Devil Ceo Ki Mohabbat - 75 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 75

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 75

अब आगे,

अब उसको कुछ वाइब्रेशन की आवाज सुनाई देने लगी तो उसने देखा कि टेबल पर उसका आईफोन रखा हुआ था और जो साइलेंट होने की वजह से वाइब्रेट हो रहा था और अब अर्जुन अपनी टेबल के पास वापस से पहुंच गया और अपने आईफोन को उठाकर उसमे लिखे नाम को देखकर उस कॉल को रिसीव कर लिया..! 

जो उसको तन्मय ने ही किया था और अब तन्मय ने उससे कहा, "बॉस, हम उन लोगों को ले आए हैं और समीर सर आपका ही इंतजार कर रहे हैं..!" 

तन्मय की बात सुनकर अब अर्जुन ने धीरे से उससे कहा क्यूंकि वो आराध्या की नींद को खराब नहीं करना चाहता था, "ठीक है मैं आ रहा हु..!" 

अपनी बात कहकर अब अर्जुन ने कॉल को कट कर दिया और फिर एक नजर सोई हुई आराध्या को देखा और फिर अपने आईफोन को अपनी पेंट की जेब में रख लिया और फिर धीरे धीरे कदमों से चलकर अपने कमरे से बाहर निकल गया..!

अर्जुन ने आराम से अपने दरवाजे को बंदकर दिया पर वही तबतक आराध्या की नींद खोल चुकी थी वैसे तो आराध्या की नींद पानी डालने से ही खुलती थी पर अब वो अपने होस्टल में न होकर यहां अर्जुन के विला में मौजूद थी और साथ में उसको डर था कही अर्जुन उसके साथ कुछ गलत न करदे इसी डर की वजह से अब वो उठकर बैठ गई थी..!

और जब उसकी नजर साइड में रखे अर्जुन के किंग साइज सोफे पर गई तो वो अब अपनी नजरे पूरे कमरे में घुमाने लगी क्यूंकि उसके सामने बैठा हुआ अर्जुन अब उसको दिख नहीं रहा था और इसी वजह से अब उसने अपने आप में बड़बड़ाते हुए कहा, "ये डेविल कहा गया..!" 

अपनी बात कहकर उसकी नजर अर्जुन के लग्जरी बाथरूम की तरफ गई और अब आराध्या, अर्जुन के किंग साइज बेड से उतरकर खड़ी हो गई और उस लक्जरी बॉथरूम की तरफ बढ़ने लगी..!

और साथ में अपने आपसे कहने लगी, "जरूर बाथरूम में ही होंगे और अगर ऐसा है तो मैं उनको अंदर ही लॉक कर देती हूं और फिर इनके लग्जरी बाथरूम की लाइट भी बाहर से ऑफ कर दूंगी और इनको भी तो पता चलना चाहिए न कि अंधेरे कमरे में बंद होना कैसा लगता है..!" 

अब आराध्या जैसे ही बाथरूम का दरवाजा बंद करने के लिए आगे बढ़ी ही थी कि उसका पैर वहा बिछे हुए डोर मेट से उलझ गया और वो जैसे ही फर्श पर गिरने को हुई उसने बाथरूम के दरवाजे को पकड़ने के लिए जैसे ही अपना हाथ लगाया वो पूरा खुल गया और तो अब आराध्या ने जैसे तैसे करके उस बाथरूम के दरवाजे को पकड़कर ही अपने आपको गिरने से बचा लिया..!

और अब आराध्या बाथरूम के दरवाजे से टिककर खड़ी हो गई और गहरी सांस लेने लगी और अब उसने आपने आपमें बड़बड़ाते हुए कहा, "थैंक यू महादेव आपने गिरने से बचा लिया नही तो इस टाइल के फर्श पर गिरकर में अपनी कमर ही टूटवा लेती और फिर मेरा उस डेविल को छोड़कर जाना तो क्या मेरे लिए बिस्तर से उठना भी मुश्किल हो जाता..!" 

अपनी बात अपने आपसे कहकर अब आराध्या की नजर बाथरूम में गई जोकि पूरी तरह से साफ सुधरा और वहां की हर एक चीज बहुत ही एक्सपेंसिव लग रही थी और वैसे आराध्या बाथरूम में पहले भी आई थी मगर उसने इतना ध्यान नहीं दिया था जो वो अब दे रही थी..! 

बाथरूम को देखते हुए अराध्या को याद आया कि अगर अर्जुन अपने बाथरूम में नहीं हैं तो फिर कहा है और अब आराध्या बाथरूम से बाहर आ गई और अर्जुन के पूरे कमरे को देखते हुए वो अब उसके स्टडी रूम में चली गई जो उसके कमरे से ही अटैक था..!

आराध्या ने वहां पर भी देखा पर उसको वहा भी अर्जुन कही दिखाई नहीं दिया तो अब आराध्या ने खुद में ही बड़बड़ाते हुए कहा, "इस डेविल ने तो अपने कमरे में ही एक और रूम बना रखा है और इसको देखकर लगता है वो यहां ही बैठकर अपना काम करता होगा तो फिर मेरे सामने बैठकर काम करने का दिखावा क्यों कर रहे थे..!" 

अपनी बात कहकर अब आराध्या ने एक अजीब सा मुंह बना लिया और फिर वो स्टडी रूम से बाहर निकल आई तो उसकी नजर कमरे के दरवाजे पर गई जो थोड़ा सा खुला हुआ नजर आ रहा था और जिसको देखकर आराध्या के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई..! 

और वो भागकर कमरे के दरवाजे तक पहुंच गई और उसने जैसे ही अपना हाथ उस दरवाजे को पूरा खोलने के लिए बढ़ाया तो एकदम से रुक गई क्यूंकि उसको वो दिन याद आ गया जब वो पहली बार कमरे से भागकर नीचे हॉल की तरफ गई थी..!

और फिर अर्जुन ने उसके साथ बहुत बुरा बरताव किया था और इसी वजह से वो अब डर से कांप गई और कुछ देर तक ऐसे ही खड़े रहने उसको याद आया कि जब उसको हल्की सी भी चोट लग जाती थी तो जानवी कैसे उसके लिए परेशान हो जाती थी..!

जानवी को याद करके अब आराध्या को अर्जुन पर गुस्सा आने लगा था क्यूंकि उसके इस पागलपन में आराध्या को अपने परिवार और दोस्त से अलग होना पड़ रहा था और इसी गुस्से की वजह से अब आराध्या ने अपने आपसे कहा, "मैं आपको कभी माफ नहीं करूंगी आपकी वजह से मैं आज सबसे दूर हो गई हूं और अब मैं यहां से भागकर अपनी जानवी के पास जाऊंगी और जिससे आपको अपनी गलती का बहुत पछतावा होगा और जब मुझे आज मेरे महादेव दुबारा यहां से जाने का मौका दे रहे हैं तो फिर मैं क्यों पीछे हट जाऊं..!" 

अपनी बात कहकर अब आराध्या ने उस दरवाजे के हैंडल को पकड़ लिया और थोड़े धीरे मगर खुश होकर कहा, "हर हर महादेव..!"

और ये बोलते ही दरवाजे को पूरा खोल लिया और ऐसे बोलने से ही उसमें अब दुबारा से हिम्मत आ गई और जल्दी से बाहर की ओर निकलकर दरवाजे को दुबारा से बंदकर दिया क्यूंकि अगर अर्जुन को शक भी हुआ तो उसको लगेगा कि वो कमरे के अंदर ही होगी..! 

अब आराध्या धीरे धीरे कदमों से चलकर आगे बढ़ रही थी क्योंकि चाहे वो अपने आपको हिम्मत बंधवा रही थी मगर डर भी उतना ही रही थी क्यूंकि अबतक उसने अर्जुन का जो रूप देखा था उससे उसको अब अर्जुन से डर लगने लगा था..!

पर बेचारी आराध्या जो अर्जुन के इतने से गुस्से से ही डर चुकी थी जबकि अर्जुन ने अपने गुस्से का 1 प्रतिशत ही उसको दिखाया था और मगर जब उसको ये पता चलेगा कि अर्जुन की एक ओर पहचान है जिससे उसका पूरा परिवार भी अनजान है तो तब आराध्या का क्या हाल होगा ये तो वक्त ही बता पाएगा..!

अब आराध्या को सीढ़ियों को ढूंढ़ने में बिल्कुल भी समय नहीं लगा और फिर वो अब थोड़ा डरते डरते ही सही मगर सीढ़ियों से नीचे उतर रही थी और वैसे तो हॉल में रोशनी हो रही थी मगर उसको अभी भी डर लग रहा था..!

वो बार बार पूरे हॉल में इधर उधर देख रही थी क्योंकि अगर किसी ने उसको देख लिया तो अर्जुन उसके साथ कही कुछ बहुत बुरा न कर दे और इसी डर के चलते वो जैसे ही आगे बढ़ी ही थी उसके बराबर में रखा हुआ फ्लावर पोर्ट पर उसका हाथ लग गया..!

और फ्लावर पोर्ट जैसे ही ही गिरने को हुआ आराध्या ने जल्दी से उसको पकड़ लिया और फिर से उसको उसकी जगह पर रख दिया और जब उसने वो फ्लावर पोर्ट रखा ही था कि..!

उसको किसी के उस विला में अंदर आने की आहट सुनाई पड़ी तो अब आराध्या जल्दी से वही किसी सोफे के पीछे जाकर छुप गई और अब उसने अपने मन में कहा, "हे महादेव मुझे बचा लेना नहीं तो वो डेविल मुझे जिंदा नहीं छोड़ेगा..!" 

आराध्या ने अपनी बात कही ही थी कि उसको किसी के रोने और गिड़गिड़ाने की आवाज सुनाई पड़ी जो किसी को कह रहा था, "हमे छोड़ दो, हमने कुछ नहीं किया प्लीज हमें छोड़ दो..!" 

आराध्या ने जैसे ही ये सब सुना तो उनसे सोफे के पीछे से अपना थोड़ा सा सिर निकलकर उन लोगों को देखना चाह मगर वो उन लोगों का चेहरा ठीक से देख नहीं पा रही थी क्यूंकि हॉल के एंट्रेंस की तरफ डिम लाइट ऑन थी पर उसको इतना तो समझ आ गया था कि..!

बहुत सारे लोग जो दिखने में अच्छे खासे बॉडीबिल्डर लग रहे थे वो कुछ लोगो को पकड़कर ला रहे थे क्यूंकि उसको बहुत सारे लोगो के चलने और कुछ लोगो को घसीटने की आवाज आ रही थी..! 

अब उन बहुत सारे लोगो में से किसी एक ने कुछ ज्यादा ही गुस्से से उस आदमी से कहा, "चुप करो तुम लोग और वैसे भी हमारे बॉस को धोखा देने वालो की हम लोग आरती तो उतारने नहीं इसलिए तुम चुपचाप चलो वरना तुम सोच भी नहीं सकते हो कि हमारे बॉस तुम्हारे साथ क्या कर जायेंगे..!" 

उसकी बात सुनकर वो लोग शांत हो गए साथ में आराध्या के शरीर में एक डर की लहर दौड़ गई और वो लोग उन आदमियों को घसीटते हुए दूसरी तरफ मुड़ गए और जब उस हॉल कमरे का दरवाजा खुला तो वो एरिया पूरा जगमग हो गया क्यूंकि उस हॉल कमरे की रोशनी बाहर की ओर आ रही थी..!

और जब आराध्या ने वहां देखा तो उसने अपने आपको शांत करते हुए और समझाते हुए कहा, " होना न हो इन लोगों का बॉस वो डेविल ही होगा और अरु आज तुझे डरना नहीं है बल्कि तुझे तो आज ही यहां से निकलना होगा मगर उससे पहले उस डेविल की असलियत भी देख लेते है जिससे पुलिस को उसके बारे मे बताने में आसानी हो जाएगी और फिर उसको सजा मिलने में भी कोई देरी नहीं होगी..!" 

अपनी बात कहकर अब आराध्या धीरे धीरे कदमों से चलकर अब हॉल के दूसरी तरफ पहुंच गई और वहा पर एक हॉल कमरा बना हुआ था और साथ में उस कमरे के दरवाजा बहुत बड़ा और शानदार था और उसमें किसी चमकीली चीज से कलाकारी करी हुई थी जो वहां डिम लाइट में भी चमक रही थी..!

अराध्या ने जब उस हॉल कमरे के दरवाजे को थोड़ा सा खुला देखा जिसमे से थोड़ी की रोशनी बाहर आ रही थी तो अब आराध्या उस दरवाजे के पास पहुंच गई और उसने जैसे ही अंदर उस हॉल कमरे में देखा तो उसकी आंखे डर और हैरानी से फैल गई..!

और अब उसके हाथ पैर थर थर कांपने लगे थे जैसे उसने कोई भूत ही देख लिया हो और अब वो डर से अपने कदम पीछे की तरफ लेने गई ही थी कि साइड में रखी टेबल पर एक एंटीक वास रखा हुआ वो अराध्या के डरते हुए हाथों से नीचे गिर गया और आराध्या उसको उठाने की कोशिश कर ही रही थी कि उस हॉल कमरे में से एक कड़क आवाज आई, "कौन है बाहर..!" 

आराध्या ने जैसे ही वो आवाज सुनी तो और ज्यादा डर गई और उसके चेहरे को देखकर लग रहा था कि जैसे वो उस आवाज को जानती थी और इसी वजह से वो और भी ज्यादा डर गई थी और जैसे ही वहां अब उसको किसी के कदमों की आवाज सुनाई पड़ी वो डर और घबराती हुई चाल से भागने लगी..!

और भागते भागते फिर से हॉल की तरफ ही आ गई और फिर वही किसी टेबल के साइड में बिछे हुए कारपेट में उसका पैर उलझ गया और वो मुंह के बल जमीन पर गिर गई अब उसकी आंखो से अंशु बहने लगे ही थे कि उसको फिर से किसी की आवाज सुनाई पड़ी जो कह रहा था, "कौन है यहां..!" 

वो शख्स बार बार यही सवाल पूछ रहा था कि यहां कौन है पर अब आराध्या ने अपने पैर में लगी चोट को अनदेखा करके और दर्द को सहन करके धीरे धीरे सोफे के पीछे जाकर छुपकर बैठ गई और उसके मुंह से एक भी आवाज बाहर न आए इसलिए उनसे अब अपने मुंह पर अपना हाथ रख लिया मगर अब उसकी आंखो से लगातार अंशु बहे जा रहे थे..!

अब आराध्या को फिर से किसी के कदमों की आवाज सुनाई पड़ी जैसे वो शक्श अब उसकी की तरफ हो बढ़ रहा हो और जैसे ही वो शक्श उस सोफे के आगे की तरफ पहुंच गया तो आराध्या ने डरने के साथ रोते हुए अपने मन में कहा, "हे महादेव, मुझे बचा लो प्लीज मुझे बचा लो..!" 

वो शख्स अब उस सोफे के पीछे देखने ही वाला था कि उसको किसी ने आवाज दी और कहा, "सर, वो देखिए बॉस का किंग घूम रहा है और हो सकता है कि उसकी वजह से ही वो एंटीक वास भी गिरा हो..!" 

और जब उस शख्स ने किसी की बात सुनकर दूसरी तरफ देखा तो सच में अर्जुन का किंग उस हॉल में घूम रहा था और फिर वो भी उसी हॉल कमरे के अंदर चला गया और जिसको देखकर अब वो शख्स भी अब उस हॉल कमरे की ओर बढ़ गया..!

वही जब अराध्या ने उस सोफे के पीछे से देखा कि वो शख्स जा चुका था तो अब उसने एक गहरी सांस ली और अब अराध्या ने अपने पैर की तरफ देखा जहां नीला पड़ गया था और उसको छुने भर से आराध्या की चीख निकल रही थी..! 

अब आराध्या ने हिम्मत करके उस सोफे को पकड़कर उठने की कोशिश करी और दो से तीन कोशिश के बाद आखिरकार वो उठ खड़ी हुई और फिर उसने जैसे ही चलने की कोशिश करी कि थी उससे चला ही नहीं जा रहा था..!

मगर अब उसको किसी भी तरह इस विला से निकलना था और इसलिए ही अब वो हिम्मत करके चलने की कोशिश कर रही थी और अब उसने जैसे ही आगे बढ़ने की कोशिश करी तो वो अब दुबारा से जमीन पर गिर गई और रोने लगी क्यूंकि उसको अपने पैरों मे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था..! 

करीब 15 मिनट बाद, 

उस हॉल कमरे में से एक रौबदार पर्सनेलिटी वाला शक्श बाहर निकल आया और वो अकेला ही अब हॉल की तरफ बढ़ने लगा और वो जैसे ही सीढ़ियों की तरफ जा रहा था तो उसको किसी के सिसकने की आवाजें आने लगी तो जब उसने अपने दाई तरफ देखा तो पाया वहां कोई लड़की बैठी रो रही थी..!

और जब उस शक्श को अहसास हुआ कि वो लड़की कौन हो सकती है तो अब उसने जल्दी से चिल्लाते हुए कहा, "अभिनाश, Turn On The Light..!" 

अर्जुन का ऐसा चिल्लाना सुनकर अब अभिनाश ने जल्दी से हॉल की सारी लाइट्स ऑन कर दी और अपने आप में बड़बड़ाते हुए कहा, "बॉस को क्या हुआ और ऐसे क्यों चिल्ला रहे है जैसे पता नहीं क्या हो गया हो...!" 

To be Continued......❤️✍️

ऐसा भी क्या देख दिया था आराध्या ने जो वो इतना घबरा गई थी और कौन थे वो लोग जिन्हें वो बॉडीगार्ड घसीटते हुए ला रहे थे और क्या अब वो शक्श, आराध्या को पकड़ लेगा और तो क्या अब आराध्या, अर्जुन के विला से निकल जाएगी और तन्मय किन लोगों को लेकर आया होगा और क्या हुआ होगा जो अर्जुन ऐसे चिल्ला रहा है..?

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।