The psychology of wet desires in Hindi Philosophy by Review wala books and stories PDF | भीगी भीगी इच्छाओं का मनो विज्ञान

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भीगी भीगी इच्छाओं का मनो विज्ञान

मानसून वाली भीगी भीगी इच्छाओं का मनोविज्ञान


रामलाल को रेग्रेशन मे जाने कि इच्छा थी यानी कि उस समय मे  अवचेतन रूप से जाना जब वो कम  से  कमतर उम्र का था और  भावनाओं का सिर्फ उफान ही होता था, कुछ किसी से कह पाने की हालत नही थी। वो भावनाएं भी ऐसी कि बोल न पाओ, दिखा न पाओ, बस अंदर ही अंदर घुटते रहो। 
      रामलाल को अपने बचपन और किशोरावस्था की यादें बहुत सताती थीं। वह अक्सर सोचता था कि काश वह उन दिनों में वापस जा सकता, जब उसकी उम्र कम थी और भावनाओं का सैलाब उसके दिल में उमड़ता था। 

उस समय, रामलाल के पास अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का कोई तरीका नहीं था। वह न तो किसी से अपनी बातें कह पाता था, न ही अपनी भावनाओं को दिखा पाता था। उसकी भावनाएं इतनी गहरी और तीव्र थीं कि वह अंदर ही अंदर घुटता रहता था। 

वह अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताता, लेकिन उसके दिल में जो चल रहा था, वह किसी को नहीं बता पाता था। उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक होती, लेकिन उसके चेहरे पर एक अजीब सी उदासी भी झलकती थी। 

रामलाल को लगता था कि अगर वह उन दिनों में वापस जा सकता, तो शायद वह अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से समझ पाता और उन्हें व्यक्त कर पाता। वह अपने आप को और अपनी भावनाओं को स्वीकार कर पाता, और शायद अपने जीवन में कुछ बदलाव ला पाता।

   (पाठक लोग समझ रहे हैं न, विषय ही ऐसा है।)

राम लाल को 55 की आयु मे  भी हमेशा लगता कि  भीगे वस्त्रों में किसी लड़की या महिला को देख कर उसे कुछ हो  जाता है, सब उसे  कहते  हैं कि यह प्राकृतिक है ।, किसी ने  रेग्रेशन थेरेपी की सलाह दी (जो मनोवैज्ञानिक हैप्नोटिज़म् करके करते हैं)तो... 
डॉ गद्रे के पास गया। बात चीत हुई। फिर सेशन.. 
"आप आराम से लेटे हो,आपकी उम्र 14 साल है , बताओ क्या फीलिंग थी जब आप   14साल के थे.. " डॉ गद्रे ने कहा। 
"मैं खुश तो हूँ पर कुछ कुछ लगता हैं  कि मैं कुछ मिस कर रहा हूँ, कुछ बता नही पाता बस।कुछ उबल के बाहर जाने वाली भीगी भीगी फीलिंग, प्रबल है , विपरीत लिंग से बात भी नहीं कर सकता हूँ " राम लाल तन्द्रा में बोला। 

"अब आप 20 साल के हो, क्या बदलाव आया? "
"अजीब फीलिंग आती है, कुछ एक्स्प्रेस नही कर पाता"

"अब आप 28 के हो "

"मैं विवाहित हूँ, कोई परेशानी नही, मधुर सम्बन्ध है पत्नी से, पर मानसून में अजीब लगता है। भीगे वस्त्र तो अजीब लगते है "

"अब आप 35 साल के हो, क्या लगता है? "
*", लगता है कि जब हम 50 के हो जाएंगे तो उफान खत्म हो जाएगा, पर भीगी फीलिंग अब भी है ! कब  शुरू होगा  सेल्फ कंट्रोल वाला समय? "

"अब आप 43 के हो, बताओ "
"उफान अब कुछ कुछ कंट्रोल में तो है  पर ज्यादा नही, लगता ही नहीं कि मैं  43 का हूँ, वही स्टेट्स  है  , "
"अब बताओ, आप 54 के हो "
"कंट्रोल ज्यादा पर और कुछ नही, जिज्ञासा अब भी है कि  आगे  के वर्षों मे क्या होगा , ? इच्छाओ और कुंठाएं में फर्क समझ आ रहा हैं  पर यह कब तक रहेंगी,वान प्रस्थ कब शुरू होगा "

"अब मैं कुछ नहीं करूँगा, आप बिल्कुल ठीक है,"कह कर डॉ गद्रे ने सेशन खत्म कर दिया।

"(यानी राम लाल वहीं आ गया जहाँ से चला था, क्या आप भी ऐसा सोचते हैं, बताएं।)..