Vivan The Super Star - 3 in Hindi Children Stories by Himanshu Singh books and stories PDF | विवान द सुपर स्टार - 3

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विवान द सुपर स्टार - 3

अपने माता-पिता के इस तरह के व्यवहार से अब विवान बदतमीज भी हो चुका था। वह फोन मे जिस भी तरह की वीडियो देखता या सुनता वह उसी तरह का व्यवहार अपने माता पिता के साथ करने लगा।

वह कभी अपने माता-पिता से तू-तू करके बात करने लगा तो कभी गुस्से में उन्हें गाली देनें लगा। अगर अपने माता पिता से कभी विवान की ज्यादा पिटाई हो जाती तो वह उनके ऊपर हाथ उठाने में भी संकोच नही करता था।

जन्म से पहले विवान को संस्कार सिखाने वाले उन माता पिता ने सात साल तक खुद-बा-खुद ही विवान को फोन का गुलाम बनाया था। जिसकी वजह से विवान का चंचल मन अब चंचल ना होकर शैतान मन हो चुका था।

वही विवान भी पढ़ाई-लिखाई से कोसों दूर हो चुका था। सोशल मीडिया का विवान द सुपर स्टार अब लोगों को कम पसंद आने लगा था।

जहां पहले विवान के सोशल मीडिया एकाउंट्स पर विवान के लिए अच्छे-अच्छे कॉमेंट्स आते थे। वही अब विवान के माता पिता को उसे सही से बात करने की और उसे पढ़ाने लिखाने की हिदायत दी जाने लगी।

विवान के माता पिता को इस तरह अपना अपमान बर्दास्त नही हो पा रहा था। जिसके कारण वह विवान को जबरदस्ती पढ़ाने लगे।

अब उनको इस बात से भी कोई फर्क नही पढ़ता था की विवान हँस कर पढ़ रहा है या रो कर वह बस विवान को पढ़ाना चाहते थे।

जब तक विवान उनके सोशल मीडिया से व्यूज़ हासिल करने का जरिया बना रहा तब तक उन्हें विवान की बुरी से बुरी आदत भी हंसी मज़ाक लगती थी।

जैसे ही सोशल मीडिया पर लोगोँ ने विवान को उसकी बुरी आदतों को ट्रोल करना शरू किया। विवान के माता पिता ने भी उसको कोसना शरू कर दिया।

उनके घर में यदि कोई रिश्तेदार अपने बच्चों को लेकर आता और यदि गलती से भी वह बच्चा पढ़ाई लिखाई में विवान से ज्यादा होशियार निकल जाए तो विवान के माता-पिता उसके लिए आफत खड़ी करने लगे।

वह यह बात भूल जाते थे की भले ही विवान अब बड़ा हो गया है लेकिन वह अभी भी इतना बड़ा नही हुआ की अपने माता पिता का इस तरह का व्यवहार वह बर्दास्त कर पाए।

विवान को कहीं ना कहीं लगने लगा था की मम्मी पापा मुझे अब प्यार नही करते वह अपने मम्मी पापा का प्यार पाने के लिए तरस रहा था।

वह दोनो विवान को कहीं बाहर ले जाते और विवान के मुंह से कुछ भी एक शब्द गलत निकल जाए तो वह विवान को सभी रिश्तेदारों के सामने चाटा मार देते और तो और अब विवान की स्कूल से भी शिकायत आने लगी थी।

घर में पूरे दिन फोन चलाने वाला उधम मचाने वाला विवान अब बाहर की दुनिया से दूर भागने लगा था। उसका ना ही स्कूल में कोई दोस्त था और ना ही घर में कोई उसके साथ खेलता था।

वह कभी कभार अगर फोन से हटकर अपने मम्मी-पापा के साथ समय भी बिताना चाहता तो खुद फोन में व्यस्त उसके माता-पिता डाँट कर उसको अपने आप से दूर कर देते।


To Be Continue Part - 4