My Devil CEO - 1 in Hindi Love Stories by silent girl books and stories PDF | My Devil CEO - 1

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My Devil CEO - 1

तो चलिए शुरू करते है 

लखनऊ जिसको आप सभी उत्तर प्रदेश की राजधानी के रूप में जानते है , इसी शहर में तेलीबाग में एक बगले है जहां ठाकुर परिवार रहता है वैसे इनको पैसे की कोई कमी नहीं है क्योंकि यह अपना कपड़ो का बहुत बड़ा कारोबार चलते है । चले मिलते है कुछ लोगों से ठाकुर फैमिली के मुखिया जसवंत ठाकुर जोह बाहर से तो बहुत सख्त पर अंदर से उतने ही कोमल स्वभाव के है । इनकी धर्म पत्नी सुजाता ठाकुर बहुत ही सीधी महिला है उनको देख तो कोई नहीं कह सकता यह इत्ते बड़े बच्चों की मां है । इनके दो बेटे है अक्षत जोह अपने पिता के साथ बिज़नस सम्भल रहा है छोटा बेटा ईशान जोह बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए अमेरिका में रह रहा है और इनकी एक बेटी भी है  सिया जोह दिखने मै किसी मॉडल से कम नहीं है लंबी नाक ,गुलाबी होता , काले रेशमी बाल जोह कमर तक है हाइट भी 5,4 है ।

सुबह का समय ठाकुर निवास,

पूजा घर से घंटी की आवाज सुनके सब मंदिर में आ जाते है सुजाता जी आरती सबको देती है सब जाके सोफे पे बैठ जाते जसवंत जी बोलते सुजाता जी सिया अभी नहीं उठी।

सुजाता जी, आजी उठा के आई थीं पर यह 8बजे से पहले कभी उठी है फिर सुजाता जी मेड को नाश्ता लगाने बोलके ऊपर सिया के कमरे में जाती है जैसे ही दरवाजा खोलती है देखती है सारा सामान इधर उधर पड़ा है कही टॉवेल तो कही शूज यह सब देख सुजाता जी अपना सर पीट लेती है और सामान समेतने लगती है फिर आने उठती है सिया को 

सिया उठ जा तेरे पापा बुला रहे तभी सिया उठ के बैठ जाती है बोलती है क्या पर क्यों मैने तो कोई गड़बड़ नहीं की है पापा फिर डरने के लिए बुला रहे नहीं बेटा नाश्ता के लिए और तुझे कॉलेज भी तो जाना है सिया बोलती ओह शीट !! सुजाता जी ,क्या हुआ कुछ नहीं मां आज मुझे अपना प्रोजेक्ट जमा करना था मैं भूल कैसे गई ।

वह उठती है और वाशरूल मै घुस जाती है सुजाता जी नीचे चली जाती 10 मिनिट बाद सिया सीढ़ियों से नीचे आती है लाइट पिंक कुर्ती विद ब्ल्यू जींस कानों में छोटे झुमके , हाथों मै वाच , मेकअप के नाम पे आंखों में काजल और आईलाइनर और होठों पे पिंक लिपस्टिक इसमें भी कहर लग रही थी । 

डाइनिंग टेबल पे नाश्ता देख सिया बोली वाओ मई फेवरेट आलू पराठे सब उसको मुस्कुरा के देखते है तभी अक्षत बोलता मोटी तुझे तो यही सब पसंद आएगा सिया गुस्से में मै मोटी नहीं हु अक्षत तू है मोटी बंदरिया , सिया हा भाई मुझे अब बंदरिया भी बोल रहे रोनी सूरत बना कर बोली तभी जसवंत जी अक्षत मेरी बिटिया को परेशान न करो सिया मुस्कुरा देती है और जसवंत जी को हग कर बोलती है मै बेस्ट पापा तो अक्षत झूठ का गुस्सा हो बोलता है सब प्यार इस मोटी को मुझे तो कोई प्यार करता ही नहीं है तभी सिया टपक से बोलती वोह है न कोई आपको प्यार करने के लिए अक्षत घबरा जाता है ।

Thank you दोस्तों