हमारी कहानी की मुख्य किरदार का नाम है - दिव्या। यह कहानी तब शुरू होती है जब दिव्या के पास मोबाइल फोन आया था। दिव्या एक सुलझी हुए लड़की थी और पढ़ाई में भी होशियार थी। उसे पढ़ाई के लिए ही मोबाइल फोन दिया गया था और उसने मोबाइल फोन पे यूट्यूब से सिख के पढ़ाई भी बहुत अच्छी तरह कर रही थी ।
यह उस दिन की बात है जब दिव्या कुछ तनाव में थी। अपने तनाव को भूलने के लिए मोबाइल देखने लगी। उसे किसी ऐसे की जरूरत महसूस होने लगी जो उसकी बात सुन सके, समझ सके, कुछ सुझाव दे सके। उसके परिवार वाले थे उसके साथ , और उसे हर हालत में साथ देने वाले थे। लेकिन वह अपने परिवार से ऐसी छोटी छोटी बाते बताकर उन्हें परेशान करना नहीं चाहती थी। उसे एक अच्छी दोस्त की जरूरत थी। हम सबकी ज़िंदगी में हमारा परिवार हमेशा हमारे साथ होता है लेकिन हम सबको एक अच्छी दोस्त की जरूरत होती हैं क्योंकि कुछ बातें हम दोस्त से ही कर सकते हैं। समान उम्र वाले हो तो एक दूसरे की परिस्थितियों को समझ भी सकते हैं। लेकिन अफसोस दिव्या की जिंदगी में दोस्त तो बहुत सी थी लेकिन कोई ऐसी दोस्त नहीं थी जिससे वो दिल खोलकर, आंख बंद करके विश्वास के साथ सब बात बता सके।
दिव्या सोचती थी कि में किसी से कुछ बात कहूंगी तो कभी ना कभी तो वो बात दूसरों को बता ही देंगी। क्योंकि वास्तविक जीवन में लोग ज़रुरत के साथ बदल जाते हे उसने वह देखा हुआ था । तभी मोबाइल फोन में देखते देखते ही उसने कोई एक नई एप्लीकेशन ही इनस्टॉल कर ली। उसने वो एप्लिकेशन देखी वहां बहुत से लोग भी थे। वहां सब एक दूसरे से बात करते थे । यह उसका वर्चुअल वर्ल्ड में पहला दिन था।
दिव्या थोड़ी सी असमंजस में थी कि क्या उसने ये एप्लीकेशन इंस्टॉल करके सही किया या गलत। क्या ऐसे किसी भी अंजान से बात करना कहा तक सही है। उसके दिमाग में जैसे कोई युद्ध चल रहा हो। दिव्या के वास्तविक जीवन में लड़कों में कोई दोस्त नहीं था। और इस एप्लिकेशन में किसी लड़के से बात करे या न करे वो सोच में थी। एक तरफ उसे डर था किसी गलत दिशा में वो ना चली जाए, वो जो करने जा रही है वो सही है या गलत। फिर एक लंबे दिमाग के युद्ध के बाद उसने ये एप्लीकेशन ( एप्लीकेशन का नाम - MeetNew था) इस्तेमाल करने का निर्णय लिया। दिव्या ने सोचा कि में हमेशा अपनी हद में रहूंगी में सिर्फ यहां दोस्त बनाने आई हु जिससे में अपनी बात शेयर कर सकू लेकिन है किसी को भी अपनी निजी जिंदगी की कोई भी जानकारी नहीं दूंगी।
दिव्या का नया नया अनुभव था । उसने इससे पहले किसी भी अंजान से इस तरह बात नहीं की थी । दिव्या को पहले ही दिन २ फ्रेंड रिक्वेस्ट आई एक अंकल थे और एक लड़की। दिव्या ने दोनों लोगों से अच्छे से बात की उनकी कहानी सुनी। दिव्या को यह नया अनुभव अच्छा लगने लगा। धीरे धीरे उसने दोस्त बनाए थोड़ी बहुत बाते करती थी जब वो पढ़ाई करके थक जाती थी तब ।
धीरे धीरे उसे कुछ लड़कों की रिक्वेस्ट आने लगी उसमें दिव्या को जिसकी प्रोफाइल अच्छी लगी जो लड़का अच्छा ओर शरीफ लगा उसकी रिक्वेस्ट ऐक्सेप्ट करती गई। एक लड़का मिला उससे दिव्या ने अच्छे से बात की १-२ दिन । दिव्या ने हमेशा बात ऐसी है कि जो कोई शरीफ लड़की करेगी उसने कुछ भी गलत बात की भी नहीं ओर सुनी भी नहीं। फिर वो लड़का २ दिन बाद अचानक से कहता है कि में तुम्हे पसंद करता हूं। ऐसा दिव्या ने कभी सोचा भी नहीं था कि कोई उसे ऐसा कहेगा।
क्या दिव्या भी उस लड़के को पसंद करने लगी होगी , या फिर क्या करेगी दिव्या ।आगे क्या होगा जानने के लिए बने रहे मेरे साथ।