Devil Ceo's Sweetheart - 79 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 79

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डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 79

अब आगे,

राजवीर की बात सुनकर अब अभय ने कुछ नही कहा मगर वो अभी भी हंस रहा था जिस को देखकर राजवीर उसको घूर रहा था तो अब अभय ने अपनी हसी को कंट्रोल करते हुए राजवीर से कहा, "अच्छा अच्छा जा रहा हूं अब घूरना बंद कर दे..!" 

अपनी बात कहकर अब अभय वहा से चला गया और उसके पीछे पीछे आकाश और राज भी चले गए और अभय के जाने के बाद, अब देव भी वहा से जाने ही लगा था तो राजवीर ने उसको रोकते हुए उससे कहा, "तुम मुझे मेरे स्टडी रूम में मिलो क्यूंकि मुझे तुमसे कुछ बात करनी है..!" 

राजवीर अपनी बात कहकर अब अपने लग्जरी बाथरूम की तरफ मुड़ गया और वही जब देव ने राजवीर की बात सुनी तो वो अब राजवीर के स्टडी रूम की तरफ बढ़ गया..! 

वही राजवीर अपने पूरे कपड़े पहने हुए अपने ठंडे पानी के शावर के नीचे खड़ा हुआ था जैसे वो खुद को शांत करने की कोशिश कर रहा हो मगर उसका गुस्सा अभी भी शांत होने को तैयार ही नहीं था..!

इसलिए अब उसने अपने एक हाथ की मुट्ठी कसते हुए अपने सामने दीवार पर मार दी जिससे अब उसके हाथ में से खून निकलने लगा था मगर राजवीर को कोई भी फर्क नही पड़ रहा था..! 

वो तो अभी भी ठंडे शावर के नीचे खड़ा हुआ था और साथ में अब उसके चेहरे के भाव सक्त हो चुके थे जिसको देखकर अब राजवीर के साथ रहने वाला कोई भी बता सकता था..!

कि अब राजवीर उस इंसान का क्या हाल करेगा जिसने उससे जुड़े हुए इंसान को देखना तो दूर उसको छुने तक ही हिम्मत कर दी है और अब राजवीर ने अपने गुस्से में अपने आपसे कहा, "तुम्हे तो मै छोडूंगा नही और तुम दोनो को ऐसी सजा दूंगा कि तुम्हारी रूह तक कांप जाएगी और तुम लोग मौत की भीख मांगते नजर आओगे..!" 

अभी भी राजवीर अपने लग्जरी बाथरूम में ठंडे शावर के नीचे ही खड़ा हुआ था उसका चेहरा एकदम डार्क हो चुका था और उसकी आंखे एकदम लाल हो चुकी थी जैसे उसकी आंखो में खून ही उतर आया हो..!

करीब 15 मिनट बाद,

अब राजवीर अपने शरीर पर एक व्हाइट फुल साइज टॉवल बांधकर अपने लग्जरी बाथरूम से बाहर निकल आया था और अब वो अपने कमरे के साइड में लगे हुए बड़े से शीशे के सामने खड़ा हो गया और अपने गीले बालों को हेयर ड्रायर से सुखाने लग गया था..!

और फिर अपने कोलॉथ सेक्शन में जाकर वहा से अपने लिए एक थ्री पीस फॉर्मल सूट निकल लिया और उसको पहनकर बाहर अपने कमरे में ही आ गया और अपने बालो को जेल की मदद से सेट करने लगा और साथ में अपने लेफ्ट आर्म में रोलेक्स वॉच को पहन लिया..!

और फिर अपने ब्लैक फॉर्मल शू पहनकर पूरी तरह से तैयार हो गया और जिसको पूरी दुनिया देखने के लिए पागल रहती हैं और अब राजवीर ने अपना फोन उठाया और अपने स्टडी रूम की तरफ बढ़ गया..!

स्टडी रूम में, राजवीर का विला, 

स्टडी रूम में पहले से ही देव और दीप मौजूद थे और देव बार बार दीप से पूछ रहा था,"अरे बता ना ऐसा भी क्या देख लिया था तूने जो इतना चिल्ला रहा था..!"

और देव की बात सुनकर भी दीप कोई भी जबाब नही दे रहा था क्योंकि उसको ये बात अच्छे से पता थी कि अगर उसने ये बात देव को बता दी ना तो देव उसका बहुत ज्यादा मजाक बनाएगा और इसलिए ही दीप अब देव से कुछ नही बोल रहा था..!

वो तो बस राजवीर की कंस्ट्रक्शन साइड की मीटिंग वाली फाइल अरेंज करने में लगा हुआ था जिसको देखकर अब देव ने चिड़ते हुए दीप से कहा, "तुझे क्या लगता है तू मुझे नही बताएगा तो क्या मुझे पता नहीं चलेगा..!" 

देव ने ये बात दीप से कही ही थी कि तभी स्टडी रूम का दरवाजा खुल गया और राजवीर स्टडी रूम में अंदर आ गया और जिसको देखकर अब देव और दीप अपनी अपनी जगहों पर से उठकर खड़े हो गए और राजवीर को ग्रीट करने लगे..!

राजवीर अपने ही टशन में आते हुए अब अपनी किंग साइज कुर्सी पर बैठ गया और देव को देखते हुए उससे पूछने लगा, "तुम्हे क्या पता नही चलेगा और तुम दोनो किस बारे मे बात कर रहे थे..!" 

राजवीर की बात सुनकर अब देव को कुछ समझ मे नही आ रहा था कि वो आखिर राजवीर से कहे तो क्या ही कहे और वही दीप अपने मन में देव को गली देते हुए कहने लगा, "पता नही इस कामिने को भी क्या क्या शॉक चढ़ते रहते हैं जब पता है कि हम बॉस के ही स्टडी रूम में मौजूद है तो बार बार पूछना जरूरी था क्या और ये खुद तो किसी दिन बॉस के हाथो मरेगा ही और मुझे बिना किसी बात के मरवा देगा..!" 

दीप, देव को कोस ही रहा था कि अब राजवीर, देव को घूरने लगा तो अब देव ने हड़बड़ाते हुए राजवीर से कहा, "वो..वो बॉस कुछ भी नही..!" 

देव की बात सुनकर अब राजवीर, देव से कुछ बोलने ही वाला था कि अब दीप हिम्मत करके उन दोनो के बीच में ही बोल पड़ा और उसने राजवीर से कहा, "बॉस, ये कुछ कंस्ट्रक्शन साइड की मीटिंग की सारी फाइल है और वो लोग 15 मिनट बाद यहां आपके विला में मौजूद हो जायेगे..!" 

दीप की बात सुनकर अब राजवीर ने देव से कुछ नही कहा और फिर उस कंस्ट्रक्शन साइड की मीटिंग की फाइल्स को देखने लगा..! 

दीप की बात सुनकर अब देव ने एक गहरी सांस ली और अब देव, दीप को देखकर अपने सफेद दात दिखा रहा था और वही दीप, देव को देखकर उसको घूरे जा रहा था..! 

कुछ देर बाद, 

राजवीर ने अपने उस कांट्रेक्शन साइड की फाइल को देखा और फिर दीप से कहा, "तो सारे अरेजमेंट हो गए हैं न और कोई कमी तो नहीं रही है ना क्योंकि मुझे अगर बाद में कुछ पता चला ना तो..!" 

राजवीर ने आज भी अपनी बात आधी ही छोड़ दी थी और वही राजवीर की बात सुनकर अब दीप ने थोड़ा डरते हुए राजवीर से कहा, "जी बॉस, सारे अरेजमेंट हो चुके है और आपको कोई कमी नजर नहीं आयेगी..!" 

दीप की बात सुनकर अब राजवीर ने दीप से कहा, "ठीक है, तुम जा सकते हो और वो लोग आ जाए तो मुझे इनफॉर्म कर देना..!" 

राजवीर की बात सुनकर अब दीप ने उससे कहा, "जी बॉस..!" 

अपनी बात कहकर अब दीप, राजवीर के स्टडी रूम से बाहर निकल गया और वहा से नीचे राजवीर के हॉल की तरफ बढ़ गया..! 

अब राजवीर के साथ देव खड़ा हुआ था तो राजवीर ने देव से पूछा, "उन दोनो की कोई खबर मिली..!" 

राजवीर की बात सुनकर अब देव ने उससे कहा, "जी बॉस, मैने अपने एक आदमी से पता करवाया था कि रूही मेम के साथ जिन दो फीमेल एम्प्लॉय ने उस शॉप में बातामीज़ी करी थी कि वो दोनो कौन थी तो उसने बताया कि उन दोनो का नाम "प्रिंसी और प्राची" है असल में वो दोनो एक ही मोहल्ले की है और दोनो को बचपन से ही शान और शौकत का बहुत शौक रहा है जबकि उन दोनो का परिवार बनारस के किसी छोटे से गांव में रहता है और वो लोग इतने गरीब है कि एक वक्त की रोटी भी नसीब हो जाए तो भी अपने आपको बहुत बड़ा समझते हैं और ये दोनो अपने परिवार से लड़ झगड़कर यहां बनारस में आ गई है और यही पर काम करके अपने शौक पूरे करने लगी है..!" 

देव की पूरी बात सुनकर अब राजवीर ने उससे कहा, "अच्छा, तो अब मुझे इन दोनो के साथ साथ पूरा परिवार वहा उस जंगल वाली हवेली पर चाहिए और वो भी जब मै वहा से वापस आ जाऊं और हां वो काम भी हो जाना चाहिए..!" 

राजवीर की बात सुनकर अब देव ने उससे कहा, "जी बॉस, काम हो जायेगा और रही बात उस दूसरे काम की तो वो मै अभी जाकर करवा देता हूं..!" 

अपनी बात कहकर अब देव भी राजवीर के स्टडी रूम से बाहर निकल गया और फिर राजवीर के हॉल से होते हुए राजवीर के विला से ही बाहर चला गया..! 

वही देव के जाने के बाद अब राजवीर ने खुद से ही कहा, "तुमसे दुबारा मिलकर बहुत खुशी होगी..!" 

अपनी बात अपने से ही कहकर अब राजवीर के चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ गई..! 

वही दूसरी तरफ, बनारस के हाई फाई मॉल में,

अब खुशी, उस मेल एम्प्लॉय के हेड के साथ उस शॉप के मैनेजर के पास पहुंच गई तो अब उस शॉप के मैनेजर ने खुशी को अपने सामने देखकर अब अपनी कुर्सी से उठ खड़ा हुआ और उसके लिए अपनी कुर्सी खाली कर दी..!

और खुशी भी फिर अपनी अकड़ के साथ उस कुर्सी पर बैठ गई और उसने उस शॉप के मैनेजर से पूछा, "क्यू बुलाया है तुमने मुझको यहां पर..!" 

खुशी की बात सुनकर अब उस शॉप के मैनेजर ने खुशी से कहा, "वो मै आपसे कुछ कहना चाहता था..!" 

उस शॉप के मैनेजर की बात सुनकर अब खुशी ने उससे कहा, "हां बोलो तुमको, मुझसे क्या बात करनी है..!" 

खुशी की बात सुनकर, अब उस शॉप के मैनेजर ने थोड़ा हकलाते हुए उससे कहा, "जी वो..वो मैं कहना चाह रहा था कि..!"

अब उस शॉप के मैनेजर आगे बोल पाता उससे पहले ही खुशी का दिमाग ठनक गया और उसने थोड़े गुस्से के साथ उससे कहा, "देखो पहले तो तुम मुझसे ये रुक रुककर तो बात ही मत करो जबकि तुम मुझको अच्छे से जानते हो तो फिर इतना हकला क्यों रहे हो और दूसरी बात जो बोलना है वो साफ साफ बोलो और जल्दी कहो..!" 

खुशी की पूरी बात सुनने के बाद अब उस शॉप के मैनेजर ने एक गहरी सांस ली और फिर खुशी से कहा, "मैने आपको यहां पर इसलिए बुलाया है कि मैं आपसे कुछ बात कर सको क्योंकि आज जो कुछ भी हमारी शॉप में हुआ उसके जिम्मेदार हम नहीं थे और जिसने आपकी दोस्त के साथ बतमीजी और गलत व्यवहार करा उसको सजा दी जा चुकी है तो..!" 

अब उस शॉप के मैनेजर अपनी बात आधी बोलकर ही चुप हो गए थे क्यूंकि उन्होंने अपनी पूरी बात एक सांस में ही बोल दी थी तो अब खुशी ने अपनी आवाज को थोड़ा ऊंचा करते हुए उससे कहा, "तो क्या, आगे बोलोगे..?" 

खुशी की तेज आवाज सुनकर, उस शॉप के मैनेजर के ऑफिस में खड़े बाकी एम्प्लॉय भी थोड़ा डर गए और साथ में अब उस शॉप के मैनेजर ने खुशी से कहा, "तो आप इस बारे मे अपने पिता से कुछ मत कहिएगा नहीं तो बिना किसी गलती के हमारी नौकरी चली जाएगी और मुझे इस उम्र में ठोकरें खानी पड़ जाएंगी..!" 

उस शॉप के मैनेजर की बात सुनकर और उनकी उम्र का लिहाज करते हुए अब खुशी ने अपनी आंखे बंद करली और कुछ समय बाद खोलने पर उस शॉप के मैनेजर से कहा, "ठीक है मैं इस बारे मे अपने पापा से कुछ नहीं कहूंगी क्यूंकि इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है पर आगे से इस बात का ख्याल रखना कि तुम्हारी इस शॉप का कोई भी एम्प्लॉय किसी भी लड़की को उसके कपड़ो से जज न करे और न ही बिना किसी बात के बतमीजी या गलत व्यवहार करे..!" 

खुशी की पूरी बात सुनकर अब उस शॉप के मैनेजर ने अपना सिर हां में दो से तीन बार हिला दिया और फिर खुशी से कहा, "जी मैम, आगे से ऐसी गलती कभी नहीं होगी..!" 

उस शॉप के मैनेजर की बात सुनकर अब खुशी उसके केबिन से बाहर निकल गई और वही उस शॉप के मैनेजर के चेहरे पर से अबतक थोड़ा डर कम हो चुका था जो उस समय से बरकरार था जब खुशी ने अपने गुस्से में अपनी लाइसेंस गन निकल ली थी..! 

वही दूसरी तरफ, सिंघानिया विला में, 

दुपहर का समय, करीब एक बजे, 

सिंघानिया विला के सामने एक ऑटो रिक्शा और एक कार आकर रुक गई और उस ऑटो रिक्शा में से करीब तीन लोग और उस कार में से चार लोग बाहर निकल गए और वो सबके सब अब राजवीर के सिंघानिया विला जोकि पूरे सफेद संगमरमर से बना हुआ था..!

जो बहुत ही सुन्दर और शाही लुक दे रहा था उसको देखकर एक पल के लिए तो वो लोग जो अभी आए थे उनकी नजरें तो बस राजवीर के सिंघानिया विला पर ही रुक चुकी थी..!

और जब दीप ने अपने टैबलेट में राजवीर के सिंघानिया विला के बाहर की फुटेज देखी जिसमें वो सात लोग नजर आ रहे थे तो दीप ने अब किसी को कॉल करा और उस शक्श ने दीप का कॉल पहली रिंग में ही रिसीव कर लिया..!

तो दीप ने उस शख्स से कहा, "वो उस कंस्ट्रक्शन साइड की मीटिंग के लिए कुछ लोग सिंघानिया विला के बाहर खड़े हुए हैं उनको मीटिंग हॉल में भेज दो..!" 

दीप की बात सुनकर अब उस शक्श ने जो राजवीर के सिंघानिया विला में एक गार्ड के रूप में हमेशा से मौजूद रहता है और साथ में राजवीर का सबसे वफादार लोगो में से एक आदमी था जिसका पूरा नाम "दिनेश सिंह" था और उसकी उम्र लगभग 27 साल थी..!

और वो राजवीर के साथ पिछले 6 सालों से काम कर रहा था और अब उसने दीप से कहा, "ओके सर..!" 

अपनी बात दीप से कहकर अब दिनेश ने कॉल कट करदी और अपने साथ मौजूद आदमी से कहा, "जल्दी जाकर सिंघानिया विला का मैन गेट खोल दे और जो लोग आए हैं उनको मीटिंग हॉल में लेकर जाना है..!" 

दिनेश की बात सुनकर अब उसके साथ खड़ा उसका ही एक और साथी ने उससे कहा, "अरे ये तो वही लोग हैं जिसके लिए हमारे बॉस दिल्ली से यहां बनारस आए हैं..!" 

अपने दूसरे साथी की बात सुनकर अब दिनेश कुछ बोल पाता उससे पहले ही उसके तीसरे साथी ने दिनेश से पूछा, "और ये आदमी जो अभी ऑटो रिक्शा में से उतरा कही वो तो नहीं जो हमारे बॉस को उनकी मनपसंद जमीन देने से मना कर रहा है..!" 

अपने तीसरे साथी की बात सुनकर अब दिनेश ने उससे कहा, "हां ये वही आदमी हैं पर मुझे एक समझ में नहीं आई कि ये बात तुझे कैसे पता..!" 

दिनेश की बात सुनकर अब उस दूसरे साथी ने उससे कहा, "अरे वो अपना खबरी राकेश है न उसको ही तो यहां बनारस में इस आदमी की सारी जानकारी और उस जमीन के बारे मे सब कुछ पता करने को बोला गया था और तभी ही मैने इस आदमी की फोटो देखी थी..!" 

अपने दूसरे साथी की बात सुनकर अब दिनेश ने उससे कहा, "अच्छा ठीक है बाद में बात करते हैं अभी के लिए उन सबको सिंघानिया विला में अंदर लेकर आ नहीं तो बॉस हमारे अंतिम संस्कार की तैयारी करने में खुद ही लग जाएंगे..!" 

To be Continued......❤️✍️

क्या ये लोग, राजवीर के सामने अपनी बात रख पाएंगे या फिर उसका गुस्सा इनके साथ कुछ और ही कर जाएगा और किस काम की बात कर रहा था राजवीर, देव से और उस एक्सपेंसिव शॉप के मैनेजर को खुशी से ऐसा भी क्या बोलना था..?

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