A story of good and evil in Hindi Moral Stories by Pandit Sumit Joshi books and stories PDF | अच्छे और बुरे की कहानी

Featured Books
Categories
Share

अच्छे और बुरे की कहानी

*अच्छे और बुरे की कहानी*

हर दिन एक नई कहानी लेकर आता है। कुछ दिन खुशियों से भरे होते हैं, तो कुछ दिन ऐसे होते हैं जो हमें परखने आते हैं। ज़िंदगी का यह सफर हमेशा सीधा और सरल नहीं होता। कभी हम ऊँचाइयों को छूते हैं, तो कभी ठोकरें भी खाते हैं। लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि अगर बुरे दिन न होते, तो हमें अच्छे दिनों की कदर कैसे होती?

सुबह की हलचल शुरू होते ही, जीवन की जद्दोजहद भी शुरू हो जाती है। कोई नौकरी के लिए दौड़ रहा होता है, कोई अपने व्यापार को संभालने में लगा होता है। ट्रैफिक की चिल्ल-पों, ऑफिस की फाइलों का बोझ, दिन भर की थकान—यह सब मिलकर हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन चुके हैं। पर क्या यही ज़िंदगी है?

शायद नहीं। ज़िंदगी सिर्फ़ परेशानियों और भागदौड़ का नाम नहीं है। यह उन छोटी-छोटी खुशियों का भी नाम है, जो हमारी आँखों के सामने से गुज़र जाती हैं और हम उन्हें महसूस भी नहीं कर पाते। शाम की चाय, बच्चों की हँसी, माँ का प्यार, दोस्त की मुस्कान—ये सब हमारी ज़िंदगी के सबसे अनमोल लम्हे हैं। पर इन्हीं लम्हों के पीछे ज़िम्मेदारियों का पहाड़ भी खड़ा रहता है। महँगाई की मार, पैसों की दौड़, रिश्तों के बदलते समीकरण—इन सबका सामना हर कोई कर रहा है।

लेकिन अगर ज़िंदगी में सिर्फ़ सुख ही सुख होता, तो हम मुश्किलों से सीखते कैसे? अगर धूप ही धूप होती, तो बारिश की बूँदें हमें सुकून कैसे देतीं? हर मुश्किल हमें कुछ न कुछ सिखाने आती है। जब ऑफिस में बॉस डांटता है, तो हम सीखते हैं कि धैर्य क्या होता है। जब कोई अपना हमें छोड़कर चला जाता है, तो हम समझते हैं कि आत्मनिर्भरता कितनी ज़रूरी है। जब कोई सपना टूटता है, तो हम नए सपने देखने की हिम्मत जुटाते हैं।

एक लड़का, जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए घर से दूर किसी शहर में रह रहा था, हर दिन की इस भागदौड़ से तंग आ चुका था। उसे लगता था कि ज़िंदगी सिर्फ़ कठिनाइयों का नाम है। लेकिन एक दिन जब उसने अपनी माँ से फ़ोन पर बात की, तो उसकी माँ ने एक साधारण-सी बात कही— “बेटा, रात कितनी भी लंबी क्यों न हो, सुबह ज़रूर होती है।” यह वाक्य उसके दिल को छू गया। उसने महसूस किया कि बुरे दिन हमेशा नहीं रहते, वे हमें मजबूत बनाने आते हैं।

हमारी ज़िंदगी भी ऐसी ही है। हर कठिनाई हमें एक नया सबक देती है, हर दर्द हमें और मजबूत बनाता है। इसलिए जब कोई मुश्किल आए, तो घबराओ मत। यह सोचो कि यह भी एक सीख है, एक परीक्षा है, जो तुम्हें और बेहतर बनाएगी।

ज़िंदगी अच्छे और बुरे दोनों का मेल है। इन दोनों के बिना यह अधूरी है। इसलिए हर दिन को ऐसे जियो जैसे यह आखिरी हो, हर खुशी को पूरी तरह जियो और हर मुश्किल से कुछ नया सीखो। क्योंकि अंत में, यही उतार-चढ़ाव हमें ज़िंदगी को सही मायनों में जीना सिखाते हैं।


~सुमित जोशी 


जीवन के पहलू जो समझना जरूरी है 

हमारे आस पास रहने वालों की आपबीती 


धन्यवाद 

सभी को 

आभार व्यक्त करता हूँ