Aloukik Prem Kathaye - 4 in Hindi Love Stories by सोनू समाधिया रसिक books and stories PDF | अलौकिक प्रेम कथायें - 4

Featured Books
  • My Wife is Student ? - 25

    वो दोनो जैसे ही अंडर जाते हैं.. वैसे ही हैरान हो जाते है ......

  • एग्जाम ड्यूटी - 3

    दूसरे दिन की परीक्षा: जिम्मेदारी और लापरवाही का द्वंद्वपरीक्...

  • आई कैन सी यू - 52

    अब तक कहानी में हम ने देखा के लूसी को बड़ी मुश्किल से बचाया...

  • All We Imagine As Light - Film Review

                           फिल्म रिव्यु  All We Imagine As Light...

  • दर्द दिलों के - 12

    तो हमने अभी तक देखा धनंजय और शेर सिंह अपने रुतबे को बचाने के...

Categories
Share

अलौकिक प्रेम कथायें - 4

जलपरी का प्यार”

गाँव के बाहरी किनारे पर एक पुराना तालाब था, जिसका पानी नीला और गहरा था। वहाँ का वातावरण हमेशा रहस्यमय और थम सा रहता था। तालाब के आसपास की कहानियाँ गाँव के लोगों के बीच एक रहस्य के रूप में बसी हुई थीं। कहते थे कि तालाब में एक जलपरी रहती है, जो सुंदरता और खौफ का संगम है। उसकी सुंदरता का जादू हर किसी को आकर्षित करता है, लेकिन उसकी अदृश्य शक्ति और बुरे इरादे बहुत कम लोगों को ही पता चल पाते हैं।

एक दिन, गाँव में एक युवक, अर्जुन, आया। वह एक साहसी और होशियार व्यक्ति था, जो अपने पिता के व्यवसाय की देखरेख के लिए गाँव में आया था। अर्जुन ने जब तालाब के बारे में सुना, तो उसकी जिज्ञासा ने उसे आकर्षित किया। उसने तय किया कि वह तालाब के रहस्यों को जानने के लिए खुद को चुनौती देगा। 

रात का अंधेरा गहराया और चाँद की चाँदी सी रोशनी तालाब के पानी पर बिखरने लगी। अर्जुन ने अपनी हिम्मत जुटाई और तालाब के किनारे पहुँचा। पानी में एक हल्की चमक नजर आई, जैसे कोई चमकदार वस्तु पानी के नीचे हो। अर्जुन ने धीरे-धीरे पानी में हाथ डाला, और अचानक एक सुंदर जलपरी का चेहरा उभर आया। जलपरी की आँखें चमकदार नीली थीं, और उसके बाल लहराते हुए समुद्री वनस्पतियों की तरह दिख रहे थे।

"तुम कौन हो?" अर्जुन ने आश्चर्य से पूछा।

जलपरी ने उसकी ओर देखा और एक मोहक मुस्कान दी। "मैं मयूरी हूँ। यह तालाब मेरा घर है। तुम्हारी हिम्मत की तारीफ करनी होगी, जो तुम यहाँ आए।"

अर्जुन ने मयूरी की बातों में एक रहस्यमय आकर्षण पाया। उसकी आवाज़ में कुछ ऐसा था जो उसके दिल को छू गया। मयूरी ने उसकी तारीफ की और कहा कि वह उसकी बहुत लंबी प्रतीक्षा कर रही थी। अर्जुन और मयूरी की मुलाकातें अब नियमित हो गईं। वे गहराई से बातें करने लगे, और धीरे-धीरे अर्जुन ने महसूस किया कि उसकी मयूरी के प्रति गहरी भावनाएँ पैदा हो गई हैं।

मयूरी ने अर्जुन को अपने जललोक की सुंदरता दिखाई। जल के नीचे का संसार आश्चर्यजनक था—रंग-बिरंगे पौधे, चमकदार मछलियाँ, और एक अजीब सी शांति। अर्जुन ने महसूस किया कि मयूरी ने उसे एक अनदेखी दुनिया का परिचय कराया था, और उसका दिल अब उस दुनिया से जुड़ गया था।

लेकिन मयूरी का सच अब अर्जुन से छुपा था। तालाब के रहस्यों के बारे में गाँव के लोगों ने अर्जुन को कई बार चेतावनी दी थी। वे बताते थे कि मयूरी की सुंदरता के पीछे एक बुरा जादू है, और उसके साथ रहना खतरनाक हो सकता है। अर्जुन ने इन चेतावनियों को नजरअंदाज किया और मयूरी के साथ अपने रिश्ते को बढ़ाने की कोशिश की। 

एक रात, अर्जुन ने मयूरी से कहा कि वह तालाब के किनारे पर उसके साथ हमेशा के लिए रहना चाहता है। मयूरी की आँखों में एक रहस्यमय चमक उभरी। उसने कहा कि उसे खुशी है कि अर्जुन उसे समझता है, लेकिन उसके लिए एक कठिन परीक्षा थी। मयूरी ने अर्जुन को बताया कि उसे तालाब की गहराइयों में एक पुराना खज़ाना खोजने की चुनौती स्वीकार करनी होगी। 

अर्जुन ने सोचा कि यह एक सामान्य चुनौती है, लेकिन जब वह तालाब के गहरे हिस्से में गया, तो उसने देखा कि जल के नीचे अंधेरा छा गया था। एक अजीब सी हवा चलने लगी, और पानी की सतह पर अजीब से रेखाएँ उभरने लगीं। अर्जुन ने महसूस किया कि वह किसी जाल में फंस गया है। उसने देखा कि पानी के भीतर खून की लालिमा फैल रही थी और उसके चारों ओर डरावनी आकृतियाँ बन रही थीं। 

अर्जुन को समझ में आ गया कि मयूरी की सुंदरता और उसकी चुनौती का एक खौफनाक सच था। उसने जब ताबूत के समान एक पुराना बॉक्स देखा, तो उसे पता चला कि वह खज़ाना नहीं, बल्कि एक प्राचीन काले जादू का केंद्र था। मयूरी की पूरी ताकत उस खज़ाने में बंद थी, और उसका उद्देश्य अर्जुन को जाल में फंसाकर उसकी आत्मा को अपने जादू के लिए इस्तेमाल करना था। 

अर्जुन ने ताबूत को तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन जलपरी का जादू बहुत मजबूत था। जैसे ही उसने ताबूत को खोला, मयूरी का असली रूप उभरा। उसकी आँखें अब खौफनाक लाल हो गई थीं, और उसकी मुस्कान में अब एक खौफनाक आनंद था। उसने अर्जुन को घेर लिया और उसकी आत्मा को निगलने की कोशिश की। 

अर्जुन ने अपनी सारी ताकत एकत्रित की और जलपरी के जादू का विरोध किया। उसने ताबूत को पूरी तरह से नष्ट कर दिया और एक मजबूत प्रार्थना की, जो उसने गाँव के बुजुर्गों से सीखी थी। जैसे ही प्रार्थना समाप्त हुई, जलपरी की शक्ति धीरे-धीरे कमजोर होने लगी। मयूरी का रूप बदलने लगा और वह धीरे-धीरे पानी में समा गई। तालाब का पानी साफ होने लगा और वहाँ की अंधकारमयी ऊर्जा समाप्त हो गई। 

अर्जुन की जान बच गई, लेकिन वह अब भी इस अनुभव से प्रभावित था। उसने मयूरी की सुंदरता और जादू की काली शक्ति का सामना किया था, और यह सच्चाई उसे कभी नहीं भुला सकेगी। गाँव के लोग अब तालाब के पास जाना फिर से शुरू कर चुके थे, लेकिन वे जानते थे कि वहाँ एक छुपा हुआ रहस्य है—एक ऐसा रहस्य जो कभी भी एक नई चुनौती पेश कर सकता है। 

अर्जुन ने मयूरी के साथ अपने अनुभव को याद किया और समझा कि कभी-कभी सबसे सुंदर चीज़ें भी सबसे खतरनाक हो सकती हैं। उसके अनुभव ने उसे जीवन की जटिलताओं को समझने में मदद की, और उसने गाँव में लोगों को चेतावनी दी कि सुंदरता और खौफ का मिलन कभी भी कितना खतरनाक हो सकता है। 

इस कहानी ने अर्जुन को यह सिखाया कि सच्चे प्रेम और सुंदरता के पीछे छुपे खतरों को समझना और स्वीकार करना कितना महत्वपूर्ण होता है।

क्रमशः………

(कहानी अगले भाग तक जारी रहेगी, कृपया तब तक मेरी अन्य कहानियां पढ़कर अपनी प्रतिक्रिया दें। कमेंट करें और मुझे फॉलो करके मेरा सपोर्ट करें।🤗❤️)


             (©SS₹'S Original हॉरर) 
                  💕 राधे राधे 🙏🏻 ♥️