अगर आप खुश हैं तो ये अगर आप किसी को ना भी बताए तो भी पता चल जाता ही जाता है । वैसे दुख में भी यही होता है । सुख दुख का हाल आपके बॉडी लैंग्वेज से या आपके बात करने के तरीकेब्से पता लग ही जाता है , अब चाहे आप किसी को बताए या ना बताए । इस दुनिया में कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जिनके पास घर ,दौलत , गाड़ी सब है लेकिन ना जाने वो क्यों दुखी रहते हैं उनको ऐसा क्या चाहिए जो उनके पास नही है, शायद उन्हेबकोई भी देखे तो यही सोचे ।लेकिन सच्चाई तो यह है की खुशी चीजों में नही होती है और अगर होती है तो फिर वो कुछ पल की हो होती है ।
यह कहानी रिया की है जो बहुत ही ज्यादा बुद्धिमान लड़की है जिसको पढ़ने लिखने का शौक भी बहुत था लेकिन उसमे खूबी यह थी की वह ज्यादा देर तक पढ़ती नही थी लेकिन फिर भी उसके नंबर एग्जाम में बहुत अच्छे आते थे , वही उसकी दोस्त सिया जो ज्यादा पढ़ती थी लेकिन फिर भी उसके नंबर रिया जितने अचेबनाही आते थे । वैसे तो रिया की दोस्त थी लेकिन फिर भी उसके अंदर जलन भावना आ गई थी रिया को लेकर । और ये जलन भावना सिया को हमेशा परेशान रखती थी जिसके वजह से अब सिया अपने पर काम और रिया पर ज्यादा ध्यान देती थी अब सिया का ध्यान हमेशा इस पर रहता था की कही रिया आगे न बढ़ जाए जिसके वजह से सिया पूरी तरह नकारात्मक रहना लगी और जितना पहले पढ़ कर नंबर ला पाती अब नही कर पाती । पढ़ाई लिखाई में उसकी परफॉर्मेंस भी करब होते जा रही दिन प्रति दिन , साथ साथ अब वो दुखी रहती ।ऐसा नहीं है की पहले वो पढ़ाई में बहुत खराब थी बस इतना है की सिया के नंबर रिया से कम आते थे और दोस्त होने के वजह से उसको जलन होती थी । सिया के माता पिता भी बहुत अच्छे स्वभाव के थे बस ना जाने कहां से सिया के मन में ये भावना उत्पन्न हो गई थी रिया को लेकर , अब चाहे कितना भी अच्छा माहौल हो सिया को कुछ भी अच्छा नहीं लगता था उसके मन में अगर कुछ चलता था तो वो सिर्फ रिया को कैसे पीछे करे । लेकिन किसिंके बारे में अगर बुरा सोचने वाले का क्या कभी अच्छा होता है? बिलकुल भी नही इसी वजह से वो खुद रिया से पीछे रहने लगी और अपने आपको रिया से इतना पीछे होते देख कर वो और भी ज्यादा दुखी रहने लगी उसके माता पिता हर मुमकिन कोशिश करते की लड़की के नंबर अच्छे आए लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा था । सिया के घर वालों ने तो अच्छे से अच्छा कोचिंग भी सिया को ज्वाइन करवाया लेकिन सिया में कोई परिवर्तन ना आ पा रहा था । अंत में सिया की मां ने सोचा की अब वो सिया पे ध्यान देगी की आखिर ऐसा क्या हो जाता हैं सिया के साथ की वो अच्छे नंबर से अब पास नहीं हो पा रही है । सिया की मां को जब पता चला की सिया को रिया से जलन है तब उसने सिया को समझाया की वो दूसरे की खुशी में खुश होना सीखे तभी वो भी आगे बढ़ेगी ।