भूतिया हवेली का श्राप 👻🏚️
गाँव से कुछ दूर घने जंगलों के बीच एक पुरानी हवेली थी, जिसे लोग 'शापित महल' कहते थे। वहाँ जाने वाला कोई भी इंसान कभी लौटकर नहीं आया। लोग कहते थे, "जो वहाँ जाता है, वह मरता नहीं... बल्कि हवेली का हिस्सा बन जाता है!"
खतरनाक शर्त
चार दोस्त—राहुल, नेहा, अजय और सौरभ—ने इस कहानी को मज़ाक समझा। अजय ने हंसते हुए कहा, "असली डर क्या होता है, चलो आज पता लगाते हैं!"
उन्होंने शर्त लगाई—जो सबसे ज्यादा देर तक अंदर रहेगा, वही असली बहादुर कहलाएगा। और फिर, वे हवेली में घुस गए...
हवेली के अंदर...
दरवाज़ा खोलते ही एक तेज ठंडी हवा आई और मोमबत्तियाँ अपने-आप बुझ गईं। अंदर घुप्प अंधेरा था, लेकिन दीवारों पर खून के हाथों के निशान थे। फर्श पर गिरे हुए नाखून और टूटे हुए दाँत देखकर नेहा का कलेजा मुँह को आ गया।
अचानक, कांच के शीशे में उन्होंने देखा कि उनकी परछाइयाँ नहीं दिख रही थीं...!! 😨
"यहाँ कुछ गड़बड़ है..." राहुल बुदबुदाया।
दरवाजा बंद हो गया!
जैसे ही वे भागने लगे, दरवाज़ा अपने-आप बंद हो गया।
"किसी ने हमें यहाँ बंद कर दिया है!" राहुल चिल्लाया।
तभी, एक धीमी फुसफुसाती आवाज़ आई—
"अब तुम यहीं रहोगे... हमेशा के लिए!"
मौत की आहट...
सौरभ ने अचानक चीख मारी! उसने देखा कि एक बिना आँखों वाली औरत दीवार पर उल्टा लटक रही थी! उसके चेहरे से मांस गायब था, और वह धीरे-धीरे उनकी तरफ आ रही थी।
"मुझे यहाँ क़ैद कर दिया गया... अब तुम भी नहीं बचोगे!"
नेहा ने काँपते हुए नीचे देखा—मिट्टी में से हड्डियों वाले हाथ बाहर आ रहे थे और अजय के पैर पकड़ लिए!
"मुझे छोड़ो!!" अजय चीखते हुए धड़ाम से ज़मीन पर गिर पड़ा।
सच्चाई का खुलासा
तभी हवेली की छत पर खून से लिखा दिखा—
"जो यहाँ आया, वह कभी वापस नहीं गया!"
राहुल ने कांपते हुए पूछा, "ये कौन कर रहा है?"
अचानक, हवा में एक लड़की की परछाई उभरी।
"मैं... रानी हूँ... इस हवेली की आखिरी राजकुमारी... मुझे ज़िंदा जला दिया गया था... अब मैं हर किसी को वैसे ही मारूँगी!"
भागने की कोशिश...
सौरभ ने चिल्लाकर कहा, "हमें यहाँ से निकलना होगा!"
राहुल ने दीवार पर टंगे एक पुराने जंग लगे चाकू को उठाया और ज़मीन पर उभर रहे हाथों को काटने की कोशिश की, लेकिन उन हाथों से खून की जगह काली धुंध निकलने लगी!
"यहाँ से भागो!" नेहा ने रोते हुए कहा।
लेकिन दरवाजा फिर से गायब हो चुका था... अब हवेली ने उन्हें पूरी तरह अपने शिकंजे में ले लिया था!
भूत बन चुके दोस्त
राहुल, नेहा और सौरभ किसी तरह खिड़की से कूदकर भागे... लेकिन अजय वहीं रह गया। 😱
उन्होंने पलटकर देखा—अजय खड़ा था... पर उसकी आँखें पूरी तरह सफ़ेद हो चुकी थीं!
वह मुस्कुराया और बोला, "तुमने मुझे छोड़ दिया... अब मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूँगा!"
अचानक, हवेली हवा में घुलने लगी और सबकुछ गायब हो गया।
अब गाँव में कोई भी उस जगह जाने की हिम्मत नहीं करता...
लेकिन कहते हैं, अगर आधी रात को वहाँ कोई जाता है, तो उसे चार परछाइयाँ दिखती हैं... एक लड़की, एक लड़का, एक आत्मा... और एक दोस्त, जो अब कभी इंसान नहीं बन सकता।
अब क्या तुम हवेली जाने की हिम्मत करोगे...? 😈💀