Bepanaah Mohabbat - 20 in Hindi Love Stories by Wishing books and stories PDF | बेपनाह मोहब्बत - 20

The Author
Featured Books
  • शून्य से शून्य तक - भाग 40

    40== कुछ दिनों बाद दीनानाथ ने देखा कि आशी ऑफ़िस जाकर...

  • दो दिल एक मंजिल

    1. बाल कहानी - गलतीसूर्या नामक बालक अपने माता - पिता के साथ...

  • You Are My Choice - 35

    "सर..."  राखी ने रॉनित को रोका। "ही इस माई ब्रदर।""ओह।" रॉनि...

  • सनातन - 3

    ...मैं दिखने में प्रौढ़ और वेशभूषा से पंडित किस्म का आदमी हूँ...

  • My Passionate Hubby - 5

    ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा॥अब आगे –लेकिन...

Categories
Share

बेपनाह मोहब्बत - 20

अब तक :

शिवाक्ष ने पलटकर श्वेता के कंधे को देखा । श्वेता ने उसकी नजर अपने ऊपर पाई तो फिर से रोनी सूरत बना ली ।

अब आगे :

शिवाक्ष को अपने आप को छूता पाकर अंजली पीछे हट चुकी थी । शिवाक्ष ने देखा तो उसकी बाजू को छोड़ दिया ।

शिवाक्ष वापिस श्वेता के पास आया और उसके हाथों को अपने हाथ में लेकर देखने लगा । उसके छूते ही श्वेता के दिल की धड़कन बढ़ सी गई थी । अगले ही पल शिवाक्ष ने उसके हाथों को छोड़ दिया ।

" तुम ठीक तो हो ना श्वेता.. ? " माही ने पूछा ।

श्वेता कंधे पर हाथ रखकर रोते हुए बोली " नही माही , बोहोत जोर से मारा है इसने । और उपर से मैं जमीन पर भी धकेला जिससे घुटने में दर्द लग गई "

माही ने सिर हिला दिया और बोली " चलो हम लोग हॉस्पिटल चलते हैं या पास की डिस्पेंसरी में चलते हैं । दिखा लेते हैं कहीं कोई फ्रैक्चर ना हो गया हो "

श्वेता ने शिवाक्ष की तरफ देखा और बोली " हां , जाना तो है.. " बोलते हुए वो उम्मीद से शिवाक्ष को देखने लगी । उसे इंतजार था कि कब वो अंजली पर चिल्लाएगा ।

माही ने उसका हाथ पकड़ा और बोली " तो चलो... " ।

श्वेता हल्का सा मुस्कुराकर माही को देखने लगी और बोली " पर ये लड़की इतनी आसानी से छूट जायेगी क्या ? "

मालविका बोली " और क्या ? पहले इसको ही सबक सिखा लेते हैं.. " बोलकर वो अंजली की तरफ बढ़ी तो खुशी उसके आगे आकर खड़ी हो गई ।

" खुशी... हट सामने से.. " राजीव ने कहा तो खुशी ज़िद्द पर अड़ते हुए बोली " अगर अपनी बहन को ऑर्डर दे रहे हैं तो भूल जाइए कि मैं आपकी बहन हूं । मैं नही हटने वाली "

" खुशी डायलॉग मारना बंद करो । ये लड़की खुद हमसे उलझ रही है । ये हमारा मामला है " मालविका ने अंजली को घूरते हुए कहा ।

" नही , ये मामला मेरा भी है क्योंकि मेरी दोस्त का है । और मैने वादा किया है कि इनको परेशान करने वालों को मैं परेशान करूंगी । पर अब पता चल रहा है कि परेशान करने वालों में मेरा खुद का भाई भी शामिल है " बोलते हुए खुशी राजीव को घूरने लगी ।

राजीव बोला " अपनी दोस्त की हरकतें नही दिख रही तुझे ? पहले इसने मेरी आंख में मिट्टी फेंकी और अब श्वेता को मारा । भोली नही है ये , बहुत चालाक है और तुझे भी फंसा रही है "

खुशी ने कोई जवाब नही दिया । उसे इस तरह अंजली का साथ देता देख आकाश के चेहरे पर सुकून था। जब तक खुशी सामने खड़ी थी कोई आगे नहीं आने वाला था क्योंकि वो राजीव की बहन जो थी ।

मालविका राजीव को देखते हुए बोली " राजीव बोल ना यार इसको । जल्दी इसका काम करते हैं फिर श्वेता को doc को भी दिखाना है "

राजीव बालों में हाथ फेरते हुए बोला " ये नही सुनने वाली मालविका "

अक्षत साइड में खड़ा सब कुछ देखे जा रहा था। सब लोग एक साथ अंजली के खिलाफ बोले जा रहे थे और उसको गलत बता रहे थे। वहीं उसकी बात पर किसी को यकीन नही था। और जो उसकी तरफ से बोल भी रहे थे उनको भी गलत ही बताया जा रहा था ।

मालविका ने अपने आस पास खड़े स्टूडेंट्स की और देखा और पूछा " तुम लोग बताओ तुम लोगों को क्या लगता है कि किसने किसको धक्का मारा होगा.. "

आसपास खड़े स्टूडेंट एक दूसरे का चेहरा देखने लगे तभी उनमें से एक ने कहा " इस लड़की ने ही मारा होगा क्योंकि श्वेता को आज तक हमने इस तरह से किसी को मारते हुए कभी नहीं देखा वो बहुत क्लासी है ऐसी हरकतें नही करती । और वो रो भी तो रही है तो इससे तो साफ पता चलता है कि उसको बहुत जोर से लगी है "

श्वेता ने सुना तो मन ही मन मुस्कुरा दी फिर शिवाक्ष को देखते हुए बोली " शिवाक्ष जो आज तक तुम इसको छोड़ते आ रहे थे ये उसके लायक नहीं है । तुम्हारी मदद की आड़ में यह हम लोगों को नुकसान पहुंचने लगी है । और तो और अपनी गलती का पछतावा भी इसे नहीं है अभी भी देखो कैसे बेशर्मों की तरह अपनी गलती से साफ-साफ मुकर रही है । जितना मासूम चेहरा यह दिखाती है ना , उतना ही काला इसका दिल है " ।

श्वेता बोलते जा रही थी और अंजलि की आंखों से आंसू की बूंदे गिरती जा रही थी । अक्षत को अंजलि के लिए बुरा लगने लगा था हालांकि वाकई में श्वेता ने आज से पहले किसी को भी ऐसे मारा नहीं था और एक स्टैंडर्ड मेंटेन करते हुए हमेशा यही दिखाया था कि वो हमेशा सच का साथ देती है और अपने दोस्तों से झूठ नही बोलती ।

लेकिन फिर भी अक्षत को कहीं ना कहीं लग रहा था कि इस बार श्वेता झूठ बोल रही है और अंजलि को बिना बात के फसाना चाह रही है ।

" अगर आसूं बहाना दर्द बताने की निशानी है तो शायद मगरमच्छ दुनिया सा सबसे दुखी प्राणी है " अंजली ने चंद शब्द कहे तो सब हैरत से उसकी तरफ देखने लगे।

वो साफ साफ श्वेता के आंसुओं को झूठा बोल चुकी थी । उसकी हिम्मत देखकर अक्षत के चेहरे की मुस्कान रोके नहीं रूकी ।

खुशी ने अंजली को देखा और बोली " सही कहा । और तुमने मुझे बताया क्यों नही कि मेरा ही भाई तुमको परेशान करता है ? "

अंजली ने खुशी की आंखों में देखा तो उसे हल्की नाराजगी और गुस्सा दोनों दिखाई दिया । जिसमें नाराज़गी शायद उसके लिए थी और गुस्सा अपने भाई और उसके दोस्तों के लिए ।

अंजलि ने आंखों में नमी लिए धीरे से कहा " बताना चाहती थी खुशी लेकिन तुम्हारा तुम्हारा भाई के ऊपर विश्वास देखकर मेरा मन नहीं किया.. । और फिर मैने और आकाश ने तुम्हें ना बताने का फैसला लिया... " ।

बोलकर अंजलि जैसे ही चुप हुई तो खुशी ने उसे गले से लगा लिया ।

खुशी ने उसके गले लगे हुए ही कहा " आई एम सॉरी अंजलि मुझे नहीं पता था कि मेरे भाई और उनके दोस्त थी तुम लोगों की रैगिंग कर रहे थे "

" खुशी तुम क्यों सॉरी कह रही हो इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है.. "

खुशी मैं उसका हाथ पकड़ा और बोली " मैं जानती हूं तुम ऐसा नहीं कर सकती । भले ही हमें मिले हुए कुछ ही दिन ही हुए हैं लेकिन फिर भी मुझे पता है कि तुमने ऐसा कुछ भी नहीं किया होगा... " ।

खुशी का अपने ऊपर विश्वास देखकर अंजलि नम आंखों से मुस्कुरा दी ।

" तुम्हारे भरोसे से क्या होता है खुशी ? सच्चाई तो नहीं बदल जाएगी ना " बोलते हुए मालविका ने अंजली की ओर देखा और आगे बोली " इस लड़की की कंप्लेंट हमें प्रिंसिपल से जाकर करनी चाहिए । बाकी आगे इसे क्या सजा देनी है वह प्रिंसिपल मैम ही डिसाइड करेंगी.. " ।

राजीव बोला " बिल्कुल सही कह रही हो मालविका । मारपीट के मामले में तो कॉलेज से रस्टिकेट तक कर दिया जाता है । हो सकता है इसका आज इस कॉलेज में आखिरी दिन हो । दो दिन की हिम्मत पूरी जिंदगी भर भारी पड़ेगी "

अंजलि ने सुना तो हैरानी से उन लोगों को देखने लगी । आकाश ने गुस्से से अपनी मुट्ठियां कस ली। वह कुछ बोलना चाहता था लेकिन इन लोगों के खिलाफ कुछ बोलने की हिम्मत उसमें नहीं थी । वह जानता था कि अगर अब उसने कुछ भी बोला तो राजीव जरूर उसे बहुत परेशान करेगा । अंजलि को देखते हुए वह शांत खड़ा था ।

" कमज़ोर समझकर चाल चलना फितरत है आप लोगों की । लेकिन मैं जब सही हूं तो डरना नहीं सीखा मैने । ये भी करके देख सकते हैं आप "

अक्षत ने सुना तो एक गहरी सांस ली और बोला " gyes मुझे नहीं लगता कि ये इतना बड़ा मैटर है । अगर किसी के कंधे से किसी को लग भी गई है तो ये एक्सीडेंट भी हो सकता है.. । जरूरी नहीं है कि जानबूझकर ही मारा गया हो । यूं तो लाखों लोग एक दूसरे से टकराकर हर दिन गिरते रहते हैं पर इसका मतलब यह तो नहीं की उन्हें सजा दिलवाने के लिए पुलिस में कंप्लीट कर दी जाए.. । इसी तरह इस मामले को प्रिंसिपल तक ले जाने की जरूरत नही है "

" यहां पुलिस में कोई कंप्लेंट नहीं कर रहा है अक्षत " बोलते हुए श्वेता ने अक्षत को देखा और फिर बोली " हम तो सिर्फ इसकी हरकतों को प्रिंसिपल मैम को बताना चाह रहे हैं । आगे क्या करना है ये उनकी मर्जी है । और तुम तो अपनी ये महानता का पिटारा बंद ही रखो । कोई भी ऐरा गैरा हमें मार कर चला जाए तो भी तुम्हें हम ही गलत लगेंगे.. । कभी तो अपने दोस्तों का साथ दे दो । अरे शिवाक्ष को देखो.. हमेशा अपने दोस्तों के लिए खड़ा रहता है और तुम हमेशा अपने दोस्तों के खिलाफ खड़े रहते हो.. । अरे कैसे दोस्त हो तुम.. शर्म करो अक्षत.. "।

श्वेता ने कहा तो शिवाक्ष ने उसे cold expression देते हुए गुस्से से घूरा और सख्त आवाज में बोला " don't question him.... " ।

शिवाक्ष के तीन शब्द सुनते ही श्वेता को डर की एक सिहरन सी दौड़ गई । वो जानती थी कि शिवाक्ष अक्षत के अगेंस्ट कुछ बुरा नही सुन सकता था लेकिन अक्षत को सुनाने के चक्कर में श्वेता ये बात भूल ही गई थी ।

उसने अपनी बात को संभालते हुए कहा " शिवाक्ष मेरा वो मतलब नही था.. । मेरा मतलब था कि अक्षत हमारा साथ भी तो दे ना... । इस कल की आई लड़की का साथ क्यों दे रहा है... " ।

अक्षत ने सुना तो थोड़ी सख्त आवाज में बोला " मैं अपने दोस्तों के अगेंस्ट कभी नहीं गया श्वेता.. और रही बात दूसरों का साथ देने की... तो मैं सिर्फ सच्चाई का साथ देता हूं और सच्चाई के मामले में... मैं दोस्त या दुश्मन में फर्क नहीं करता.. " ।

श्वेता ने सुना तो आई रोल करते हुए एक डिस्गस्टिंग सा लुक दे दिया ।

राजीव ने अक्षत को देखा और बोला " तू इस पर इतना मेहरबान क्यों हो रहा है भाई.. । इस लड़की को हमने बहुत बार ऐसे ही छोड़ दिया है । आज इसने श्वेता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है कल हम लोगों को भी नुकसान पहुंचाएगी । हम लोग कब तक इसे ऐसे ही छोड़ते रहेंगे "

मालविका अंजली का हाथ पकड़ते हुए बोली " अब जो भी फैसला होगा... वो principal office में होगा । चलो Principal office.. " । बोलते हुए मालविका अंजलि के लिए प्रिंसिपल ऑफिस की ओर चल दी । खुशी और आकाश भी अंजलि के साथ चल दिए ।

श्वेता भी जल्दी से उनके पीछे चली गई ।

माही ने श्वेता को देखा तो इस वक्त वह लगभग भागते हुए प्रिंसिपल ऑफिस की ओर जा रही थी ।

इस वक्त माही को एहसास हुआ कि शायद अंजलि जो कह रही है वो सही है । क्योंकि श्वेता की बोली और करनी में काफी फर्क दिख रहा है । वो कह तो रही है कि उसे चोट लगी है लेकिन उसके बावजूद भी वो भागते हुए कैसे जा सकती है ।

शिवाक्ष जेब में हाथ डाले जाती हुई अंजली को देखने लगा । उसका दिल एक पल को हुआ कि मालविका से उसका हाथ छुड़ा ले और उसको रोक ले लेकिन फिर आगे बढ़कर रोक नही पाया ।

ना जाने क्या था जिसने उसे रोक लिया था। शायद वो ये चाहता था की अंजली सामने से उससे मदद मांग ले ।।

राजीव भी उनके पीछे ही जा चुका था।

माही श्वेता को जाते देख ही रही थी कि अक्षत उसके बगल में आकर खड़ा हो गया । वो भी इस वक्त श्वेता को ही देख रहा था ।

अक्षत बोला " क्या सोच रही हो माही ? " ।

माही बोली " पता नहीं क्यों , कुछ सही नही लग रहा । मैं सोचना तो नही चाह रही लेकिन ऐसा लग रहा है जैसे श्वेता कुछ ज्यादा ओवर कर रही है "

अक्षत ने गहरी सांस ली और माही की ओर देखते हुए पूछा " क्या तुम्हें भी लगता है कि मैं हमेशा अपने दोस्तों के खिलाफ रहता हूं... "

माही ने उसकी ओर देखा और बोली " मुझे ऐसा कभी नहीं लगा । भले ही हम किसी के साथ अच्छा करें या बुरा.... तुम हमेशा अपने दोस्तों के साथ ही खड़े रहे हो । और तुम्हारी बातें मुझे कभी गलत नहीं लगी । तुम हमेशा सच का साथ देते हो.. " ।

" अभी क्या लग रहा है.. ? यहां क्या हो रहा है.. ? " अक्षत ने पूछा तो माही बोली " माना श्वेता आप हमारी बहुत अच्छी दोस्त है और बेशक वह झूठ नहीं बोलती होगी । लेकिन उसे लड़की को जब से हम परेशान कर रहे हैं तो तब से देखा है , वो सिर्फ खुद को हम लोगों से बचाना चाह रही है । इसके अलावा मुझे कभी नहीं लगा कि वह हम लोगों को चोट पहुंचाना चाह रही है... । i don't know अभी क्या हो रहा है... " ।

अक्षत हल्का मुस्कुरा दिया और हाथ से आगे की ओर चलने का इशारा करते हुए बोला " चलो देखते हैं क्या हो रहा है.. "

बोलकर वो दोनो भी निकलने लगे । अक्षत ने एक झलक वहीं खड़े शिवाक्ष को देखा फिर आगे बढ़ गया । शिवाक्ष ने आंखें बंद की तो आंखों के सामने अंजली के कंधे का निशान और श्वेता की उंगली में पहनी अंगूठी का डिजाइन आने लगा ।

दोनो बिल्कुल एक जैसे थे । इतना तो उसे साफ हो गया था कि श्वेता का हाथ भी अंजली के कंधे पर लगा था जो बहुत जोरों से मारा गया था । वहीं ये समझने में भी उसे देर नही लगी थी इन सबमें पहल श्वेता की तरफ से ही हुई थी ।

जारी है.....

यार देखो ये परेशान करने वाला concept अभी थोड़ा और चलेगा । क्योंकि प्लॉट में इससे रिलेटेड आगे काफी कुछ रिलेट करने वाला है । बट don't worry love angle शुरू हो ही चुका है तो सफर भी खट्टा मीठा होने वाला है 😊 ।

Instagram I'd " anjuvashii " , do follow ।