Momal :Diary ki gahrai - 9 in Hindi Horror Stories by Aisha Diwan books and stories PDF | मोमल : डायरी की गहराई - 9

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मोमल : डायरी की गहराई - 9

रात शुरू होते ही दिल में दहशत बढ़ जाती है लेकिन वोही दहशत दीन के उजाले में धुंधली पड़ जाती है। 
सुबह चिड़ियों के चहचहाने की आवाज़ जैसे मोमल को खुशखबरी सुना रही हो। उनकी आवाज़ सुन कर पहली बार इतना सुकून महसूस हो रहा था की वो बिस्तर पर बैठी हुई खिड़की से आ रहे सूरज की किरणों को देख कर सुकून भरी सांसे ले रही थी। ऐसा महसूस हो रहा था के उसने रात न काटी हो बल्के तूफान में समंदर का सफर किया हो । 
उस ने रात को जिस आत्मा को देखा था उसे ठीक से याद करने की कोशिश करने लगी। याद करते करते वो बिस्तर से उठी और कॉलेज जाने के लिए तैयार होने लगी। 
कॉलेज कैंपस जा कर उसने इधर उधर देखा, वो शायद अब्राहम का इंतज़ार कर रही थी। लेकिन अब तक अब्राहम कहीं नहीं दिखा। उसने पार्किंग एरिया में भी देखा के उसकी गाड़ी लगी है या नही लेकिन वहां उसकी गाड़ी भी नही थी। कुछ लड़कियां उस पर कड़ी नज़र रख रही थी जो अब्राहम से एक तरफा प्यार में पागल हुई पड़ी थी। मोमल को खबर ही नहीं के कुछ लड़कियां उसे मन ही मन शैतान मान कर बैठी है। 
वो वहां से लौट रही थी तभी एक लड़की उसे जली कटी नज़रों से उसे देखते हुए बोली :" अब्राहम सर को ढूंढ रही हैं मैम? लगता है आपको लाईब्रेरी में ज़्यादा काम नहीं इस लिए आते ही अब्राहम सर पर कब्ज़ा जमाने में लग गईं।"

मोमल को याद आया के ये वोही लड़की है जिसने कल उसे धक्का दिया था। 
उसने उस पर गुस्सा नही किया बल्के मुस्कुरा कर बोली :" ओहो बेचारी! एक तरफा प्यार की आग झुलसा कर रख देती है! कोई बात नही, होता है ऐसा, अपने टीचर या मेंटर पर क्रश आना आम सी बात है! लेकिन अब क्या करे टीचर अपने स्टूडेंट को बच्चे समझते हैं तो इस हिसाब से अब्राहम सर तुम्हारे पिता समान हुए! तो तुम ये  सपना छोड़ दो के तुम्हारा एक तरफा प्यार कभी दो तरफा भी हो सकता है।.... have a great day dear" 

मोमल ने उस लड़की को अब्राहम की बेटी बना दिया इस लिए वो गुस्से से लाल पीली हो कर रह गई। 
लाईब्रेरी जा कर उसने सब से पहले अब्राहम को कॉल किया। 
उसने फोन उठाया लेकिन उसकी आवाज़ एक दम भारी थी जैसे वो अब भी सो रहा हो। उसने जैसे ही हेलो कहा मोमल ने हैरत से पूछा :" आप अभी तक सो रहे हैं? टाइम नही देखा क्या , कॉलेज का टाइम हो गया है! आप कब तक आ रहे हैं?"

अब्राहम ने भारी आवाज़ में धीरे धीरे कहा :" पहले ये तो पूछ लेती की मैं ठीक हूं भी या नहीं!... मुझे बहुत तेज़ बुखार है।"

मोमल घबरा कर बोली :" ओह आपको बुखार हो गया ? ठीक है आप दवाई ले कर आराम कीजिए, मैं बाद में कॉल करती हूं।"

वो फोन बंद करने जा रही थी के अब्राहम ने कहा :" मोमो! क्या बात है तुम ने पहली बार फोन किया ? तुम ठीक तो हो ना?

मोमल ने अपने आस पास देखा की कोई है तो नही फिर बताया :" मैने दो बजे रात को उस बुरी आत्मा को एक शरीर में देखा! वो एक औरत थी, मैं उसे नही जानती, मैने उसे पहले कभी नहीं देखा है।"
अब्राहम ने कहा :" तुम एक काम करो उसकी ड्राइंग बनाओ और मुझे फोटो सेंड कर दो! मैं तो ठीक से उठ भी नही पा रहा हूं वरना कॉलेज आ जाता।"

उसकी आवाज़ से लग रहा था के वो बहुत मुश्किल से बोल रहा है। उसकी आवाज़ रुकी रुकी सी थी। फोन पर उसके ज़ोर ज़ोर से सांस लेने की भी आवाज़ आ रही थी। मोमल को समझ आ रहा था के वो ठीक नही है। उसने उसे प्यार से कहा :" मिस्टर! आप दवाई ले लीजिए ! मैं उस शैतान की स्केच बनाने की कोशिश करती हूं! आप चिंता मत कीजिए ! Get well soon"

फोन रख कर उसने अपने बैग से कागज़ पेंसिल निकाल कर एक डेस्क पर रखा और स्केच बनाने के लिए कुर्सी में बैठी। पेंसिल हाथ में लेकर उसने अपने आप से कहा :" अंकल हैरी तो कॉलेज आ गए होंगे, उन्हे पता भी है या नही के मिस्टर वाइल्ड की तबीयत ठीक नहीं है! वो अकेले हैं, अगर कुछ हो गया तो कोई देखने वाला भी नही! अचानक इतना बुखार क्यों हो गया? कल तक तो ठीक थे।"

ये सब सोच सोच कर उसने एक लंबी सांस ली और वहां से उठ कर अंकल हैरी को लाइब्रेरी के लैंडलाइन फोन से कॉल कर के बता दिया के अब्राहम को बहुत तेज़ बुखार है। 
फिर वो स्केच बनाने लगी। उसने बड़े ध्यान से और याद कर कर के स्केच बना तो लिया लेकिन उसे यकीन नही था के उसने जैसा देखा था वैसा ही बना है या उसका चहरा अलग था। 
स्केच बना कर उसने उस कागज़ की तस्वीर ली और अब्राहम को वो फोटो भेज दिया फिर कागज़ को अपने बैग में रख लिया।

उसे रह रह कर अब्राहम का खयाल आता। जब तक कॉलेज में छुट्टी नही होती तब तक तो अंकल हैरी भी वहां नही जा पाएंगे। 
अपना काम करते हुए वो किसी तरह गिन गिन कर समय काट रही थी। 
उसका पूरा ध्यान उधर ही था। लड़के वहां पढ़ने आते और मोमल से कुछ न कुछ बात करने की कोशिश करते रहते लेकिन मोमल को जैसे किसी की बात सुनाई ही नही दे रही थी। वो किसी के तरफ ठीक से न देखती ना किसी के बात का जवाब देती। लड़कों को लगने लगा की ये मिस लाइब्रेरियन तो बड़ी घमंडी है। 
कॉलेज में छुट्टी होते ही वो अपना बैग उठा कर भागी चली जा रही थी तभी नीलम आवाज़ लगाती हुई उसके पीछे दौड़ी :" मोमल रुको इतनी जल्दी में कहा जा रही हो?

उसके साथ साहिल भी भाग रहा था। मोमल रुकी फिर वो दोनों साथ आए, उसने साहिल को देख कर पूछा :" यही वो तुम्हारा दोस्त है?

नीलम ने हांफते हुए कहा :" हां! साहिल, साहिल ! ये लाइब्रेरियन मिस मोमल मैरी!"

उन दोनो ने एक दूसरे को हाई हेलो कहा फिर मोमल जाने लगी। नीलम पीछे पीछे चलते हुए बोली :" क्या हुआ तुम परेशान क्यों लग रही हो? अब्राहम सर नही आए इस लिए? वैसे वो आए क्यों नहीं?

मोमल ने रुक कर तिरछी नज़र से उसे देखा और फिर चलने लगी। जाते हुए उसने देखा अंकल हैरी अपने स्कूटर को पार्किंग से निकाल रहे हैं। उन्हे देखते ही मोमल तेज़ी से चलते हुए उनके पास जा कर बोली :" अंकल मुझे भी ले चलिए !"

अंकल हैरी ने कहा :" हां ठीक है बैठ जाइए"

नीलम और साहिल उसे देखते रह गए और वो दोनो स्कूटर पर सवार हो कर चले गए। 
नीलम के मन में ये खयाल आया के " अब्राहम सर को कुछ हो तो नही गया?"

मोमल को और चिंता सताने लगी थी जब अब्राहम ने उसका मैसेज नही देखा था। 

कॉटेज पहुंच कर देखा तो वो अपने बिस्तर पर पड़े पड़े कांप रहा है। उसे इतनी तेज़ बुखार थी के उसके आस पास खड़े होने पर भी उसके जिस्म से गर्म भांप उठने जैसा महसूस हो रहा था। 
मोमल ने उसे कई बार आवाज़ दी :" मिस्टर वाइल्ड! मिस्टर वाइल्ड आंखें खोलिए। " 

अब्राहम का चहरा सब्ज पड़ा था, होंठ सफेद हो रहे थे। मोमल ने जल्दी से अलमारी खोल कर एक और कंबल निकाल कर उसे ओढ़ा दिया और अंकल हैरी से बोली :" अंकल आप डॉक्टर को बुलाइए मैं तब तक इनके सर पर ठंडे पानी की पट्टियां लगाती हूं।"

अंकल हैरी ने जल्दी से उसी डॉक्टर को बुलाया जो पिछली बार मोमल के लिए आया था। वो अब्राहम का दोस्त भी है। 
मोमल ने जल्दी जल्दी फ्रिज से पानी निकाला। अंकल हैरी ने उसे छोटे छोटे टॉवेल जैसे नैपकिन दिए, वो पास बैठ कर सर पर बारी बारी पट्टी लगाने लगी। एक पट्टी तुरंत ही गरम हो जाती फिर उसे हटा कर दूसरी रखती। 
अंकल हैरी किचेन में सूप बना रहे थे। डॉक्टर को आने में देर हो रही थी लेकिन मोमल के ठंडे पानी की पट्टियां लगाने के वजह से अब बुखार कम होने लगा था। लगातार दो घंटे तक उसने पट्टी लगाई, फिर कहीं जा कर अब्राहम ने आंखे खोल कर उसे देखा। कुछ देर तक मद्धम खुली हुई आंखों से उसे देखता रहा और खुद को यकीन दिलाता रहा के वो सपना नही देख रहा है। 
उसके आंखों के सामने धुंधली सी दिखती हुई मोमल उसके कुछ कहने का इंतज़ार कर रही थी। 
अब्राहम ने दबी दबी आवाज़ में कहा :" मोमो, तुम कब आई यहां? 
मोमल ने खुश हो कर अंकल हैरी को आवाज़ लगाई :" अंकल हैरी, सूप बन गई क्या? इन्हे होश आ गया है।"

अब्राहम धीरे धीरे उठ कर बैठने लगा तो मोमल ने जल्दी से उसके पीठ पर तकिए लगा दिए,
उस ने बैठ कर कहा :" तुम मेरे लिए ये सब क्यों कर रही हो? 

मोमल ने अटकते हुए कहा :" आ, आपको मेरा ये सब करना अच्छा नही लगा? मैं चली जाऊं?

अब्राहम ने ढलकी हुई आंखों से देखते हुए कहा :" नही मत जाओ!...यही रहो, मत जाओ प्लीज़।"

मोमल :" मैं नही जाऊंगी जब तक आप ठीक नही हो जाते।"

अंकल हैरी सूप लेकर आए ,तब तक डॉक्टर भी आ गए, आते ही उन्होंने मोमल को देखते हुए कहा :" सॉल टू सॉल कनेक्शन है क्या आप दोनो में ? आप ठीक हुईं ये बीमार पड़ गया! क्या हो गया भाई?

अब्राहम के बोलने से पहले मोमल बोलने लगी :" इनको बहुत तेज़ बुखार है! बेहोश थे अभी उठे हैं।"
डॉक्टर ने पूछा :" कब से बुखार है?

अब्राहम ने धीरे धीरे बताया :" आधी रात से बुखार चढ़ा फिर धीरे धीरे बढ़ता गया।"

डॉक्टर ने थर्मोमीटर लगाया , ब्लड प्रेशर चेक किया फिर कुछ दवाइयां लिख दी। मोमल को तिरछी नजरों से देखते हुए अब्राहम के पास मुंह सटा कर बोले :" गर्लफ्रेंड है या शादी कर ली है?

मोमल को सुनाई दे रहा था लेकिन फिर भी वो अनसुनी कर के खड़ी थी। 
अब्राहम ने उसे देखते हुए जवाब दिया :" दोस्त है।"

डॉक्टर ने ठहाके लगाकर हंसते हुए कहा :" अच्छा मज़ाक था! अच्छा मैं अभी चलता हूं, वेडिंग सेरेमनी में बुला लेना, मैं आऊंगा।"

डॉक्टर के साथ साथ अंकल हैरी भी दवाइयां लेने चले गए , मोमल ने जाते हुए डॉक्टर को आईब्रो उठा कर देखते हुए कहा :" आपका दोस्त मुझे बेवकूफ लगता है! ना जाने क्या बड़बडा कर चला गया। आपको अचानक इतना बुखार कैसे हो गया ? क्या आप ज़्यादा बीमार पड़ते हैं? आपको देख कर तो नही लगता।"

अब्राहम ने मुस्कुरा कर कहा :" मैं कभी बीमार नही पड़ता, बहुत कम! मुझे लगता है ये बुरी आत्मा मुझे मारना चाहती है इस लिए मेरे जान के पीछे पड़ी है! रात को मैंने एक परछाई देखी थी उसमे से काला धुवां निकला और मुझे उस धूवें ने घेर लिया। तब से ही सर भारी हो गया और बुखार चढ़ने लगा।"
मोमल अफसोस करते हुए बोली :" इन मोतियों की ज़रूरत तो आपको भी है! मैं इस माला को तोड़ कर आधा आधा बांट देती हूं। आधा मेरे पास आधा आपके पास।"
ये कह कर वो अपने हाथ से माला निकालने लगी।
अब्राहम ने उसका हाथ पकड़ कर रोकते हुए कहा :" बिना सोचे समझे कुछ भी करने मत लग जाओ! इसमें सौ मोतियां हैं, इसका एक भी मोती माला से अलग हुआ तो ये बेकार हो जाएगा, कोई काम का नही रहेगा फिर"

मोमल मुंह लटका कर बोली :" फिर आपको तो खतरा रहेगा! क्या फादर के पास एक और माला नही है?
अब्राहम ने कहा :" नही ये एक ही उनके पास था! इन मोतियों को बड़ी मुश्किल से जमा किया जाता है फिर इसमें बहुत से मंतर वनतर पढ़े जाते हैं फिर जा कर ये इस काबिल बनते हैं।"

मोमल सोच में पड़ गई के कैसे इस मसले का हल निकाले, वो अब्राहम को इस खतरे में छोड़ भी नही सकती क्यों के उसे लगता है की अब्राहम उसी के कारण इस मुसीबत में पड़ा है। पहले ही वो बहुत कुछ सह रहा है। 

फिर उसे स्केच का खयाल आया। अब्राहम के क़रीब आ कर बोली :" अच्छा आप ने वो स्केच देखा था ? मैं वो पेपर भी लाई हूं।"

अब्राहम ने अपना मोबाइल चेक कर के देखा तो ताज्जुब से मोमल को दिखाते हुए बोला :" ये तुम ने खाली पेपर का फोटो क्यों भेजा है? इसमें तो कुछ है ही नही।"

मोमल ने हैरान हो कर उसके हाथ से मोबाइल ले लिया। देखा तो सच में वो कोरा कागज़ था, उस पर कोई स्केच नही था।
वो मोबाइल में ताज्जुब से देखते हुए बोली :" लेकिन मैं ने सही से फ़ोटो ले कर भेजा था!.... एक मिनट मैं ने उस स्केच को अपने बैग में रखा है अभी दिखाती हूं आपको।"

उसने जल्दी में बैग से उस पेपर को निकाल कर देखा तो चहरे की रंगत फीकी पड़ गई, आंखे फटी की फटी रह गई, पेपर पर जहां तस्वीर बनाई गई थी वहां से वो जली हुई थी। 
मोमल और अब्राहम दोनो ने हैरानी से एक दूसरे को देखा। उन्हे समझ आ गया था के ये उसी बुरी आत्मा का काम है। 

(अगला भाग जल्द ही)