Roohaniyat - 3 in Hindi Love Stories by Shweta pandey books and stories PDF | रूहानियत - भाग 3

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रूहानियत - भाग 3

Chapter -3

एक दीवानापन

चाहत हॉस्पिटल से अपना जॉब पूरा कर घर आती है और फिर कोचिंग क्लास के लिए जाती है, उसे वहाँ बहोत भीड़ दिखती है,  

चाहत भीड़ देखकर,"अरे यहाँ क्या हो रहा है?" वहाँ बहोत भीड़ लगी हुई थी चाहत भीड़ में ही लोगो से,"अंकल क्या हो रहा है यहाँ ये सब ?

उसके बगल में ही एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति खड़ा था जिसे चाहत पहचानती थी क्योंकि इसकी दुकान चाहत के कोचिंग के बगल में ही थी वो चाहत के इस सवाल पर उसे कहता है,"बेटा पता नहीं कुछ लोग हमारी सारी दुकान को खाली कर रहे हैं..., हम क्या करेंगे अब बेटा ये तो हमारी रोजी रोटी है..."।

चाहत उस व्यक्ति की बात सुनकर एकाएक चौक जाती है,"क्या?" और भीड़ को चीरते हुए देखती है तो वो लोग चाहत की कोचिंग की तरफ ही बढ़ रहे थे वो जल्दी से भागकर उनके सामने जाती है,और बेहद गुस्से में अपने दोनो हाथों को फैलाये,"हाथ भी मत लगाना मेरी कोचिंग क्लास को.... कौन हो तुम लोग? और क्यों तोड़ फोड़ कर रहे हो यहा ......"। 

जो सबकी दुकान तोड़ने आये थे उनमें से एक लड़का चाहत को ऐसे सामने खड़ा देख,"ओ मैडम हटो सामने से....हमें यहां के सारे दुकान को खाली कराने का ऑर्डर दिया गया है..."

चाहत उन लोगो को देखती है वो कही से भी सरकारी लोग तो नही लग रहे थे, शक्ल से ही गुंडे लग रहे थे चाहत उनसे," किसने दिया ऑर्डर...,और ऑर्डर है तो पेपर दिखाओ पहले..."। 

लड़का चाहत की बात सुन दूसरे लड़के को देखता है,"पेपर?" 

चाहत अपने कमर पर हाथ रखते हुए,"हा पेपर ....,क्यू नहीं है?....,फिर किस हक से तुम सभी दुकानों के सामान को हाथ लगा रहे हो? 😡...,निकलो यहां से समझे ...."चाहत ने बहोत बेबाकी से यह कहा ।

उनमे से दूसरा लड़का धीरे ​​से लेकिन गुस्से में जो सिर्फ चाहत को सुनाई दे," चुप - चाप हट जा सामने से वरना दुकान के साथ-साथ तुझे भी साफ कर देंगे यहां से समझी 👿......,ये जमीन अब तुम्हारी नहीं है 👿......"।

चाहत उन्हें घूरकर देखती है और गुस्से से,"मैं तुम्हारी इस धमकी से नहीं डरती .. और ये मेरी जगह है और मैं यहां से कहीं नहीं जाऊंगी 😡 समझे तुम ......"। 

वो शक्श बाकी के लड़कों से,"एए ये ऐसे नहीं मानेगी इसका सामान निकाल कर बाहर फेंको 👿......"। 

अंदर जाने लगते है तभी ....,चाहत सामने आकर खड़े हो जाती है एक मोटे से डंडे को हाथ मे लिये... चाहत उन सबको वो मोटा डंडा दिखाते हुए,"अगर कोई आगे भी आया तो अच्छा नहीं होगा..."। 

लड़का बाकी सब से,"कुछ नहीं कर पायेगी जाओ...." 

लेकिन उनसब ने शायद चाहत को कम आँक लिया था,जैसे वो आगे बढ़ते है चाहत सच में उन्हें लकड़ी से कूटने लगती है .....,और देखकर जो बाकी दुकान वाले होते हैं उनकी हिम्मत भी बढ़ती है ....और वो भी सबको मारने लगते हैं जिससे सारे गुंडे भाग जाते हैं डरकर ......,

गुंडे चाहत को देखकर भागते हुए,"तुम्हे तो छोड़ेंगे नही हम"।  

चाहत लकड़ी को फेककर...हाथ झाड़ते हुए,"भाग गए 😕...मेरे कोचिंग क्लास को हाथ लगाने चले थे...लेकिन इन्हें भेजा किसने?..." 

बूढ़ा आदमी चाहत से,बेटा...सुना है एक साहब है जो बाहर से आए हैं उन्होंने ये जमीन खरीद ली है और वो यहां के सब दुकानो को तोड़ना चाहते हैं..."। 

चाहत उस बूढ़े आदमी से,"ऐसे कैसे तोड़ देंगे अंकल मैं भी देखती हूं...इतने सालों से हैं यहां  आप सब,और भले हमसे किराया ले ले लेकिन ऐसे हमारी दुकानें गिराना ये अच्छी बात नहीं 😕...और हम तो अच्छा काम कर रहे है कोई बुरा काम थोड़े कर रहे है" (और मन में)"मैं भी देखती हूँ हमारी दुकानों को कौन तोड़ता है 😡..."। 

#other_Side.... 

जिन लोगो की चाहत ने कुटाई की थी उनमे से एक लड़का कॉल पर दर्द के साथ," सर....सर गड़बड़ हो गया...एक लड़की ने बीच में आकार सब गड़बड़ कर दिया..."(लड़का सारी बात बताता है फोन की दूसरी तरफ वाले व्यक्ति को...) 

व्यक्ति सारी बात सुनकर बेहद गुस्से में,"😡 तुम सबसे एक काम भी सही नहीं होता..., मुझे जल्दी से जल्दी वो जमीन खाली चाहिए किसी भी हाल में..." 

लड़का व्यक्ति से,"लेकिन सर,ये जमीन तो आपकी ही है और कुछ समय के लिए स्टे ऑर्डर भी मिल जाएगा, फिर सर आप जब चाहे उस जमीन पर अपना कब्ज़ा कर सकते हैं,फिर ये सब की...(बीच में ही ) 

व्यक्ति गुस्से में,"तुमसे राय नहीं मांगा मैंने 😡 .....,जितना बोला है उतना करो..."। 

लड़का उस व्यक्ति के भड़कने से डर जाता है,"जी जी सर...."। 

व्यक्ति उनसे,"अगर वो लड़की बिच में आ रही है तो उसे बिच से हटाओ .....,वो कैसे? I don't care 😡...बस वो प्लॉट खाली होना चाहिए 😡..."। 

लड़का जल्दी से,"ओके सर..."।

#Scene_changed 

#Night.....

एक अंधेरा कमरा पूरी तरह सन्नाटे में डूबा हुआ था, आवाज़ आ रही थी तो बस जैसे कि कोई किसी चीज पर अपना गुस्सा निकाल रहा हो,

नील पसीने से तरबतर था,वो इस वक्त सिर्फ लोअर में था उसकी बॉडी साफ रिवील हो रही थी, उसके हाथ और गर्दन की एक एक इसे दिख रही थी, उसके बाइसेप्स और मसल्स देखकर यह साफ लग रहा था कि वो घण्टो gym में बिताता होगा,

वो पंचिंग बैग को तब तक  हिट कर रहा था जब तक उसके सामने चाहत का चेहरा आ रहा था .....वो बस अपने जेहन से चाहत को निकालना चाहता था कैसे भी करके ......लेकिन एसा हो नहीं रहा था वो जब जितना उसे भूलने की कोशिश करता उतना उसका चेहरा उसके सामने आता..., 

जिससे नील को खुदपर और गुस्सा आता है, 😡 और अचानक वो रुक जाता है और गुस्सा में पंचिंग बैग को पकड़कर," तुम मेरे जेहन से निकल क्यों नहीं रही?😡...(फिर अपने बाल को अपने हाथ से ऊपर करते हुए)" नहीं नील ये सब तेरे लिए नहीं बना 😡 ......(और फिर से पंचिंग बैग को गुस्से में हिट करने लगता है) 

(नील ने कभी किसी लड़की की तरफ देखा भी नहीं था, उसे कोई मतलब ही नहीं था, बल्कि उसे कॉलेज की ऐसी कोई लड़की नहीं थी, जो नील को पाना चाहती थी लेकिन नील किसी की तरफ देखता भी नहीं था...उसके साथ ये पहली बार हो रहा था कि कोई लड़की उसके जेहन में ऐसे बस गयी हो कि निकलने का नाम ना ले रही हो❤️...) 

वो फ्रस्ट्रेट होकर बालकनी में जाता है और अपना फोन use करने लगता है ......

उसका सबसे फेवरेट काम फोन में गेम खेलना था,लेकिन नील को शायरी और poetries बहुत पसंद थी सो कभी कभी वो भी देख लेता था,जो उसे समीर भेजता था यहाँ वहाँ से सर्च करके,नील गेम खेल रहा था कि तभी उसे कुछ याद आता है , और वो अपने कॉलेज ग्रुप में जाकर किसी को सर्च करना लगता है..., वैसे तो नील ने उस ग्रुप को कभी हाथ भी नही लगाया था पता नही कितने सारे msg पेंडिंग पड़े थे, लेकिन आज पहली बार वो इस ग्रुप को ओपन किया था वो भी कुछ सर्च करने , लेकिन तभी वो रुक जाता है और फोन सोफे पर फेक देता है...,

नील अपने बालों पर हाथ रखकर,"आअहह नील 😡......,भूल जा उसे...(नील चाहत को ही अपने कॉलेज ग्रुप में ढूंढने लगा था बिना उसका नाम और उसे जाने, बस फेस से, जैसे एक दीवानापन हो)

नील का दीवानापन किस हद तक बढ़ता है ये जानने के लिए पढ़ते रहे "रूहानियत" ।

To be continued.....

~Shweta pandey