Devil Ceo's Sweetheart - 63 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 63

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डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 63

अब आगे,

अपनी इकलौती दोस्त खुशी की इस हरकत को देख कर तो आज रूही की भी घबरा ही गई थी और तो और वो तो अब थर थर कांप रही थी क्यूंकि रूही ने आज पहली बार गन को जो देखा था..! 

वही अब रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने उस दूसरी फीमेल एम्प्लॉय से कहा, "और तुझे अपने इस एक्सपेंसिव कपड़ो की शॉप के ओनर के अच्छे दोस्त जो इस बनारस शहर के पुलिस कमिश्नर है तो बुला ना किस ने रोका है और जब मेरे पापा को पता चलेगा कि तूने मेरी ही सब से अच्छी दोस्त रूही के साथ बिना किसी बात के बातामीजी करी है और उस के साथ बुरा व्यवहार करा है ना कि वो ही तेरे साथ साथ तेरे पूरे परिवार को जेल में डाल कर तेरी बहुत अच्छी तरह खातिरदारी करेंगे ना कि तू अपनी पूरी जिंदगी में कभी नहीं भूलेगी..!" 

रूही की इकलौती दोस्त खुशी की बात सुन कर उस दूसरी फीमेल एम्प्लॉय के तो जैसे होश ही उड़ चुके थे और अब वो, रूही की इकलौती दोस्त खुशी को आंखे फाड़ कर देख रही थी..!

और साथ में उस को अपने कानो पर विश्वास ही नहीं हो रहा था कि जो अभी रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने बोला क्या वो सच है..! 

जब रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने उस दूसरी फीमेल एम्प्लॉय के एक्सप्रेशन देखे तो अब उस को समझने मे देर नहीं लगी और अब रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने उस दूसरी फीमेल एम्प्लॉय से पूछा, "क्या तूने इस बनारस शहर के पुलिस कमिश्नर को कभी देखा है..?" 

खुशी की बात सुन कर भी वो दूसरी फीमेल एम्प्लॉय हैरानी से रूही की इकलौती दोस्त खुशी को ही देख रही थी और वही जब खुशी ने उस दूसरी फीमेल एम्प्लॉय को देखा तो उस को लगा कि उस ने उस की बात सुन कर भी अनसुना कर दिया..!

और साथ में उस का गुस्सा तो पहले से ही बढ़ा हुआ था जो अब और भी बढ़ गया और अब कि बार खुशी ने लगभग चिल्लाते हुए उस दूसरी फीमेल एम्प्लॉय से पूछा, "क्या तुझे सुनाई नही दिया कि मैने कुछ पूछा है क्या तूने इस बनारस शहर के पुलिस कमिश्नर को कभी देखा है..!" 

अब की बार खुशी के ऐसे चिल्लाने से वो दूसरी फीमेल एम्प्लॉय अपने होश में वापस आ गई और अब उस ने घबराते हुए जल्दी से अपने सिर को दो से तीन बार हां मे हिला दिया..!

क्यूंकि उस ने खुशी के पापा यानी इस बनारस शहर के पुलिस कमिश्नर को एक बार ही सही अपनी इस एक्सपेंसिव कपड़ो की शॉप में देखा हुआ था..!

और इसलिए ही उस को पता था इस एक्सपेंसिव कपड़ो की शॉप के ऑनर और इस बनारस शहर के पुलिस कमिश्नर अच्छे दोस्त है..!

उस दूसरी फीमेल एम्प्लॉय के रिएक्शन को देख कर अब खुशी ने अपनी जींस की पॉकेट से अपना फोन निकल कर अपने फोन का वॉलपेपर अब उस दूसरी फीमेल एम्प्लॉय को दिखा दिया..!

तो जिस को देख कर उस दूसरी फीमेल एम्प्लॉय अपना स्लायवा गटक लिया और अब उस से कुछ बोला नहीं जा रहा था..! 

जिस को देख कर अब पहली वाली फीमेल एम्प्लॉय ने अपनी दोस्त और दूसरी वाली फीमेल एम्प्लॉय से पूछा, "तुझे क्या हुआ, तू कुछ बोल क्यू नही रही है और ऐसा भी क्या देख लिया तूने उस के फोन में..!" 

उस दूसरी फीमेल एम्प्लॉय की हालत को समझते हुए अब रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने ही उस पहली वाली फीमेल एम्प्लॉय से कहा, "मै बताती हु कि तेरी इस दो कोड़ी की दोस्त ने क्या देख लिया वो भी मेरे फोन में, वो क्या है ना इस एक्सपेंसिव कपड़ो की शॉप के ऑनर के अच्छे दोस्त जो कि इस बनारस शहर के पुलिस कमिश्नर भी है और वो और कोई नही मेरे पापा है और पुलिस यूनिफॉर्म में मेरे पापा के साथ मेरी और उन की ही फोटो मैने अपने फोन के वॉलपेपर के रूप में लगा रखी है..!" 

To be Continued......❤️✍️

हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।