Incomplete forest a mystery_Part-7 in Hindi Horror Stories by Abhishek Chaturvedi books and stories PDF | अधूरा जंगल एक रहस्य_भाग-७

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अधूरा जंगल एक रहस्य_भाग-७

अधूरे जंगल का अमर रहस्य**

महल और जंगल से भागने के बाद, तीनों दोस्तों ने राहत की साँस ली और अपने जीवन को सामान्य बनाने की कोशिश की। लेकिन उन्हें यह अच्छी तरह से पता था कि वे एक अनसुलझे रहस्य का सामना कर चुके हैं, और अब भी उनके जीवन में एक छाया बाकी है।

सालों बीत गए, और हर कोई अपने-अपने तरीके से अपनी जिंदगी जीने लगा। अरुण ने एक सफल करियर बना लिया, मोहित ने अपनी पढ़ाई और नौकरी में व्यस्तता बढ़ा ली, और निधि ने एक नई शुरुआत की। लेकिन उन सभी की मनोस्थिति में वह भयानक अनुभव अब भी ताजा था।

एक दिन, अरुण को एक पुराना पत्र मिला, जो उसकी दादी की एक संदूक में छिपा हुआ था। पत्र पर एक अजीब सी लिपि थी, जिसे उसने मुश्किल से पढ़ा। उसमें लिखा था:

"प्रिय अरुण, मोहित और निधि,

यदि तुम यह पत्र पढ़ रहे हो, तो इसका मतलब है कि तुमने अधूरे जंगल का सामना किया है। लेकिन तुम्हें यह जानना चाहिए कि यह खेल अभी खत्म नहीं हुआ है। जंगल की शक्ति को कभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता। इसे सिर्फ शांत किया जा सकता है, और वह भी एक विशेष चक्र पूरा करने से।

तुम्हें एक अंतिम यात्रा पर निकलना होगा, जिसमें तुम्हें जंगल के पुराने रहस्यों को उजागर करना होगा और उस शक्ति को हमेशा के लिए निष्क्रिय करना होगा। इसके लिए तुम्हें एक पुरानी मान्यता का पालन करना होगा, जो एक खास समय पर ही पूरी होती है।

तुम्हारा भविष्य इस रहस्य को सुलझाने पर निर्भर करता है। अगर तुम इसे समय पर पूरा नहीं करते, तो जंगल की शक्ति फिर से जाग सकती है और सब कुछ तबाह कर सकती है।

सादर,
तुम्हारी दादी"

पत्र पढ़कर अरुण, मोहित, और निधि ने एक बार फिर मिलकर निर्णय लिया कि उन्हें इस रहस्य को पूरी तरह सुलझाना होगा। उन्होंने तय किया कि वे एक बार फिर अधूरे जंगल की ओर लौटेंगे और इस बार जंगल के पुराने रहस्यों को उजागर करेंगे।

वे तीनों एक बार फिर जंगल में कदम रखने के लिए तैयार हुए। उन्होंने पूरी तैयारी की, पुरानी किताबें और दस्तावेज़ एकत्र किए, और एक मार्गदर्शक के साथ यात्रा पर निकल पड़े। इस बार उन्होंने जंगल की गहराइयों में जाने का निर्णय लिया, जहाँ शायद वे उस शक्ति का वास्तविक स्रोत ढूंढ़ सकें।

जंगल में प्रवेश करते ही, उन्हें वही भयावह अहसास हुआ—पेड़ और पौधे अब भी अजीब तरह से हिल रहे थे, और हवा में वही खौफनाक गंध थी। वे वेदी की ओर बढ़ते हुए सावधानीपूर्वक कदम बढ़ा रहे थे, जहाँ उन्होंने पहले गुड़िया को छोड़ा था।

जंगल के भीतर, उन्होंने पुराने मंदिर की ओर रुख किया। मंदिर अब भी पुराना और भयानक था, लेकिन इस बार उनमें कुछ नया था। मंदिर के अंदर, उन्होंने देखा कि एक बड़ा जादुई चक्र बनाया गया था, जो पूरी तरह से अजीब और भयानक प्रतीक से भरा हुआ था।

"यह वही चक्र है जो दादी ने पत्र में लिखा था," निधि ने कहा, उसकी आवाज में आशंका थी। "हमें इसे ठीक से समझना होगा।"

उन्होंने जादुई चक्र का अध्ययन किया और पुराने ग्रंथों को पढ़ा। उन्होंने पाया कि यह चक्र जंगल की शक्ति को नियंत्रित करने के लिए था, लेकिन इसके लिए एक विशेष समय पर एक विशेष अनुष्ठान करना होगा।

तीनों ने मिलकर अनुष्ठान की तैयारी की। जैसे ही वे अनुष्ठान शुरू करने लगे, एक बार फिर जंगल की शक्तियाँ जाग उठीं। हवा में एक भयानक तूफान उठा, और जंगल की दीवारें फिर से हिलने लगीं। 

अनुष्ठान के दौरान, वेदियों के चारों ओर से उज्ज्वल प्रकाश निकलने लगा। प्रकाश ने धीरे-धीरे जंगल के सभी भयानक प्रतीकों को ढक लिया और उसकी शक्ति को नियंत्रित करना शुरू कर दिया। 

तूफान और अंधकार की आवाजें धीरे-धीरे कम होने लगीं। जादुई चक्र ने जंगल की शक्ति को अपने भीतर समेट लिया और उसे शांत कर दिया। अनुष्ठान पूरा होते ही, जंगल की भयानक शक्तियाँ धीरे-धीरे गायब होने लगीं, और एक नयी शांति और स्थिरता स्थापित हो गई।

अरुण, मोहित, और निधि ने देखा कि जंगल अब फिर से सामान्य होने लगा है। यह अब पहले से कहीं ज्यादा शांत और सुरक्षित लग रहा था। वे जानते थे कि उन्होंने एक बड़ी चुनौती का सामना किया है और जंगल की शक्ति को हमेशा के लिए नियंत्रित किया है।

उन्होंने एक अंतिम बार जंगल को देखा और महसूस किया कि यह रहस्य अब समाप्त हो चुका है। वे वापस शहर लौटे, जहाँ उन्होंने अपनी जिंदगी को नई ऊर्जा और आशा के साथ जीने का निर्णय लिया।

उनकी कहानी अब एक पुरानी किंवदंती के रूप में सुनी जाती है, और अधूरे जंगल का नाम अब सिर्फ एक रहस्यमय कहानी के रूप में जीवित है। लेकिन उनके दिल में, वे हमेशा जानते थे कि उन्होंने एक ऐसी यात्रा की है, जो कभी भी पूरी तरह से भुला नहीं जा सकती।

(अधूरे जंगल का रहस्य अब शान्त हो चुका है, लेकिन इसकी गूंज हमेशा के लिए उन तीन दोस्तों के दिल में बनी रहेगी।)


पहले भाग में पढ़ें उसके.....
सपनों की छाया