यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है... इसे असल जिंदगी से जोड़ने की कोशिश न करे। इसमें इस्तेमाल किए गए शब्द को किसी भी व्यक्ति, भेद, जाती, या धर्म को किसी भी तरह का ठेस नही पहुंचाया ।
उदयपुर, राजस्थान...
राधनपुर गांव ( काल्पनिक नाम )...
गर्मी की छुट्टियां खत्म होने वाली थी और स्कूल खुलने वाली थी। इसलिए सभी बच्चे अपनी आखरी छुट्टियां एन्जॉय कर रहे थे लेकिन एक लड़की... जिसकी उम्र लगभग 18 साल जितनी होगी। पीले रंग का सलवार सूट पहने अपने गांव के मंदिर के पास बने तालाब की सीडी पे गुमसुम बैठी थी। तभी किसी ने उसे पीछे से आवाज लगाई...!!!
आवाज – मीठी.... मीठी..... ओय मीठी...!!!
मीठी पीछे मुड़ के देखती है की उसकी ही हमउम्र की लड़की जिसने sky कलर का ड्रेस पहना था... रिश्ते में उसकी चचेरी बहन लगती है। वो अपनी बहन को... जिसका नाम मीठी था, उसको आवाज देते हुए उसके पास पहुंच जाती है और उसके पास बैठ जाती है।
लड़की – मीठी यार क्या कर रही हो ? में कब से तुम्हे बुला रही हु लेकिन तुम हो की कुछ सुन ही नही रही हो। तुम्हारा तो यह रोज का हो गया है। जब तक में तुम्हे बुलाने ना आऊ तब तक तुम यही बैठी रहती हो, अगर तुम्हारा बस चले तो यही अपनी जिंदगी बिता दो...!!!
मीठी फीकी सी मुस्कान के साथ कहती है – ऐसा कुछ नहीं है किंजू, में तो बस ऐसे ही बैठी थी यह। देखना यहां कितना अच्छा लग रहा है कितनी शांति है यहां पे। यह लहराते हुए पेड़, आसमान में उड़ते पंछी की आवाज, ठंडी ठंडी हवाएं सब कुछ कितना सुंदर है। मन तो करता है की बस यही बस जाऊ...!!!
किंजु – हम्म्म, तो तुम्हे यहाँ रहना है...!!! ( कुछ सोच के मुस्कुराते हुए ) पर अगर तू यहां रहेगी तो उसको कैसे देखेगी ? हम्म, बोल...!!!
जैसे ही किंजू यह बोलती है तो मीठी के चेहरे पे शर्म की लाली छा जाती है। यह देख के किन्जू उसे छेड़ते हुए कहती है की – ओय होय देखो तो मेने तो नाम भी नहीं लिया और अभी से इतना शर्माना जैसे वो तुम्हारे सामने हो और उसने तुम्हे जोर की जादू की झप्पी दे दी हो।
कहते हुए किंजु जोर जोर से हंसने लगती है और मीठी उदास हो जाती है।
मीठी – नही किन्जु में उसे कभी नही बताऊंगी, में अपनी दोस्ती नहीं खो सकती और वैसे भी तुझे तो पता हैं न उसका और हमारा कोई मेल नहीं है, मेरी और उसकी तो कोई बराबरी ही नहीं है, इसलिए मेने सोच लिया है की उसे कभी भी कुछ नहीं बताऊंगी।
किंजु – यह क्या बोल रही हो तुम... अगर तुमने उसे कुछ नही बताया तो उसे थोड़ी पता चलेगा की तु उसे.....!!!
जैसे ही किंजू आगे कुछ कहती की मीठी उसे चुप करा के अपना एक हाथ उसके मुंह के आगे रख देती है...!!!
मीठी – प्लीज किंजू ऐसा मत बोलना वरना बहोत बड़ी प्रॉब्लम हो जायेगी और में नही चाहती की मेरी वजह से किसी को कुछ भी परेशानी हो, इसलिए प्लीज़ यह बात अपने तक ही रखना किसी को भी गलती से भी मत बताना...!!!
किंजु अपने मुंह पर से मीठी का हाथ हटाते हुए– अच्छा चल ठीक है नही बोलूंगी किसी को। पर चल अभी यहां से, तेरी पुजनीय माताजी तुझे पूरे घर में ढूंढ रही है, तुझे पता हैं न की जब तक वो तुझे देख नही लेती उनको एक पल की भी शांति नही मिलती।
मीठी उदास होके – हम्मम, पता हैं मुझे, चल ।
फिर दोनो बहने हाथो में हाथ पकड़े उछलते कूदते हुए अपने घर की तरफ चल पड़ती है।
मीठी... 18 साल की प्यारी और मासूम सी लड़की है। सांवला था रंग, मीडियम हाइट, लम्बे घने बाल, काली गहरी सी आंखें और उसकी इन आंखों पर चशमा। आंखों में ढेर सारे सपने सजाए मीठी एक मिडिल क्लास फैमिली से है। संस्कार और समझदारी तो कूट कूट के भरी है। हर काम में अव्वल, चाहे पढ़ाई हो या घर के काम। स्कूल में हमेशा टॉप रैंक में आती है इसलिए स्कूल के टीचर भी मीठी को बहुत पसंद करते हैं लेकिन स्कूल के कई बच्चो को आंखों को मीठी बहुत खटकती है।
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उदयपुर शहर.......
एक बड़े से विला के एक बड़ा आलीशान से कमरे में दो लड़के कंप्यूटर पे गेम खेलते हुए एक दूसरे से कॉम्पिटिशन कर रहे थे....!!!
पहला लड़का : देखना इस बार तू हारेगा में तुझे जीतने नही दूंगा।
दूसरा लड़का कुटिल मुस्कान करते हुए : आदित्य राणा की डिक्शनरी में कभी हारना लिखा ही नहीं।।।।।
करीब 2 मिनट बाद आदित्य जोर जोर से चिल्लाते हुए कहता है : यस.... यस...... मेने कहा था ना आदित्य से जितना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है। याआआआहुऊऊऊ........
पहला लड़का उदास होके : क्या यार आदि, तुम हर बार कैसे जीत जाते हो, अरे कभी तो अपनी दोस्ती के खातिर मुझे जीतने दे।
आदित्य उस लड़के के गले में अपनी बांहे डाल के : बेटा रनवीर, तेरे लिए तो में कुछ भी कर सकता हूं लेकिन क्या है ना की मुझे जो पसंद है वो में हर हाल में हासिल करके रहता हूं चाहे वो कोई गेम हो या इंसान। फिर चाहे कोई भी बीच में आ जाए उसे में जितने नही दूंगा।
रनवीर आदित्य का ऐसा जुनून देख कर थोड़ा डर जाता है फिर तिरछी नजरों से मुस्कान देते हुए कहता है : look who's talking, जो हर बार एक ही लड़की से हार जाता है।
यह कहते हुए रनवीर जोर जोर से हंसने लगता है। उसकी बात सुनकर आदित्य को आंखो में गुस्सा भर जाता है।
आदित्य : कौन वो चश्मिश ? हुह ??? तू देखना इस बार स्कूल में टॉप में ही करूंगा। कुछ भी करके फर्स्ट में ही आऊंगा। उस चश्मिश का तो में ऐसा हाल करूंगा... तब उसे पता चलेगा की उसने किससे पंगा लिया है।
रनवीर : रिलेक्स ब्रो, छोड़ना, तू उसके लिए अपना मूड क्यों ऑफ कर रहा है, चल तेरे जीतने की खुशी में आज पार्टी करते है ।
आदित्य : ठीक है चल और सबको बुला ले..!!!
रनवीर : ओके ब्रो...!!!
आदित्य राणा.... 19 साल का बेहद डैशिंग लड़का, भूरी आंखे, गेहुआ रंग, लंबी हाइट, शॉर्ट टेंपर जो छोटी छोटी बातों में गुस्सा करता है। उदयपुर के बेहद ही रईस खानदान की औलाद और घमंड में चूर जो अपनी बात मनवाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
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कहानी अभी जारी है...
राधे राधे...