पतंग उड़ायें पर सावधानी से
पतंगबाज़ी का मौसम आ रहा है .यूँ तो पतंग उड़ाना महज एक खेल और मनोरंजन का साधन है जिसमें कम खर्च में भरपूर आनंद है .दूसरों की पतंग काट कर हमारा बहुत खुश होना स्वाभाविक बात है . देखा जाय तो पतंग उड़ाने में उम्र की सीमा आड़े नहीं आती है , इसे बच्चों से ले कर बूढ़े तक सभी उम्र के लोग उड़ाते हैं . पतंगबाजी सिर्फ एक शौक या खेल नहीं है बल्कि यह एक कला है और साथ ही एक विज्ञान भी है . भारत में विशेष कर गुजरात प्रांत में , पतंग उत्सव मकर संक्रांति के दिन हर वर्ष 14 जनवरी को मनाते हैं . यह एक विशेष अवसर और उत्सव है जिसमें देश विदेश के पतंगबाज भाग लेते हैं . अंतर्राष्ट्रीय काइट फेस्टिवल गुजरात में एक बड़ा उत्सव होता है . 2025 में गुजरात में यह फेस्टिवल 11 जनवरी से 14 जनवरी तक मनाया जा रहा है .
पतंग उड़ाते समय कुछ खतरे हैं , इसलिए उनके बारे में कुछ सावधानी बरतनी आवश्यक है -
# पतंग को भीड़भाड़ वाली जगह में न उड़ाएं , ख़ास कर बच्चों के निकट इसे न उड़ायें . छोटे बच्चों को अकेले पतंग न उड़ाने दें , उन्हें अपनी निगरानी में पतंग उड़ाने दें .
# पतंग को हाईवे , पब्लिक प्लेस , किसी अन्य सड़क या हवाई अड्डे के निकट न उड़ायें . चालक का ध्यान हट जाने से दुर्घटना हो सकती है .
# तेज हवा में पतंग न उड़ायें . हवा की शक्ति को कम न आंकें .बड़े पतंग उड़ाते समय दास्ताने पहनने चाहिए .
# पतंग उड़ाते समय आस पास , आगे और पीछे किसी प्रकार के अवरोध - पत्थर या जमीन में छिद्र या गढ्ढे आदि का ध्यान रखें .
छत पर पतंग उड़ाते समय विशेष सावधानी - अगर पतंग छत पर उड़ा रहे हों तो मुंडेर से दूर उड़ाएं और सावधान रहें .
# हवा में ज्यादा नमी हो तो सावधान रहें . पतंग की गीली डोर विद्युत् संचालन कर सकती है . याद रहे कि बेंजामिन फ्रेंक्लिन ने पतंगबाजी के समय ही बिजली का आविष्कार किया था . वे बहुत भाग्यशाली रहे थे कि बच गए . आसमान की बिजली में घरेलु पावर सप्लाई लाइन से बहुत ज्यादा वोल्टेज होती है .
# किसी टेलीफोन लाइन , बिजली की लाइन , टी वी या रेडियो के एंटीना या पेड़ से पतंग को बचाने के लिए अपनी जान खतरे में न डालें , इन्हें छोड़ देना ही बेहतर होगा .
# शीशे के मांजे वाली डोर से सावधान रहें . धातु की तार वाली डोर से पतंग न उड़ायें . पहले सिर्फ सूती धागे का इस्तेमाल होता था पर आजकल सिंथेटिक धागों और शीशे की चूर से मांजा किया धागों का ज्यादा इस्तेमाल होने लगा है . साधारण डोर भी जब पूरे तनाव में रहती है तो वह किसी तेज छुरी से कम नहीं होती है . कभी पतंग की स्पीड बहुत ज्यादा होती है , ऐसी स्थिति में मांजे वाली डोर के टकराने से जलने या कटने की संभावना होती है . इसलिए पतंग की डोर को कभी अंगुली या अपने शरीर के किसी अंग से बाँधने की भूल न करें . हालांकि मांजे का यूज गैरकानूनी है फिर भी इसका पालन कम होता है .
एक दुर्घटना में 3 - 4 साल की बच्ची का पतंग उड़ाते समय मांजे वाली डोर के गले में उलझ जाने से मौत हो गयी थी . इस धागे से आकाश में उड़ने वाले पक्षी को भी हानि पहुँचने की संभावना है . प्रतिवर्ष कुछ व्यक्ति और अनेकों पक्षियों की ऐसी दुर्घटना में मौत हो जाती है और सैकड़ों ज़ख़्मी भी होते हैं .
# अपने कौशल और शक्ति के अनुरूप ही पतंग का चयन करें . स्पोर्ट और पावर काइट उड़ाने के लिए विशेष कौशल और सावधानी की जरूरत होती है . ऐसे पतंग उड़ाते समय निर्माता द्वारा दिए गए निर्देश का पालन करें .
# पतंग उत्सव या प्रतियोगिता में धैर्य और शालीनता का ध्यान रखें . पतंग उड़ाते समय प्रतियोगियों या किसी अन्य व्यक्ति से आवेश या क्रोध में आ कर अभद्र भाषा का प्रयोग न करें .
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