से, आपको अस्पताल की ओर रुख करना पड़ सकता है। इलाज न कराने पर मौत भी हो सकती है। हमें अपनी पहचान दिखाकर ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए। जो बाद में हमें ही नुकसान पहुंचे। जैसे उदाहरण के तौर पर किसी बुरे कार्य करने वाली कंपनी, सरकार या बनावटी धर्म, हानिकारक उत्पाद, आदि के बारे में अपनी पहचान दिखाकर खुलेआम बोलना। बोलना है तो बिना घबराए बोलो, सच सबके सामने लाओं। परंतु अपनी पहचान छुपाकर। हिन्दू , मुस्लिम, सिख , ईसाई...आदि ये सभी बनावटी धर्म है। अच्छे कार्य करना ही सच्चा धर्म है। सच्चे धर्म को पहचानिए। सच्चे धर्म में आपका जीवन बेहतर और अच्छा होगा। ऑफलाइन हो या ऑनलाइन सट्टा (जुहा)। यदि आप इसके लालच में फॅंस गये तो यह दीमक की भांति, आपके मेहनत की कमाई को खाता जाएगा। ऐसे कई लोग जो संन्यासी, साधू…आदि है। वे आपसे कहेंगे - गोबर या गाय के मूत्र से नहाने या खाने से आप और अधिक स्वस्थ हो जाएगे या आपकी स्किन निखर जाएगी तो यह सब झूठ है। वे तो ऐसा नहीं करेंगे, परंतु अंधभक्ति की आड़ में आपकी दुर्गति जरूर कर देंगें। सावधान रहें। मांस ,अण्डा और इससे बनने वाली चीजों का सेवन करने से हार्ट अटैक और किडनी फेलियर होने की संभावना बढ़ जाती है। विश्व में हार्ट अटैक और किडनी फेलियर की संख्याएं बढ़ रही है। शरीर की त्वचा पर टैटू कराने से, त्वचा पर त्वचा रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। नेल पॉलिश का उपयोग करने से, आपके नाखुन जल्दी खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। क्योंकि इनमें हानिकारक रसायन होते है। साथ ही मेहंदी का उपयोग करने से, आपके हाथ की त्वचा को नुक्सान पहुंच सकता है। मार-पीट से रिश्तें बिगड़ सकते हैं। इसलिए गलती होने पर उसे अच्छे से समझाएं, मार-पीटकर नहीं। यदि समझाने पर भी वह नहीं समझता तो वक्त बीतने के साथ, कभी न कभी वह समझ जाएगा। अमावस्या और पूर्णिमा के समय अंधविश्वासी लोगों से, अपने बच्चों को बचाएं। क्योंकि ऐसे भी अंधविश्वासी लोग हैं, जो आपके बच्चे की बलि देने के फिराक में हो। फैंटसी स्पोर्ट्स गेमिंग प्लेटफॉर्म ये सट्टेबाजी का खेल है। आप भले ही टीम बनाकर जीते या हारें, इससे कंपनी को अधिक फर्क नहीं पड़ता। सिर्फ आपके खेलते रहने से, इन्हें लाभ होता रहेगा। कितने सारे लोग इन प्लेटफॉर्म्स के कारण बर्बाद हो चुके हैं। इन प्लेटफॉर्म्स से दूर रहें और शोर्ट - कट तरीके से धन कमाने से बचें। म्युचुअल फंड (शेयर मार्केट) में निवेश करने से पहले उसकी जांच पड़ताल अवश्य करें। अधिक लालच के चक्कर में न पड़ें। धोखाधड़ी वाले कंपनियों पर विश्वास न करें। विश्वासी कंपनियों पर ही निवेश करें। यदि आपके पास पर्याप्त से भी अधिक रूपया है, तभी म्युचुअल फंड (शेयर मार्केट) में निवेश करें। आत्महत्या करने से, आपको असहनीय दर्द होगा। आपका जीवन समाप्त हो जाएगा। आपके माता-पिता रोएंगे। कुछ समय बाद आपके शरीर को मिट्टी में दफना दिया जाएगा। जो जीवन रहते, आनंद मिलता, वह भी नहीं मिलेगा। पुनर्जन्म और आत्मा नहीं होती है, यानि पुरी तरह समाप्त। आत्महत्या करने से खुद का नुकसान है, दुसरे का नहीं। आपके पास ट्युशन पढ़ने के लिए पर्याप्त धन न हो तो चिंतित न हो। यदि आप में विश्वास है, तो आप बिना ट्युशन पढ़ें भी परीक्षा पास कर सकते हो। क्योंकि परीक्षा पास करने के लिए ज्ञान की जरूरत पड़ती है। पेनिस की लंबाई उम्र के साथ बढ़ती है और एक समय आता है, जब बढ़ना रूक जाती है। इसकी लंबाई को बढा़ने वाली दवाइयां व्यर्थ है। हस्तमैथुन करना बुरा नहीं है, इससे शारीरिक सुख की प्राप्ति होती है। परंतु रोजाना हस्तमैथुन करने से- कमजोरी, थकावट, तनाव, चिड़चिड़ापन और गुप्त अंगों में दबाव पड़ सकता है। लिपस्टिक का उपयोग आपके होंठ में कैंसर पैदा होने की संभावना को बढ़ा सकती है। केमिकल पेस्ट आपको गोरा तो नहीं बना सकती, परंतु आपके त्वचा में रूखापन और कैंसर होने की संभावना बढ़ा सकती है। केमिकल युक्त सुगंध का उपयोग करने से- आंखों में जलन, आंखों का लाल होना, दमा रोग, सांस लेने में तकलीफ....आदि होने की संभावना बढ़ जाती है। मांस-अण्डा और इनसे बनने वाली चीजों का सेवन करने से- पेट में बीमारी होने,आलस बढ़ने, मोटापा, त्वचा रोग, कैंसर, किडनी फेलियर, ह्रदय घात,...आदि होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए खुद से सोचे, लम्बी और स्वास्थ्य जीवन या मांस अण्डा भोजन। पूजा-पाठ करने से, व्रत रखने से, अपने आप को जख्म देने से...आदि करने से पाप नहीं धुलेंगे। पाप धुलेंगे, अच्छे कार्य करने से। दुनिया में आत्महत्याएं होती है, परंतु कुछ आत्महत्याएं मर्डर होती है। कुछ पुलिस अधिकारी धन खाकर मिले हुए सबूत को भी समाप्त कर देते हैं। आप जिन मूर्तियों को भगवान समझकर पूजते हैं, वे असल में अच्छे कार्य करने वाले लोगों की मूर्तियां हैं। राम-सेतु एक प्राकृतिक सेतु है जो प्रकृति द्वारा बना है। आज दुनिया में लोग आस्था में इतने डूब गए हैं कि कोई शिव जी के लिंग की पूजा कर रहा है, तो कोई कामाख्या देवी के योनि की पूजा कर रहा हैं। यदि प्रणाम करना है तो शिव जी के मूर्ति को और कामाख्या देवी के मूर्ति को प्रणाम कर सकते हो। जिसमें उनका पुरा शरीर हो। प्रणाम करना अच्छी बात है, क्योंकि उन्होंने अच्छे कार्य किए होंगे। साबून और डिटर्जेंट पाउडर हमारे शरीर के त्वचा को नुक्सान पहुंचाती है और त्वचा में रूखापन, झुर्रियां और कैंसर होने की संभावना बढ़ाती है। सेम्पू और केमिकल युक्त पेस्ट बालों को नुक्सान पहुंचाती है और बालों के झड़ने और गिरने में सहायता करती है। कॉलगेट दांतों और मसूड़ों को नुक्सान पहुंचाती है। साबुन, सेम्पू, डिटर्जेंट पाउडर और कॉलगेट का झाग। पानी को दूषित करता है और इस दूषित पानी का उपयोग करने से मनुष्य और जीव-जंतु बीमार हो रहे हैं। पानी से नहाएं, पानी से बालों को धोएं, पानी से हाथ-मुंह धोए, पानी से कपड़े धोए और अपने आपको और पानी को दूषित होने से बचाएं। रोजाना बालों में सरसों का तेल लगाने से, बालों से आने वाली गंध को दूर किया जा सकता है। सट्टे का खेल-खेलते रहने से, आपको इसकी आदत लग सकती है। दूसरें कामों से मन हट सकता है, जो आपके आय का स्रोत हो। सट्टे का खेल किसी को कर्ज में भी डूबा सकती है। पृथ्वी पर अरबों जीव है। सबकी अपनी-अपनी अलग-अलग बोलियां हैं। भगवान न ही तुम्हारे बोलियां और भाषाएं समझते हैं और न ही तुम्हारे मन की बात। वे सुनते हैं और उन्हें सुनने में अच्छा लगता है। क्योंकि बहुत सारे जीवों की बोलियां काफी मधुर और सुरीली होती है। परंतु वे सब देखते हैं- पृथ्वी पर क्या हो रहा है, क्या चल रहा है, उनके द्वारा बनाए गए जीव क्या कर रहे हैं, हम क्या कर रहे हैं...आदि। 21 वर्ष से कम उम्र में लड़की के गर्भवती होने पर, इससे मां और बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। केमिकल पेस्ट का उपयोग न करें, आप एक ब्रश से रोजाना दांतों को साफ करें और खाना-खाने के बाद साफ पानी से कुल्ला करें। ऐसा करने पर आपके दांत और मसूड़े लंबे समय तक साफ एंव स्वस्थ रहेंगे। रोजाना रेफ्रिजरेटर का ठंडा पानी पीने से, सर्दी-खांसी होने की संभावना बढ़ जाएगी। रोजाना एयर कंडीशनर (ए.सी.) का उपयोग करने से, शरीर बाहरी वातावरण के तापमान को सहने में कमजोर हो सकता है और शरीर को बाहरी वातावरण के अनुरूप ढलने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। मां का दूध बच्चों के लिए सर्वोत्तम है। मनुष्य का दूध, उसके बच्चे के लिए अच्छा होता है। गाय का दूध, उसके बच्चे के लिए अच्छा होता है। भैंस का दूध, उसके बच्चे के लिए अच्छा होता है। परंतु यदि कोई मनुष्य (जीव), दूसरे जीव का दूध पीता है तो उसे कई प्रकार की पाचन संबंधित, त्वचा संबंधित, ह्रदय संबंधित बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। जैसे- एलर्जी, खूजली, गैस की समस्या, पेट दर्द, सर्दी-खांसी, बुखार, मोटापा, प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना...आदि। (नोट:- गाय और भैंस के दूध से आज विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाएं जाते हैं। प्रतिदिन उन्हें टॉर्चर और परेशान किया जाता है। प्रतिदिन अधिक दूध उत्पादन के लिए, उन्हें कई प्रकार की दवाइयां दी जाती है। जिसके कारण बहुत सारे गाय और भैंस, कुछ वर्षों में ही दम तोड़ देती है।) दुनिया में बहुत सारे लेख, विचार, ज्ञान और जानकारियां उपलब्ध है। परंतु सभी सही हो, यह जरूरी नहीं। इसलिए खुद से सोच-विचार करके, सोच-समझकर और अध्य्यन करके ही उस पर पूर्ण विश्वास करें। यदि प्रकृति से अच्छा शरीर मिला है। जिस शरीर में दर्द और तकलीफ नहीं है तो उस अच्छे शरीर के साथ छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए। अन्यथा इसके दुष्परिणाम हो सकते हैं। जैसे- प्लास्टिक सर्जरी, हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी…आदि। (नोट:- सर्जरी उन्हें कराना चाहिए, जिन्हें शरीर में तकलीफ हो या दर्द हो या अन्य बीमारी)। किसानों द्वारा बीज, सब्जी और फल उगाने की वजह से, खाद्य पदार्थों की कीमतें सामान्य है। खाद्य पदार्थों की वृध्दि हो रही है। देश की सरकारों को किसानों के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए। साथ ही उन्हें हर महीने पैंसन भी दिया जाना चाहिए। क्योंकि यदि अधिकतर किसानों ने खेती करना छोड़ दिया तो हालात गंभीर हो जाएंगे। जैसे- खाद्य पदार्थों की कीमतें बहुत अधिक बढ़ जाएगी, खाद्य पदार्थों में मिलावटों की संख्या बढ़ जाएगी, अधिक मात्रा में नकली खाद्य पदार्थ बनने लगेंगे, जगह-जगह खाद्य पदार्थों की कीमतों को लेकर प्रदर्शन होने लगेंगे, खाद्य पदार्थों का स्टोरेज धीरे-धीरे खत्म होने लगेगा, जगह-जगह खाद्य पदार्थों को लेकर हिंसा भड़कने लगेंगी, प्रतिदिन बड़े पैमाने पर वन्यजीवों को खाया जाने लगेगा, उद्योग और कंपनियां ठप पड़ने लगेंगी, मृत्यु दर और बीमारी दर में बढ़ोत्तरी होने लगेंगी, अधिकतर मनुष्य खाद्य पदार्थ उगाने में जूट जाएगा। करोड़ों वर्ष पहले सिर्फ एस्टेरॉयड से, सभी बड़े जीव की मृत्यु नहीं हुई थी। जब डायनोसोर जैसे बड़े जीव पृथ्वी पर निवास करते थे। कई क्षुद्रग्रह पृथ्वी की सतह से टकराई तो पृथ्वी की चुंबकीय शक्ति ने काफी हद तक उन क्षुद्रग्रह से पृथ्वी की सुरक्षा की। परंतु जो छोटे क्षुद्रग्रह पृथ्वी के भीतर प्रवेश कर चूकें थे। गुरूत्वाकर्षण बल की वजह से, वे तेज गति से आग के गोले की तरह स्थलों और समुद्रों में गिरे। जिसके कारण जंगलो में आग लग गई। हर वर्ष जंगल जलते जा रहे थे। धीरे-धीरे पृथ्वी की वायू जहरीली और प्रदूषित हो गई। जिसके कारण बड़े जीव बच न सके। बहुत सारे छोटे स्थलीय जीव और बड़े-छोटे जलीय जीव जीवित बच पाए। धीरे-धीरे प्रदूषण कम हुआ। इस घटना के बाद, पृथ्वी पर ऑक्सीजन लेवल कम हो गया। जिसके बाद, जीवों के आकार में काफी फर्क आ गया। पेड़-पौधों के क्षय होने के साथ-साथ, यह और कम होता जा रहा है। (नोट:- यह घटना एक संभावना के ऊपर आधारित है।) शाकाहारी जीवन और मांसाहारी जीवन में अंतर:- शाकाहारी जीवन- लंबा जीवनकाल, जटिल और गंभीर बीमारियां होने की संभावना में कमी, फुर्तीला शरीर, कार्य में ध्यान देने में वृध्दि, अच्छी नींद...आदि। मांसाहारी जीवन- जटिल और गंभीर बीमारियां होने की संभावना में वृध्दि, आलस्य में वृध्दि, कार्य में ध्यान देने में कमी, क्रोध पर नियंत्रण न रख पाना...आदि। पृथ्वी पर सबसे अधिक जीवों की प्रजाति महासागरों में निवास करती है। पृथ्वी पर स्थल लगभग 30 प्रतिशत है और जल लगभग 70 प्रतिशत है। महासागरों में नयूक्लियर बमों के परीक्षण के कारण, महासागरों में रहनेवाले हजारों जीवों की मौत हो जाती है। (नोट:- यह संभावना पर आधारित है।) लम्बे वक्त तक नाबालिग और युवाओं द्वारा पोर्नोग्राफी विडियोज देखते रहने से, उनकी मानसिक स्थिति बदल रही है। कुछ मानसिक रूप से बीमार हो रहे तो कुछ ट्रांसजेंडर बनने की राह पर जा रहे हैं तो कुछ रेपिस्ट बनने की राह पर जा रहे हैं। (नोट:- यह रिपोर्ट मेल और फीमेल जेंडर्स पर आधारित है।) दीपावली का त्यौहार:- दीपों की रोशनी, रंगोलियों, सजावटों, मिठाईयों...आदि के साथ मनाया जाने वाला त्यौहार है। हर वर्ष पटाखों से होने वाले दुष्प्रभाव जैसे:- वायू प्रदूषण, सांस संबंधित बीमारियां, फेफड़ों का कैंसर, प्रदूषित हवा, आंखों में जलन, गर्मी में बढ़ोत्तरी, ग्लोबल वार्मिंग...आदि। (नोट:- हर वर्ष वायू प्रदूषण की वजह से, सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती है)। होली का त्योहार:- रंग-बिरंगी रंगोलियों, साज-सजावट और स्वादिष्ट मिठाईयों के साथ मनाया जाने वाला त्यौहार है। (नोट:- रंगों को शरीर पर नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि रंग हानिकारक रसायनों से बने हो सकते हैं)। ऐसी फिल्में, कहानियां और पुस्तकें, जो गलत जानकारियां और अंधविश्वास को बढ़ावा दे रही है। इससे बच्चों, यूवाओं और बुजुर्गों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। उनकी मानसिक स्थिति कमजोर हो रही है। सोचने-समझने की क्षमता पर बुरा असर पड़ रहा है। जैसे- जादूई शक्तियों और भूत-प्रेतों पर आधारित कहानियां और फिल्में...आदि। आपको जो जीवन मिला है, यही आपका पहला और अंतिम जीवन है। इस जीवन का आनंद लें। क्योंकि किसी भी जीव को दूसरा जन्म नहीं मिलता और न ही आत्मा जैसी कोई चीज होती है। सैनिक देश और देश के नागरिकों की रक्षा करता है। ये न होते तो कोई देश या समूह देश पर कब्जा कर लेता, अपने बुरें कानून और नियम तुम्हारे ऊपर थोप देता, प्रतिदिन लोगों की हत्या करता और महिलाओं के साथ बलात्कार करता, परेशान करता, दु:ख देता, आजादी छीन लेता, टॉर्चर करता। जिसकी वजह से नागरिक जीने से ज्यादा, मौत की दुआएं मांगते। देश की सरकार को ऐसे सैनिकों को, जो आतंकवादियों, नक्सलवादियों और दुश्मन सैनिकों से लड़ाई करने जाते हैं। उन सैनिकों के लिए बूलेट प्रूफ यूनिफॉर्म, बूलेट प्रूफ हैल्मेट, बूलेट प्रूफ ग्लास और तकनीकी गेजेट्स उपलब्ध कराने चाहिए। (नोट:- आतंकवादियों, नक्सलवादियों और दुश्मन सैनिकों को जान से मारने की जगह, पैरों में गोली मारी जाएं या बैहोशी धुंआ बम से उन्हें बेहोश कर दिया जाएं, जबतक वे घायल न हो जाएं तो मानवीय जीवन के लिए अच्छा हो सकता है। उसके बाद उनसें कई प्रकार की जानकारियां उपलब्ध हो सकती है, साथ ही उन्हें कारावास की सजा भी दी जा सकती है। ताकि आगे जाकर वे सुधर सके और अच्छा जीवन जी सकें)। ह्यूमनाइड रॉबोट्स और एनिमलाइड रॉबोट्स का निर्माण, मानव जाति और दूसरे जीवित प्राणियों के लिए खतरा है। यदि इनके निर्माण पर रोक नहीं लगी तो गंभीर परिणाम सामने आएंगे। जैसे- बेरोजगारी में वृध्दि, लूट-पाट में वृध्दि, हिंसात्मक घटनाओं में वृध्दि...आदि। (नोट:- ह्यूमनाइड रॉबोट्स और एनिमलाइड रॉबोट्स में कुछ तकनीकी खराबी आने पर, वे अपने मालिक को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं या मार भी सकते हैं। क्योंकि रॉबोट्स को मौत का भय नहीं रहता, वे निर्जीव है)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई) तकनीक मानव द्वारा बनाया गया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डिजिटली उपलब्ध जानकारियों को खोजकर, उपयोगकर्ता के प्रश्नों का उत्तर देता है। डिजिटल जानकारियां जो वेबसाइट्स में, गूगल, बिंग, याहू जैसे सर्च इंजनों में उपलब्ध रहते हैं। इन वेबसाइट्स में बहुत सारी जानकारियां सही है तो कुछ जानकारियां गलत भी हो सकती है। इसलिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सही जानकारियां भी उपलब्ध करा सकती है और कई बार गलत जानकारियां भी उपलब्ध करा सकती है। सोच-समझकर ही उनपर पूर्ण विश्वास करें, गलत कदम उठाने से बचें। (नोट:- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करना अच्छा है। इससे प्रश्नों के जवाब मिलने में आसानी होती है, इमेजिनेशन करने में मददगार साबित होता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सदूपयोग करें।) लम्बी आयु के लिए:- शाकाहार अपनाएं, दूसरे जीवों का दूध न पीएं, शरीर को साफ रखें, साफ पीनी पिएं, साफ और स्वस्थ खाना खाएं, साफ हवा लें, प्रदूषित वातावरण में न रहें, केमिकल से रिफाइंड खाद्य पदार्थों का सेवन प्रतिदिन न करें, मैदा (रिफांइड आटा) का सेवन न करें। नशेलीं पदार्थों का सेवन न करें, प्रतिदिन फास्ट फूड और जंक फूड न खाएं, केमिकल पेस्ट का उपयोग करने से बचें, साबून का उपयोग प्रतिदिन न करें, 8-9 घंटे के लगभग नींद लें, अधिक देर तक उदास रहने से बचें, गर्मी के दिनों में अधिक देर तक धूप में न रहें, जीवन शैली में सुधार करें। अच्छे कार्यों में विश्वास रखें और अच्छे कार्य करें। देश की सरकारों को सेक्स वर्कर्स के लिए कानूनी अधिकार उपलब्ध कराना चाहिए। जिससे अविवाहित यूवक या यूवती बिना कानूनी भय के शारीरिक सुख का आनंद लें सके। साथ ही सेक्स कार्य से सेंकड़ों यूवक एवं यूवतियों को रोजगार मिल सकें। (नोट:- सेक्स वर्कर्स को कानूनी अधिकार मिलने से देश में ब्लातकार जैसी घटनाओं में कमी आएगी। कंडोम का उपयोग करने पर एड्स (एचआईवी वायरस) से संक्रमित होने की संभावना कम हो जाएगी)। नर जीव के साथ नर जीव का संबंध बनाना और मादा जीव के साथ मादा जीव का संबंध बनाना। ये दोनों संबंध अप्राकृतिक है। क्योंकि ऐसे संबंधों से नए जीव पैदा नहीं हो सकते। (नोट:- ऐसे संबंधों से वे मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार हो सकते हैं)। अच्छे कार्य करने वाले व्यक्ति को अच्छा व्यक्ति माना जाता है। जो व्यक्ति बुरें कार्य और अच्छे कार्य दोनों नहीं करता है, उसे भी अच्छा व्यक्ति ही माना जाएगा। परंतु अच्छे कार्य करने वाले व्यक्ति को ज्यादा लाभ मिलेगा। अंतरिक्ष में, सौर ज्वाला आने से, पृथ्वी के आस-पास मौजूद कचरा कम होता है। यह सौर परिवार की एक प्रक्रिया है। जैसे-जैसे जंगल कम होते जा रहे हैं:- ऑक्सीजन लेवल गिरता जा रहा है, मनुष्यों की आयू और शारीरिक कद कम होता जा रहा है, वायू प्रदूषण बढ़ रहा है, पृथ्वी गर्म हो रही है, बर्फ पिघल रही है, स्थल जलमग्न हो रहे हैं, ज्वालामुखी सक्रिय हो रहे हैं। (नोट:- जंगलों को कम करने की जगह, नया शहर बसाने के लिए खाली मैदानों, बंजर भूमियों और रेगिस्तानों को उपयोग में लाया जा सकता है। साथ ही वहां पर पेड़-पौधें उगाकर, उस जगह को रहने लायक बनाया जा सकता है)। कुछ अतरंगे लेखकों की वजह से, आज रामायण और महाभारत जैसी ऐतिहासिक घटनाओं को लोग काल्पनिक मानते हैं। परंतु रामायण और महाभारत वास्तविक घटनाएं हैं। (नोट:- इन ऐतिहासिक घटनाओं में किसी के पास भी जादूई शक्ति नहीं थी)। आप जिस भगवान को मंदिर, मस्जिद, चर्च...आदि में ढूंढने जा रहे है, वहां पर अच्छे कार्य करने वाले मनुष्यों की मूर्तियां हैं। (नोट:- भगवान, अल्लाह, गॉड। ये सभी एक ही है। सिर्फ पर्यावाची शब्द अलग-अलग है)। अपने स्मार्टफोन की बैटरी की क्षमता में वृद्धि करने के लिए कुछ उपाय:- जिन ऐप्स की जरूरत न हो, उन्हें अनइंस्टॉल या निष्क्रिय कर दें। सिस्टम ऐप्स को छोड़कर, बाकि सभी ऐप्स का बैकग्राउंड डेटा बंद कर दें, डार्क थीम चालू कर लें। आपके अच्छे और बुरें कार्य, आपके खाते में जुड़ रहे हैं। जिसका लाभ और नुकसान आपको इसी पृथ्वी पर मिलेगा। (नोट:- स्वर्ग और नर्क जैसी जगह नहीं है। स्वर्ग=खुशी और नर्क=दु:ख)। ऐसी चीजों का नकल करें, जिससे आपका अच्छा हो। ऐसी चीजों का नकल करने से बचें, जिससे आपका बुरा हो। भगवान द्वारा बनाया गया डेथ सिस्टम, जीवों की आबादी को नियंत्रित करती रहती है। मेहनत और कोशिश करते रहो। अंत में दो चीजें होंगी सफल हो जाओगे या समाप्त हो जाओगे। परंतु मन में एक संतोष रहेगा कि मैंने कोशिश की थी। जिंदगी का आनंद लो, जिंदगी दौबारा नहीं मिलेंगी। मौत का मजा तभी है, जब मौत अपने आप आएं। पैसे तभी तक काम के है, जबतक आप जीवित हो। अपनी जान बचाने या दूसरे की जान बचाने के लिए की गई हिंसा बुरा नहीं है। अधिकतर क्राइमस देर रात को होते हैं। मृत्यु दंड देने का अधिकार सिर्फ भगवान (प्रकृति) को है। बोर्ड परीक्षा में फैल होने से, आप जिंदगी में फैल नहीं होते। बुरे कार्य करने से, आपके जीवन में अच्छे फूल नहीं खिलते। सहायता नहीं करने से, सहायता मिलने की संभावना कम हो जाती है। सबसे बड़ा सपना 'जिंदगी का आनंद लेना वाला' होना चाहिए। क्योंकि बाद में पछतावा न हो कि मैं जिंदगी का आनंद नहीं ले पाया। जो अधिकतर समय बैठे रहते हैं या बैठे-बैठे स्मार्टफोन, लेपटॉप या कंप्यूटर पर कार्य करते हैं। उन्हें अपने शरीर, ह्रदय और दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए दूसरे विकल्प का उपयोग करना चाहिए। जैसे:- रनिंग, वकिंग, पुस-अप्स, जंपिंग, साइक्लिंग...आदि। मैं से किसी भी एक विकल्प का उपयोग वह रोजाना कर सकता है। सीमित समय तक। रोजाना मैदा (रीफाइंड आटा) का सेवन करने से बवासीर, एपेंडिक्स, हार्ट अटैक हो सकती है। क्योंकि मैदा आंतों में चिपक जाती है। जिससे हानिकारक बेक्टिरियां पैदा हो सकती है। प्राचीन समय में घटित ऐतिहासिक घटनाओं में किसी के पास भी जादूई शक्ति नहीं थी और न ही किसी के पास जादूई धनूष और बाण थे। ऐतिहासिक घटनाओं के ऐसे कई सम्राट थे। जिनके अच्छे कार्यों के कारण, आज भी उनकी पूजा की जाती है। उन्हीं में से कुछ ऐतिहासिक घटनाएं जैसे:- रामायण, महाभारत, शिव गाथा, श्री कृष्ण और कंस गाथा…आदि। कुछ लेखकों की वजह से, आज भी इन ऐतिहासिक घटनाओं को लोग मात्र काल्पनिक कहानियां समझते हैं। कैंसर, हृदयाघात, ब्रेन ट्यूमर, डायबिटीज, बवासीर, मोटापा…आदि के प्रभाव को कम करने वाले उपाय:- शाकाहार अपनाएं। मैदा (रिफांइड आटा) का सेवन छोड़ दें। फास्ट फूड का सेवन प्रतिदिन न करें। रिफांइड चीनी और रिफांइड तेल का सेवन प्रतिदिन न करें। दूसरे जीवों का दूध न पीएं और उनके दूध से बने खाद्य पदार्थ न खाएं। साबून का इस्तेमाल प्रतिदिन न करें। नशेली पदार्थों का सेवन न करें। साफ पानी पीएं। साफ खाना खाएं। केमिकल पेस्ट्स का उपयोग न करें। साफ वातावरण में रहे। अपने शरीर को साफ रखें। प्रतिदिन इनमें से किसी एक विकल्प का प्रयोग करें, सीमित समय तक। जैसे:- रनिंग, वकिंग, पुस-अप्स, जंपिंग, साइक्लिंग...आदि।