हमारी ये कहानी दो किरदार वीर सिंघानिया और ईशा मेहरा के इर्द गिर्द घूमती है जिसमें revenge, romance, drama, comedy को शामिल करने की कोशिश मैंने किया है। वीर और उसके पैरेंट्स एक हादसे में चल बसे जब वीर केवल 6 साल का ही था। हालांकि उस समय वीर की भी हालत काफी नाजुक थी। उसके परिवार के दुश्मनों की कोई कमी नहीं रही है। 20साल बाद भी उसकी मंगेतर ने उसे धोखा दे दिया जो उस समय उसके पेरेंट्स ने उनकी शादी तय की थी। इसके बावजूद उसपर मर मिटने वाली कई लड़कियां थी शायद वो..। खैर अपनी बुरी हालातों के बावजूद उसे एक मामूली जॉब करनी पड़ती थी। जिससे उसका केवल खर्चा और कॉलेज की फीस में ही समाप्त हो जाता है। कॉलेज की जिंदगी बिल्कुल भी बेहतर नहीं रही। बस ठीक ठाक। पर वो कहते है ना, सफलता केवल मेहनत की कदम चुमती है। हां बस।
वही एक सिद्धि साधी सुंदर लड़की की जिंदगी भी कोई खास नहीं थी पर घर की खर्ज और कॉलेज की फीस जुटाने के लिए उसे एक वेट्रेस की जॉब करनी पड़ती थी उसे अपनी बीमार मां के इलाज के लिए पैसे की काफी जरूरत होती है। उसकी मां को ब्रेन ट्यूमर हुआ है। क्या वो लड़की अपनी मां की इलाज के लिए पैसों का इंतजाम कर पाएगी। उस लड़की के बहुत तो नहीं पर कुछ सहेलियां होती है जैसे रिया, तान्या, सिमर, आदि। उसने अपने दोस्तों से भी कभी मदद ली है और उन्होंने भी अपने दोस्त की मदद की है पर इलाज के रकम कभी बड़ी है। इसलिए इसमें वे सब भी कुछ नहीं कर सकती।
आगे जानने के लिए पढ़िए आपकी अपनी पसंदीदा कहानी Revenge triangle.
"तभी तो तू मेरी सुपरवुमन है। पक्का जल्दी आना, मैं तुझे कॉलेज गेट पर मिलूंगी। और हां, मैं तान्या को खुशखबरी देने जा रही हूं।" रिया की आवाज़ में राहत और खुशी थी।
फोन रखते हुए ईशा के चेहरे पर हल्की मुस्कान थी। उसने खुद से कहा, "चलो, एक घंटे के लिए ही सही, अपनी पुरानी ज़िंदगी को थोड़ा जी लूं।"
"भैया! दो मार्गरीटा बना दो… और हाँ, थोड़ी स्ट्रॉन्ग रखना!"
सिया ने अपने लंबे, खूबसूरत बालों को पीछे करते हुए वेटर को इशारा किया।
"जी मैम!"
वेटर ने पल भर को उसकी ओर देखा, फिर जल्दी से ऑर्डर लेने चला गया।
रिया ने अपना सिर हल्का सा टेबल पर टिकाया और सिया की तरफ देखा।
"वैसे, तू बता, तू और तेरा पति… कैसे चल रहा है सब?"
सिया ने हल्की हँसी के साथ अपनी भौंहें ऊपर उठाईं।
रिया, जो उसकी सबसे करीबी दोस्त थी, सब जानती थी। एक साल पहले, उसकी शादी एक डिलीवरी बॉय से हो गई थी—यह फैसला उसके दादाजी ने लिया था। लेकिन उस शादी का भविष्य कभी उज्ज्वल नहीं था।
"तलाक लेने वाली हूँ!"
रिया ने जैसे ही ये शब्द बोले, सिया की आँखें चमक उठीं।
"अरे वाह! ये हुई न बात! मुझे तो पहले से पता था कि वो तेरे लायक नहीं था।"
सिया ने टेबल पर हल्की थाप दी और मुस्कुराई।
"नहीं सिया, मैं उसे इसलिए नहीं छोड़ रही क्योंकि वो एक डिलीवरी बॉय है। मैंने उससे शादी सिर्फ इसीलिए की थी क्योंकि वो एक अच्छा इंसान लगा था। लेकिन..."
रिया ने गहरी सांस ली और एक कड़वी हँसी हँसी।
"...उसने मुझे धोखा दिया। किसी और लड़की के साथ था वो।"
सिया की आँखें गुस्से से लाल हो गईं।
"क्या? साला कमीना! तू बता, वो कहाँ मिलता है? मैं खुद जाकर उसकी खबर लेती हूँ! कान पकड़कर घसीटूंगी सड़क पर!"
उसने अपनी मुट्ठी टेबल पर मारी, जिससे गिलास हल्का सा हिल गया।
रिया ने हल्की मुस्कान के साथ सिर हिलाया।
"छोड़ ना, सिया। आखिर उसने मेरे दादाजी की जान बचाई थी। इतना तो एहसान मानना बनता है।"