Momal :Diary ki gahrai - 15 in Hindi Horror Stories by Aisha Diwan books and stories PDF | मोमल : डायरी की गहराई - 15

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मोमल : डायरी की गहराई - 15

आज सुबह की धूप आग की तरह बिखर कर दिल जला रही थी। चिड़ियों की आवाज़ जैसे मातम मनाने लगी थी। 
अब्राहम को कुछ भी नही सूझ रहा था के उसे अब क्या करना चाहिए बस सर झुका कर रोता रहा। उसका मोबाइल बहुत देर से बज रहा था लेकिन उसे कहां फोन उठाने का होश था। 
मोमल कॉलेज में उसे ना पा कर कॉल पर कॉल कर रही थी लेकिन उसका दिल तब कांप उठा जब अब्राहम ने एक भी कॉल का जवाब नही दिया। घबराई हुई सी अंकल हैरी के पास आई और बोलने लगी :" अंकल देखिए ना अभी तक अब्राहम सर नही आए हैं! वो कॉल का जवाब भी नही दे रहे हैं, मुझे बहुत बेचैनी हो रही है, आप ज़रा पता कीजिए ना की वो क्यों नहीं आए!"

अंकल हैरी भी परेशान हो गए, उन्होंने जल्दी से स्कूटर स्टार्ट किया और कहा के मैं देख कर आपको कॉल कर दूंगा।

मोमल को लाईब्रेरी में काम था लेकिन उसका किसी भी काम में मन ही नहीं लग रहा था। उसका दिल बेचैन हुआ जा रहा था। 
कुछ ही देर बाद अंकल हैरी का कॉल आया। मोमल ने जल्दी से फोन उठाया तो उन्होंने दबे आवाज़ में कहा :" बेटा काले कपड़े पहन कर अजाना! अब्राहम सर के डैड नही रहे, अब्राहम सर को कुछ होश हवास नही है, हमे उन्हे संभालना होगा! आप कॉलेज में प्रिंसिपल और बाकी सब को ये खबर दे दीजिए"

मोमल ने जब ये खबर सुनी तो उसका दिल भर आया। वो अब्राहम के पिता को तो नही जानती थी लेकिन अब्राहम के लिए उसके दिल के पुर्जे पुर्जे हो रहे थे। वो समझ सकती थी के इस वक्त वो कितना अकेला है और किस क़दर उसका दिल टूटा हुआ है।

इधर अंकल हैरी उसे संभालने की कोशिश में लगे थे लेकिन वो है की अपने पिता के सिरहाने से अपना सर उठा ही नही रहा था। वो अब भी अपने मरे हुए डैड का हाथ पकड़ कर रो रहा था। 
अंकल हैरी ने उसके बाकी दो भाइयों को ये खबर दे दी ताकि सब यहां पहुंच जाए और अंतिम संस्कार किया जाए!

अंकल हैरी ने मोमल को फिर से फोन किया और कहा :" बेटा थोड़ा जल्दी आओ! अब्राहम सर अपने पिता का हाथ छोड़ कर उठ ही नही रहे हैं! तुम्हे उन्हे संभालना होगा।"

मोमल लुना को लेकर वहां पहुंच गई, साथ ही कॉलेज के कुछ स्टूडेंट्स और प्रोफेसर भी आ गए। 

मोमल कमरे में गई और अब्राहम के पास फर्श पर बैठ कर,उसके कंधे पर हाथ फेरते हुए बोली :" अब्राहम सर! प्लीज़ डैड का हाथ छोड़ दीजिए!
फिर उसने उसका हाथ पकड़ कर डैड के हाथ से छुड़ाया। अब्राहम ने आंसू बहते आंखों से उसे एक बार देखा। उसका चहरा सुर्ख हो गया था। पलकें रोने की वजह से सूझ कर मोटी मोटी हो गई थी। 
मोमल ने जब उसके गम से सराबोर चहरे को देखा तो उसे खुद पर काबू नही रहा और उसे गले लगा कर फूट फूट कर रो पड़ी। 
अब अब्राहम की आवाज़ नही निकल रही थी। वो खामोश था लेकिन आंसू जारी थे। 
उन दोनों को देख कर वहां मौजूद सभी लोग रो पड़े, नीलम भी खड़ी खड़ी रो रही थी। साहिल उसके बगल में लुना को गोद में लेकर खड़ा था। लेकिन जब लुना ने उन दोनों को इस तरह रोते देखा तो गोद से उतर कर वो भी दोनों को पकड़ कर रोने लगी। 
मोमल ने किसी तरह अब्राहम को खड़ा कर के वहां से निकाला और उसके कमरे में ले गई, उसे समझाया के डैड का अंतिम संस्कार करना है। 

धीरे धीरे बहुत से लोग जमा हो गए, किसी को ये समझ नही आ रहा था के अब्राहम के डैड घर कब आए और आते ही उन्हे आखिर क्या हो गया था। लोगों में यही बाते हो रही थी। साथ ही स्टुडेंट्स और कॉलेज के स्टाफ के बीच मोमल और अब्राहम के रिश्ते की भी बाते हो रही थी। स्टुडेंट्स को यकीन हो गया था के वो दोनो रिलेशनशिप में है। कोई ताज्जुब हो रहा था तो कोई उन्हे साथ देख कर खुश हो रहा था। 

जो मझला बेटा इसी शहर में था वो तो अपने बीवी बच्चों के साथ जल्द पहुंच गया लेकिन उनका बड़ा बेटा विदेश में होने के कारण नही आ पाया। 
अब्राहम का मझला भाई आते ही उस से कड़वे लहज़े में बोला :" डैड को यहां आते ही क्या हो गया ? तुम ने उनका खयाल नहीं रखा!"

अब्राहम बिलकुल खामोश था। उसने एक लफ्ज़ भी किसी से बात नही की। लेकिन मझला भाई उसके बाजुओं को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर चिल्लाए जा रहे थे :" तुम बोलते क्यों नही! क्या हुआ था डैड को? वो अचानक ऐसे कैसे जा सकते हैं बताओ कुछ" बोलो।"

उनका ऐसा करना वहां किसी को अच्छा नही लग रहा था। मोमल को बेहद गुस्सा आया और अब्राहम का हाथ पकड़ खींचते हुए बोली :"ये क्या कर रहे हैं आप ? आपको दिखाई नहीं दे रहा है इनकी हालत कैसी है! आप तो ऐसे बोल रहे है जैसे डैड की मौत का कारण अब्राहम ही हो।"

इतना कह कर वो अब्राहम को खींच लाई, उसे लाकर एक कुर्सी पर बैठकर बोली :" मैं आपके लिए पानी ले कर आती हूं!
वो जा ही रही थी के अब्राहम ने उसका हाथ पकड़ लिया और पहली बार उसने कुछ कहा :" मोमो! मेरे लिए सब से लड़ने की ज़रूरत नहीं है! डैड की मौत का जिम्मेदार मैं ही हूं! मैं जानता हूं लामिया ने ही उन्हें मार डाला है!.... मैं उसे माफ नही कर सकता मोमो।"

उसकी आवाज़ कांप रही थी। उसकी नज़रे एक बच्चे जैसी थी जिसे चोट लगने पर किसी से प्यार की उम्मीद लगा कर देखता हो। 
मोमल ने उसके हाथो को अपने हाथ में लेते हुए कहा :" हम उसे माफ नही करेंगे! वो माफ़ी के काबिल नहीं है! हम उसे खत्म करेंगे और इसमें मैं आपके साथ हूं, मैं हमेशा आपके साथ हूं! लेकिन डैड की मौत के जिम्मेदार आप नही है! खुद को ब्लेम कर के वो वापस नहीं आयेंगे।"

उसके दिलासे देने से अब्राहम को बहुत राहत हुई, डैड को अलविदा कहने का समय हो गया था। शाम तक उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। 
उसके भाई भाभी वापस जाने लगे। जाते जाते भाभी वापस मोमल के पास आई और तीखे लहज़े में बोली :" मुझे नही पता तुम्हारा अब्राहम के साथ क्या रिश्ता है लेकिन मेरे हसबैंड के साथ तुम्हारा रवैया बहुत तीखा था! वो बस अपने पिता के लिए दुखी थे इसलिए उस से कड़क कर पूछ रहे थे, लेकिन बुरा तुम्हे लगा!"

मोमल ने उन्हे नर्मी से जवाब दिया :"कौन कितना दुखी था वो सब मैने देखा! वो इतने दुखी थे की दो आंसू बहाने के बाद सब से मुस्कुराते हुए बाते करने लगे और अब्राहम सर को देखते ही लगता है जैसे उनकी दुनिया उजड़ गई हो! अपने पिता के मौत पर मैने किसी बेटे को इतना रोते हुए नही देखा जितना वो रो रहे थे। लग ही नहीं रहा था की वो वोही इंसान है जिसके चहरे पर कोई जज़्बात नही दिखता। जिसे हर कोई बहुत सख़्त मिजाज़ का समझते हैं।"

अब्राहम की भाभी उसकी बाते सुन कर एक दम चिढ़ गई और खा जाने वाली नज़रों से उसे देखते हुए चली गई।

अब्राहम के साथ उसके दोस्त डेनियल और डॉक्टर मयंक उसके घर में थे। रात को मयंक चला गया लेकिन डेनियल रहा। मोमल ने उसे अब्राहम के साथ रुकने के लिए कहा था। लुना को लेकर वो अंकल हैरी के साथ चली गई। 

डेनियल ने रात को खाना बनाया। अब्राहम ने सुबह से न कुछ खाया न पिया था। डेनियल खाना लेकर उसके पास आया और टेबल पर सर्व करते हुए बोला :" खा लो भाई ,बिना खाए किसी मसले का हल नहीं होता। एक बात बताओ ,अंकल जी को अचानक क्या हो गया था?

अब्राहम ने गहरी सांस लेकर कहा :" वो बिलकुल ठीक थे, हम ने रात को बहुत सारी बातें की, पहली बार मैं डैड के साथ बहुत खुश था। और ऐसा लग रहा था के वो मेरे साथ अपने आखरी पल जीने आएं थे!"

उसने डेनियल को वो सारी बातें बताई जो पिछले कुछ दिनों से उनके साथ हो रहा था। किस तरह मरने के बाद भी लामिया ने उनकी ज़िंदगी में ज़हर घोल रखा था।
डेनियल को ये सब सुन कर डर लगा। उसका बदन एक बार सिहर गया फिर उसने मोमल के बारे में पूछा :" वो लड़की मोमल तुम्हारी बहुत फिक्र कर रही थी! ऐसा लग रहा था जैसे अपनी जान यहां छोड़ कर जा रही हो ,इस तरह वो जाते हुए तुम्हे देख रही थी! प्यार करती है तुम से ?

अब्राहम ने कहा :" वो मुझसे प्यार करती है लेकिन इस बात को कबूल नहीं कर पा रही है! वो भी मेरी वजह से मुश्किल में है!.... मैं खुशी खुशी मर जाऊंगा पर उसे कुछ नहीं होने दूंगा! डैनी!... अगर मुझे कुछ हो जाए तो उसकी मदद करना।"

डेनियल खाना बंद करते हुए बोला :" अरे यार ऐसी बातें क्यों कर रहे हो! डराओ मत मुझे, तुम दोनों एक दूसरे की मदद करोगे और मेरी ज़रूरत पड़ी तो मैं भी कर दूंगा। अब थोड़ा सा खा लो वरना तुम्हारी मोमल आकर मुझसे ही पूछेगी।"

उसके कहने पर अब्राहम ने थोड़ा सा खाया। 
उसके डैड के फ्यूनरल में आकर फादर ने उसे कुछ मोमबत्तियां दी थी और कहा था के एक मोमबत्ती अपने कमरे में जला कर रखना, इसकी खुशबू से बुरी आत्माएं अंदर दाखिल नही हो पाएगी। 
कमरे में जा कर उसने एक मोमबत्ती जलाया और उसे टेबल पर रख दिया। उसके पीछे पीछे डेनियल कमरे में आया और बिस्तर में जाते हुए कहा :" मैं तुम्हारे साथ ही सो रहा हूं! उस कमरे में मुझे डर लगेगा।"

अब्राहम ने कुछ नहीं कहा और जा कर बिस्तर में बैठ गया। कुछ देर बाद मोमल ने कॉल किया। उसका कॉल देखते ही उसने जल्दी से फोन रिसीव किया। 
मोमल ने पूछा :" आप ने खाना खाया या नही ? 
अब्राहम :" खा लिया है! चिंता मत करो मैं ठीक हूं। लुना सो गई है?

मोमल :"हां वो अंकल हैरी के कमरे में खेलते खेलते सो गई है! मैं उसे उठाने गई थी लेकिन अंकल ने कहा के सो गई है तो सोने दो आज मेरे कमरे में।"

अब्राहम :" अपना खयाल रखना! कल मिलते हैं।"

मोमल :" हम्म्म!.. गुड नाईट "

अब्राहम :" गुड नाईट "

ज़हन में हज़ार तरह के खयालात लेकर वो सो गया। 
रात के क़रीब एक बज रहे थे। बाहर ठंडी हवाएं चल रही थी। दूर कहीं से कुत्तों के भौंकने की आवाज़ आ रही थी। कीड़े मकोड़ों की किर किर सी आवाज़ पास के जंगल में गूंज रही थी। 
दिल दिमाग और जिस्मानी थकान से अब्राहम सो गया था। 
इसी पल में किसी ने ज़ोर ज़ोर से दरवाज़ा पिटना शुरू कर दिया। एक साथ कई बार दरवाज़े की घंटियां भी बज रही थी। अब्राहम और डेनियल दोनो हड़बड़ा कर उठ गए, अब्राहम दरवाज़ा खोलने दौड़ा तो डेनियल ने आगे आ कर रोकते हुए कहा :" यार तुम पागल हो ! ये वोही भूतनी है, मैं बता रहा हूं दरवाज़ा मत खोलो वरना वो तुम पर हावी हो जायेगी।"

इतने में दरवाज़े के पीछे से ज़ोर ज़ोर से चीखने की दबी हुई सी आवाज़ आई  :" अब्राहम! अब्राहम दरवाज़ा खोलो! प्लीज़ जल्दी खोलो।"

अब्राहम अचंभित हो कर ये बोलते हुए दरवाज़ा खोलने दौड़ा :" ये ,ये तो मोमो की आवाज़ है!"

डेनियल ने उसका हाथ पकड़ कर उसे रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन उसे रोक नही पाया। झटके से अपना हाथ छुड़ा कर दरवाज़ा खोला। डेनियल चिल्लाता रह गया :" ये उसकी चाल हो सकती है, पागल मत बनो! कुछ भी हो सकता है यार"

दरवाज़ा खोला तो मोमल उसे देखते ही उस से लिपट गई, वो बहुत ज़्यादा कांप रही थी। इतनी डरी हुई थी के उसे अंदाज़ा भी नही हुआ के उसने अब्राहम को कितनी सख्ती से पकड़ा हुआ है। उसके बाल बिखरे हुए थे। नाइट सूट में पसीने से लथपथ हो रही थी। 
अब्राहम को कुछ समझ नही आ रहा था के उसे क्या हो गया है। इस से पहले तो वो लामिया की आत्मा से इस क़दर नही डरी थी फिर आज क्या हो गया जो अंकल हैरी के घर से भागते हुए यहां तक आ पहुंची। 
अब्राहम से लिपटी हुई कांपते आवाज़ में बोली :" मुझे बचा लो! मेरे पीछे कोई पड़ा है।"

अब्राहम ने जल्दी से दरवाज़ा बंद किया और उसे शांत करते हुए उसके सर पर और पीठ पर हाथ फेरने लगा लेकिन फिर भी उसका पूरा जिस्म थर थर कांप रहा था। 
डेनियल अब भी डरा हुआ दूर खड़ा था। उसे यकीन नही था के वो मोमल ही है। उसके दिल में यही चल रहा था के वो मोमल तो है लेकिन बुरी आत्मा उस पर हावी है। 

(अगला भाग जल्द ही)