बॉलीवुड सितारे जो समय से पहले टूट गए
गुरुदत्त - का जन्म 9 जुलाई 1925 को तत्कालीन मैसूर राज्य ( ब्रिटिश इंडिया ) के बंगलोर ( अब बेंगलुरु ) में हुआ था . गुरुदत्त उनका नाम फिल्म जगत में था वास्तव में उनका नाम वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोणे था . वे एक उच्च कोटि के निर्माता और निर्देशक थे . हालांकि उन्होंने 16 फिल्मों में ही काम किया पर उनकी कुछ फ़िल्में यादगार रही हैं - प्यासा , कागज के फूल , साहब बीबी और गुलाम , चौदहवीं का चाँद . 10 अक्टूबर 1964 की सुबह अपने अपार्टमेंट में उन्हें मृत पाया गया था . उस समय उनकी आयु 39 साल थी . कहा जाता है कि उन्होंने आत्महत्या की थी . उस समय उनकी फिल्म ‘ बहारें फिर भी आएँगी ‘का निर्माण चल रहा था
2010 में CNN ने उन्हें एशिया के सर्वोत्तम 25 निर्देशकों में एक कहा था . टाइम्स मैगज़ीन ने उनकी प्यासा , कागज के फूल , साहब बीबी और गुलाम , चौदहवीं का चाँद फिल्मों को आल टाइम्स 100 बेस्ट मूवीज कहा है .
उनकी 1962 की फिल्म , साहब बीबी और गुलाम, को बेस्ट फिल्म के नेशनल अवार्ड के अलावा बेस्ट एक्ट्रेस और अन्य तीन श्रेणियों में फिल्मफेयर अवार्ड मिला है .
गीता बाली - गीता बाली का जन्म 30 नवंबर 1930 में सरगोधा , पंजाब , तत्कालीन ब्रिटिश इंडिया ( अब पाकिस्तान ) में हुआ था . उनका बर्थ नेम हरिकीर्तन कौर था . 12 साल की उम्र में फिल्म ‘ कॉब्लर ‘ में बाल कलाकार के रूप में उनका फ़िल्मी सफर शुरू हुआ था . 1955 में फिल्म ‘ कॉफी हाउस ‘ की शूटिंग के दौरान शम्मी कपूर से उनकी शादी हुई . गीता ने लगभग 75 फिल्मों में तत्कालीन मशहूर एक्टर्स अशोक कुमार , देव आनंद ,गुरु दत्त , भारत भूषण , राज कपूर आदि के साथ काम किया है . 21 जनवरी 1965 में राजेंद्र सिंह बेदी के उपन्यास ( एक चादर मैली सी ) पर आधारित पंजाबी फिल्म “ रानो ‘ की शूटिंग चल रही थी . उसी दौरान वे चेचक की शिकार हुईं और मात्र 35 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हो गयी .
‘ वचन ‘ और ‘ कवि ‘ फिल्मों में उनका अभिनय सराहनीय था जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड के लिए नामांकित किया गया था . 1963 की फिल्म ‘ जब से तुम्हें देखा है ‘ उनकी अंतिम फिल्म थी .
मधुबाला - मधुबाला का बर्थ नेम मुमताज जहाँ देहलवी था . उनका जन्म 14 फ़रवरी 1933 को दिल्ली में हुआ था . 1942 की फिल्म “ बसंत “ में एक बाल कलाकार के रूप में उनका फ़िल्मी सफर शुरू हुआ . 1947 की फिल्म “ नील कमल “ में केदार शर्मा ने उन्हें राज कपूर के साथ कास्ट किया था . उन्होंने अपने समय के टॉप एक्टर्स अशोक कुमार , देव आनंद ,गुरु दत्त , भारत भूषण और राज कपूर , प्रदीप कुमार , दिलीप कुमार , सुनील दत्त , राजकुमार , शम्मी कपूर आदि के साथ लीड रोल में काम किया है .
मधुबाला ने लगभग 70 फिल्मों में काम किया है . 1958 की फिल्म ‘ हावड़ा ब्रिज ‘ का उन पर फिल्माया गया गाना “ आइये मेहरबान … “ आज भी उतना ही लोकप्रिय है . उनकी 1960 की फिल्म “ मुगल ए आज़म “ को बॉक्स ऑफिस पर अपार सफलता मिली थी , इस रिकॉर्ड को आगे चल कर “ शोले “ फिल्म ने तोड़ा था .
मधुबाला अपनी सुंदरता के लिए बॉलीवुड से हॉलीवुड तक मशहूर थीं . उन्हें हॉलीवुड से भी ऑफर मिला था जिसे उन्होंने ठुकरा दिया . उन्हें हृदय रोग था , उनके हृदय में एक छिद्र था . 1956 में “ ढ़ाके की मलमल “ फिल्म की शूटिंग के दौरान किशोर कुमार से उनकी निकटता बढ़ी . किशोर को उनकी बीमारी का पता था फिर भी 1960 में दोनों ने शादी की . 23 फ़रवरी 1969 को बॉलीवुड का यह सितारा मात्र 36 साल की आयु में सदा के लिए लुप्त हो गया . उनकी अंतिम फिल्म “ ज्वाला “ उनकी मौत के बाद 1971 में रिलीज हुई थी .
मीना कुमारी - बॉलीवुड में ट्रेजडी क्वीन नाम से मशहूर मीना कुमारी का बर्थ नेम महजबीं बानो था . उनका जन्म 1 अगस्त 1933 को बॉम्बे ( अब मुंबई ) के दादर में एक बहुत गरीब परिवार में हुआ था जो शुरू में बोलपुर ( शांतिनिकेतन ) में रहता था . सुना जाता है कि उनका संबंध रवींद्रनाथ टैगोर परिवार से रहा था . टैगोर के छोटे भाई की बेटी हेम सुंदरी टैगोर थी . विधवा होने के बाद उन्हें सम्पत्ति विवाद के चलते परिवार से अलग होना पड़ा था . बाद में सुंदरी का विवाह मेरठ के एक ईसाई से हुआ जिस से उन्हें दो बेटियां हुईं . उनमें एक का नाम प्रभावती था जो मीना कुमारी की माँ थीं .
फ़िल्मी सफर - विजय भट्ट द्वारा निर्मित 1939 की फिल्म “ लेदरफेस “ में एक बाल कलाकार के रूप में मीना का फ़िल्मी सफर शुरू हुआ . 1950 के दशक की फ़िल्में बैजू बावरा , परिणीता , दो बीघा जमीन में उनका अभिनय अत्यंत प्रशंसनीय था जिसके लिए उन्हें देश विदेश में भी सम्मान मिला . उनके अनुसार उनकी 1962 की फिल्म ‘ साहब बीबी और गुलाम ‘ में उनका सर्वोत्तम अभिनय रहा . इस फिल्म को बेस्ट फिल्म के नेशनल अवार्ड के अलावा बेस्ट एक्ट्रेस और अन्य तीन और श्रेणियों में फिल्मफेयर अवार्ड मिला था .
उन्होंने अपने समय के टॉप एक्टर्स अशोक कुमार , बलराज साहनी , देव आनंद ,गुरु दत्त , राज कपूर , प्रदीप कुमार , दिलीप कुमार , सुनील दत्त , राजकुमार , किशोर कुमार , धर्मेंद्र आदि के साथ लीड रोल में काम किया है . उन्होंने करीब 100 फिल्मों में काम किया है . ट्रेजेडी रोल में उनका कोई मिसाल नहीं था इसलिए ट्रेजेडी क्वीन नाम से प्रसिद्ध हुईं थीं हालांकि साउथ के जेमिनी गणेशन के साथ “ मिस मेरी “ में उन्होंने बेहतरीन कॉमेडी रोल किया था . 1972 की फिल्म ‘ पाकीज़ा ‘ उनकी अंतिम फिल्म है . पति कमाल अमरोही से मनमुटाव के चलते यह फिल्म बहुत दिनों तक अधूरी पड़ी थी .
मीना कुमारी “ नाज़ “ नाम से ग़ज़ल और कविता लिखती थीं . उन्होंने अपनी डायरी गुलज़ार साहब को दिया था जिसे गुलज़ार ने “ तन्हा चाँद “ नाम से प्रकाशित कराया .
पुरस्कार - बैजू बावरा , परिणीता , काजल और साहब बीबी और गुलाम के लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवार्ड मिला है . इनके अतिरिक्त उन्हें अन्य पुरस्कार भी मिले हैं .
31 मार्च 1972 को 38 वर्ष की आयु में बॉलीवुड का यह सितारा सदा के लिए डूब गया .
संजीव कुमार - हरिहर जेठालाल जरीवाला का जन्म 9 जुलाई 1938 में सूरत ( तब बॉम्बे प्रेसीडेंसी , ब्रिटिश इंडिया ) में हुआ था . बॉलीवुड में इन्हें संजीव कुमार नाम से जाना जाता है . वे गुजराती पटेल परिवार से थे और उन्हें हरिभाई नाम से भी जाना जाता था .
फ़िल्मी सफर - संजीव कुमार का फ़िल्मी सफर 1960 की फिल्म “ हम हिंदुस्तानी “ में एक छोटे से रोल से शुरू हुआ . 1965 में पहली बार फिल्म “ निशान “ में हीरो के रोल में आये . शुरू में उन्हें A ग्रेड की फिल्म नहीं मिल रही थी . 1968 में फिल्म “ संघर्ष “ में वे दिलीप कुमार के साथ दिखे . हालांकि वे बहुमुखी प्रतिभा के कलाकार थे और सभी प्रकार के रोल बखूबी निभा लेते थे फिर भी उनकी सही पहचान 1970 की फिल्म “ खिलौना “ से मिली .
फिल्म ‘ नया दिन नयी रात ‘ में उन्होंने नौ किरदार निभा कर अपने कौशल का परिचय दिया था . उन्होंने 168 फिल्मों में काम किया है जिनमें हिंदी के अतिरिक्त गुजराती , तमिल , तेलगु , पंजाबी , मराठी और सिंधी भाषा की फ़िल्में भी हैं . गुलजार उनके अभिनय से काफी प्रभावित हुए और उन्हें ‘ कोशिश ‘ , ‘ आंधी ‘ और ‘ मौसम ‘ में कास्ट किया था . ‘ अंगूर ‘ में डबल रोल , ‘ सीता और गीता ‘ और “ शोले ‘ के ठाकुर की भूमिका बहुत सराहनीय थी . 1980 के बाद से वे फिल्मों में सशक्त चरित्र अभिनेता का रोल करने लगे थे . उन्हें दिल की बीमारी थी . 5 नवंबर 1985 को 47 साल की उम्र में यह सितारा बॉलीवुड को सदा के लिए अलविदा कह चला गया .
उनकी अंतिम फिल्म “ प्रोफ़ेसर की पड़ोसन “ उनकी मृत्यु के बाद 1993 में रिलीज हुई थी .
पुरस्कार - फिल्म ‘ दस्तक ‘ और ‘ कोशिश ‘ के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है . ‘ आंधी ‘ और ‘ अर्जुन पंडित ‘ के लिए फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर और ‘ शिकार के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के अवार्ड से उन्हें नवाजा गया है .
स्मिता पाटिल - स्मिता पाटिल का जन्म 17 अक्टूबर 1955 को पुणे में हुआ था . स्कूल की पढ़ाई के बाद स्मिता ने पुणे के इंडियन इंस्टीच्युट ऑफ़ फिल्म एंड टेलीविज़न से डिप्लोमा ली . शुरू में उन्होंने बॉम्बे ( अब मुंबई ) दूरदर्शन पर समाचार पढ़ने का काम किया .
फ़िल्मी सफर - 1975 में श्याम बेनेगल की फिल्म “ चरणदास चोर “ से उनका फ़िल्मी सफर शुरू हुआ . इसके बाद कुछ वर्षों तक उन्होंने समानांतर सिनेमा वाली फिल्मों में सराहनीय भूमिका निभाई है - अर्थ , मंथन , चक्र ,भूमिका , बाजार , निशांत , मंडी आदि . समानांतर फिल्मों की लीक से हट कर स्मिता ने अमिताभ बच्चन के साथ कमर्शियल फिल्मों ‘ शक्ति ‘ , ‘ नमक हलाल ‘ में अपने सशक्त अभिनय का परिचय दिया है . इसके अलावा उन्होंने राजेश खन्ना के साथ भी सफल फिल्मों में काम किया है . स्मिता अपने बेहतरीन अभिनय के लिए मशहूर हैं .
पुरस्कार - चक्र और भूमिका फिल्मों में उत्तम भूमिका के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल अवार्ड उन्हें मिला है . इसके साथ ही तीन बार बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवार्ड भी उन्हें मिला है . भारत सरकार ने 1985 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया है .
हिंदी के अतिरिक्त मराठी फिल्मों में भी स्मिता ने काम किया है . उन्होंने 80 से ज्यादा फ़िल्में की हैं .
अभिनेता राज बब्बर के साथ उनकी शादी हुई थी . 13 दिसंबर 1986 को प्रसव संबंधित जटिलताओं के चलते मात्र 31 की आयु में उनकी मृत्यु हो गयी .
विनोद मेहरा - विनोद मेहरा का जन्म 13 फ़रवरी 1945 को अमृतसर में हुआ था . विनोद ने स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई बॉम्बे ( अब मुंबई ) से की . उन्होंने बॉम्बे के सेंट् जेवियर कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली थी .
फ़िल्मी सफर - 1955 की फिल्म ‘ अद्ल ए जहांगीर ‘ में बाल कलाकार के रोल से उनके फ़िल्मी करियर का आरम्भ हुआ .1965 में आल इंडिया टैलेंट कांटेस्ट में 10,000 प्रतियोगियों में उन्हें दूसरा स्थान मिला था जबकि पहला स्थान राजेश खन्ना को मिला था .
1971 की फिल्म “ एक थी रीता “ से उनका लीड रोल शुरू हुआ . दो दशक के फ़िल्मी जीवन में विनोद ने लगभग 100 फिल्मों में काम किया है . कुछ वर्षों के बाद विनोद मेहरा मल्टीस्टारर फिल्म में अमिताभ बच्चन , राजेश खन्ना , धर्मेंद्र , सुनील दत्त ,संजीव कुमार आदि सुपरस्टार्स के साथ सशक्त सपोर्टिंग रोल करने लगे . रेखा , मौसमी चटर्जी , योगिता बाली , शबाना आज़मी , बिंदिया गोस्वामी , श्री देवी आदि उनकी फिल्मों में नायिका रही हैं . उनकी कुछ प्रमुख फ़िल्में हैं - अनुराग , अनुरोध , नागिन , एक ही रास्ता , ये कैसा इंसाफ ,जुर्माना , साजन बिना सुहागन ,घर , खुद्दार , स्वर्ग नरक , बेमिसाल आदि . उन्होंने 1980s में ‘ गुरुदेव ‘ फिल्म का निर्माण और निर्देशन भी किया है हालांकि यह फिल्म उनकी मृत्यु के तीन साल बाद रिलीज हुई थी .
30 अक्टूबर 1990 को 45 वर्ष की आयु में हार्ट अटैक से उनकी मृत्यु हो गयी .
सुशांत सिंह राजपूत - सुशांत का जन्म 21 जनवरी 1986 को बिहार की राजधानी पटना में हुआ था . पढ़ने लिखने में वे शुरू से ही तेज थे . उन्होंने नेशनल फिजिक्स का ओलिंपियाड जीता था . एस्ट्रो फिजिक्स में उनकी विशेष रूचि थी . हालांकि इंजीनियरिंग में उनकी रुचि नहीं थी फिर भी उन्होंने परिवार की इच्छा का मान रखा . उन्हें एस्ट्रोनॉट या पायलट बनने का मन था और साथ ही बॉलीवुड में भी उनकी रूचि थी .
दिल्ली कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग की पढ़ाई थर्ड ईयर के बाद छोड़ कर सुशांत ने एक्टिंग में प्रवेश किया . पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने दिल्ली में डांस और एक्टिंग सीखना शुरू किया . पहली बार वे 2008 में टीवी सीरियल ‘ जिस देश में है मेरा दिल “ में छोटे पर्दे पर सपोर्टिंग रोल में नजर आये . इसके बाद 2009 - 11 में “ पवित्र रिश्ता “ सीरियल में अंकिता लोखंडे के साथ लीड रोल में आये और यहाँ उन्होंने अपनी एक्टिंग का पुख्ता सबूत दिया .इसके लिए उन्हें इंडियन टेलीविजन अकादमी का बेस्ट एक्टर अवार्ड भी मिला .
2013 में उन्हें फिल्म “ कई पो छे “ ( Kai Po Che ) में ब्रेक मिला और इस के लिए उन्हें बेस्ट डेब्यू एक्टर फिल्मफेयर अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था . 2013 में ही ‘ शुद्ध देसी रोमांस ‘ और 2014 में आमिर खान की फिल्म “PK “ से उन्होंने बॉलीवुड में अपना लोहा मनवाया . इसके बाद 2020 तक राब्ता , छिछोरे , दिल बेचारा , एम एस धोनी , डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी , केदारनाथ , ड्राइव आदि 15 फिल्मों में उन्होंने काम किया है.
2017 और 2019 दोनों बार फोर्ब्स इंडिया के टॉप 100 सेलिब्रिटी में उनका नाम रहा है . उन्हें किताबें पढ़ने का बहुत शौक था खास कर एस्ट्रो फिजिक्स , कॉग्निटिव साइंस और बिहेवियरल साइंस . उन्हें और भी फिल्मों में कास्ट किया जाना था पर इसी बीच 14 जून 2020 को उनकी मृत्यु हुई . उनकी मृत्यु का कारण आत्महत्या कहा गया है .
पुरस्कार - टीवी और फिल्मों में एक्टिंग के लिए सुशांत को 10 पुरस्कार मिले हैं .
दिव्या भारती - दिव्या भारती का जन्म 25 फ़रवरी 1974 को मुंबई में हुआ था . वह बहुत सुंदर थी और ‘ डॉल लाइक लुक ‘ वाली लड़की कहलाती थी . नौवीं क्लास के बाद पढ़ाई छोड़ कर वे एक्टिंग की दुनिया में आयीं . शुरू में दिव्या छोटे मोटे मॉडलिंग करती थीं .
फिल्मी सफर - उनका फिल्मी सफर तेलगु और तमिल फिल्मों से शुरू हुआ था . 1990 में पहली बार वेंकटेश के साथ तेलगु फिल्म “ बोब्बिली राजा “ में लीड रोल में आयीं . इसके बाद दो तमिल फिल्मों में उन्हें छोटी भूमिका मिली . 1991 की तेलगु फिल्म “ रॉवडी अल्लूडू “ बॉक्स ऑफिस पर बहुत हिट रही थी . 1992 में पहली बार हिंदी फिल्म “ विश्वात्मा “ में उन्हें रोल मिला था . इसके बाद उनकी फिल्म “ शोला और शबनम “ बिग हिट रही . 1992 की फिल्म “ दीवाना “ में वे किंग खान और ऋषि कपूर के साथ आयीं जो उनके फ़िल्मी सफर का माइलस्टोन था . यह फिल्म सुपर डुपर हिट रही थी . इसके बाद उन्हें और फ़िल्में मिलने लगीं . मोहरा , आंदोलन , कर्तव्य , विजयपथ और लाडला के अलावा तेलगु फिल्म “ ठोली मुद्धु “ फिल्मों में उनकी शूटिंग चल रही थी कि अचानक एक दर्दनाक घटना में उनकी मौत हो गयी .
5 अप्रैल 1993 की शाम को अपने पांचवीं मंजिल फ्लैट से गिर जाने के कारण उनकी मृत्यु हो गयी . मात्र 19 साल की आयु में एक सितारा उदय के पहले अस्त हो गया .
दिव्या ने 15 फिल्मों में काम किया है . 1993 की हिंदी फिल्म “ क्षत्रिय “ और तेलगु फिल्म “ चिट्टेम्मा मोगुडू उनके जीवन काल की अंतिम फिल्म थी .
अवार्ड - फिल्म “ दीवाना “ के लिए उन्हें बेस्ट डेब्यू एक्ट्रेस का अवार्ड भी मिला है .
जिया खान - जिया खान का जन्म 20 अप्रैल 1988 को अमेरिका के न्यूयॉर्क में हुआ था . उनका बर्थ नाम नफीसा रिज़वी खान था . इसके बाद वे लंदन में रह कर पढ़ीं . अमेरिका के फिल्म और टेलीविजन इंस्टीट्यूट में भी जिया ने ट्रेनिंग ली . इसके अतिरिक्त जिया ने भारतीय और पाश्चात्य नृत्य भी सीखा . बॉलीवुड में राम गोपाल वर्मा की 2007 की फिल्म “ निशब्द “ में उन्हें ऑफर मिला और वे मुंबई आयीं . इस फिल्म में उन्हें बेस्ट डेब्यू एक्ट्रेस के अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था . उन्होंने दो और फिल्मों ‘ गजनी और हॉउसफुल में भी काम किया है
उनका फ़िल्मी सफर मात्र तीन साल का रहा था 2007 से 2010 तक . 3 जून 2013 की रात को मुंबई स्थित अपने फ्लैट में उन्होंने फांसी लगा कर आत्महत्या की थी . उस समय उनकी उम्र 25 साल थी .
सौंदर्या - सौंदर्या का जन्म 18 जुलाई 1972 को बेंगलुरु में हुआ था . उनका बर्थ नेम सौम्या सत्यनारायण था . उन्होंने डॉक्टरी की पढ़ाई बीच में छोड़ कर एक्टिंग में कदम रखा . वे ज्यादातर साउथ की फिल्मों में काम करती थीं - तेलगु , तमिल , कन्नड़ और मलयालम के अतिरिक्त उन्होंने एक हिंदी फिल्म में भी काम किया है . तेलगु फिल्म इंडस्ट्री में वे बहुत लोकप्रिय रही हैं और अपने समय की ग्रेटेस्ट तेलगु एक्ट्रेस कहलाती थीं .
हिंदी में सौंदर्या ने मात्र एक फिल्म किया है . वे अमिताभ बच्चन के साथ 1999 की फिल्म ‘ सूर्यवंशम ‘ में थीं . उन्होंने 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है और उन्हें 12 फिल्मफेयर , नंदी आदि अवार्ड मिले हैं .
17 अप्रैल 2004 को एक प्लेन क्रैश में उनकी मृत्यु हो गयी .
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