Monster the risky love - 30 in Hindi Horror Stories by Pooja Singh books and stories PDF | दानव द रिस्की लव - 30

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दानव द रिस्की लव - 30

तक्ष को उसकी ऊर्जा मिल सकती है....?


…..Now on ………

विवेक  : रहने दो फिर इस लाकेट को मत उतारो ……पीछे घुमो 
अदिति : क्यूं विवेक …….?
विवेक : घुमो तो सही ….(मन में) अच्छा हुआ मैं शिवजी का लाकेट अपने साथ ले आया …अगर तक्ष जो मैं सोच रहा हूँ वही है तो अदिति को नही छू पाएगा ….मुझे बस अपना doubt clear करना है ….(विवेक अदिति को लाकेट पहना देता है)
अदिति : ये लाकेट क्यूं विवेक ….?
विवेक : मेरी तरफ से गिफ्ट ……
अदिति : तुम भी न ……thanks …….
विवेक : उसकी जरुरत नहीं है……बस ये लाकेट मत उतारना …!
अदिति : ठीक है ……(विवेक के शिवजी का लाकेट पहनाते ही वशीकरण लाकेट गिर जाता हैं. …जिसे बिना देर किये विवेक उठा लेता है.)
विवेक :(मन में) ये लाकेट शिवजी के लाकेट के जाते ही टूट गया …क्यूं ….?…..मुझे इसका पता करना पड़ेगा..
अदिति : क्या सोच रहे हो mr विवेक.. ….?
विवेक : मैं सोच रहा हूँ …मेरा morning का बदला रह गया ….
अदिति : कैसा बदला.. ….?
विवेक अदिति को कमर से कसकर पकड़ लेता है ….
अदिति : विवेक …..
विवेक : बोलो sweet heart ….तुम कैसे बच सकती हो .…(विवेक गाल पर kiss करता है) ….ये बदला बाकि था ….…और अभी
अदिति : विवेक ….घर में हो तुम ….
विवेक : कौन है यहां पर ….?
अदिति : ताई है तक्ष है ……!
विवेक : o come on अदिति ….
अदिति : क्या come on..…(तभी बबिता आती हैं) ……ताई 
बबिता : मुझे माफ करना दीदी जी ….मैं गलत समय पर आ गई.. ….!
अदिति : नही ताई.. …माफि क्यूं मांग रही हो.. …तुम भी न …मैं change करके आती हूं ……(अदिति अपने room में चली जाती हैं)
विवेक : ताई.. …तुम्हे याद है पांच छ : दिन पहले तुम तक्ष के बारे में कुछ बताना चाहती थी ……!
बबिता : मुझे सही से याद नही ….
विवेक : ताई याद करो ……(काफी देर सोचने के बाद बबिता विवेक को बताती है) …
बबिता : हां याद आया ….
विवेक : बताओ जल्दी फिर ….
बबिता : उस दिन जब मैं तक्ष के कमरे की तरफ जा रही थी न साहब ……वो अपने कमरे से बाहर आये …और उनके की तरफ देखकर मैं डर गई ….उनके मुंह पर खु…खुन लगा था ….यहां तो ऐसा कुछ बनता ही नही है ….(तभी अदिति आती हैं)
अदिति : क्या नही बनता ताई ……(विवेक न में सिर हिला देता है)
बबिता : कुछ नही दी ……
अदिति : तुम भी न…… 
विवेक :  (मन में) ये तक्ष क्या है. …नरभक्षी जानवर है या छलावा… इंसानी रूप में कैसे बन सकता है …ओह ! ये कैसी पहेली है मुझे सच पता करना पड़ेगा ……मैं अदिति को खतरे में नहीं डाल सकता ……
अदिति : विवेक कहां ध्यान है देखो फोन बज रहा हैं..
विवेक : हां …. (विवेक फोन पर बात करता है)
अदिति : ताई खाना लगा दो भैय्या भी आने वाले होंगे ….
बबिता : जी ….!
दोनों मिलकर खाना table पर लगाते हैं ….
……in taksh room…..
उबांक : दानव राज.. क्या हुआ है आपकी तबियत ठीक नही है ….!
तक्ष : उबांक ….मेरी ऊर्जा कम हो रही है अपनी शक्ति का उपयोग करने के बाद मैं कमजोर पड़ रहा हूं ……मुझे रक्त की आवाश्यकता है ….
उबांक : दानव राज.. लगता नही है आज आपको रक्त मिल पाएगा ….वो लड़का आज यही रुका है ….
तक्ष : पता है ……
**********************
विवेक : अदिति.. ……
अदिति : हां बोलो ……
विवेक : हम परसो college function में‌participate कर रहे हैं …..
अदिति : (हैरानी से) क्या.. …?…....लेकिन हमने तो अपना nomination करवाया ही नही था फिर. ….?
विवेक : दोनों की करामात है ……कंचन और हितेश ने …हमारा नाम लिखवाया है ……और हमे select भी कर लिया …!
अदिति : लेकिन विवेक हमारी तो कोई practice ही नही है …?
विवेक : तुम्हें practice की कौन‌ सी जरुरत है ….जो हमने साथ में perform किया था वही repeat कर लो. ……
अदिति : right हम फिर कल practice करेंगे ….!
विवेक : ok ….और तुम blue dress ही पहनना….
अदिति : ठीक है ….
कुछ समय बाद आदित्य आता है …
अदिति : भैय्या …लो भैय्या आ गये ……
आदित्य : विवेक ……तुम यही हो ……
अदिति : भैय्या …मैंने ही विवेक से कहा वो आज रात यही रुक जाए …….
आदित्य : सही किया ……मैं fresh होकर आता हूं ….
अदिति : हां खाना लगा दिया है भाई ….…ताई तक्ष को बोल दो खाना खा लेगा….
बबिता : बोलती हूं.... (तक्ष को बुलाने जाती हैं)
  In Dining table …….
आदित्य : तुम दोनों की पढाई सही चल रही है …पढ़ रहे हो न या मस्ती करते रहते हो ……
विवेक : नही भैय्या .…दोनों बढ़िया हैं……भैय्या परसो हमारा function है..
आदित्य : तुम दोनों ने participate किया है ….
अदिति : हां भैय्या ……आप आओगे न ……
आदित्य : sorry अदि ……मेरी important meeting  है परसो नही आ पाऊंगा …….
अदिति : आप हर बार यही कहते हो ……(मुंह बना लेती हैं)
आदित्य : मैं झुठ नही बोल रहा हूं ….
विवेक : अदिति भैय्या की  important meeting है ….
आदित्य : तक्ष तुम कैसे शांत बैठे हो तबियत ठीक है तुम्हारी …!
तक्ष :  (मन में) ठीक‌ कैसे होगी.बहुत बैचेनी हो रही है कुछ तो उपाये करना पड़ेगा ….
आदित्य : तक्ष ……मैं कुछ पुछ रहा हूँ ….
विवेक : ( मन में) ये क्या सोच रहा हैं..
तक्ष : नही ठीक नही है ….
आदित्य : तुमने बताया क्यूं नही ……क्या हुआ है ….?
अदिति : भैय्या आज तक्ष ने college में चार student मत protect किया है ….इसलिए चोट लग गई ….
आदित्य : oh great ….बबिता इसे painkiller medicine दे देना ….!
बबिता : जी साहब …..!
तक्ष : (मन में) मुझे दवाई नही चाहिए रक्त चाहिए इसका (अदिति को बुलाने की कोशिश करता है लेकिन उसे क्या पता था उसके गले में लाकेट नही है) ….मैं इसे नही बुला पा रहा हूँ …तावीज की शक्ति कमजोर नही पड़ सकती …
विवेक : (मन में) आज रात में इसके बारे में जरुर पता करूंगा ……?
 
.............to be continued................