Kyaa yeh pyaar nhi hai in Hindi Love Stories by Suprabhati Mohapatro books and stories PDF | क्या यही प्यार है?

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क्या यही प्यार है?

 मेरी जिंदगी में एक ऐसा इंसान आया, जिसने मेरी जिंदगी ही बदल दी। वह मेरे ८वीं कक्षा के संस्कृत शिक्षक थे। मैं उन्हें देखकर मोहित हो गई थी और उनके प्रति मेरी दिलचस्पी बढ़ने लगी। लेकिन मेरे पिता ने मुझे सिर्फ १५ दिनों में ही दूसरे स्कूल में दाखिला दिला दिया।

मैंने उन्हें भुलाने की कोशिश की, लेकिन मेरा दिल उन्हें हमेशा ढूंढता रहा। सालों बाद, मैंने उनका पता ढूंढ लिया और उनके घर पर जाकर मिली। मुझे उनका फोन नंबर भी मिल गया, लेकिन मुझे यह भी पता चला कि वह शादीशुदा हैं और उनकी एक बेटी भी है।

मेरी दुविधा बढ़ गई। मैं उन्हें प्यार करती थी, लेकिन मैं उनकी शादीशुदा जिंदगी में दखल नहीं देना चाहती थी। मैंने उनसे मिलना जारी रखा, लेकिन मैंने अपने प्यार का इज़हार नहीं कर पाई l

पर वह कुछ ही दिनों में फिर से एक नए स्थान पर स्थानांतरित हो गए, उनके स्कूल के पास के इलाके में और उनका नंबर भी बदल गया। हम कैसे भी मिल पाते उनसे, फिर मैं ११वीं और १२वीं कक्षा की पढ़ाई के लिए बाहर आ गई। बहुत समय बाद, मेरी एक पुरानी दोस्त जो उनके घर के पास रहता था, वह मुझे सर का नंबर फिर से दिया और बोली कि सर फिर से हमारे गाँव में रहने लगे हैं।

पर मेरी तब भी हिम्मत नहीं हुई उनसे सामने से मेरे प्यार का इज़हार करने के, जब मैं उनसे मिलने उनके घर गई थी। फिर मैं बीटेक करने के लिए घर से बहुत दूर एक शहर में आ गई। जब भी घर जाती थी, तब उनके घर जाकर मिलती थी, पर एक बार अचानक उनका ट्रांसफर हो गया नौकरी में, वह भी बहुत दूर और एक शहर में। एक बात वह मुझे कॉल करके बहुत देर तक बात की, बातें सात बजे शाम से तीन बजे रात तक चलीं। वह सारी पुरानी यादें जो हमने बनाई थीं, हम जो इतने सालों के बाद भी जुड़े रहे, बातों-बातों में वह यह भी बोल दिया कि वह भी मुझसे प्यार करने लगे हैं और यह भी बोले कि अगर वह शादी नहीं किए होते तो मैं उनके बाहों में होती। आज के दिन में मुझे तो बहुत खुशी हुई, मेरी जो एकतरफा प्यार था, वह भी मुझे चाहने लगे हैं।मेरी शायद काफी थी यह सुनना कि वह भी मुझे प्यार करते हैं।

 कभी-कभी ना समने वाले वो पसंदीदा इंसान को और उसके साथ जुड़े हर एक इंसान को खुश देखने के लिए अपने पसंद से हमेशा हमेशा के लिए दूरी बना लेना क्या यह एक प्यार नहीं हैl

अगर किसी के जीवन में आने से उनकी सामाजिक छवि खराब हो जाती है, और समाज उनके बारे में अफवाहें फैलाने लगता है - वही व्यक्ति जिसका वे पहले सम्मान करते थे - और उनके करीबी लोग भी उन्हें गलत समझने लगते हैं, तो क्या यह प्यार का एक रूप नहीं है कि हम उनसे दूरी बनाए रखें और अपने प्यार और सम्मान को संरक्षित रखें?

प्यार एक अनोखी कहानी है, नहीं? अगर मेरी उपस्थिति किसी के जीवन में दूसरों के साथ समस्याएं पैदा करती है, तो मैं उनसे प्यार करने का दावा कैसे कर सकता हूं? क्या प्यार का मतलब यह नहीं है कि हमें छोड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए?

क्या यह प्यार का एक रूप नहीं है कि हम उस व्यक्ति की यादों को संजोए रखें, उनका सम्मान करें, और आज भी उन्हें उतना ही चाहें? प्यार कभी भी वास्तव में नहीं मिटता है, है ना?

कुछ प्रेम कहानियां अधूरी ही रोचक लगती हैं। शायद, इस बार छोड़ने का मतलब यह है कि आप एक नए तरीके से फिर से मिलेंगे। क्या यह प्यार नहीं है?