Bepanaah Mohabbat - 2 in Hindi Love Stories by Wishing books and stories PDF | बेपनाह मोहब्बत - 2

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बेपनाह मोहब्बत - 2

अब तक :

White colour की t - shirt पर Red color की dennim jacket और blue colour की jeans पहने वो बोहोत adorable नज़र आ रहा था । कोई भी अगर उसे देखे.... तो एक पल के लिए नजर उस पर जरूर ठहर सी जाए । कुछ ऐसा ही अंजली के साथ भी हो रहा था । उस लड़के को एक झलक देखकर उसकी नज़र दुबारा से उसके उपर चली ही गई थी ।

अब आगे :

अंजली सामने खड़े लड़के को कुछ पल देखती रही । " थैंक यू " बोलकर जैसे ही वो अपना बैग उठाने के लिए झुकी तो उसे लड़की ने अंजलि के बैग उठाने से पहले ही उसके बैग को उठा लिया ।

उसके चेहरे पर इस वक्त कोई भाव नहीं थे । नॉर्मल एक्सप्रेशंस के साथ वो बैग को पकड़े खड़ा हो गया ।अंजली ने अपना बैग लेने के लिए हाथ आगे बढाया तो लड़का bag को उससे दूर पीछे की ओर ले गया । अंजली उसे हैरानी से देखने लगी ।

लड़का हल्का सा मुस्कुराया और फिर bag की चेन को खोलकर bag को उपर की ओर ले गया और अंजली के देखते ही देखते उसने bag को उलटा कर दिया ।

एक एक करके अंजली की बुक्स जमीन पर गिरने लगी । अपनी किताबों को ऐसे गिरता देखकर वो जल्दी से आगे बढ़ी और उन्हें जमीन पर गिरने से बचा लिया ।

सारी किताबों को उसमे अपनी बाहों में समेट लिया ।

तभी श्वेता आगे आगे हुए बोली " अरे रे रे । ये तो वेस्ट चला गया... । शिवाक्ष मुझे लगता है कि यहां किताबें नही गिरानी चाहिए बल्कि इन्हें दूर फेंकना चाहिए... ताकि ये कैच न कर पाए " । बोलते हुए श्वेता अंजली की ओर बढ़ी तो अंजली अपनी किताबें कसकर पकड़े उससे दूर भागने लगी । उसके भागने से उसके पैर में बंधे काले में लगे घुंगरू के छनकने की आवाज आने लगी । शिवाक्ष आंखें बंद करके उस आवाज को सुनने लगा ।

अंजली श्वेता से बचते हुए शिवाक्ष के इर्द गिर्द घूमते हुए बोली " आपको शर्म नही आती.. आप विद्या का अपमान कर रहे हैं... । ऐसे किताबें फेंकने से आपको क्या मिलेगा... ?? " ।

शिवाक्ष ने सुना तो हल्का हंस दिया । वो लोग अंजली को tease कर रहे थे लेकिन फिर भी वो कितनी रिस्पेक्ट के साथ उनसे बात कर रही थी ।

शिवाक्ष ने उसके बैग को देखा जिसमे A अक्षर का छल्ला लटका हुआ था ।

अंजली को भागता देख राजीव माही और मालविका भी उसके पीछे भागने लगे ।

अंजली अब शिवाक्ष के इर्द गिर्द भागना छोड़कर दूर ग्राउंड में भाग गई ।

श्वेता मालविका माही और राजीव उसे पकड़ने की कोशिश करते हुए उसे घेरने के लिए ग्राउंड में चारों तरफ से उसके पीछे भागने लगे ।

शिवाक्ष एक जगह पर खड़ा अंजली को भागते हुए देखता रहा । उसके चारों दोस्त उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे थे लेकिन वो उनसे बचते हुए हर बार निकलती जा रही थी ।

अक्षत ने शिवाक्ष को अंजली को देखते देखा तो उसके कंधे पर हाथ रखते हुए पूछा " क्या देख रहा है.. ?? " ।

शिवाक्ष " देख रहा हूं... भागने का टैलेंट... " । बोलकर शिवाक्ष मुस्कुरा दिया ।

अक्षत भी उसे हंसता देखकर हंस दिया और बोला " नही तू टैलेंट नही उसको देख रहा है... । " ।।

अक्षत ने कहा तो शिवाक्ष ने एक झलक उसे देखा फिर अंजली की ओर चल दिया । चलते चलते ही सीधा जाकर उसने अंजली को बाजू से पकड़ा और अपनी ओर घुमा लिया ।

अंजली तिरछी नजरों से हल्का मुंह बनाए उसे देखने लगी । मुंह बनाए हुए वो शिवाक्ष को और भी cute लग रही थी ।

शिवाक्ष ने उसके हाथों में पकड़ी बुक्स को देखा जिसे उसने कसकर सीने से लगाया हुआ था ।

शिवाक्ष ने उसके चेहरे को देखा फिर पूछा " बोहोत प्यार है इनसे.. ?? " ।

अंजली ने उसे घूरा और बोली " जी.. बोहोत प्यार है इनसे... और आप इनको ऐसे फेंक नही सकते " ।

शिवाक्ष ने सिर हिलाया और फिर मुस्कुराया । फिर अंजली के बालों में हाथ डालकर उसके बालों को इधर उधर बिखेर कर उसका हुलिया बिगाड़ दिया और फिर उसके बैग को उसके सिर के उपर रख दिया ।

फिर उसके गाल को थपथपाते हुए बोला " love me more... " बोलकर शिवाक्ष ने उसे आंख मारी और वहां से चला गया ।

अंजली ने अपने सिर के उपर डाले bag को देखा और फिर जाते हुए शिवाक्ष को ।

श्वेता ने आकर अंजली को एक साइड को धकेला और फिर आंखों पर चश्मा चढ़ाते हुए वहां से शिवाक्ष के पीछे निकल गई ।

" फिर से मिलेंगे... वैसे चुड़ेल लग रही हो..." बोलकर राजीव ने अंजली को जीभ दिखाई और चला गया ।

माहि और मालविका भी हंसते हुए वहां से चली गई । अंजली ने एक गहरी सांस ली और खुद से बोली " गंदे लोग.... । ऐसा कोई करता है भला... । " बोलते हुए उसका गला भर आया लेकिन सब उसी को देख रहे थे तो वो रोई नही ।

उसने अपने सिर के उपर से बैग उतारा और उसके अंदर अपनी बुक्स भर ली । फोन के कैमरा में देखते हुए अपने बालों को सीधा किया और ग्राउंड से निकल कर कॉलेज के मेन गेट के पास आ गई जहां पर वो इन लोगों से मिली थी । अंजली ने नीचे देखा तो उसके पेन और पेंसिल वहां पर गिरे हुए थे ।

अंजली झुककर अपने पेन पेंसिल उठाने लगी । तभी कोई आकर उसके साथ पेन उठाने में मदद करने लगा । अंजली ने नजर उठाकर देखा तो सामने वही लड़का था जिसकी रैगिंग ली जा रही थी ।

लड़के ने पेन उठाए और अंजली की ओर बढ़ाते हुए बोला " ये लो तुम्हारे पेन... । और सॉरी.. । मुझे माफ कर दो.. । मेरी वजह से तुम उनके निशाने में आ गई... । अगर मैं तुम्हारे पास आकर नही गिरता और तुम मुझे नहीं उठाती तो शायद वो तुम्हारे साथ ऐसा नहीं करते " । बोलते हुए उस लड़के की आवाज में गिल्ट था ।

अंजली ने सुना तो बोली " नही तुम sorry मत कहो । इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है। तुमने कुछ जानबूझ कर तो नही किया ना। और वैसे भी वो तुम्हें भी तो bully कर रहे थे ना । तुम तो बस अपने आप को बचा रहे थे। और जब वो मेरे पीछे पड़ गए तो तुम बच गए... " ।

लड़का " हान पर तुम तो फंस गई ना... । मुझे बुरा तो लग ही रहा है... " ।

अंजली ने कुछ सोचा और बोली " तुम ना बुरा मत लगाओ.. । तुम बस मेरी क्लासेज ढूंढने में मदद कर दो... वो मेरे लिए बोहोत हेल्पफुल होगा... " ।

लड़का " oops... ये तो मैं नही कर सकता.. । क्योंकि मेरा भी कॉलेज में पहला दिन है और मैं भी अभी अपनी क्लासेज ही ढूंढ रहा था " ।

अंजली " अच्छा... तो चलो फिर साथ में ढूंढते हैं... " ।

लड़के ने सिर हिला दिया और उसकी ओर हाथ बढ़ाते हुए बोला " by the way... i am akash... " ।

अंजली ने उसके हाथ की ओर देखा फिर हाथ मिलाते हुए बोली " i am Anjali.. । Full name Anjali Arya... " बोलकर अंजली मुस्कुरा दी ।

" अच्छा । तो.. मेरा full name Akash Agarwal... " । बोलकर आकाश ने अपनी आंखों में पहने चश्मे को ठीक किया और मुस्कुरा दिया ।

दोनो साथ में कॉलेज के अंदर चले गए । कुछ और बातें करने पर पता चला कि दोनो के पास एक जैसे ही सब्जेक्ट्स थे और दोनो ही फर्स्ट ईयर में आए थे ।

दोनो ने एक लड़की से क्लासेज के बारे में पूछा तो उसने नोटिस बोर्ड की ओर इशारा कर दिया ।

नोटिस बोर्ड के पास जाकर दोनो ने देखा तो उन्हे अपना टाइम टेबल मिल गया । थोड़ी देर तक time table को पढ़ने के बाद उन्हें अपनी क्लासेज का टाइम पता चल गया ।

आकाश " oh no.. पहली क्लास 10 बजे की थी.. वो मिस हो गई... । अब तो 10 30 होने लगे हैं.... " ।

अंजली ने भी उसकी बात में हामी भरते हुए कहा " hmm.. पर अब क्या कर सकते है... । टाइम में पीछे तो नही जा सकते ना.. तो अब अगली क्लास लगाने चलेंगे.. " ।

आकाश ने सिर हिला दिया और बोला " तुम्हारी बातों से पॉजिटिविटी मिल रही है.. । " ।।

अंजली " अच्छा... " ।

आकाश " hmm... । वैसे अब हम दोस्त हैं क्या... ?? " ।

अंजली ने कुछ सोचा और फिर बोली " अब.. अगर bully gang के टारगेट हैं तो दोस्त भी बन ही जाते हैं.. । वैसे भी यहां कोई किसी की मदद करने नही आता । तो एक दूसरे के दोस्त बनकर एक दूसरे की मदद कर दिया करेंगे... " ।

अंजली की बातें उसे मासूमियत भरी लगी । पर वो सच कह रही थी ये भी वो जानता था । उसने अंजली की ओर हाथ बढ़ाया और सवालिया लहजे में बोला " फ्रेंड्स??? " ।

अंजली ने भी हाथ मिलाते हुए कहा " फ्रेंड्स... " ।

दोनो मुस्कुरा दिए ।

दोनो जाकर एक खाली बेंच पर बैठ गए ।

अंजली " मैने सोचा था कॉलेज का पहला दिन अच्छा होगा.. लेकिन पहले ही दिन हमारी रैगिंग हो गई.. " ।

आकाश " same.. मुझे पता था ऐसा कुछ होगा... लेकिन मेरे साथ ही होगा ये नही पता था । कॉलेज गेट से अंदर आते हुए ही मैं तो सहमा हुआ था.. और फिर इन लोगों ने मुझे ही पकड़ लिया । फिर बोले मुजरा करो... । " ।

अंजली हैरानी से उसे देखने लगी और बोली " क्या ऐसा बोले... ?? " ।

आकाश सिर हिलाते हुए कहा " hmm... ऐसा बोले.. । तो मैं भाग गया... और फिर ये लोग पकड़कर और परेशान करने लगे.. कभी चश्मा तोड़ने का बोलने लगे तो कभी कीचड़ में फेंक देने का... " ।

अंजली " मुझे मेरी दोस्त ने सुबह बताया था तो मैने सोचा था कि इन सब मसलों से दूर रहूंगी लेकिन ये मुसीबत को अपने आप खींची चली आई... । मैं तो इनसे बोहोत दूर खड़ी थी " । बोलते हुए अंजली के चेहरे पर फिक्र से लकीरें आ गई ।

दोनो बात कर ही रहे थे कि इतने में एक बास्केट बॉल आकर आकाश के सिर में लगी । दोनो बॉल की डायरेक्शन में देखने लगे ।

सामने राजीव खड़ा था । आकाश में देखा तो घबरा गया । उसने अंजली की ओर देखा । अंजली ने गहरी सांस ली और बोली " चलो आकाश.. यहां से चलते हैं... " ।

अंजली ने कहा तो आकाश खड़ा हो गया । दोनो जाने लगे तो राजीव बोला " अरे बॉल तो देता जा चश्मिश.... " ।

आकाश ने सुना तो बॉल की ओर देखने लगा । आकाश ने अंजली को देखा और फिर बॉल को उठा कर राजीव की ओर फेंकने लगा ।।

राजीव उसे रोकते हुए बोला " नही.. फेंकियो मत.. हाथ में आके देकर जा... " ।

अंजली सुना तो राजीव को घुरकर देखने लगी ।

आकाश आगे जाने लगा तो अंजली बोली " रुक जाओ आकाश.. । " ।

आकाश अंजली की आवाज सुनकर रुक गया ।

और उसकी ओर देखने लगा ।

अंजली उसके पास आई और बोली " अगर ऐसे ही इनकी बातें मानते रहेंगे और bully होते रहेंगे तो ये लोग और ज्यादा परेशान करते रहेंगे... । इनसे डरने में कोई महानता या समझदारी नहीं है... " ।

राजीव ने सुना तो बोला " अरे वाह.. बड़ी समझदार हो तुम तो.. क्या दिमाग लगाया है.... । " बोलकर राजीव उनकी ओर खुद ही आ गया ।

राजीव ने आकर बॉल को आकाश के हाथ से लिया और बोला " क्यों बे चश्मिश.. इसकी बड़ी बात सुन रहा है और मेरी नहीं.... " बोलकर उसने आकाश को कॉलर से पकड़ा तो अंजली ने आकाश की कॉलर छुड़ाते हुए राजीव को उससे दूर धक्का दे दिया ।

राजीव के बाकी दोस्त भी वहां पर आ गए । अंजली को राजीव को दूर धकेलते हुए उन्होंने देख लिया था ।

वहां पर खड़े किसी ने भी ये expect नहीं किया था कि अंजली में इतनी हिम्मत होगी की वो इस तरह से bully gang के against खड़ी हो जाएगी ।

अंजली के ऐसा करने से राजीव को गुस्सा आ गया... वो अंजली को खा जाने वाली नज़रों से देखने लगा और दांत पीसते हुए बोला " झांसी की रानी क्या बोल दिया तुम तो सच में घोड़े पे सवार हो गई... " ।

राजीव ने कहा तो मालविका बोली " लगता है सच में खुद को झांसी की रानी ही समझ लिया है... । कितनी ज्यादा हिम्मत बढ़ गई है ना... " ।

बोलकर मालविका ने अंजली के हाथ से उसका bag छीन लिया । श्वेता और माही आकर अंजली के बालों को बिगाड़ने लगी । अंजली अपने बालों को ठीक करते हुए अपने बैग को वापिस लेने की नाकाम कोशिश करने लगी ।

राजीव ने आकाश का कॉलर पकड़ा और उसका चश्मा निकाल लिया । राजीव चश्मा फेंकने लगा तो अक्षत ने आकर उसका हाथ पकड़ लिया ।

राजीव ने पलटकर देखा तो अक्षत उसका हाथ पकड़े खड़ा था ।

राजीव " अक्षत क्या कर रहा है.. ?? हाथ छोड़.. " ।

अक्षत " राजीव ये नज़र का चश्मा है... । छोड़ इसे.. " ।

राजीव " हान तो क्या हुआ नजर का है तो... । इसकी नजर में ही खोट हो गया है चश्मे में से भी नही देख पाता.... तभी तो दिखाई नही दे रहा कि किसकी बात माननी चाहिए और किसकी नहीं... " ।

अक्षत " तो वो मनवाने के और भी बोहोत से तरीके हैं... चश्मा मत तोड़... " । बोलकर अक्षत ने उसके हाथ से चश्मा ले लिया और आकाश को पकड़ा दिया । ।

राजीव ने भी उसका कॉलर छोड़ दिया और कंधा थपथपाते हुए बोला " चल छोड़ दिया चश्मा.... । अब चश्मे को नहीं कुछ करूंगा... । अब कुछ और करूंगा.... " बोलकर राजीव ने उसे आंख मार दी... ।

मालविका ने अंजली के बैग को हवा में उछाल दिया और दूर को झटक दिया । अंजली बैग के पीछे जाने लगी तो श्वेता ने उसे लंगड़ी फंसा दी ।

अंजली गिरी तो उसके घुटने में चोट लग गई ।

" अंजली... " बोलते हुए आकाश जल्दी से उसकी ओर भागा... ।

राजीव तिरछा मुस्कुरा दिया और अक्षत को इशारा करके वहां से निकल गया ।

क्या ये दोनो दोस्त बनकर एक दूसरे को सपोर्ट कर पाएंगे ??