Pyaar Beshumar - 12 in Hindi Comedy stories by Aarushi Thakur books and stories PDF | प्यार बेशुमार - भाग 12

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प्यार बेशुमार - भाग 12

अब आगे,


कोमल डॉक्टर को  कॉल करके अंदर आयी और बोली, " भाई वो आ रहे है । "

तब तक मे ठंडा पानी लती हू ... कोमल ने इतना कहा और किचन की ओर चली गयी । वहां से ठंडा पानी एक बाउल मे ले आयी और सीरत को पटिया करने लगी ।

कुछ समय बाद उसका फीवर थोड़ा कम हुआ तो  

सीरत कुंमनाते हुए पलटी फिर धीरे से अपनी आंखे खोल कर देखने लगी और धीरे से बोली , " आप मेरे कमरे मे क्या कर रहे हो? आज आपको काम पर नहीं जाना । "


प्रशांत जो वहां बैठा हुआ था उसने कहा, " रात हो रही है और मै अभी काम पर क्यों जाऊंगा ? "

"रात.... " , सीरत ने बेड पर बैठे हुए विंडो से बाहर की और देखा और बोली ," ओह मुझे लगा सुबह हो गयी  लगता है कुछ जायदा ही सो गयी.... फिर उसने अपने दाँत दिखा दिए ।"


"सीरत तुझे फीवर था... अब कैसा लग रहा है "।, कोमल ने सीरत के पास आकर कहा ।

"तुमने क्या खाया था सीरत...", प्रशांत ने थोड़ा तेज आवाज मे कहा ।

सीरत ने फिर से दाँत दिखा दिए और बोली, " वो... वो... कुछ नहीं जो कोमल दी ने कहा किचन मे है बस वही ।"


" तुमने आइसक्रीम खायी थी... ?, " प्रशांत ने शख्त आवाज मे पूछा ।

" भाई.... वो घर पर कोई नहीं था जब बाहर आइसक्रीम वाला आया तो उससे बस एक... हा एक आइसक्रीम ली थी मैंने बस सच्ची.... , " सीरत ने मासूम सी सकल बना कर कहा ।


प्रशांत ने गुस्से मे कहा, " तुम्हे क्या लगता है हम तुम्हे आइसक्रीम के लिए तड़पा रहे है  । तुम अभी अभी कुछ दिन पहले ही ठीक होइ थी बिकॉज़ ऑफ़ फीवर जानती हो ना... बस इसलिए मना किया लेकिन नहीं तुम्हे अपनी ही करनी है एक बार ढंग से ठीक तो हो जाओ । "


"पर भाई...., " सीरत कुछ कहती । प्रशांत ने कहा ,"  तुमने कितनी आइसक्रीम खाई है ?

"भाई बस करो ना अब नहीं करेगी ..", कोमल ने समझाते हुए कहा ।


"सब ने इसे सर पर चढ़या हुआ है बस और कुछ नहीं किस बात की टेंशन थी जो आइसक्रीम खाई तूने ऐसा क्या हो जाना था की अगर आज आइसक्रीम ना खाती तो कुछ बिगर जाना था । , "  प्रशांत ने कहा वह अभी भी गुससे मे था ।


सीरत ने सर झुका लिया पर कुछ बोली नहीं उसकी आँखों मे आंसू आ चुके थे  जिसे छुपाने के लिए उसने अपना सर झुका रखा था । तभी दरवाजे पर बेल बजी  प्रशांत ने एक नजर सीरत को घुरा फिर कमरे से बाहर आ गया ।

दरवाजा खोला तो देखा बाहर डॉक्टर खड़े है उनको अंदर बुलाया और सीरत के कमरे मे ले कर आया । डॉक्टर ने सीरत को चेक किया और धीरे से नजरें उठा कर सीरत के पास आकर फुसफुसाते हुए कहा, "तुमने फिर से आइसक्रीम खाई । "


"भाई अब आप मत शुरू हो जाना अभी अभी प्रशांत भाई से इतनी सारी डांट सुनी मैंने" , सीरत ने मुँह बनाये हुए ही कहा ।


"सीरत, पर तुम्हे नहीं खाना है कुछ टाइम के लिए ही तो मना किया है । ठंडी चीजे खाने से फिर जब पूरी तरह ठीक हो जाओ तो खाती रहना । मै ही ले जाऊंगा... " , डॉक्टर ने मुस्कुराते हुए कहा ।



" सीरत ने हा मे गर्दन हिलाया, फिर डॉक्टर ने प्रशांत से कहा, फिलहाल मुझे लगता थकावट के कारन हुआ  है और पहले से फीवर था इसे इसने लापरवाही की है तो वापस चढ़ गया है कोई बात नहीं मे मैंने कुछ मैडसीन लिख दी है । " , डॉक्टर ने दवाई वाली स्लिप  को प्रशांत के हाथ मे देते हुए काहा ।


"होगा ही इसलिए तो कही जाने नहीं देता पक्का वहां जा कर उटपटांग कुछ ना कुछ खाया है" , प्रशांत ने घुरा ।

"नहीं भाई सच्ची", सीरत ने मासूम सा चेहरा बना कर कहा ।


" अच्छा यार चलता हू... जल्दी से घर जाने के बजाए यहाँ आया इस नौटंकी को देखने  "  डॉक्टर ने कहा ।

" क्या भाई आप भी..., " सीरत ने मुँह बना लिया ।

और सभी मुस्कुरा दिए । प्रशांत ने सर झटका और डॉक्टर को देख कर कहा, "अच्छा कुछ खा कर जा..... ."

"नहीं, बस चलता हू...",  कह वह बाहर जाने लगा ।

" ईशान , " थेंक्स यार, प्रशांत ने गले लगाते हुए कहा ।


"तू पागल है क्या ? मेरी भी बहन है वो सो जस्ट रिलैक्स और हा ये बताना भूल गया  की उसे कुछ तीखा मत खाने देना नहीं तेल वाला, सिंपल खाना दो उसे तभी सुधरेगी ", ईशान ने जाते जाते कहा ।

" क्या भाई ...  आप भी दुश्मन हो मेरे खाने के ,, " सीरत ने मुँह बनाते हुए कहा ।

प्रशांत और ईशान दोनों ने सीरत को इग्नोर किया । 

" कोमल इसके लिए दलिया बना दो वही खायेगी " , प्रशांत ने कहा और वहां से बाहर आ गया क्युकी दवाई लेने जो जाना था ।

सीरत उठ कर दरवाज़े पर आयी  और बोली, " कोमल दी... मुझे दलिया नहीं खाना ।"

" तो क्या खाने का मन है आपका आप अपने मेंन्यु मे से देख कर बता दीजिए हम वही बना देंगे, " कोमल ने ताना देते हुए सीरत को घूरते हुए कहा ।


"कुछ नहीं मन,  नहीं है बस...." , सीरत वही सोफे पर बैठते हुए बोली ।

कोमल उसके पास चल कर आयी और बोली, "क्या हुआ किस बात को इतना सोच रही थी  । " सीरत ने कहा, " कुछ नहीं दी... "

" देख सीरत मुझसे झूठ मत बोल, पता है ज़ब तू ज़्यदा सोचती  है या ज़ब तू  ज्यादा परेशान  होती है तो आइसक्रीम खाती है या इन शॉर्ट  मे कहु तू अगर ज्यादा खुश है ज्यादा दुखी है बस सॉलिड वजह चाहिए आइसक्रीम खाने को तो अब बता क्या हुआ ? " , कोमल ने सीरत का हाथ पकड़ के कहा ।

" अरे दी कुछ नहीं बस इंटर्नशिप की टेंशन है , टेंशन ? ना दी मुझे नहीं टेन्शन वैंसेन नहीं वो तो दिल किया इसलिए ", सीरत ने कहा । 



अब आगे क्या होता है इनकी जिंदगी मे ये जानने के लिए पढ़िए " प्यार बेशुमार "

आज के लिए अलविदा मिलते है अगले भाग मे  🙏



प्लीज अपने ओपिनियन जरूर दीजियेगा ।

जिससे मै आगे लिखू उसकी प्रेरणा मिले और हमें हमारी गलती बता दीजियेगा जिसे मै सुधार सकूँ ।

🙏

~आरुषि ठाकुर  ✍️