एक छोटे से गाँव में हस्सु नाम का एक लड़का रहता था। हस्सु एक बहुत ही संवेदनाशील और प्यार भरा लड़का था। उसकी जिंदगी सिंपल थी, लेकिन वो अपने सपनों में हमेशा कुछ बड़ा करने का सोचता रहता था। गांव वाले उसे अच्छा लड़का समझते थे, क्योंकि वो सबकी मदद करता था, चाहे वो छोटे काम हो या बड़े। हस्सू का सपना था कि एक दिन अपने गांव से बाहर जाके बड़ा इंसान बने, लेकिन उसका मन अपने गांव के लोगों में खुशियां बांटने में ही लगा रहता था।
गाँव में एक और लड़की थी, जिसका नाम मीरा था। मीरा की दुनिया थोड़ी अलग थी। वो एक बुद्धिमान थी और अपने काम में मन लगाने वाली लड़की थी। उसका सपना था कि वो अपनी पढ़ाई पूरी करके शहर में जाके अपना नाम कमाए, जहां उसे अपने सपने पूरे करने के लिए बेहतर मौके मिले। मीरा को शादी और प्यार में ज्यादा रुचि नहीं थी, क्योंकि उसका ध्यान अपने सपनों पर था। वो सोचती थी कि जब तक वो अपनी जिंदगी में कुछ अच्छा नहीं कर पाती, तब तक वो किसी भी लड़के को अपनी जिंदगी में नहीं लाएगी।
मेले का दिन था, और गाँव के हर कोने में उत्साह था। गांव के सब लोग मेला देखने के लिए निकले थे, हस्सु भी अपने दोस्तों के साथ वहां गया था। मेले में ख़ूबसूरत रंग-बिरंगे पटाखो के साथ, हवाई झूलों की आवाज़ सुनायी दे रही थी। हस्सु अपने दोस्तों के साथ मजे कर रहा था, लेकिन जब उसकी नज़र मीरा पर पड़ी, तो सब कुछ रुक गया। मीरा अपने दोस्त के साथ एक झूला ले रही थी, और उसकी मुस्कुराहट में कुछ ऐसा था जो हस्सू को अपने दिल के अंदर महसूस हुआ। उसकी आँखों में एक अंजानी सी चमक थी।
हस्सू को लगा कि मीरा को जाने बिना, अपने जज़्बात को समझना मुश्किल है। लेकिन उसने अपने दिल की सुनी कि सोची और उसके पास गया। "मीरा," उसने हल्की सी शर्म के साथ कहा, "मुझे लगा कि हम दोनों एक दूसरे से बात करना चाहेंगे।"
मीरा थोड़ी हेयरन हुई, लेकिन उसने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “आप क्या बात करना चाहते हैं?”
हस्सु थोड़ा घबराते हुए बोला, “बस, ये जाना चाहता हूं कि आपकी जिंदगी में जो सपने हैं, उन्हें आप कैसे पूरा करना चाहती हो?”
मीरा ने थोड़ा सोच कर जवाब दिया, “मैं अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहती हूं, और फिर शहर में जाकर अपनी जिंदगी बनानी है। प्यार और शादी की बात तो अभी दूर है।”
हस्सु को ये सुनके थोड़ा दर्द हुआ, लेकिन उसने अपने जज़्बात को कंट्रोल किया और कहा, “मुझे लगा कि हम दोनों का सफर एक साथ हो सकता है। अगर आपको बुरा ना लगे तो, मैं अपनी जिंदगी आपका साथ देखना चाहता हूं।”
मीरा थोड़ा आश्चर्यचकित हुई, लेकिन उसने समझा कि सच में अपनी बात से वफ़ादारी रखी है। "चलिए, हम दोस्त बन कर बात करते हैं, फिर देखते हैं कहां तक ये सफर जाता है।"
धीरे-धीरे, हस्सु और मीरा की दोस्ती गहरी हो गई। हस्सु ने मीरा को अपने सपने और लक्ष्य बताये, और मीरा ने उसे अपना दर्द और खुशियाँ साझा कीं। वो दोनों एक दूसरे को समझने लगे। मीरा को ये समझ में आया कि हस्सू एक ऐसे लड़के का रूप था जो अपने सपने के पीछे पूरी इमारत से भाग रहा था, और उसके साथ अपनी जिंदगी बिताना उसके लिए बेहतर हो सकता है।
एक दिन, मीरा ने हस्सु से कहा, “हस्सु, मैंने सोचा है। तुम्हारे सपने और तुम्हारा जज्बा मुझे बहुत पसंद आया। शायद मैं तुम्हारे साथ अपनी जिंदगी गुजार सकती हूं।”
हस्सु ने अपने दिल की बात मीरा से कही, "मैं तुम्हारे साथ अपने सपने पूरे करना चाहता हूं। तुम्हारे साथ हर मोड़ पर चलना चाहता हूँ।”
मीरा और हस्सु ने अपने सपने एक दूसरे के साथ जोड़ लिए। हस्सु ने अपने गांव में एक छोटी सी दुकान खोली, जहां वह अपनी बचत से अपना छोटा सा बिजनेस शुरू कर रहा था। मीरा ने अपनी पढ़ाई के बाद एक शहर में अच्छी नौकरी हासिल की, और धीरे-धीरे दोनों अपनी-अपनी जिंदगी में कुछ न कुछ बड़ा कर रहे थे।
उनका प्यार बढ़ता गया, और दोनों ने एक दूसरे के सपनों को अपना बना लिया। आज वो दोनों अपने-अपने काम में सफल हुए, और एक दूसरे की मदद से अपनी जिंदगी में सफलता की और बढ़ रहे हैं।
मीरा को ये समझ आया कि एक अच्छा रिश्ता सिर्फ प्यार पर नहीं, बल्कि एक दूसरे के सपनों की इज्जत देने पर भी बनता है। और हस्सू को ये समझ आया कि प्यार सिर्फ दिल से नहीं, अपनी मेहनत और हिम्मत से भी होता है।
और इस तरह, हस्सु और मीरा का प्यार, सपने और सफर हमेशा के लिए एक हो गया।