दर्द इमोशनल शायरी और गजल
ना फूलों की दुकान होती
ना इश्क होता
तेरी चाहत में यार मैं यूं ना बर्बाद होता
दिया था वह फूल भी किताब में सूख गया
तेरी याद आई तो तुझे गजलों में लिख दिया
अब रात भर गजले लिखूं
और उन्हें पढ़ता रहता हूं
महफिलों में तेरी दास्तां
में यूं ही सुनाता रहता हूं....!
मोहब्बत के सफर में कुछ यूं ही होता है
कोई हमको हमसे ही चुरा लेता है फिर यूं ही छोड़ जाता है
हमें चाहते होती है जिनकी।
देखते हैं राहे उनकी, सोचते हैं यादों में बसी बातें उनकी
लेकिन फिर भी वह हमें छोड़ जाते हैं।
यार मोहब्बत के सफर में कुछ ऐसा ही होता है
न जाने क्यों मेरा हर एक लम्हा उसकी यादों में रहता है।
चाहूं बिछड़ना फिर भी बिछड़ ना सके ऐसी डोर से रिश्ता बांदा होता है।
जिससे पूछूं वह यही कहता है
यार मोहब्बत के सफर में कुछ ऐसा ही होता है।
इश्क़ और दर्द
"इश्क़ की राहों में जो चला, वो खो गया,
दर्द को सीने में लिए, कोई रो गया।
चाहत की दुनिया में सब झूठे मिले,
सच बोलने वाला ही सबसे अलग हो गया।"
2. ज़िंदगी और संघर्ष
"धूप सहकर जो निखर जाए, वही सोना है,
गिरकर जो उठे, वही इंसानों में सर्वोच्च कोना है।
राह आसान नहीं, मगर हौसला रख,
हर रात के बाद सवेरा होना ही होना है।"
3. समाज और सच
"अंधेरों में बैठे हैं, रोशनी के तलबगार,
हर गली में मिलते हैं अब सौ-सौ किरदार।
सच बोलना जुर्म बन चुका इस जहाँ में,
झूठ की बिसात पर चलते हैं सब यार।"
4.तेरी सूरत भुलाने की कोशिश में लगा हूं,
खुद को खुद से दूर करने में थक सा गया हूं।
हर आईना तेरा अक्स दिखा जाता है,
तेरे बिना ये जहां अधूरा नजर आता है।
5.मैं लफ़्ज़ों से कैसे बताऊ ।
की कितनी खास हो तुम.!
जुदा होकर भी खत्म नहीं हो
वो एहसास हो तुम....?
मेरी एशियत होती तो
तुम्हारी किस्मत सवार देता मैं..!
एक दिल था जो तुम्हे दे दिया
हजारों भी होते। तो तुम पर वार देता मैं...!
6.तेरी सूरत भुलाने की कोशिश में लगा हूं,
खुद को खुद से दूर करने में थक सा गया हूं।
हर आईना तेरा अक्स दिखा जाता है,
बिना ये जहां अधूरा नजर आता है।
7. वो पलट कर देखती तो शायद रुक जाती,
मगर दिलों के फासले पहले ही तय हो चुके थे।
8. लब खामोश थे मगर दिल चीख रहा था,
तुम सुन नहीं सके क्योंकि दुनिया समझा रही थी।
ज़िंदगी ने हमें इश्क़ का सबक सिखा दिया,
जिसे चाहा था दिल से, उसी ने भुला दिया।
हम भी रखे थे बाल संवारकर कभी,
अब बिखरे हैं जैसे वो यादें बिखा दिया।
इश्क़ की गलियों में हर कोई अजनबी बन जाता है,
जो सबसे करीब था, वही सबसे दूर हो जाता है।
हमने भी कभी अपने बाल सवारे थे प्यार में,
अब हर लट में एक ग़म का राज़ छुपा रहता है।
हम भी कभी मोहब्बत के फसाने हुआ करते थे,
उनकी गलियों के हर कोने में पहचाने जाते थे।
अब बालों में सफेदी आ गई ग़मों की,
लोग पूछते हैं, कौनसी उम्र के दीवाने हुआ करते थे
तुझसे मैं कुछ कहना चाहता हूं
दिलों की धड़कन में रहना चाहता हूं
यूं हंस कर ना देख पगली
पास जाकर सुन मैं तुझे कुछ कहना चाहता हूं।
सुना है वह शख्स
किसी और के साथ चला गया
जिसने कभी साथ जीने मरने की
कसम खाई थी
तेरे बिना कोई ख्वाब सजाया नहीं,
तेरे सिवा दिल किसी पर लुटाया नहीं।
रिश्तों की भीड़ में तन्हा ही रहा,
क्योंकि तुझसे बढ़कर किसी को चाहा नहीं।