my first crush in Hindi Love Stories by Yash Singh books and stories PDF | मेरी पहली क्रश

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मेरी पहली क्रश

आज हमारी फ़ेयरवेल पार्टी है। मैं बहुत एक्साइटेड हूँ और खुश भी। आज हम खूब मजा करेंगे। आज टीचर की भी कोई रोक टोक नहीं होगी। और तो और टीचर भी हमारे साथ डांस करेंगे। हमारे जूनियर हमारे सम्मान मैं परफॉर्म करेंगे। बड़ा मजा आने वाला है आज। मैं जब अपने स्कूल मैं दाख़िल हुआ तो मैंने देखा कि लगभग सभी लोग आ चुके है। लेकिन अभी भी किसी एक की कमी खल रही थी मुझे। कोई है जो अभी तक नहीं आया। मैं उसके बारे में सोच ही रहा था कि तभी पीछे से गौरव ने कन्धे पर हाथ रखा और बोला और ब्रॉ क्या हाल चाल, किस सोच में डूबा है तू सुबह सुबह। मैं उससे कुछ कहता उससे पहले ही वो बोला अरे सुन तू बाहर चलेगा मेरे साथ कुछ लाना है। क्या लाना है मैंने उससे पूछा। अरे तुझे पता है मैं साक्षी को कोई ऐसा गिफ्ट देना चाहता हूं जिसकी वज़ह से मैं उसकी यादों में हमेशा बना रहूँ। बस वही लेने जाना है। (साक्षी हमारी
ही classmate है। जिसे गौरव पसन्द करता है और वो भी गौरव को पसन्द करती है।)
 चल ना भाई प्लीज। अरे यार प्लीज मत बोल चलता हूं तेरे साथ। हम दोनों स्कूल से मार्केट के लिए निकल गए। हमने कई शॉप पर कुछ ऐसा स्पेशल ढूंढ़ोने की कोशिश की जो सबसे हटके हो। लेकिन ऐसा कुछ नहीं मिला। हम वापस आ ही रहे थे तभी पास ही की बुक शॉप को देखकर मैं गौरव से बोला सुन साक्षी को बुक्स पढ़ने का शौक है ना क्यों ना उसके लिए कोई बुक खरीदे। गौरव बोला अरे वहा ये idea मुझे क्यों नहीं आया। चल कुछ देखते हैं। हम दोनों बुक शॉप के अन्दर घुसे और कोई अच्छी सी बुक तलाशने लगे। बुक्स ढूंढ़ते ढूंढ़ते मेरी नजर एक कमाल की बुक पर पड़ी जिसके बारे में मैंने बहुत सुना था लेकिन पढ़ी नहीं। वो बुक थी मशहूर राइटर चेतन भगत की लिखी half girlfriend । हमने उस बुक के साथ एक रोज़ भी खरीद कर पेक करवा लिया। अब हम स्कूल के लिए निकल पड़े। कुछ ही देर में हम स्कूल भी पहुंच गए। वहां का महौल काबिले तारीफ था। dj बज रहा था खाना पीना भी चल रहा था और हमारे जूनियर हमारे लिए परफॉर्म कर रहे थे। तब तक मुझे जिसका इंतजार था वो भी आ चुकी थी। अब आपको उसके बारे में कैसे बताऊ। बस ये समझ लो जान है वो मेरी। उसका नाम रुबीना है मैं उसे प्यार से रूबी कहता हूँ। रूबी मुझे खीच कर डांस करने के लिए ले गयी। हम सब ने खूब डांस किया और पार्टी इन्जॉय की। सब थक हार कर जब बैठ गए तो गौरव बोला अरे क्यों ना truth dare खेले। हमारे ग्रुप में दस लोग थे सभी ने हैं बोल दिया। बोतल उठाकर हमने घुमाना शुरू कर दिया। सबसे पहले ही बोतल की मुंडी मेरी तरफ आ गयी। अब सभी ने मुझसे पूछा trurh या dare ।मैंने कहा trurh। मेरे यह कह्ते ही सभी ने रूबी की तरफ देखा और एक साथ बोले रूबी इससे कुछ पूछो। पहले तो रूबी ने थोड़ा सोचा और फिर वो बोली एक बात पूछूं। मैं बोला हाँ पूछो। तुम्हारी सबसे पहली क्रश कोन थी। मैं पहले तो मुस्कुराया और फिर बोला।
लाल रंग की साड़ी पहने गोरे रंग की पतली दुबली सी, एक हाथ में इंग्लिश की बुक लिए और दूसरे हाथ से अपने काले बालों को सवाँरते हुए मिस्र चाँदनी जब भी क्लास में आती थी तो मेरा दिल जोर जोर से दक दक करता था। और तो और जिस दिन मिस चाँदनी अपने बालों को खोलकर आ जाती थी तो उस दिन तो मेरा पढ़ाई में मन ही नहीं लगता था। हर रोज मैं उनका नाम हथेली पर लिखता और छुट्टी होने से पहले मिटा देता। ऐसा काफी दिनों तक चलता रहा। फिर एक दिन नजाने कैसे मुझे मेम का नाम हथेली पर लिखते हूँ अनुज ने देख लिया। उसने पूरी क्लास के सामने मेम से बोल दिया। मेम ये तुम्हारा नाम हथेली पर लिखता है। मेम ने मेरी हथेली देखी तो सच में उनका नाम लिखा था। मुझे लगा आज तो मैं गया। मेम ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे क्लास के सामने ले आयी। फिर उन्होंने प्यार से मेरे सिर पर हाथ रखा और बोली 
देखो बेटा अभी तुम 6 क्लास में हो और मैं एक टीचर हूँ। प्यार क्या होता है अभी तुम इस बात से बिल्कुल अनजान हो। जब तुम बड़े हो जाओगे तो तुम्हारे जीवन में भी एक लड़की आएगी जो तुम्हें ढेर सारा प्यार करेगी। अभी तो सिर्फ आकर्षण है। तब तुम्हें प्यार होगा। अभी तुम अपनी पढ़ाई पर ध्यान दोगे तो मैं भी तुमसे प्यार करने लग जाउंगी। तुम्हें apreciate करुँगी। तुम्हें ही नहीं मैं क्लास के हर उस बच्चे से प्यार करुँगी जो पेपर में अच्छे नम्बर लाएगा। तुम मुझसे वादा करो की दोबारा ऐसी हरक़त नहीं करोगे। उसके बाद मैंने अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया और exam में अच्छे नम्बर भी लेकर आया। कुछ दिन बाद ही मिस चाँदनी ने स्कूल छोड़ दिया लेकिन वो मेरे दिल में हमेशा के लिए घर कर गयी। वहीं थी मेरी पहली क्रश मिस चाँदनी