Black Queen ( A Mysterious Girl ) in Hindi Crime Stories by Miss devil books and stories PDF | Black Queen ( A Mysterious Girl )

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Black Queen ( A Mysterious Girl )

Rathore's club ( काल्पनिक नाम )


यह एक बहुत बड़ा क्लब था जो चारों तरफ से लाइटों से सजाया गया था हर चीज ब्रांडेड थी वहां। हर तरफ अमीर जादे बैठें हुए थे या ये कह सकते हैं कि ये जगह थी ही अमीर लोगों के लिए। 

यहीं एक तरफ शराब काउंटर पर एक ५० साल के आस पास का आदमी बैठा हुआ था देखने से वो एक बिजनेसमैन लग रहा था उसने थ्री पीस सूट पहन रखा था जिसका कोट निकाल कर उसने अपनी साइड वाली चेयर पर टांग दिया था और अपनी टाई को ढीला किये हुए नशे में धूत हुआ बैठा था। उस आदमी का पूरा ध्यान स्टेज पर नाचती हूई लड़की पर था उस लड़की को देखकर उस आदमी के आंखों में हैवानियत नजर आ रही थी। उस ने अपने गार्ड को इशारे से अपने पास आने को कहा और उस गार्ड को क्लब के मैनेजर को बुलाकर लाने को कहा।

गार्ड वहां से मैनेजर के पास चला गया।

गार्ड मैनेजर के पास जाकर कहता है -

सुनो ! तुम्हें साहब ने बुलाया।

मैनेजर - अरे ! तुम आ गए मैं तो तब से तुम्हारे साहब कि ही इंतजार कर रहा था।

मैनेजर को गार्ड के साथ आते देख कर वो आदमी खड़ा हो जाता है और अपनी जेब से नोटों का बंडल को निकाल कर अपने ऊपर हवा करने लग जाता है।

तब तक वो गार्ड भी मेनेजर को लेकर आ जाता है।

मैनेजर - कहिए क्या हूकूम है मेरे आका कहकर हंसने लगता है और ललचाई नज़रों से नोटों के बंडल को देखने लगता है। 

वो आदमी भी हंसकर वो बंडल उसके हाथों में रख देता है। और एक घिनौनी मुस्कान के साथ स्टेज पर नाचती हुई लड़की की तरफ इशारा करके वहां से चला जाता है।

उसका गार्ड भी उसके साथ चला जाता है जाते हुए एक बार पीछे मुड़कर देखता है तो उसकी आंखें नम हो जाती हैं - पता नहीं आज ये हैवान उस बेचारी मासूम लड़की के साथ क्या करेंगे है! ईश्वर प्लीज़ इस लड़की को इन हैवानो से बचा लीजिए कर दीजिए कोई चमत्कार उस गार्ड ने मन ही मन कहा।

और वो मैनेजर उस लड़की लड़की की तरफ चला जाता है।

मैनेजर - ओ! लैला मेरी जान आजा रे अहलावत साहब ने बुलाया है रे तूझे।

वो लड़की उसके कहने पर नाचती हुई उसके पास आ गई। 

मैनेजर - देख लैला ये तेरे पास आखरी मौका है अगर आज तू साहब जी को खुश नहीं कर पाई ना तो तू अपने उस अधमरे भाई का इलाज करवाने के बारे में भूल जाइयो देख मुझे पता है तू ये सब काम नहीं करना चाहती है लेकिन तूझे पता है ना तेरे भाई के इलाज के लिए तूझे ५० लाख रुपयों की जरूरत है और इतने पैसे तू अपनी इज्जत बचाते हुए नहीं कमा सकती है।

वो बात अलग है कि मैंने कभी तूझे इतने पैसे दिए ही नहीं अरे देता भी कैसे मेरी जान तूझे पूरे पैसे देते ही तू अपने भाई का इलाज करवा लेती और फिर तू ये जिल्लत भरा काम कभी नहीं करती इन सब से तेरा ही तो फायदा होता ना मैं तो बर्बाद हो जाता और ऐसा मैं कैसे होने दें सकता हूं मन ही मन ऐसा कहकर वो कमीनियत से मुस्कराने लगता है। लेकिन जल्दी ही वो अपनी मुस्कान को छिपा लेता है और दुख का चोला ओढ़ते हुए कहता है -

तुम्हें तो पता है ना मैं तुम्हें कभी ऐसी जिंदगी नहीं देना चाहता था मैं तो तुम्हें खुद से भी ज्यादा चाहता हूं लेकिन मैं क्या कर सकता हूं हम दोनों के प्यार से तुम्हारे भाई का इलाज नहीं हो सकता है ना तुम समझ रही हो ना जान मैं क्या कहना चाहता हूं।

उस लड़की ने हां मैं अपनी गर्दन हिला दी और इशारे से चलने के लिए कहा ।

मैनेजर मन में - अरे! वा आज सूर्योदय पश्चिम से हुआ है क्या ये लड़की आज एक ही बार में बिना सवाल जवाब करें ही मान गई पिछले ६ महीनों में जबसे ये मुझे मिली है पहली बार ऐसा हुआ है कि इसने बिना ना नुकूर किए ही मेरी बात मान ली। मुझे क्या मान तो गई ना मुझे तो सिर्फ अपने पैसों से मतलब है। लेकिन एक मिनट कहीं कोई गड़बड़ तो नहीं है।

मैनेजर अपने कदम आधे रास्ते में ही रोककर - ऐ! एक मिनट रुको।

मैनेजर की आवाज सुनकर लैला पीछे मुड़कर देखती है।

मैनेजर - लैला तुम्हारी आवाज़ को क्या हुआ है तुम बोल क्यों नहीं रही हो और तुमने आज अपना चहेरा क्यूं ढका हुआ है वो उस पर सक करते हुए कहता है।

लैला अपने गले पर हाथ रखकर बोलने की कोशिश करती है लेकिन उससे बोला नहीं जा रहा था। उसे देखकर वो कहता है - क्या तुम्हारे गले में दर्द है।

लैला हां में अपना सिर हिला देती है।

मैनेजर - ठीक है लेकिन तुमने अपना चहेरा क्यूं ढका हुआ है।

लैला उसे कोई जवाब देती उससे पहले ही अहलावत का गार्ड वहां आ जाता है और उन्हें वहां खड़े देखकर वो मैनेजर से पूछता है - क्या हुआ तुम यहां क्यों खड़े हो वहां कमरे में साहब तुम्हारा इंतज़ार कर रहे हैं।

मैनेजर - कुछ नहीं हुआं तूम चलों हम आते हैं।

गार्ड - नहीं साहब ने कहा है कि तुम्हें साथ ही लेकर आऊं।

मैनेजर उसके सामने हाथ जोड़कर - ओ! भाई चलों।

और वो अपने सारे सवालों को भूलकर लैला को लेकर चल पड़ता है।

वो सब एक कमरे के सामने आकर रुक जाते हैं।

गार्ड - मैनेजर तुम अंदर नहीं जाओगे अंदर सिर्फ ये लड़की ही जाएगी।

मैनेजर - अबे साले अपने बाप को मत सिखा वैसे भी मैं अंदर जाकर क्या करुंगा अंदर का काम तो लैला अपने आप कर लेगी हे ना लैला वो लैला की तरफ रुख करते हुए कहता है और उस कमरे का दरवाजा खोलकर लैला को अंदर धकेल देता है और बाहर की कुंडी लगा देता है।

गार्ड - ये तूमने कुंडी क्यों लगाई है।

मैनेजर हंसते हुए - ताकि चिड़िया बाज से डरकर बाहर ना आ जाए।

गार्ड गुस्से से उसकी तरफ घूर कर देखता है।

मैनेजर उसकी तरफ देखकर मुस्कुराते हुए वहां से चला जाता है।

वो गार्ड भी अब मुस्कुराने लगता है - डेविल का पांचवां शिकार और इतना कहकर वो ज़ोर ज़ोर से हंसने लगता है।