Two Parts of Brain in Hindi Health by S Sinha books and stories PDF | मस्तिष्क के दो हिस्से

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मस्तिष्क के दो हिस्से


                                   मस्तिष्क के दो हिस्से  

हमारे शरीर का अत्यंत महत्त्वपूर्ण अंग है मस्तिष्क , जिसे दिमाग और ब्रेन ( brain ) भी कहते हैं  . ब्रेन ही हमारे शरीर की सारी क्रियाओं को कंट्रोल करता है  . ब्रेन तो एक ही है पर इसके दो हिस्से या गोलार्ध ( hemisphere ) हैं  . ब्रेन का कुल वजन  औसतन 1. 36 Kg होता है  .  प्रायः दोनों हिस्से साइज और वजन में बराबर होते हैं हालांकि अक्सर दायां भाग कुछ बड़ा होता है पर यह अंतर  नगण्य होता  है .  प्रथम दृष्टि में मानव का शरीर सममितीय ( symmetrical ) दिखता है - दो हाथ , दो पैर , दो कान और  दो आँखें  . यहाँ तक कि लगभग सभी के  नाक , मुंह और चेहरे को  एक काल्पनिक रेखा ( अक्ष =  axis ) दो समान भागों में बांटती है . 


मनुष्य के ब्रेन के लगभग दो समान गोलार्ध  या हिस्से हैं और प्रत्येक में  प्रथम दृष्टि में एक समान कुंड और उभार  ( furrows and  buldges  ) दिखते हैं  .  वास्तव में दोनों हिस्सों में सूक्ष्म और जटिल अंतर होता है  . ब्रेन के दोनों हिस्से शरीर की अलग अलग क्रियाओं के विशेषज्ञ हैं  . बांया हिस्सा भाषा , बोली और तर्क का काम करता है जबकि दायां हिस्सा हमारे इमोशन , चेहरे की पहचान  , इमेज प्रोसेसिंग , स्थानिक जागरूकता ( spatial awareness ) और रचनात्मक सोच आदि के लिए जिम्मेदार है  . ब्रेन के दोनों हिस्से आपस में संचार करते हैं और तालमेल रखते  हैं  . बायां हिस्सा शरीर के दाएं भाग की क्रिया को कंट्रोल करता है और दायां  हिस्सा शरीर के बाएं  भाग की क्रिया  को कंट्रोल करता है जैसे कि अगर आप बायां हाथ मूव करते हैं तो आपके ब्रेन का दायां गोलार्ध इसके लिए सिग्नल देता है  . आपस में संचार के लिए दोनों भागों के बीच में C के आकार का सफ़ेद नसों का एक दल ( bundle of nerves ) होता है जिसे कार्पस कोलजम ( corpus collasum ) कहते हैं  . यह दिमाग के दोनों गोलार्ध के बीच पुल का काम करता है और आपस में सिग्नल भेजते रहता है  . 


देखने में एक समान होते हुए भी हर आदमी के ब्रेन का प्रॉसेसिंग  अलग होता है  . आदमी के  ब्रेन के दोनों भाग समान रूप से एक्टिव नहीं होते हैं , किसी का बायां भाग ज्यादा एक्टिव होता है तो किसी का दायां भाग  . 


 लेफ्ट ब्रेंड पर्सन और  राइट ब्रेंड  पर्सन ( left and right brained )   - आमतौर पर मनुष्य के ब्रेन का कोई एक हिस्सा दूसरे की अपेक्षा ज्यादा एक्टिव होता है . मस्तिष्क का जो भाग ज्यादा एक्टिव होता है उसी के अनुसार वह व्यक्ति लेफ्ट ब्रेन पर्सन या राइट ब्रेन पर्सन कहलाता है  . दोनों तरह के व्यक्तियों की अलग अलग विशेषताएं होती हैं  . 


 लेफ्ट ब्रेन पर्सन बनाम  राइट ब्रेन पर्सन - आमतौर पर धारणा है कि आदमी  या तो लेफ्ट ब्रेन पर्सन होता है या फिर   राइट ब्रेन पर्सन  .  लेफ्ट ब्रेन पर्सन और  राइट ब्रेन पर्सन की कुछ  विशेषताएं इस प्रकार हैं   .  कुछ न्यूरोलॉजिस्ट इस मत से सहमत नहीं हैं क्योंकि हर व्यक्ति ब्रेन के दोनों भाग का इस्तेमाल करता है , हो सकता है तरीका कुछ अलग हो  . 

 

 लेफ्ट ब्रेन पर्सन में ये  गुण ज्यादा देखे जाते हैं - विश्लेषणात्मक ( analytical ) , तार्किक (  logical ) , कार्य उन्मुख या तथ्योन्मुख ( fact oriented ) , सिस्टम के अनुसार काम करना , बातों या शब्दों में सोचना  (  think in words ) जैसे -  धारा प्रवाह बोलना और  संख्यात्मक ( numerical ) जैसे - गणित में अच्छा  . 


राइट  ब्रेन पर्सन में ये  गुण ज्यादा देखे जाते हैं  - रचनात्मक ( creative ) , कलात्मक ( artistic ) , सहज ज्ञान या अंतर्ज्ञान ( intuition ) और शब्दों की अपेक्षा कल्पना में सोचने की कला ( visualize more than in word ) 


उपरोक्त गुणों के चलते ही मनुष्य अलग अलग क्रियाओं में ज्यादा या कम कुशल होते हैं , किसी खास स्किल या IQ , रीडिंग , राइटिंग आदि  . 


लेफ्ट या राइट ब्रेन विषमता ( asymmetry )  होना आवश्यक भी है और ज्यादातर मनुष्यों में यह जेनेटिक होता है  .जेनेटिक के अतिरिक्त कुछ अन्य बातों का असर भी ब्रेन की क्रियाओं पर असर डालता है , जैसे पर्यावरण , आसपास का वातावरण आदि   . आदमी ब्रेन के दोनों भागों का उपयोग करता है न कि सिर्फ डॉमिनेंट ( ज्यादा एक्टिव ) भाग का   .  यह गुण केवल मनुष्यों में ही नहीं होता है , ऐसा पशुओं व अन्य जीवों में भी होता है  . वैज्ञानिकों ने कुछ पक्षियों , चूहों , मुर्गों , कीड़ों , मधुमक्खी आदि पर अपने शोध में ऐसा देखा है  . लेफ्ट या राइट ब्रेन विषमता ( asymmetry ) न होने से या कमी होने से कुछ दिमागी बीमारी होने की संभावना रहती है , जैसे डिस्लेक्सिया ( dyslexia ) , ऑटिज्म ,  सिजोफ्रेनिया (  schizophrenia ) आदि  . 


जुड़वां और असंबंधित मनुष्य - जैसा कि ऊपर कहा जा चुका  है लेफ्ट या राइट ब्रेन की कार्यशैली सिर्फ जेनेटिक या आनुवंशिक ही नहीं होती है बल्कि पर्यावरण आदि अन्य पहलूओं पर भी निर्भर करती है  . ऐसा जुड़वों और कुछ ऐसे लोगों पर , जो किसी के रिश्तेदार न थे , शोध कर के पाया है  . इसलिए जुड़वों में या सगे भाई बहनों में भी ब्रेन का फंक्शन अलग होता है  .  लेफ्ट और  राइट ब्रेन वाले मनुष्य अपने ब्रेन के लेफ्ट और राइट गोलार्ध को एक समान यूज नहीं करते हैं  . 


पुरुषों और महिलाओं के ब्रेन में अंतर - वैज्ञानिकों के अध्ययन एवं शोध से पता चला है कि मेल और फीमेल ब्रेन में कुछ अंतर हैं - 


महिलाओं की अपेक्षा पुरुष का मस्तिष्क लगभग 10 % बड़ा होता है हालांकि इसके चलते उनकी बुद्धि में अंतर नहीं होता है  . कुछ खास क्रियाओं में महिला अग्रसर हो सकती हैं और कुछ में पुरुष आगे होते हैं  . 

ब्रेन का एक एरिया  पेरिएटल लोब्यूल ( parietal lobule ) पुरुष का बड़ा होता है और यह गणित के प्रॉब्लम , स्पीड और टाइम का अनुमान आदि का बेहतर ज्ञान देता है  . 


पुरुष का प्रीऑप्टिक एरिया ऑफ़ हाइपोथॉमस ( POA ) महिला की अपेक्षा करीब दोगुना ज्यादा बड़ा होता है , यह आदमी के सेक्स रूचि के लिए जिम्मेदार है  . 


महिलाओं में अंतर्ज्ञान ( intuition ) , विश्लेषण और परिणाम की कल्पना शक्ति  बेहतर होती  है जबकि पुरुष का मोटर स्किल  ( हाथ पैर और पूरे शरीर का शक्ति से उपयोग में लाना ) ज्यादा होता है  . 


ब्रेन केमिस्ट्री के मामले में सेरोटोनिन ( serotonin ) , एक हैप्पीनेस हार्मोन को प्रोसेस करने की क्षमता पुरुष में महिला की अपेक्षा ज्यादा होती है  . इसके चलते महिलाओं में डिप्रेशन और एंग्जायटी की समस्या ज्यादा होती है  

बॉटम लाइन - 
ऐसा कोई  सटीक टेस्ट नहीं है जिस से पता चले कि कौन लेफ्ट ब्रेन या  राइट ब्रेन व्यक्ति है  . 


न्यूरोलॉजिस्ट जरूर यह मानते हैं कि दिमाग का एक भाग दूसरे की अपेक्षा ज्यादा एक्टिव होता है  . 


अधिकतर ब्रेन की कार्यशैली में दोनों भागों का योगदान होता है 


न्यूरोलॉजिस्ट के अनुसार किसी को लेफ्ट ब्रेन या राइट ब्रेन का कहना सही नहीं होगा  . 


ब्रेन के लेफ्ट और राइट भाग का कार्य क्षेत्र अलग है फिर भी एक दूसरे को कंट्रोल करते हैं 


मनुष्य का मस्तिष्क एक सुंदर पर जटिल अंग है जो बदलते रहता है और सीखने के लिए बना है  . दोनों भाग शरीर की भिन्न क्रियाओं को कंट्रोल करते हैं और मिलजुल कर काम करते हुए हमारी पहचान बनाते हैं  . 
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नोट -  इसी श्रृंखला में अगले लेख में लेफ्ट हैंडेड और राइट हैंडेड के बारे में पढ़ें