Bairy Priya - 23 in Hindi Love Stories by Wishing books and stories PDF | बैरी पिया.... - 23

The Author
Featured Books
  • My Wife is Student ? - 25

    वो दोनो जैसे ही अंडर जाते हैं.. वैसे ही हैरान हो जाते है ......

  • एग्जाम ड्यूटी - 3

    दूसरे दिन की परीक्षा: जिम्मेदारी और लापरवाही का द्वंद्वपरीक्...

  • आई कैन सी यू - 52

    अब तक कहानी में हम ने देखा के लूसी को बड़ी मुश्किल से बचाया...

  • All We Imagine As Light - Film Review

                           फिल्म रिव्यु  All We Imagine As Light...

  • दर्द दिलों के - 12

    तो हमने अभी तक देखा धनंजय और शेर सिंह अपने रुतबे को बचाने के...

Categories
Share

बैरी पिया.... - 23

" may i sit here..... ?? " पूछते हुए विनय ने शिविका के बगल वाली चेयर पर हाथ रखा ।


" Sure.... " शिविका ने नॉर्मली कहा । तो विनय बैठ गया ।


विनय ने ड्रिंक का ग्लास शिविका की ओर बढ़ाया । शिविका ने ग्लास नही लिया । " No thanks... " बोलकर शिविका उठकर वहां से चली गई । विनय मुंह खोले उसे जाता देखता रहा ।


तरुण हंस दिया ।


" No doubght... वो संयम के साथ क्यों है... " बोलते हुए उसने बची हुई ड्रिंक एक ही घूंट में पी ली । और दूसरी लेने चला गया । ।


वही गोडाउन में डील फाइनल होने के बाद दक्ष ने सामने वाली पार्टी से पेपर साइन करवा लिए । संयम ने भी उसपर साइन किए और वहां से बाहर निकल गया ।


वहीं शिविका का गला सूखने लगा था तो उस ने बार के पास कांच के ग्लास में भरा पानी का ग्लास उठाया और पी गई । पहले उसे थोड़ा कड़वा लगा पर फिर ठीक हो गया । शिविका ने एक और ग्लास पी लिया ।


विनय ने देखा तो तिरछा मुस्कुरा दिया । फिर उसकी ओर बढ़ गया ।


शिविका के पास पहुंचकर वो बोला " इतना एटीट्यूड किसे दिखा रही हो...?? SK के साथ आने इतना घमंड क्यों है.. । दो दिन में सड़क पर छोड़ सकता है... " विनय ने कहा तो शिविका आंखें छोटी करके उसे घूरने लगी । फिर हंस दी और बोली " भागने पर तो मार पड़ती है.. जाने नहीं दिया जाता.. तो सड़क पर क्या खाक छोड़ा जाएगा... " ।


विनय " मेरी मानो तुम मेरे साथ आ सकती हो... । खूबसूरती की कदर है मुझे... । यूं पार्टी में अकेला छोड़कर नहीं जाऊंगा... " बोलकर विनय ने उसका हाथ पकड़ना चाहा कि इतने में शिविका ने जोरदार चांटा उसके गाल पर जड़ दिया । विनय गाल पर हाथ रखे खड़ा हो गया ।


सब उन दोनो की ओर देखने लगे । शिविका ने मास्क उतार दिया ।


सबकी नज़र उसके चेहरे पर टिक गई । शिविका बोहोत अट्रैक्टिव लग रही थी । विनय ने उसे देखा तो उसके हाथ से ग्लास छूट कर नीचे गिर गया ।


" Don't dare to touch me... SK will fry you.... " बोलकर शिविका लड़खड़ा गई और पास में रखी चेयर से टकराई । चेयर नीचे गिर गई और शिविका भी गिरने लगी कि इतने में दो मजबूत हाथों ने उसे थाम लिया ।


शिविका ने देखा तो वो संयम की बाहों में थी । उसने बच्चों की तरह मासूम सी शकल बना ली और संयम को पकड़ लिया । संयम ने शिविका को देखा और फिर सामने खड़े विनय को घूरने लगा । शिविका ने अभी क्या कहा था संयम ने सुन लिया था ।


संयम ने शिविका को सीधा किया और स्मेल किया तो वो समझ गया कि शिविका ने ड्रिंक की है ।


दक्ष आकर संयम के बगल में खड़ा हो गया ।


" जहां से टच किया हो वो जगह काट देना.... " बोलते हुए संयम ने शिविका को गोद में उठाया और बाहर निकल गया ।


दक्ष ने विनय को घूरा तो विनय ने थूक की घूंट गले से नीचे उतारी । ।


संयम शिविका को लेकर निकल गया ।


गाड़ी विला के बाहर रुकी तो शिविका जल्दी से गाड़ी से बाहर उतर गई और उतरते ही उसने वोमिट कर दिया । ।


संयम गाड़ी से टिककर दूसरी ओर मुंह किए खड़ा रहा । उसने आंखें बंद कर दी । शिविका बोहोत जोरों से गला साफ कर रही थी ।


" Huh... हज़म नहीं होती तो होंठों से लगाती क्यों है... ?? " बोलते हुए संयम ने शिविका को पकड़ा और पानी की बॉटल उसकी ओर बढ़ा दी ।


शिविका ने बॉटल ली और नीचे फेंक दी । संयम ने उसे घूरा तो शिविका भी बड़ी बड़ी आंखें करके उसे देखने लगी ।


संयम ने बॉटल उठाई और शिविका के मुंह पर पानी फेंका... । शिविका की ड्रेस भी भीग गई । फिर संयम ने उसी की ड्रेस से उसका मुंह पोंछ दिया ।


शिविका का मुंह कड़वा हो चुका था उसने कड़वा सा मुंह बना लिया और उसने एक बार फिर उल्टी कर दी । इस बार स्पॉट संयम की शर्ट थी । संयम ने उसे बालों से पकड़कर दूर किया । उसे खुद से बदबू आने लग गई थी ।


संयम ने उसे छोड़ा और अंदर की ओर जाने लगा ।
शिविका ने उसे देखा और फिर हंस दी । फिर बोली " मैं तो भाग जाऊंगी... " । उसकी बात सुनकर संयम रुक गया ।


शिविका ने इतनी मासूमियत से कहा था कि कोई भी मोहित सा हो जाए । संयम ने पलटकर देखा तो शिविका एक तरफ को गर्दन झुकाए अपना सिर सहलाते हुए खड़ी थी । संयम ने बोहोत जोरों से बालों को खींचा था ।


संयम ने अपनी शर्ट की ओर देखा और फिर वापिस से शिविका के पास आकर उसका हाथ पकड़कर उसे अंदर ले गया ।


कमरे में आकर शिविका bed की ओर बढ़ी तो अचानक उसे खयाल आया कि संयम ने सख्त मना लिया था ।


" नई नई नई... " बोलते हुए वो बेड से दूर हट गई और सोफे की ओर चल दी ।


शिविका सोफे पर लेटने ही वाली थी कि इतने में संयम ने उसे पकड़ा और बाथरूम की ओर लेकर चला गया । शावर के नीचे खड़े होकर उसने शावर ऑन कर दिया ।


शावर का पानी गिरा तो शिविका ऊपर देखकर बोली " हा.... बारिश.. " । संयम ने अपनी शर्ट उतार दी और फिर शिविका की ड्रेस भी उतारने लगा तो शिविका ने हाथों से अपने आप को कवर कर लिया ।



शिविका ने अपनी ड्रेस भी गंदी कर ली थी तो संयम ने उसे उतार दिया । वो दोनो एक दूसरे के हो चुके थे तो अब ये नजदीकियां दोनो का हक थी । शिविका को बाथरोब पहना कर और खुद भी बाथरोब पहनकर संयम बाहर आ गया । शिविका सोफे पर लेट गई और संयम कपड़े पहनने वॉर्डरोब की ओर चल दिया ।


कपड़े पहनते हुए उसे अभी का मूमेंट याद आया । शिविका की हरकतें याद कर उसके चेहरे पर स्माइल आ गई ।


संयम बाहर आया तो शिविका के गले पर बने टैटू पर हाथ फेरने लगा । शिविका अब गहरी नींद में थी ।



संयम ने अपना फोन निकाला और उसके टैटू को कैमरा में देखने लगा ।


उसके चेहरे पर गहरी स्माइल आ गई ।


इतने में दक्ष का फोन आया ।


संयम ऑन कॉल " yes.... " ।


दक्ष " SK वो उसने कोई टच नही किया बस आपकी वाइफ ने उसे चांटा मारा था... । " ।


संयम " so what.. there is a touch.... । गाल की चमड़ी उखाड़ दो.... "। ।


दक्ष " ok.. SK.. " ।


संयम कॉल पर ही रहा और फिर उसे विनय के चीखने की आवाज़ें आई । संयम तिरछा मुस्कुराया और फिर फोन रख दिया । एक नजर शिविका पर डालकर संयम बाहर निकल गया ।


अगली सुबह :


शिविका अंगड़ाइयां लेते हुए सो कर उठी तो उसने देखा कि उसने बाथरोब पहना हुआ है । उसने याद करने की कोशिश की तो उसे कुछ याद नहीं आया । पर वो इतना जरूर जानती थी कि ये उसने खुद से नही पहना था । शिविका की आंखें सोचते हुए बड़ी हो गई ।


उसने चेक किया तो उसकी बॉडी पर कोई नए हिक्की का निशान नहीं था । शिविका ने चैन की सांस ली । फिर उठी और अपने खरीदे हुए सामान के बैग से एक ड्रेस निकाल कर बाथरूम की ओर चल दी ।


नहाकर बाहर आई तो सिर भारी भारी लग रहा था । शिविका ने सिर पकड़ा और दरवाजे के पास आकर खड़ी हो गई । उसका हैंगओवर उतरा नहीं था ।

दरवाजा खुला तो शिविका बाहर आकर खड़ी हो गई । फिर थोड़ा आगे चली तो 3 सेकंड बाद दरवाजा बंद हो गया ।


शिविका ने पलटकर वापिस देखा और फिर वापिस से दरवाजे के पास खड़ी हो गई । दरवाजा खुला तो वो अंदर चली गई । इसी तरह वो 5 से 6 बार अंदर बाहर जाती रही ।


संयम बगल के कमरे से निकला और शिविका का हाथ पकड़कर उसे लिफ्ट में ले गया । फिर डाइनिंग टेबल पर बैठाकर उसने नींबू पानी का ग्लास उसके होंठों से लगा दिया ।


शिविका ने उसे घूरते हुए नींबू पानी पी लिया । संयम उसे वापिस कमरे में ले गया और सोफे पर लेटाकर सोने का कह दिया ।


शिविका को नींद आ गई ।


शाम का वक्त :


शिविका उठी तो उसका हैंगओवर अब थोड़ा कम था । उसने पहली बार पी थी तो उसका सिर दर्द अभी भी कर रहा था । शिविकाा को बैठेे बैठे बोर होनेे लगा थाा ।


शिविका उठी और संयम के वॉर्डरोब वाले कमरे में चली गई । यहां बैठे बैठे बोर होने से तो अच्छा था कि वो संयम के कपड़ों का कलेक्शन ही देख लेती ।
शिविका अंदर घूमते हुए एक बड़े से वॉर्डरोब के सामने आकर खड़ी हो गई । उसने उसे खोलना चाहा कि इतने में उसे अपनी कमर पर किसी का हाथ फील हुआ । शिविका ने आंखें बंद कर ली । संयम के सिवाय और कौन हो सकता है ।


शिविका के आगे बढ़ते हुए हाथ रुक गए ।


संयम ने उसके हाथ को पकड़ा और अपने चेहरे पर फेरने लगा ।


संयम ने उसे अपनी ओर घुमाया और उसके होंठों पर उंगली फेरते हुए बोला " let's have dinner.. " । बोलकर उसने शिविका को उठाया और बाहर निकल गया । बाहर रूम में फूड ट्रॉली रखी हुई थी ।



संयम ने उसे सोफे पर बैठाया और प्लेट में खाना निकालकर उसकी ओर बढ़ा दिया ।


शिविका हैरान सी उसे देखने लगी ।


" ये राक्षस इतना कैसे बदल सकता है... " सोचते हुए शिविका ने प्लेट को पकड़ लिया । संयम ने कुछ देर अपना फोन चलाया और फिर शिविका को देखने लगा जो उसे ही देखे जा रही थी ।


संयम ने एक आइब्रो उठाकर उसे देखा और बोला " what.... ?? "।


शिविका " मुझे भी फोन चाहिए.... " ।


संयम ने कोई रिएक्शन नहीं दिया । बस फोन में कुछ टाइप किया और फोन को टेबल पर रख दिया ।



संयम ने एक रिमोट हाथ में पकड़ा और एक बटन दबाया तो एक रोबोट दीवार के पीछे बने खांचे से बाहर निकला । उसने अचानक से आकर शिविका से प्लेट छीनी तो शिविका डर गई । वो घबराते हुए उस रोबोट को देखने लगी । रोबोट ने फूड ट्रॉली पकड़ी और बाहर लिफ्ट में छोड़ आया । ।


शिविका आंखें फाड़े उसे देखे जा रही थी ।


फिर उसने संयम को देखा और बोली " ये क्या है... ?? " ।


संयम उसकी ओर आते हुए " रोबोट है... । तुम्हे क्या लगता है इतने बड़े फ्लोर में कौन काम करता होगा... । यहां की सफाई... मैं करूंगा क्या.. ?? " ।


शिविका ने सिर हिला दिया । संयम उसके बगल में बैठा और उसे अपनी ओर खींच लिया ।


शिविका उसकी गोद में बैठ गई ।


संयम ने उसके होंठों पर होंठ रख दिए । शिविका ने आंखें बंद कर ली । संयम उसके गाल पर हाथ फेरते हुए उसे चूमने लगा । जब से उसकी ओर शिविका की नज़दीकियां बढ़ी थी तो संयम के लिए कंट्रोल करना मुश्किल सा हो गया था ।


कुछ देर बाद संयम ने उसे छोड़ा तो शिविका गहरी सांसें लेने लगी ।


शिविका ने उसे देखते हुए पूछा " क्या कल आपने मुझे बाथरोब पहनाया... ?? " ।


संयम " तो और कौन करेगा... ??? " ।


शिविका ने सिर झुका लिया ।


संयम उसकी गर्दन पर kiss करने लगा । शिविका ने उसकी बाजू को कसकर पकड़ा और बोली " मुझे 5 लाख rupay चाहिए.. " ।


संयम ने kiss करना बंद किया और अपनी जेब से एक क्रेडिट और एक डेबिट कार्ड निकाल कर उसके हाथ में पकड़ाते हुए बोला " 2398..... " । और इतना कहकर उसने फिर से शिविका की गर्दन में चेहरा छुपा लिया । शिविका ने कार्ड्स को हाथों में कस लिया । ।


संयम ने उसे सोफे पर लेटा दिया और खुद उसके उपर लेट गया । संयम उसे चूमते हुए उसकी बॉडी से साथ खेलने लगा । कुछ ही देर में दोनो के कपड़े जमीन पर पड़े हुए थे । संयम ने उसे अपने आगोश में समा लिया था ।


रात के पहर में ने संयम उससे अलग हुआ और उसे कंबल से कवर करके बाहर निकल गया । शिविका को नींद आ चुकी थी ।