nakl ya akl-51 in Hindi Fiction Stories by Swati Grover books and stories PDF | नक़ल या अक्ल - 51

Featured Books
  • में और मेरे अहसास - 134

    उल्फ़त की चादर कमसिन कली उल्फ़त की चादर ओढ़े निकल पडी हैं l...

  • The Risky Love - 17

    चैताक्षी का वापस पहरगढ़ आना....अब आगे.............अमोघनाथ जी...

  • रहस्यों की परछाई - 2

    Episode 2: पहली हत्या और पहला clueसुबह का सूरज धुंध को धीरे-...

  • नज़र का अहसास

    सुबह का समय बहुत ही शांत और सुकून भरा था।नीहा अपने छोटे से र...

  • Narendra Modi Biography - 5

    भाग 5 – भाजपा में उभरता चेहराप्रस्तावनाभाग 4 में हमने देखा क...

Categories
Share

नक़ल या अक्ल - 51

51

न्याय

 

 

 रिमझिम की आँखे भी आसुँओ  से तर हो गई, उसने अपने आँसू  पोंछते हुए सवाल किया,

 

इसका  मतलब मेरी माँ को न्याय  नहीं मिला?

 

अब इन सब बातों का क्या फायदा, मैं तो हरो रोज़ भगवान से यही प्रार्थना करती हूँ कि मेरी सुजाता  की आत्मा जहाँ  कही भी हो, शांति से रहें I `

 

मौसी मुझे नहीं लगता माँ को शांति मिली होगी I

 

नीमवती ने एक गहरी साँस लीं और बोली, “वो तुम्हारी तरक्की देखकर खुश होगी I”  उसने उसके सिर  पर हाथ फेरा  I  उसने भी कातर  नजरों  से देखा और बोली,” हाँ  बिलकुल होगी, अब मैं चलती हूँ I”  वह उठ खड़ी  हुई I “अरे !! थोड़ी  देर और बैठो,”  “नहीं मौसी नाना नानी  को कॉलेज का बताकर निकली  थीं और वो राजू  वैन  वाला भी बाहर इंतज़ार कर होगा I” 

 

चलो, अब तो मिलना होता ही रहेगा I  अपनी शीतल का रिश्ता  वही हो रहा है I 

 

हाँ मौसी, मुझे पता है I उसने शर्माती  हुई  शीतल की तरफ देखकर कहा I 

 

अब शीतल उसे वहाँ  तक छोड़ने आई, जहाँ पर राजू वैन वाला खड़ा था, दोनों ने एक दूसरे को गले लगाया I  शीतल मुस्कुराकर बोली, “मुझे  अपनी छोटी बहन समझो I”  उसने भी ख़ुशी से हाँ में सिर  हिला दिया I”  अब वह वैन में बैठकर अपने गॉंव के लिए रवाना  हो गई I

 

निहाल ने अब बौंखलाए नंदन से पूछा, “भाई हुआ क्या है?”  “जल्दी से टी.वी. चला,” उसने टी.वी. चलाया, कोई न्यूज़ वाला चैनल लगा, उसने ए.सी.डी. चैनल पर आ रही न्यूज़ लगा दी, जहाँ पर ब्रेकिंग न्यूज़ में लिखा आ रहा है, “सब इंस्पेक्टर का रिजल्ट हुआ स्थगित, पेपर हुआ लीक!!! एक नक़ल ने हज़ारों  नौजवानो  के सपनो  पर पानी फेरा" यह सुनकर निहाल भी धम्म से ज़मीन पर बैठ गया I कुछ देर तक दोनों  टी.वी, देखते रहें, फिर निहाल ने उसे टीवी बंद करने के लिए कहा I “मुझे यहाँ घुटन हो रहे है, चल बाहर  चलते हैं I’  अब वह घरवालों से बिना कुछ कहें घर से निकल गया I

 

दोनों वही नदी के किनारे अपनी मनपसंद जगह पर जाकर बैठ गएI तभी वहाँ  पर सोमेश भी आ गया I  उसने हाँफते  हुए पूछा, “भाई आपने न्यूज़ देखीं ?” हाँ! यार” नंदन  ने ज़वाब  दिया I  “तुम्हारे  रिजल्ट का क्या हुआ?” नंदन ने पूछा I “हमारे साथ भी वही हुआ जो आपके साथ हुआ है I”  “क्या !!!” दोनों हैरान है I  “हाँ भैया I  मेरे दोस्त का फ़ोन आया था पेपर हमारा भी लीक हो  चुका  है, सिर्फ न्यूज़ वाले अभी दिखा नहीं रहें I  दो दिन बाद, यह खबर  आने वाली है”  “पर  तेरे दोस्त को कैसे पता चला?” सोमेश ने गंभीर होकर ज़वाब  दिया, “उसने भी प्रश्न पत्र खरीदा था I” यह सुनकर निहाल गुस्से में  बोला,  “यह सब सरकार की गलती है, ऊपर से लेकर नीचे  तक सब भ्रष्ट है I  पैसे के लिए युवाओं का भविष्य तबाह करने में  तुले हुए हैं  और खरीदने भी वाले भी महान है, पढ़ना नहीं है, हमेशा नक़ल का ही सहारा लेना है I”  पैसा आदमी को कितन निडर बना देता है कि वो ख़ुद को भगवान  तक  समझने लगते हैं I"

 

अब क्या होगा? सोमेश  ने पूछा I 

 

होना क्या है, अब छह महीने बाद दोबारा पेपर है I  निहाल ने मुँह बनाते हुए कहा I 

 

लेकिन भाई आपके लिए तो अच्छा है I  आपने ही कहा था कि उस राजवीर की वजह से पेपर ठीक नहीं गया था I 

 

हाँ!! यार पर इतना बुरा भी नहीं गया था और मैं सिर्फ़ अपने बारे में नहीं सोच रहा बल्कि  सभी उम्मीदवारों के बारे में सोच  रहा हूँ हो जिन्होंने दिया हैं I 

 

तुम ठीक कह रहें हो I उन्होंने देखा तो यह आवाज मुरली की है I 

 

सबने उनको नमस्ते किया I 

 

मैंने भी न्यूज़ देखीं है I मुरली बोला I

 

चाचा! आपका तो नेताओ के साथ उठना बैठना है, आप कुछ क्यों नहीं करते ? यह नंदन का सवाल है I 

 

“करूँगा, मैं इस दफा के लोकसभा चुनाव में खड़ा हो रहा हूँ, अगर तुम सभी गॉंव वालो ने साथ दिया तो मैं इस नकल वाले मुद्दे को हल  करूँगा I”  उसने नन्हें के कंधे पर हाथ  रखते हुए कहा  I

 

तुम्हारा वो दोस्त कमलेश कहाँ है?

 

मेरी उससे दो साल से बात नहीं हुई I  बस यह सुना था कि  शहर  में  कोचिंग ले रहा है I अब वहाँ  पर सोनाली भी आ गई I उसके चेहरे पर भी पेपर लीक होने का अफ़सोस है I  मगर जिस हिसाब से उसका पेपर गया था, उसे लग रहा है कि जो हुआ अच्छे के लिए हुआ I  

 

“अच्छा !! तुम सब नौजवान बताओ,  तुम मेरे साथ हो?” मुरली  ने सबकी  ओर देखते हुए कहा I  

 

“चाचा,  अगर आप सच के साथ  है तो हम आपके साथ है I”   नन्हें ने बुलंद आवाज में  कहा  I   मुरली वहाँ  से खुश  होकर चला गया I   अब राजवीर भी रघु और हरिहर  के साथ वहीं  से गुज़रा तो सबका उतरा हुआ मुँह देखकर बोला,

 

ओह !!! टॉपर को तो झटका लगा होगा I  

 

“और जिन्हे फ़ैल होना था वे लोग खुश हो गए होंगे I”  नन्हें ने ज़वाब  दिया I यह सुनकर राजवीर चिढ़ गया I  उसने उसे घूरते  हुए कहा, “रस्सी जल गई  पर बल  नहीं गया I” 

 

तेरे तो मज़े हैं, तुझे तो इस नक़ल ने बचा लिया वरना तुझे तो पता ही था कि तेरा क्या हाल होता I

 

नन्हें  तू कुछ ज़्यादा  ही बोल रहा है I 

 

 शुरू किसने किया था? 

 

तुम दोनों फिर से मत शुरू  हो जाओ I  इस वक्त सभी परेशान है I सोनाली जोर से बोली I

 

सोना,  राजवीर ज़्यादा  परेशान है इसलिए तुम उसकी ओर  ध्यान दो I  यह कहकर निहाल ने मुँह  बना लिया I  सोना की त्योरियाँ चढ़ गई I 

 

सोना छोड़ दो, इसे नन्हें को इसके हाल पर, इसे मातम बनाने दो I  यह कहकर राजवीर  अपने दोस्तों के साथ वहाँ से निकल गया I  

 

रिमझिम कहाँ है? निहाल ने पूछा I

 

“पता नहीं, मेरी उससे बात नहीं हुई I”  “नंदन! मैं अपने बापू  के खेतों  में  जा रहा हूँ I उसने सोना को अनदेखा किया और चुपचाप  वहाँ से निकल गया I  सोनल निहाल के इस बर्ताव से हैरान  है I   “वह परेशान  है I”   नंदन ने सोना को सफ़ाई  दी और सोमेश को लेकर वहाँ  से चला गया I

 

रिमझिम घर पहुँची तो उसके नाना ने उससे पूछा, “कहाँ थी तू? बड़ी  देर लगा दी?” “आपको बताया तो था कॉलेज जा रही हूँ I”  “तेरी कॉलेज की सहेली चंपा मिली थी, कह रह थी कॉलेज तो बंद है,” यह सुनकर रिमझिम  के चेहरे का रंग  उड़ गया I